मेहंदीपुर के बालाजी मंदिर का इतिहास | Mehandipur Balaji Temple

दोस्तों हमने अपनी पिछले लेख में सालासर बालाजी के इतिहास के बारेमें पढ़ा आज हम मेहंदीपुर के बालाजी मंदिर के बारेमें जानेंगे जिस मंदिर की एक अलग ही पहचान हैं तो आईये जानते हैं मेहंदीपुर के बालाजी मंदिर का इतिहास – Mehandipur Balaji Temple

Mehandipur Balaji

मेहंदीपुर के बालाजी मंदिर का इतिहास – Mehandipur Balaji Temple History

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के मंदिर गाँव में बना एक हिन्दू मंदिर है। यह भगवान हनुमान का मंदिर है। भारत के बहुत से भागो में श्री हनुमान को बालाजी के नाम से जाना जाता है क्योकि उनका ज्यादातर बचपन वही बिता था।

यह मंदिर बालाजी (श्री हनुमानजी का दूसरा नाम) को समर्पित है। दूसरी धार्मिक जगहों की तरह यह मंदिर भी ग्रामीण इलाके की बजाए शहर के बीच में बना हुआ है।

यह मंदिर अपने धार्मिक उपचारों और बुरी आत्माओ का भुत भगाने के लिए जाना जाता है। मेहंदीपुर नाम का गाँव छोटी पहाडियों के पास में ही बसा हुआ है। प्राचीन गाँव ज्यादा विकसित नही है।

अवलोकन:

मेहंदीपुर गाँव में बनाया गया यह मंदिर भारत के उत्तरी भाग में काफी प्रसिद्ध है। मंदिर के पहले महंत श्री गणेशपुरी महाराज थे और वर्तमान महंत श्री किशोरपुरजी है, वर्तमान महंत शाकाहारी प्रथा का पालन करते है और धार्मिक ग्रंथ पढ़ते रहते है।

बालाजी मंदिर के सामने वाला श्री सियाराम भगवान का मंदिर काफी मनमोहन और सुंदर है और साथ ही वहाँ बनी सियाराम भगवान की प्रतिमा भी बहुत सुंदर है।

जो इंसान बुरी आत्माओ के प्रभाव से पीड़ित होता है वह यहाँ आकर बहुत सी विधियों जैसे अर्जी, सवामनी, दरखास्त और बूंदी के लड्डू का भोग बालाजी महाराज को लगातार समस्या से छुटकारा पा सकता है। मंदिर में शनिवार और मंगलवार के दिन बहुत भीड़ होती है, क्योकि यह दोनों दिन श्री हनुमानजी के होते है।

बालाजी मंदिर के आस-पास बने कुछ और मंदिरों में अंजनीमाता मंदिर, तीन पहाड़ का काली माता मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, सातपहाड़ का गणेशजी मंदिर, समाधी वाले बाबा का मंदिर शामिल है। मंदिर के प्रसाद को गाँव के आस-पास की स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल में बाटा जाता है।

रिसर्च:

अपनी चमत्कारिक शक्तियों की बदौलत यह मंदिर काफी सालो से प्रसिद्ध है। 2013 में जर्मनी, नीदरलैंड, AIIMS, नयी दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी से आए वैज्ञानिको, विद्वानों और मनोचिकित्सकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने मंदिर के प्राचीन रीती-रिवाजो पर काफी रिसर्च किया था।

नोट: मेहंदीपुर के बालाजी मंदिर के बारे में सिर्फ जानकारी देने के उद्देश्य से ये लेख लिखा है। इस लेख में दिए बातोँ पर आप विश्वास करे या अंधविश्वास ये आपपर निर्भर करता है।

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7 COMMENTS

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी दी गयी । मेरे विचार में भारतीय संस्कृति को उजागर करने वाला पोस्ट है। हमारी संस्कृति सच में ही गौरवमयी रही है। आपका प्रयास सच मे सराहनीय है । हमें इस प्रकार की जानकारी से आवगत करवाने के लिए धन्याबाद।

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