लाखों भक्तों की आस्था का केन्द्र है- पटना का प्राचीन महावीर मंदिर

History of Mahavir Mandir Patna

बिहार, भारत की धर्मप्रांत संस्कृति का परिचय देने वाला राज्य है, इसके कण-कण में हमेशा ही भारत धर्म के सनातन संस्कृति के मंगलकारी स्वर गूंजयमान होते रहते हैं। बिहार, की राजधानी पटना में स्थित महावीर मंदिर, देश के सर्वोत्तम और प्राचीन हनुमान मंदिरों में से एक है, जो कि पटना रेलवे स्टेशन से कुछ कदम की दूरी पर स्थित है।

Mahavir Mandir
Mahavir Mandir

लाखों भक्तों की आस्था का केन्द्र है- पटना का प्राचीन महावीर मंदिर – History of Mahavir Mandir Patna

यहां लाखों की संख्या में भक्त संकटमोचक हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं, और पूरी श्रद्धा-भाव से हनुमान जी की पूजा अर्चना करते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

लाखों भक्तों की आस्था से जुड़ा यह मंदिर अपने धार्मिक महत्व और मान्यताओं के लिए जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि, यहां आने वाले हर भक्त की मुराद जरूर पूरी होती है, कोई भी भक्त यहां से खाली हाथ नहीं लौटता है।

इस मंदिर में लोगों की अटूट आस्था और गहरी श्रद्धा है, यही वजह है यहां रोजाना 1 लाख से भी ज्यादा का चढ़़ावा चढ़ता है, ऐसा कहा जाता है कि, महावीर मंदिर ट्रस्ट का बजट उत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा बजट है, इससे ज्यादा बजट सिर्फ जम्मू के प्रसिद्ध वैष्णो देवी मंदिर का है।

आपको बता दें कि वर्तमान में महावीर जी का यह मंदिर 10 हजार वर्ग फुट के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। महावीर मंदिर में भक्तों के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।

इस मंदिर की स्थापना रमानंदी संप्रदाय के स्वामी बालानंद ने 1730 ईस्वी में की थी। आपको बता दें कि साल 1900 तक हनुमान जी का यह प्रसिद्ध मंदिर रामानंद संप्रदाय के अधीन था। इसके बाद साल 1948 में इस मंदिर को पटना हाईकोर्ट ने सार्वजनिक घोषित कर दिया था।

जिसके बाद साल 1983 से 1985 के बीच मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। आचार्य किशोर कुणाल और उनके सहयोगियों के तमाम प्रयासों के बाद इस मंदिर का निर्माण हुआ। वहीं आचार्य किशोर कुणाल, महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव भी हैं।

महावीर मंदिर में बजरंगबली की दो युग्म प्रतिमाएं एक साथ हैं शोभायमान

हनुमान मंदिरों में सर्वश्रेष्ठ महावीर मंदिर के मुख्य मंदिर में हनुमान जी की दो मूर्तियां खड़े रुप में स्थापित हैं, कहते हैं कि हनुमान जी एक मूर्ति परित्राणाय साधूनाम् है जो कि भक्तों और साधु, सज्जन और अच्छे लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए और उनकी रक्षा के लिए है, जबकि दूसरी प्रतिमा विनाशाय च दुष्कृताम्बु है जो कि दुष्ट और अत्याचारी पुरुष के नाश करने के लिए और बुराई को दूर करने के लिए है।

महावीर मंदिर में हैं कई और देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और रखा है राम सेतु का पत्थर

पटना में स्थित हनुमान जी के इस प्रसिद्ध मंदिर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की तरफ है और मंदिर के गर्भगृह में बजरंगवली और सबके संकट हरने वाले भगवान हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित हैं।

इसके अलावा इस मंदिर के परिसर में भगवान राम, श्री कृष्ण भगवान, और दुर्गा माता का भी मंदिर हैं। इन मंदिरों में राधा-कृष्ण, राम-सीता, शिव-पार्वती, नंदी, भगवान गणेश समेत तमाम देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके अलावा इस मंदिर के बगल में पीपल का पेड़ भी है, जिसमें भगवान शनिदेव विराजमान हैं।

10 हजार वर्ग फुट के क्षेत्रफल में फैले इस प्राचीन महावीर मंदिर में एक रामसेतु का 15 किलोग्राम भार का पत्थर भी कांच के बर्तन में रखा गया है, जो कि कभी डूबता नहीं है, बल्कि पानी में तैरता रहता है।

मंगलवार और शनिवार को लगती हैं भक्तों की लंबी-लंबी कतारें

पटना के इस प्रसिद्द महावीर मंदिर में शनिवार और मंगलवार को भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगती हैं, क्योंकि इन पारंपरिक पूजा के दिनों में बड़ी संख्या में भक्तजन हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं।

रामनवमी पर महावीर मंदिर के दर्शन का खास महत्व, निकाली जाती है शोभा यात्रा

रामनवमी और नए साल के मौके पर पटना के इस प्राचीन और प्रख्यात महावीर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तजन हनुमान जी के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। वहीं रामनवमी के दिन महावीर मंदिर में भगवान राम और हनुमान जी की सुंदर शोभायात्रा भी निकाली जाने की परंपरा है। वहीं इस शोभायात्रा में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है।

महावीर मंदिर के प्रसाद के पैसों से होता है भक्तों का इलाज

पटना जंक्शन के पास स्थित प्रसिद्ध महावीर मंदिर न सिर्फ लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है, बल्कि गरीब लोगों के उपकार का माध्यम भी है।

यहां विराजे हनुमान जी वास्तव में लोगों के संकट हरने वाले हैं, तभी इस मंदिर में चढ़ने वाला नैवेद्यम भोग और दान पेटी से प्राप्त राशि से गरीब लोगों का कैंसर का इलाज करवाया जाता है और अन्य जरुरतमंदो की सेवा और परोपकार के काम में लगाया जाता है।

इस मंदिर के ट्रस्ट का नाम श्री महावीर न्यास समिति है, जो कि उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक न्यास समिति है, यह समिति महावीर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के अलावा, महावीर वात्सल्य हॉस्पिटल, महावीर आयोग्य अस्पताल समेत कई अन्य अस्पताल गरीब और जरूरतमंद लोगो कें उपकार के लिए संचालित करती है इसके साथ ही यह धार्मिक समिति बिहार के ग्रामीण इलाकों में अनाथालय भी चलाती है, जो कि प्रशंसनीय है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here