Manimajra Fort
मनीमाजरा का प्रसिद्ध किला चंडीगढ़ के नजदीक मनीमाजरा शहर में आता है। यह किला 360 सालो से भी ज्यादा पुराना है। इस किले पर ऑस्कर पुरस्कार जितने वाली “जीरो डार्क थर्टी” फ़िल्म की शूटिंग की गयी थी।
मनीमाजरा के प्रसिद्ध किले का इतिहास – Manimajra Fort History
मनीमाजरा का शहर पंजाब के अम्बाला जिले में आता है। इस किले का इतिहास के बारेमें ज्यादा जानकारी नहीं हैं लेकिन ऐसा कहा जाता हैं की सिरहिन्द के गवर्नर जिन खान गुजरने के बाद और उसका साम्राज्य पूरी तरह से बिखरने के बाद उसने 84 गावो को कब्जे में लिया था और उसने इसके आगे भी जाकर पिंजोर का किला भी जीत लिया था।
यहापर नाहन के राजा ने आक्रमण कर दिया था, लेकिन उस लड़ाई में नाकामयाब रहा। बाद में गरीब दास ने उसके पिता को वहा का राज्य सौप दिया और गरीब दास एक और नयी लड़ाई लड़ने के लिए चला गया था।
गरीब दास जैसे ही वहा से चला गया उसके बाद ही नाहन के राजा ने पटियाला से मदत लेकर इस किले पर आक्रमण कर दिया और किले को ख़ुद के कब्जे में कर लिया और गरीब दास के पिता गंगा राम को मार डाला था।
यह सब बाते मालूम पड़ने के बाद गरीब दास ने किले को फिर से काबिज करने की कोशिश की, लेकिन इतनी आसानी से उसे किला मिल नहीं सका। मगर सब बातो को नजरंदाज करके उसने पूरी ताकत से चंदनगढ़ के नाहन राजा पर हमला बोल दिया और किले को फिर से अपने कब्जे में कर लिया। और बाद में उसने इसे ही अपने राज्य की राजधानी बनाई थी।
गरीब दास की मृत्यु सन 1783 में हुई थी उसे गोपाल सिंह और प्रकाश चाँद नाम के दो लड़के थे। उनमेसे बड़े लड़के ने 1809 और 1814 के गोरखा की लड़ाई में पूरी जान लगा दी थी।
सर डी। ओच्टरलोनी उसे नया जागीर देने वाले थे लेकिन उसने जागीर मांगने की बजाय राजा का ख़िताब मांग लिया और उसे वो दे भी दिया गया था। लेकिन वो भी सन 1816 में गुजर गया और उसके बाद हमीर सिंह ने शासन संभाला लेकिन वो भी ज्यादा साल तक शासन कर नहीं सका।
उसका लड़का गोवर्धन सिंह राज्य के प्रति काफ़ी निष्ठावान था उसने सन 1845 में मुडकी में तैनात की गयी एक सेना की टुकड़ी दे दी। सन 1847 में उसकी म्रत्यु हो गयी उसके बादमे गुरबक्श ने शासन संभाला लेकिन सन 1866 में भी उसकी मृत्यु हो गयी।
उसके बाद में उसका छोटा भाई भगवान सिंह जो 22 साल का था उसे 77 गाव मिले थे। राजा भगवान सिंह को कोई लड़का ना होने के कारण उसके गुजरने के बाद किले को सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था।
आज इस मनीमाजरा किले की संपत्ति मेहरवाल खेवाजी ट्रस्ट के नियंत्रण में है। लेकिन इस किले पर किसका अधिकार है, इस बात को लेकर नायालय में मामला चल रहा है।
आज किला की हालत बहुत ख़राब हो चुकी है और हर दिन और ज्यादा खराब होती जा रही है। अब इस किले का इस्तेमाल मैदान के रूप में किया जाता है और वाहनों को रखने के लिए किया जाता है। किले की दीवारे भी दिनबदिन ख़राब होती जा रही है और दीवारों पर छोटेमोटे पौधे बढ़ते हुए नजरे आते है।
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