Madhya Pradesh tourism
मध्य प्रदेश को “भारत का दिल” देश के केंद्र में अपने स्थान के कारण कहा जाता है। यह हिंदू धर्म, इस्लाम, बौद्ध धर्म, सिख धर्म और जैन धर्म की सांस्कृतिक विरासत का घर रहा है। राज्य के अनगिनत स्मारक, उत्कृष्ट रूप से नक्काशीदार मंदिरों, स्तूप, किलों और महलों के वजह से इसे एक ऐतिहासिक भूमि भी कह सकते हैं।
मध्यप्रदेश राज्य अपने समृद्ध इतिहास, प्राकृतिक सुंदरता, एवं प्रमुख धार्मिक स्थलों की वजह से हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा है।
यहाँ पर कई ऐसी चीजे हैं जो पर्यटन की दृष्टि से बहत महत्वपूर्ण है। हर वर्ग एवं उम्र के लोगो के घूमने की दृष्टि से यह एक अच्छी जगह है। हर व्यक्ति अपनी पसंद के अनुसार जगहों पर भ्रमण कर सकता है। अगर आप धार्मिक प्रवृत्ति के हैं, तो यहाँ कई ऐसे मंदिर हैं जहां आप दर्शन हेतु जा सकते हैं।
अगर आपको प्रकृति एवं जानवरों से प्यार है तो कई ऐसे नेशनल पार्क यहाँ बने हुए हैं जहाँ आप भ्रमण कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसी कई खूबसूरत प्राकृतिक जगह हैं जहाँ आप अपनी यात्रा का आनन्द उठाने के लिए जा सकते हैं।
Madhya Pradesh tourism – “भारत का दिल” मध्य प्रदेश
ग्वालियर अपने किले, जय विलास पैलेस, राणी लक्ष्मीबाई के मकबरे, मोहम्मद घोस और तानसेन के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो के मंदिर उनके कामोत्तेजक मूर्तियों के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं, और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हैं। प्रसिद्ध राष्ट्रीय पार्क जैसे कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, बांधवगढ़, माधव राष्ट्रीय उद्यान, शिवपुरी, पेंच मध्य प्रदेश में स्थित हैं।
बाघ की आबादी के कारण मध्य प्रदेश को टाइगर राज्य भी कहा जाता है।
शानदार पहाड़ी पर्वतमाला, नदियां और घने जंगलों के मील और मील की दूरी पर स्थित सिल्वन परिवेश में वन्य जीवन के एक अद्वितीय और रोमांचक चित्रमाला की पेशकश होती है।
मध्यप्रदेश नर्मदा नदी के लिए बहुत ज्यादा जाना जाता है, यह सबसे पुरानी और पवित्र नदी है और यह हिंदू धर्म में नदी को देवी के रूप में पूजा जाता है। यह हिंदुओं के लिए तीर्थस्थल केंद्र है। एक और महान पर्यटन स्थल जबलपुर में भेदघाट धरती है। यह जगह विभिन्न रंगों के संगमरमर से घिरी हुई है।
मध्यप्रदेश राज्य में बोली जाने वाली मुख्य भाषा – Madhya Pradesh Language
मध्यप्रदेश राज्य की मुख्य भाषा हिंदी है, परन्तु राज्य के कुछ हिस्सों में उर्दू एवं मराठी भाषा का प्रयोग होते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा मालवी, निमाड़ी, बुंदेली, बघेली, तेलुगु, गोंडी एवं कोरकू इत्यादि भाषा का उपयोग भी इस राज्य के कुछ हिस्सों में होता है।
मध्यप्रदेश की खान-पान – Madhya Pradesh Food
मध्यप्रदेश राज्य में आपको शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजन आसानी से खाने को मिल जाएंगे। यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजनों में शामिल है- दाल बाफला, पोहा जलेबी, भुट्टे की कीस, भोपाली गोश्त कोरमा, रोगन जोश, बिरयानी पिलाफ़, सीख कबाब, इंदौरी नमकीन, मावा बाटी इत्यादि।
मध्यप्रदेश की जलवायु – Madhya Pradesh Weather
मध्य प्रदेश ग्रीष्म ऋतु में गर्म एवं शुष्क रहता है। मार्च से जून के बीच यहाँ का तापमान लगभग 29℃ से 48℃ तक पहुच जाता है। जून के बाद जब बारिश होती है, तब यहाँ के तापमान में गिरावट देखने को मिलती है।
शीत ऋतु में यहाँ का मौसम शुष्क एवं खुशनुमा रहता है। दिसम्बर-जनवरी के मौसम में यहाँ बरसात होने की संभावना बढ़ जाती है।
मध्यप्रदेश कैसे पहुँचे – How to Reach Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश राज्य में परिवहन की दृष्टि से बस, ट्रेन एवं फ्लाइट्स की सुविधा उपलब्ध है।
- मध्यप्रदेश में कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं, जहाँ से आपको देश- विदेश की फ्लाइट्स की सुविधा मिल जाएगी।
- मध्यप्रदेश राज्य में 20 बड़े रेलवे स्टेशन हैं, एव लगभग 18 छोटे रेलवे स्टेशन हैं, जहाँ से देश के लगभग हर हिस्से के लिए रेलगाड़ियां चलती हैं।
- मध्यप्रदेश में रोडवेज़ की अच्छी सुविधा उपलब्ध है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘सूत्र सेवा’ योजना की शुरुआत कर के इस राज्य के हर जिले को यहाँ की राजधानी भोपाल से जोड़ दिया है। साथ ही सरकारी बसों की सुविधा को और भी अधिक बेहतरीन बनाने के क्षेत्र में यह योजना कार्यरत है।
आकर्षण के स्थान,
- साँची का स्तूप
- ओरछा पैलेस
- भीमबेटका के रॉक आश्रयों, एक यूनेस्कोवार्ड हेरिटेज साइट
- अमरकंटक के प्राचीन मंदिर
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की आबादी का सबसे ज्यादा ज्ञात घनत्व है।
एमपी यानि मध्यप्रदेश में और भी कुछ मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थल – Tourist Places in Madhya Pradesh
• कान्हा किसली – Kanha National Park
एशिया का सबसे बेहेतरीन नेशनल पार्क इसे कहा गया है। आपको यहाँ पर अलग अलग जानवरों समेत बेहतर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का अनुभव मिल सकता है। जंगल बुक सीरियल की प्रेरणा यही से ली गई थी। यह दो हजार वर्ग किलो.मी. में फैला हुआ है।
• पचमढ़ी – Pachmarhi
एमपी में जब भी घूमने का विचार आता है सबसे पहले यही जगह याद आती है। सतपुड़ा पर्वतमालाओ के बीच स्थित यह जगह को “सतपुड़ा की रानी” भी कहा जाता है। आप यहाँ जटाशंकर गुफा, प्रियदर्शनी पॉइंट, पांडव गुफा, अप्सरा विहार, बी फाल, हांडी खोह और राजेंद्र गिरी जैसी जगहें घूम सकते हैं।
यहाँ रहना और खाना सस्ता है और आप दो दिन के अंदर इन जगहों में घूम सकते हैं।
• खजुराहो – Khajuraho
एमपी का सबसे बढ़िया पर्यटन स्थल है खुजुराहो। यहाँ के मंदिरों में अलग अलग कामुक चित्र उकेरे गए हैं जिनकी मूर्तियों के रंग रौशनी के साथ बदलते रहते हैं। आपको यहाँ जरूर जाना चहिये।
• भोपाल – Bhopal
राज्य की राजधानी भोपाल को झीलों का शहर भी कहते हैं। यहाँ पर लेक व्यू और दरगाह के बीच का नजारा देखने के लिए पर्यटक आते हैं। शाम के समय जील के किनारे बैठना मजेदार होता है।
• जबलपुर – Jabalpur
यहाँ का धुआंधार फाल्स तो दुनियाभर में मशहूर है जहाँ आप जा सकते हैं। इसके अलावा जबलपुर से 23 किलोमीटर दूर भेडाघाट भी है जहाँ आप जा सकते हैं।
इस शहर को मार्बलरॉक्स के नाम से जाना जाता है क्योकि नर्मदा नदी के दोनों तरफ उची ऊँची चट्टानें है और आप नदी में बोटिंग का मजा ले सकते हैं। नवम्बर से लेकर मई महीने तक यहाँ बोटिंग होती है।
• ओरछा – Orchha
बेतवा नदी के किनारे स्थित इस जगह को एक समय बुन्देल राजाओं ने अपनी राजधानी बनाई थी। यहाँ बना ओरछा किला वास्तुकला और चित्रकारी की जीता जागता उदाहरण है। इसके अलावा आप यहाँ चतुर्भुज मंदिर, राज महल, राम राजा मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर घूम सकते हैं।
• व्हाइट टाइगर सफारी, मुकुंदपुर – White Tiger Safari
रीवा- सतना रोड पर स्थित यहाँ जगह बीते कुछ सालों से आस्तित्व में आई है क्योकि यहाँ पर सफ़ेद बाघ आपको देखने मिल जायेगे। आफ्रिका से लाये हुए सफ़ेद बाघ को देखने के लिए दूर दूर से यहाँ पर्यटक आते हैं। इसके अलावा सफारी में आपको और भी जानवर दिखाई देंगे।
• मांडू – Mandu
इंदौर से लगभग सौ किलोमीटर दूर स्थित मांडू विन्ध्य की पहाड़ियों में दो हजार फिट ऊपर स्थित है। इस जगह राजा बाजबहादुर और उनकी सुंदर पत्नी रूपमती की यादों का बसेरा है। आप यहाँ जाकर जहाज महल, रानी रूपमती का महल, बाजबहादुर का महल, असर्फी महल, हिंडोला महल और शाही हमाम आदि देख सकते हैं।
• ग्वालियर – Gwalior
एमपी की सबसे प्राचीन विरासत देखने के लिए आपको ग्वालियर जाना चाहिए। कई सारे एतिहासिक लड़ाइयों और रक्तपातो की गवाही देते इस शहर में आप ग्वालियर का किला, जयविलास महल और म्यूजियम, मानमंदिर महल, तानसेन स्मारक आदि देख सकते हैं। भारत के सबसे शानदार महलों में से एक है ग्वालियर महल।
• चित्रकूट – Chitrakoot
भगवान् राम ने अपने वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ यहाँ 11 वर्ष का समय बिताया। यह खजुराहो से 195 किलोमीटर दूर है और विन्ध्य की पहाड़ियों में स्थित है। आप यहाँ जाकर सीता रसोई, हनुमान धारा, रामघाट, कामदगिरी, सीता कुंद, सती अनुसुइया मंदिर, गुप्त गोदावरी और भरत कूप आदि घूम सकते हैं। कहते हैं की सीता जी और राम भगवान् की बहुत सारी चीजे यहाँ रखी हुई हैं।
ये हैं एमपी की सबसे बढ़िया जगहें जहाँ आप घूमने जा सकते हैं। सबसे बड़ी बात की एमपी मंहगा नहीं है और आप कम खर्चे में भी इन जगहों को देख सकते हैं।
मध्यप्रदेश राज्य के मुख्य पर्यटन स्थल – Places to Visit in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन की दृष्टि से भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। यहाँ पर कई ऐसे धार्मिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक स्थल हैं, जो देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहाँ आने वाले पर्यटक यहां के प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में खो जाते हैं।
- धार्मिक स्थल – Devotional Places in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जो अत्यंत प्राचीन होने के साथ-साथ, इनकी धार्मिक मान्यता भी अत्यधिक है। दूर-दूर से लोग मन मे कई मुरादें लेकर यहाँ दर्शन के लिए आते हैं।
आइए जानते हैं मध्यप्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के बारे में-
1.महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग-
मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में शिप्रा नदी के तट पर यह मंदिर स्थित है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग सबसे महत्वपूर्ण है। यह मंदिर काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है, जहाँ पर कई देवी-देवताओं के अन्य मंदिर भी स्थित हैं। यह हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। दूर-दूर से श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन हेतु आते हैं।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर उज्जैन जंक्शन से 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से आप टैक्सी की सुविधा लेकर इस मंदिर तक पहुच सकते हैं।
- समय-सारणी- 4:00AM-11:00PM रोजाना।
- यहाँ घूमने में लगभग 1 घण्टे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
2. श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर-
यह मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन शहर का दूसरा बड़ा मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना सन 1844 में हुई थी, एवं सन 1852 में इस मंदिर में मूर्ति स्थापित की गई थी। इस मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर में लगा हुआ दरवाजा चांदी का बना हुआ है। इसके अलावा मंदिर के दीवारों पर की गयी सुंदर नक्काशी लोगों के मन को मोह लेती है।
श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर उज्जैन रेलवे स्टेशन से 1.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पहुंचने के लिए टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है।
- समय-सारणी- 5:30AM-12:00PM एवं 3:00PM-9:00 PM रोजाना।
- यहाँ घूमने में लगभग 1 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
3.काल भैरव मंदिर-
यह मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। यह हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जो हिंदुओ के देवता काल भैरव को समर्पित है। इस मंदिर से जुड़ी खास मान्यता यह है कि यहाँ पर भगवान को पूजा के समय फूल प्रसाद इत्यादि के साथ शराब चढ़ाया जाता है।
काल भैरव मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर उज्जैन रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से यहाँ पहुँचने के लिए टैक्सी इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है।
- समय-सारणी- 6:00AM-12:00PM एवं 2:00PM-8:00PM रोजाना।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
4.चिंतामन गणेश मंदिर-
यह अत्यंत प्राचीन मंदिर है, जो मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 9वीं शताब्दी से 13वीं शताब्दी के बीच में हुई थी। यह मंदिर भारत मे बने गणेश जी के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में गणेश जी की तीन प्रतिमा विराजमान है, जिसमे से पहली प्रतिमा ‘चिंतामन’ जो कि चिंताओं से मुक्ति देती है, दूसरी ‘इच्छामन’ जो लोगों के मन की इच्छाओं को पूरी करती है, एवं तीसरी प्रतिमा ‘सिद्धिविनायक’ के नाम से जानी जाती है जिसके दर्शन से सिद्धि की प्राप्ति होती है।
चिन्तामन गणेश मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर उज्जैन रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुँचने के लिए ऑटो इत्यादि की सुविधा उपलब्ध है।
- समय-सारणी- 6:00AM-12PM एवं 5:00PM-10:00PM रोजाना।
- यहाँ घूमने में लगभग 1 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
5.कंदरिया महादेव मंदिर-
इस मंदिर का निर्माण 999 सन ई० में हुआ था। यह मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के खजुराहो शहर में स्थित सबसे विशाल मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के मुख्य आराध्य देव भगवान शिव हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार उस मंदिर का नाम कंदरिया भगवान शिव के नाम कंदर्प से पड़ा है।
यह मंदिर खजुराहो शहर की वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है।
कंदरिया महादेव मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर खजुराहो मुख्य शहर से 8.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 5:00AM-12:00PM एवं 4:00PM-9:00PM रोजाना।
- यहां घूमने में लगभग 1 घण्टे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 10रु./व्यक्ति।
6.आदिनाथ मंदिर-
यह एक जैन मंदिर है, जिसका निर्माण 11वीं शताब्दी में चंदेल वंश के शासकों द्वारा कराया गया था। इस मंदिर की दीवारों ओर सुंदर कलाकृति देखने को मिल जाती है। राजा आदिनाथ के दरबार की प्रसिद्ध नर्तकी नीलांजना के नृत्य की शैली की बारीकी को कलाकृति के माध्यम से यहाँ दर्शाया गया है।
यहां आने वाले पर्यटकों को यहाँ की सुंदर कलाकृति अपनी तरफ आकर्षित करती है।
आदिनाथ मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर खजुराहो रेलवे स्टेशन से 9.2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 5:00AM-12:00PM एवं 4:00PM-9:00PM रोजाना।, यहाँ घूमने में लगभग 1 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
- लक्ष्मण मंदिर-
इस मंदिर की स्थापना चंदेल वंश के शासकों ने 930-950 ई० में कराया था। इस मंदिर के प्रमुख आराध्य देव भगवान विष्णु हैं। इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण, मंदिर के दीवारों के बाहरी हिस्सो एवं चबूतरों पर बनी युद्ध, शिकार, सैनिक, हांथी-घोड़ो इत्यादि की आकृति है।
लक्ष्मण मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर खजुराहो रेलवे स्टेशन से 8.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 5:00 AM-12:00PM एवं 4:00PM-9:00PM रोजाना।
- यहां घूमने में लगभग 1 घण्टे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 10रु. /व्यक्ति (भारतीय पर्यटकों के लिए), 250रु./व्यक्ति (विदेशी पर्यटकों के लिए)
8.मतंगेश्वर मंदिर-
यह एक ऐतिहासिक मंदिर है। यह मंदिर लक्ष्मण मंदिर के पास ही स्थित है। अगर कलात्मकता की बात की जाए तो यह मंदिर बहुत कलात्मक नही है, परन्तु इसकी बहुमंजिला इमारत पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है। इस मंदिर का निर्माण काल 950-1002 ई० के लगभग माना जाता है।
मतंगेश्वर मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर खजुराहो रेलवे स्टेशन से 8.3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 6:00AM-6:00PM रोजाना।, यहां घूमने में लगभग 30 मिनट का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
9.जावरी मंदिर-
इस मंदिर का निर्माण काल 950-975 ई० के मध्य माना जाता है। इस मंदिर की शिल्पकला अत्यंत उत्कृष्ट है। इस मंदिर की रचनाशैली इसे अन्य मंदिरों से अलग पहचान दिलाती है।
जावरी मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मन्दिर खजुराहो रेलवे स्टेशन से 9.1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
10.ओंकारेश्वर मंदिर-
यह एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है जो मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। यह मंदिर नर्मदा नदी के बीच में एक द्वीप पर स्थित है। इस द्वीप का नाम मन्धाता अथवा शिवपुरी है। इस मंदिर के विषय में यह मान्यता है कि यहाँ पर 33 करोड़ देवी-देवता अपने पूरे परिवार के साथ निवास करते हैं। इस के अलावा इस मंदिर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 ज्योतिर्लिंगों के साथ कुल 108 शिवलिंग स्थापित हैं। यह अत्यंत पुराना मंदिर है, जिज़के निर्माण काल के बारे में ठीक-ठीक कुछ ज्ञात नही है।
ओंकारेश्वर मंदिर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मंदिर खंडवा रेलवे स्टेशन 70.4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी-5:00AM-10:00PM रोजाना।, यहाँ घूमने में 2 से 3 घण्टे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक स्थल – Historical Places in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश इतिहास की दृष्टि से अत्यंत धनी राज्य है। यहाँ पर कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। यहाँ आने वाले पर्यटक यहां की ऐतिहासिक इमारतों में खो जाते हैं।
आइए जानते हैं मध्यप्रदेश राज्य के खास ऐतिहासिक इमारतों के बारे में-
1.सांची स्तूप-
यह इमारत बेतवा नदी के तट पर स्थित है। यह अत्यंत प्राचीन इमारत है, जिसका निर्माण तीसरी शताब्दी ई०पू० में हुआ था। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, यहाँ पर कुल तीन स्तूप है, जो कि भारत के सबसे संरक्षित स्तूपों में से एक है। इसके केंद्र में एक अर्धगोलाकार ढांचा बना हुआ जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं।
सांची स्तूप से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- सांची स्तूप मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 47.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 8:30AM-5:30PM (मंगलवार बन्द)
- यहाँ घूमने में लगभग 2 घण्टे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 10रु./व्यक्ति (भारतीय पर्यटकों के लिए), 250रु./व्यक्ति (विदेशी पर्यटकों के लिए)
नोट:15 साल से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश निःशुल्क।
2.खजुराहो स्मारक समूह-
खजुराहो स्मारक समूह मुख्यतः हिन्दू और जैन धर्म के स्मारकों का समूह है। इस स्मारक समूह को यूनेस्को विश्व धरोहर में सम्मिलित किया गया है। इस समूह में कई मंदिर सम्मिलित हैं। यहां पर बने मंदिर नगारा वास्तुकला के प्रतीक हैं।
खजुराहो स्मारक समूह से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह स्थल झांसी से लगभग 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 8:00AM-6:00PM रोजाना।
- प्रवेश-शुल्क- 10रु./व्यक्ति।
3.ग्वालियर का किला-
यह किला ग्वालियर शहर का एक प्रमुख इमारत है जो गोपांचल पर्वत पर स्थित है। इस किले का निर्माण काल 8वीं से 14वीं शताब्दी के मध्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस किले का निर्माण मान सिंह तोमर ने कराया था। वर्तमान समय मे यह किला एक संग्रहालय के रुप में जाना जाता है।
ग्वालियर किले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह किला ग्वालियर रेलवे स्टेशन से 3.4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी-9:00AM-5:00PM रोजाना.
- यहाँ घूमने में 1 से 2 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 75रु./व्यक्ति (वयस्कों के लिए), 40रु./व्यक्ति (बच्चों के लिए), 250रु./व्यक्ति, (विदेशी पर्यटकों के लिए)
- ताज-उल-मस्जिद-
यह मस्जिद भारत के सबसे विशाल मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद के निर्माण को लेकर यह माना जाता है कि, भोपाल के 8वें शासक शाहजहां बेगम के शासन काल मे इस मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जो कि पैसो की तंगी की वजह से पूर्ण नही हो पाया था, बाद में सन 1973 ने भारत सरकार की पहल में इस मस्जिद का निर्माण कार्य पूरा हो सका।
ताज-उल-मस्जिद से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह मस्जिद भोपाल जंक्शन से 3.9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 6:00AM-8:00PM रोजाना।
नोट: इस मस्जिद में शुक्रवार के दिन गैर-मुस्लिम लोगों का प्रवेश निषेध है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
5.भीमबेटका रॉक शेल्टर(शैलाश्रय)-
यह एक पुरापाषानिक आवासीय स्थल है। जिसकी खोज वर्ष 1947-48 में डॉ विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी। इसके अंदर आदिमानव द्वारा बनाये गए शैलचित्र देखने को मिलते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये चित्र पुरापाषाण काल से मध्य पाषाणकाल के मध्य के हैं। इस शैलाश्रय को यूनेस्को विश्व धरोहर में सम्मिलित किया गया है।
भीमबेटका रॉक शेल्टर से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह शैलाश्रय भोपाल जंक्शन से 45.7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 7:00AM-6:00PM रोजाना।
- यहाँ घूमने में 1 से 2 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 10रु./व्यक्ति (भारतीय पर्यटकों के लिए), 100रु./व्यक्ति (विदेशी पर्यटकों के लिए)
6.जामा मस्जिद-
इस मस्जिद का निर्माण कार्य सन 1832 ई० में नवाब कुदसिया बेगम के शासनकाल में शुरू हुआ था, तथा 1857 ई० में यह पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुई थी। इस मंदिर की कलाकृति दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के समान ही है।
जामा मस्जिद से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकरियां-
- यह मस्जिद मांडू से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 7:00AM-6:00PM रोजाना।
- यहाँ घूमने में लगभग 30 मिनट का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
7.वीर सिंह पैलेस-
इस पैलेस का निर्माण नरेश वीर सिंह द्वारा 17वीं शताब्दी में करवाया गया था। नरेश वीर सिंह ने, बादशाह जहाँगीर के साथ अपनी दोस्ती की याद में इस महल का निर्माण कराया था। यह महल 7 मंजिल में बना हुआ है। इस महल की सबसे खास बात यह है कि 7 मंजिल की इमारत होने के बावजूद इस महल के निर्माण में कहीं भी लोहे अथवा लकड़ी का उपयोग नही किया गया है। यह एक वहुत ही खास बात है।
वीर सिंह पैलेस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह महल मध्यप्रदेश राज्य के एक छोटे से शहर दतिया में स्थित है। दतिया मुख्य शहर से इस महल की दूरी महज 1.3 किलोमीटर है।
- समय-सारणी- यह महल 24 घण्टे खुला रहता है।
- प्रवेश-शुल्क-निःशुल्क।
- पर्यटन की दृष्टि से अन्य महत्वपूर्ण स्थल-
1.कान्हा टाइगर रिज़र्व-
कान्हा टाइगर रिज़र्व कान्हा नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है। इस पार्क का निर्माण 1933 में हुआ था। यह पार्क 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। कान्हा राष्ट्रीय उद्यान भारत का एकमात्र ऐसा जंगली उद्यान है जहां बड़ी मात्रा में प्रकृति की प्रजातियां पायी जाती हैं। इसके अलावा भारत के सबसे प्रसिद्ध भारतीय बाघ इस उद्यान में रहते हैं, शायद इसी वजह से इसे टाइगर रिज़र्व के नाम से जाना जाता है।
कान्हा टाइगर रिज़र्व से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह उद्यान मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 160 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जबकि इटारसी से इसकी दूरी 80 किलोमीटर है।
- समय-सारणी- 6:00AM-12:00PM एवं 3:00PM-5:30PM रोजाना।
- प्रवेश-शुल्क- 1,530रु. (भारतीय पर्यटकों के लिए), 3060रु. (विदेशी पर्यटकों के लिए)
- बांधवगढ़ नेशनल पार्क-
इस उद्यान का निर्माण 1968 में हुआ था, जो कि मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान की खास बात यह है कि यह कुल 12 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह उद्यान 437 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान में पशुओं की 22 एवं पक्षियों की कुल 250 प्रजातियां पायी जाती हैं।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह उद्यान उमरिया मुख्य शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यहाँ घूमने में 5 से 6 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 2,200रु./व्यक्ति (भारतीय पर्यटकों के लिए, जिसमे गाइड, गाड़ी का चार्ज सम्मिलित है), 4,300रु./व्यक्ति (विदेशी पर्यटकों के लिए, जिसमे गाइड एवं गाड़ी का चार्ज सम्मिलित है।)
- पन्ना नेशनल पार्क-
इसकी स्थापना 1981 में हुई थी। यह उद्यान 543 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। ज़ह 1994 में इस उद्यान के प्रोजेक्ट में बाघ को सम्मिलित किया गया था।
पन्ना नेशनल पार्क से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह उद्यान पन्ना मुख्य शहर से 52.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 6:30AM-10:30PM एवं 2:30PM-5:30PM रोजाना।
- यहाँ घूमने में 6 से 7 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 1250रु./व्यक्ति (भारतीय पर्यटकों के लिए), 2250रु./व्यक्ति (विदेशी पर्यटकों के लिए)
- धुंआधार जलप्रपात-
यह जलप्रपात जबलपुर जिले में स्थित है, जो कि भेड़ाघाट क्षेत्र का एक प्रमुख दर्शनीय स्थल है। यह जलप्रपात नर्मदा नदी के जल से बना हुआ है। यह 50 फ़ीट ऊंचा जलप्रपात है। जब नर्मदा नदी का जल 50 फ़ीट की ऊंचाई से गिरता है, तो यह धुएं के समान दिखाई देता है, जिसकी वजह से इसका नाम धुंआधार जलप्रपात पड़ा है।
धुंआधार जलप्रपात से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह जलप्रपात जबलपुर रेलवे जंक्शन से 25.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- यहाँ आप किसी भी समय जा सकते हैं। यहाँ घूमने में 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है।
- राजवाड़ा-
यह एक ऐतिहासिक महल है, जो स्थापत्य कौशल एवं शाही भव्यता का उदाहरण है। यह महल 7 मंजिला बना हुआ है, जो ऐतिहासिक कलाकारी का सुंदर नमूना है।
राजवाड़ा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह महल इंदौर रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 10:00AM-5:00PM (सोमवार बन्द)
- यहाँ घूमने में 1 से 2 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 10रु./व्यक्ति।
- पातालपानी जलप्रपात-
यह जलप्रपात मध्यप्रदेश के इंदौर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। 300 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित यह जलप्रपात देखने मे अत्यंत सुंदर एवं आकर्षक है। यह जलप्रपात भारत के प्रसिद्ध पिकनिक स्थलों में से एक है।
पातालपानी जलप्रपात से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह जलप्रपात इंदौर जंक्शन से 33.4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 11:00AM-8:00PM रोजाना।
- प्रवेश-शुल्क- निःशुल्क।
- लाल बाग पैलेस-
यह महल मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में खान नदी के तट पर स्थित है। इसका निर्माण शिवाजी राव होलकर ने 19वीं शताब्दी में करवाया था। यह महल 3 मंजिला इमारत के रूप में बना हुआ है। यह महल 28 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ था, जिसको अब एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है।
लाल बाग पैलेस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां-
- यह महल इंदौर रेलवे जंक्शन से 3.8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- समय-सारणी- 10:00AM-5:00PM (सोमवार बन्द)
- यहाँ घूमने में 1 घंटे का समय लग जाता है।
- प्रवेश-शुल्क- 10रु./व्यक्ति।
तो दोस्तों यह थी मध्यप्रदेश राज्य एवं इस राज्य के प्रमुख धार्मिक, ऐतिहासिक, एवं प्राकृतिक स्थलों से जुड़ी जानकारियां। उम्मीद करते हैं कि राज्य से जुड़ी ये खास जानकारियां आपको पसंद आई होंगी, और ये जानकारी आपके लिए मददगार साबित होंगी।
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सर, आपने मध्य प्रदेश टूरिज्म के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी है.
Very good details information about Madhya Pradesh tourism… Thanks
Thank you for reading our post on gyanipandit.com. Madhya Pradesh is a great place for tourists and it is pride for our country.