1947 में हमारा भारत देश जब से आजाद हुआ था, तब पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू को भारत का पहले प्रधानमंत्री बनाया गया था।
वहीं आजादी से पहले जब हमारा देश गुलामी की बेड़ियों में बंधा था तब देश में अलग-अलग राजा हुआ करते थे, जो अपने नियम-कानून बनाते थे, जिन नियम – कानूनों को प्रजा को पालन करना पड़ता था।
वहीं पहले प्रजा अपनी इच्छानुसार अपने राजा नहीं चुन सकती थी, पहले परिवारवाद के अनुसार राजा चुना जाता था, जैसे कि अगर किसी के पिता शासन चला रहे हैं तो उसके मरने के बाद उसके पुत्र को उत्तराधिकारी के रुप में चुना जाता था।
लेकिन, आजादी के बाद अलग-अलग हिस्सों में बंटे भारत देश को एकजुट करने के लिए और देश में एक ही सत्ता के लिए प्रधानमंत्री का चयन करने का फैसला किया गया। भारतीय संविधान में प्रधानमंत्री को देश एवं सरकार का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति बताया गया है।
वे राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार, लोकसभा में बहुमत पार्टी के नेता, मंत्रिपरिषद का मुखिया होते हैं, जो कि देश की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं, इसके साथ ही प्रधानमंत्री भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व भी करता है।
अर्थात भारतीय संविधान में प्रधानमंत्री के पास सभी वास्तविक शक्तियां होती हैं, प्रधानमंत्री संसद में कैबिनेट मंत्रिमंडल के मुखिया होते हैं, जिनके पास कैबिनेट मंत्रिमंडल की समिति में कोई भी बदलाव करने का पूरा अधिकार होता है।
प्रधानमंत्री चाहे तो अपने कैबिनेट में चाहे किसी को भी मंत्री बना सकता है, और किसी को भी उसके पद से निस्कासित कर सकता है, जबकि राष्ट्रपति सिर्फ नाममात्र का शासक होता है।
वहीं प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है, जबकि राष्ट्रपति सिर्फ राष्ट्र प्रमुख होता है। प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति के द्धारा ही उसके पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई जाती है।
प्रधानमंत्री के द्धारा लोकसभा में बहुमत बनाए रखना बेहद आवश्यक होता है, अगर प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति के द्धारा बहुमत नहीं मिलते हैं तो इस स्थिति में सरकार गिर भी सकती है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रात्मक गणराज्य है, भारत की आजादी के बाद साल 1947 से 2019 तक भारत में 15 पूर्णकालिक प्रधानमंत्री रह चुके हैं। आपको बता दें कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने प्रधानमंत्री के रुप में करीब 6 हजार 130 दिन देश की बागडोर संभाली थी।
इसके बाद देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने करीब 5 हजार 829 दिन तक पीएम के रुप में देश में शासन किया था और फिर इसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह ने करीब 10 साल अथवा 3 हजार 656 दिन तक प्रधानमंत्री के पद की जिम्मेदारी बखूबी संभाली थी।
वहीं मनमोहन सिंह के कार्यकाल के बाद साल 2014 से देश के इस अहम पद की जिम्मेदारी बीजेपी पार्टी के नरेन्द्र मोदी जी संभाल रहे हैं।
देश की आजादी के बाद से अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों के नाम, उनके कार्यकाल एवं उनका संक्षिप्त विवरण हम आपको नीचे उपलब्ध करवा रहे हैं, लेकिन इससे पहले आप इस सूची पर नजर डालिए –
भारत के प्रधानमंत्री सूची और जीवन परिचय – List of all Prime Ministers of India and Biography
भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के नाम और उनके कार्यकाल की लिस्ट –
क्रमांक – प्रधानमंत्री – कार्यकाल – राजनीतिज्ञ पार्टी
- पंडित जवाहरलाल नेहरू – 15 अगस्त 1947- 27 मई 1964 – कांग्रेस
- श्री गुलजारी लालचंदा – 27 मई 1964 – 9 जून 1964 – कांग्रेस
- श्री लालबहादुर शास्त्री – 9 जून 1964 – 11 जनवरी 1966 – कांग्रेस
- श्री गुलजारी लाल नंदा – 11 जनवरी 1966 – 24 जनवरी 1966 – कांग्रेस
- श्री मति इंदिरागांधी – 24 जनवरी 1966 – 24 मार्च 1977 – कांग्रेस
- श्री मोरारजी देसाई – 24 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979 – जनता पार्टी
- श्री चरण सिंह – 28 जुलाई 1979 – 14 जनवरी 1980 – जनता पार्टी
- श्री मति इंदिरा गांधी – 14जनवरी 1980 – 31अक्टूबर 1984 – कांग्रेस
- श्री राजीव गांधी – 31 अक्टूबर 1984 – 2 दिसंबर 1989 – जनता दल
- श्री वीपी सिंह – 2 दिसंबर 1989 – 10 दिसंबर 1990 जनता दल
- श्री चन्द्र शेखर – 10 दिसंबर 1990 – 21 जून-1991 – सपा
- श्री पी.वी नरसिम्हा राव – 21 जून-1991 – 16 मई 1996 – कांग्रेस
- श्री अटल बिहारी वाजपेयी – 16 मई 1996 – 1 जून 1996 – बीजेपी
- श्री एच डी देवेगौड़ा – 1 जून 1996 – 21 अप्रैल 1997 – जनता दल
- श्री इन्द्र कुमार गुजराल – 21 अप्रैल 1997 – 19 मार्च 1998 – जनता दल
- श्री अटल बिहारी वाजपेयी – 19 मार्च 1998 – 13 अक्टूबर 1999 – बीजेपी
- अटल बिहारी वाजपेयी – 13 अक्टूबर1999 – 22 मई 2004 – बीजेपी
- मनमोहन सिंह – 22 मई 2004 – 26 मई 2014 – कांग्रेस
- श्री नरेन्द्र मोदी – 26 मई 2014 से वर्तमान तक – बीजेपी
Prime Ministers of India List
1. पंडित जवाहर लाल नेहरू- देश के पहले प्रधानमंत्री
- राजनैतिक पार्टी – कांग्रेस
- कार्यकाल – 15 अगस्त 1947 से, 27 मई 1964 तक (16 साल, 286 दिन)
- जन्म 14 नवंबर, 1889, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश
- मृत्यु 27 मई, 1964, नई दिल्ली
- माता-पिता स्वरुपरानी नेहरू, मोतीलाल नेहरू
- पत्नी कमला नेहरू
- बेटी इंदिरा गांधी
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहलाल नेहरू को आधुनिक भारत का वास्तुकार माना जाता है। वे एक सैद्धान्तिक और आदर्शवादी छवि के महानायक थे, जिन्होंने अपनी प्रभावशाली व्यक्तित्व का प्रभाव हर किसी पर डाला है।
उन्होनें भारत की नींव मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भारत माता के एक सच्चे वीर सपूत की तरह गुलाम भारत को आजादी दिलवाने के लिए काफी संघर्ष किया है। पंडित नेहरू को बच्चों से अत्याधिक लगाव था, जिसकी वजह से 14 नवंबर को उनके जन्मदिवस को बालदिवस के रुप में भी मनाते हैं।
आजादी मिलने के बाद जब प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव हुए तो, उसमें सरदार वल्लभभाई पटेल और आचार्य कृपलानी को ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन महात्मा गांधी जी के कहने पर पंडित नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया था और फिर वे लगातार तीन बार पीएम के पद पर सुशोभित हुए थे। प्रधानमंत्री के रुप में पंडित नेहरू ने –
- भारत को आर्थिक रुप से मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई।
- भारत में विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास को बढ़ावा दिया।
- शांति एवं संगठन के लिए गुट-निरपेक्ष आंदोलन की रचना की।
- कोरियाई युद्ध, स्वेज नहर विवाद सुलझाने और कांगो समझौते में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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2. श्री गुलजारी लाल चंदा- भारत के पहले ‘अंतरिम प्रधानमंत्री’ एवं दूसरे और चौथे कार्यवाहक प्रधानमंत्री
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- प्रधानमंत्री के रुप में पहला कार्यकाल – 27 मई 1964-9 जून 1964 (13 दिन)
- प्रधानमंत्री के रुप में दूसरा कार्यकाल – 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 (13 दिन)
- जन्म – 4 जुलाई, 1898, सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान
- माता-पिता – ईश्वर देवी नंदा, बुलाकु राम नंदा
- पत्नी लक्ष्मी देवी
- मृत्यु – 15 जनवरी 1998
गुलजारी लाल चंदा भारत के एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षाविद और बेहतरीन अर्थशास्त्री भी थे। कांग्रेस पार्टी से कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रुप में दो बार देश की सेवा की। दोनो ही बार प्रधानमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल 13-13 दिनों का रहा।
पहली बार गुलजारी लाल चंदा जी ने साल 1964 में पंडित नेहरू जी की मौत के बाद जब पीएम का पद संभाला था, तब उसी समय साल 1962 में जब चीन से युद्ध खत्म हुआ था, और दूसरी बार साल 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद उन्होंने पीएम का पद संभाला, उस दौरान साल 1965 में पाकिस्तान से युद्ध खत्म हुआ था, इस तरह दोनों ही बार जब देश बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा था तब गुलजारी लाल चंदा जी ने देश की बागडोर संभाली थी और इस दौरान बेहद संजीदगी से शांतिपूर्ण तरीके से काम किया था।
गुलाम भारत को आजादी दिलवाने के लिए भी उन्होंने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। साल 1921 में उन्होंने असहोयग आंदोलन में हिस्सा लिया था, यही नहीं महात्मा गांधी जी के सत्याग्रह आंदोलन में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। इसके अलावा उन्होंने मजदूर वर्ग को उनका अधिकार दिलवाने के भी काफी प्रयास किए थे।
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3. श्री लालबहादुर शास्त्री
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- कार्यकाल – 9 जून 1964-11 जनवरी 1966 (1 साल, 216)
- जन्म 2 अक्टूबर 1904, मुगलसराय वाराणसी, उत्तप्रदेश
- माता/पिता राम दुलारी/मुंशी शारदा प्रसाद श्री वास्तव
- पत्नी ललिता देवी
- बच्चे 4 बेटी, 2 बेटियां
- मृत्यु 11 जनवरी, 1966
लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री थे, जिनकी छवि एक सच्चे, ईमानदार और निष्ठावान नेता के रुप में बनी हुई थी। पंडित नेहरू की मौत के बाद 9 जून साल 1964 को लाल बहादुर शास्त्री को उनके महान व्यक्तित्व और प्रतिभा को देखते हुए प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लाल बहादुर शास्त्री ने गुलाम भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने के लिए भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन और दांडी यात्रा में अपनी अहम भागीदारी निभाई थी, वहीं इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था।
इसके साथ ही उन्होंने भारत में दुग्ध उत्पादन की बढ़ोतरी के लिए ‘श्वेत क्रांति’को बढ़ावा दिया था। लाल बहादुर शास्त्री का नारा “जय जवान, जय किसान” काफी लोकप्रिय नारा था।
लाल बहादुर शास्त्री जी महात्मा गांधी के अनुयायी थी और वे पंडित नेहरू को भी अपना आदर्श मानते थे। साल 1965 में भारत-पाक की लड़ाई में लाल बहादुर शास्त्री ने बेहद कुशलतापूर्वक देश को संभाले रखा और सेना का सही मार्गदर्शन कर देश का सराहनीय नेतृत्व किया।
महान स्वतंत्री सेनानी और भारत के पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करिए –
4. श्री मति इंदिरा गांधी (भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री)
- राजनैतिक पार्टी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- कार्यकाल – 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक (11 साल और 59 तक)
- कार्यकाल – 14 जनवरी 1980 – 31 अक्टूबर 1984 तक (4 साल और 291 दिन)
- जन्म 19 नवंबर, 1917, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश
- माता/पिता कमला नेहरू/जवाहरलाल नेहरू
- पति फिरोज गांधी
- बेटा/बहु – राजीव गांधी / संजय गांधी / सोनिया गांधी/ मेनका गांधी
- पोता/पोती – राहुल गांधी / वरुण गांधी / प्रियंका गांधी
- मृत्यु 31 अक्टूबर, 1984 नई दिल्ली
इंदिरा गांधी को देश का पहला महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने भारत में काफी लंबे समय तक प्रधानमंत्री के रुप में अपनी सेवाएं दी। महज 12 साल की उम्र में उन्हें कुछ बच्चों के साथ मिलकर वानर सेना बनाई थी। उन्होंने बच्चों के साथ मिलकर भारत की स्वतंत्रता संघर्ष में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इसके अलावा उन्होंने देश के प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए साल 1971 में भारत-पाक के बीच युद्ध में भारत का कुशलतापूर्वक नेतृत्व कर भारत को जीत दिलवाई।साथ ही पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सुधार लाने के लिए कई सराहनीय कदम उठाए। जिसके बाद उनकी लोकप्रियता और भी अधिक बढ़ गई और उनकी एक छवि एक चतुर राजनीतिक नेता के रुप में बन गई।
इसके अलावा इंदिरा गांधी जी ने देश में कृषि के क्षेत्र में विकास के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की थी। इंदिरा गांधी ने देश से बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने एवं देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में भी अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई थी।
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5. श्री मोररजी देसाई
- राजनैतिक पार्टी – जनता दल
- कार्यकाल – 24 मार्च 1977 से 28 जुलाई 1979 (2 साल , 126 दिन)
- जन्म 29 फरवरी, 1896, भदेली गांव, गुजरात
- पत्नी गुजराबेन
- मृत्यु 10 अप्रैल, 1995(दिल्ली)
मोरारजी देसाई, भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और स्वतंत्र भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने देश में इंदिरा गांधी द्धारा लागू किया गया आपातकाल को खत्म करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने इंदिरा गांधी द्धारा इमरजेंसी के समय में बनाए गए कई कानूनों में भी बदलाव किए थे और कई ऐसे नए नियम बनाए जिससे भविष्य में किसी भी सरकार के सामने आपातकालीन की स्थिति न पैदा न सके।
इसके अलावा मोरारजी देसाई भारत-पाक के रिश्तों को सुधारने के लिए भी कई प्रयास किए थे ।वे एक शांतिप्रिय इंसान थे और देश के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न और पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान “निशान-ए-पाकिस्तान” से नवाजा गया था।
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6. चौधरी चरण सिंह
- राजनैतिक पार्टी – जनता पार्टी
- कार्यकाल – 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 (170 दिन)
- जन्म 1896, मेरठ, उत्तरप्रदेश
- पिता चौधरी मीर सिंह
- पत्नी गायत्री देवी
- मृत्यु 29 मई, 1995, दिल्ली
चौधरी चरण सिंह ने पांचवे प्रधानमंत्री के रुप में देश की सेवा की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री के रुप में महज 170 दिन ही अपनी सेवाएं दी थी। लेकिन इतने कम समय में उन्होंने देश में किसानों की स्थिति को सुधारने के लिए कई सराहनीय काम किए थे। चौधरी चरण सिंह ने जमींदारी प्रणाली को हटाकर भूमि सुधार अधिनियम को लागू किया था।
इसके साथ ही उन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चरण सिंह ने गांधी जी के “सविनय अवज्ञा आंदोलन”, डांडी यात्रा में अपनी अहम भागीदारी निभाई थी।
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7. श्री राजीव गांधी
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- कार्यकाल – 31 अक्टूबर 1984 से 2 दिसंबर 1989
- जन्म 20 अग्सत, 1944, बॉम्बे, महाराष्ट्र
- माता/पिता इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी
- भाई संजय गांधी
- नाना/नानी जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू
- पत्नी सोनिया गांधी
- बच्चे प्रियंका गांधी, राहुल गांधी
- मृत्यु 21 मई, 1991
40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी जी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। उन्होंने नौवें प्रधानमंत्री के रुप में देश में अपनी सेवाएं दी थी। उन्होंने आधुनिक और तकनीकी भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राजीव गांधी ने भारत में कंप्यूटर को लाने में काफी सक्रियता दिखाई थी एवं संचार क्रांति को बढ़ावा दिया था ।इसके अलावा उन्होंने भारतीय प्रशासन का आधुनिकीकरण करने के लिए काफी प्रयास किए थे और अमेरिका के साथ द्धिपक्षीय संबंधों में सुधार किया था।
राजीव गांधी जी ने देश में शिक्षा का जमकर प्रचार-प्रसार किया एवं कश्मीर और पंजाब में हो रही आंतरिक लड़ाई को नियंत्रित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इसके साथ ही उन्हंने देश के हित के लिए कई अहम फैसले लिए थे और देश में युवाओं के विकास पर खासा जोर दिया था।
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8. श्री वी.पीं सिंह – विश्वनाथ प्रताप सिंह
- राजनैतिक पार्टी – जनता दल
- कार्यकाल – 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 (343 दिन)
- जन्म 25 जून, 1931, इलाहाबाद , उत्तरप्रदेश
- पिता राजा बहादुर राय गोपाल सिंह
- पत्नी सीता कुमारी
- मृत्यु 27 नवंबर, 2008
वी.पीं. सिंह भारत के एक ईमानदार, निष्ठावान और परिश्रमी प्रधानमंत्री थे। वी.पी. सिंह ने उत्तप्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में भी अपनी सेवाएं दी थी। उन्होंने देश में गरीबों की स्थिति में सुधार लाने के लिए कई काम किए थे एवं दलित में निचली जाति के उत्थान के लिए कई कदम उठाए थे। वी.पीं सिंह एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने दलित और निचली जातियों को भारतीय राजनीति में आने का अवसर प्रदान किया था।
हालांकि, प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी छवि कुछ खास नहीं रही, उनके कार्यकाल के समय में देश में कश्मीर मुद्दे को लेकर असंतोष पैदा हो गया था। इसके साथ ही उनके कुछ गलत फैसलों के चलते देश में जातिवाद की समस्या ने भयानक रुप ले लिया था। वे प्रधानमंत्री के रुप में देश का सही तरीके से नेतृत्व नहीं कर सके।
वी.पीं. सिंह जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करिए –
9. श्री चंद्र शेखर
- राजनैतिक पार्टी – समाजवादी जनता पार्टी
- कार्यकाल – 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 (223 दिन)
- जन्म 1 जुलाई, 1927, इब्राहिमपट्टी, यूप
- मृत्यु 8 जुलाई, 2007, दिल्ली
श्री चंद्र शेखर ने अपनी पहचान एक मजबूत प्रधानमंत्री के रुप में बनाई है, बेहद कम समय में उन्होंने मुश्किल दौर से गुजर रहे देश की बागडोर संभाली और सही फैसले लेकर देश के विकास को गति प्रदान की। वे एक ईमानदार, कुशल, बुद्धीजीवी और दृढ़निश्चयी राजनीतिज्ञ थे। समाजवादी आंदोलनों से जुड़कर उन्होंने दलित और पिछड़ी जाति के लोगों के लिए कई सराहनीय काम किए एवं दलितों को उनका हक दिलवाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। वे एक बेबाक और प्रभावशाली वक्ता थे, जिन्होंने अपने भाषणों से समाज में फैली सामजिक असमानता, जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई थी, एवं ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं को उठाया था।
श्री चंद्र शेखर जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करिए
10. श्री पीवी नरसिम्हा राव- (पामुलापार्ती वेंकट नरसिम्हा राव)
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- कार्यकाल – 21 जून 1991-16 मई 1996 (4 साल 330 दिन)
- जन्म 28 जून, 1921, करीम नगर गांव, हैदराबाद
- माता/पिता रुकमनी अम्मा/ पी रंगा राव
- पत्नी सत्याम्मा राव
- मृत्यु 23 दिसंबर, 2004, दिल्ली
श्री पीवी नरसिम्हा राव भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात वकील और जाने-माने राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रुप में देश में कई सकरात्मक बदलाव किए थे। पीवी नरसिम्हा राव की छवि एक आदर्श और मजबूत राजनेता के रुप में थी, उन्होंने पीएम के अपने कार्यकाल के दौरान भारत में कई आर्थिक परिवर्तन किए थे, इसलिए उन्हें भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक के रुप में भी जाना जाता है।
इन्होंने अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष नीति की शुरुआत कर बैंक में होने वाले करोड़ों रुपए के घोटालों को कम किया। पीवी नरसिम्हा राव जी द्धारा लागू की गई कई आर्थिक योजनाओं को अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ. मनमोहन सिंह ने भी जारी रखा था। पीवी नरसिम्हा राव ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के मकसद से पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को आर्थिक मंत्री बनाया था।
इसके अलावा उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र में लाइसेंस राज की समाप्ति को लेकर भी काफी सक्रियता दिखाई थी।
पीवी नरसिम्हा राव हिन्दी न बोलने वाले क्षेत्र, भारत के दक्षिण क्षेत्र से बनने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री थे। नरसिम्हा राव जी को संस्कृत भाषा का भी अच्छा ज्ञान था, इसके अलावा उन्हें भारत की सभ्यता, संस्कृति, आध्यात्मिक और धार्मिक जड़ों से भी काफी प्रेम था।
श्री पीवी नरसिम्हा राव जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करिए –
11. श्री अटल बिहारी वाजपेयी
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
- प्रथम कार्यकाल – 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक (सिर्फ 16 दिन की सरकार)
- दूसरा कार्यकाल- 19 मार्च 1998 – 22 मई 2004 तक (6 साल, 64 दिन)
- जन्म 25 दिसंबर, 1924, ग्वालियर, मध्यप्रदेश
- माता/पिता कृष्णा देवी, कृष्ण बिहारी वाजपेयी
- मृत्यु 16 अगस्त 2018
- सम्मान – 2014 में भारत रत्न से नवाजा गया।, 1992 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आजाद भारत की राजनीति का वो चमकता सितारा थे। जिन्होनें राजनीति के हर दौर को रोशन किया था। वे एक बहुमुखी प्रतिभा के आदर्शवादी राजनेता थे, जो बेबाक तरीके से अपनी बात रखते थे, उनके भाषण बेहद प्रभावशाली होते थे। एक दौर था, जब वाजेपयी जी बोला करते थे, और देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू उन्हें मुग्ध होकर सुना करते थे।
आमतौर पर लोग जितनी उम्र खपा देते हैं खुद को राजनीति में स्थापित करने मेंअटल बिहारी वाजपेयी ने उतने साल राजनीति की है। उन्होंने 50 सालों की संसदीय राजनीति में बीजेपी पार्टी का गठन किया और इस पार्टी को 2 से 200 तक के आंकड़े तक पहुंचाया। वाजपेयी जी एक ऐसे इकलौते राजनेता थे, जो चार अलग-अलग प्रदेश से सांसद चुने गए थे।
देश की स्वतंत्रता से पहले ही वे राजनीति में सक्रिय थे, और उन्होंने आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी जी के साथ भी भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया था और उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था। वाजपेयी जी की सरकार के समय राजस्थान के पोखरण में की 5 भूमिगत न्यूक्यिर परीक्षण कर भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इसके अलावा उन्होंने नेशनल हाइवे डेवलपमेंट प्रोजक्ट के द्दारा देश के चार मुख्य शहर दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता और मुंबई को जोड़ने का काम किया और देश की सड़कों की स्थिति में सुधार किया। उन्होंने देश के आर्थिक सुधारों और ग्रामीण भारत के विकास के लिए भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। यही नहीं कारगिल युद्ध और आतंकवादी हमले के दौरान उन्होंने अपनी कुशल रणनीतियों के साथ देश का नेतृत्व किया था।
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अटल बिहारी वाजपेयी की जीवन कहानी
12. श्री एचडी देवगौड़ा (हरदनहल्ली दोद्देगोव्डा देवगौड़ा)
- राजनैतिक पार्टी – जनता दल (सेक्युलर)
- कार्यकाल – 1 जून 1996 से 21 अप्रैल 1997(324 दिनों की सरकार)
- जन्म 18 मई, 1933, हरदनहल्ली, कर्नाटक
- माता-पिता देवंमा/दोद्देगोव्दा
- पत्नी चेत्रम्मा देवगौड़ा
एच डी देवगौड़ा जनता पार्टी के एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने देश का प्रधानमंत्री के रुप में कुशल नेतृत्व किया है, साथ ही कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में भी अपनी सेवाएं दी हैं। देवगौड़ा जी ने अपने पीएम के कार्यकाल के दौरान किसानों के हित के लिए कई लाभकारी योजनाएं बनाईं, इसके साथ ही किसानों को उनका हक दिलवाने के लिए कई आंदोलन भी चलाए।
एच डी देवगौड़ा जी ने शहरी रोजगार, खाद्य प्रसंस्करण, ग्रह मंत्रालय, कार्मिक पेट्रोलियम और रसायन समेत कई मंत्रालयों पर अतिरिक्त टैक्स भी लगाए थे।
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हरदनहल्ली डोद्देगोव्दा देवे गोवडा की जीवनी
13. श्री इंद्र कुमार गुजराल
- राजनैतिक पार्टी – जनता दल
- कार्यकाल – 21 अप्रैल 1997- 19 मार्च 1998 (332 दिन की सरकार)
- जन्म 4 दिसंबर, 1919, झेलम पंजाब(वर्तमान पाकिस्तान)
- माता-पिता पुष्पा गुजराल/अवतार नारायण
- पत्नी शीला गुजराल
- मृत्यु 30 नवंबर, 2012,गुड़गांव, हरियाणा
इंद्र कुमार गुजराल भारत के एक सशक्त राजनेता थे, जिन्होंने अपनी सफल और कुशल रणनीतियों से प्रधानमंत्री के रुप में देश की बागडोर संभाली थी। राज्यसभा से चुने गए वे भारत के तीसरे प्रधानमंत्री थे। इंद्र कुमार गुजराल ने भारत की आजादी की लड़ाई में भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी।
उन्होंने साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी हिस्सा लिया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्हें जेल की यातनाएं भी सहनी पड़ी थी। उन्होंने सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करने का प्रतिरोध किया था। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के साथ रिश्ते मजबूत करने में भी अपनी महत्पूर्ण भूमिका अदा की थी।
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14. डॉ. मनमोहन सिंह
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- कार्यकाल – 22 मई 2004 से 16 मई 2014
- जन्म – 26 सितंबर, 1932 , गाह, पाकिस्तान
- माता-पिता – अमृत कौर, गुरुमुख सिंह
- विवाह गुरशरण कौर
मनमोहन सिंह जी ने प्रधानमंत्री के रुप में 10 साल तक देश की बागडोर संभाली, वे देश के पहले सरदार प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत किया एवं वेल्लू एडेड टैक्स (वैट) लागू किया और उद्योग -नीतियों पर खूब काम किया। इसके साथ ही मनमोहन जी ने देश में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में जमकर विकास किया। इसलिए उन्हें भारत का वित्तीय वास्तुकार भी माना जाता है।
मनमोहन सिंह जी ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून बनाए एवं शिक्षा के क्षेत्र में जमकर विकास किया। अपने राज में कई शिक्षण संस्थान खोले। आर्थिक और वित्तीय मामलों में अच्छी समझ के लिए मनमोहन जी काफी प्रसिद्ध हैं।
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15. श्री नरेन्द्र मोदी- नरेंद्र दामोदरदास मोदी
- माता/पिता- हीराबेन मोदी/दामोदरदास मूलचंद मोदी
- राजनैतिक पार्टी – भारतीय जनता पार्टी
- पार्टी बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी)
- पद गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री। 26 मई 2014 के बाद से अब तक लगातार भारत के प्रधानमंत्री।
- कार्यकाल – 16 मई 2014 से अब तक
- जन्म 1950
नरेन्द्र मोदी जी ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली और लोकप्रिय राजनेता हैं, जिन्होंने साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी ऐतिहासिक जीत दर्ज की। नरेन्द्र मोदी जी का प्रभावशाली व्यक्ति एवं बेबाक वाक शैली हर किसी को प्रभावित करती है। उन्होंने अपने जीवन में तमाम संघर्षों का सामना किया है।
राष्ट्रीय स्वतंत्र सेवक संघ से (RSS) से उन्होंने अपने राजनीति करियर की शुरुआत की थी और आज वे अपने कठोर दृढ़संकल्पों के चलते प्रधानमंत्री के पद पर आसीन है। प्रधानमंत्री के रुप में उन्होंने देश के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। उन्होंने समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर तमाम योजनाएं लॉन्च की हैं एवं देश से गरीबी और भ्रष्टाचार मिटाने के लिए नोटबंदी और GST लागू करने जैसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने अपनी पहचान एक ग्लोबल लीडर के तौर पर भी विकसित की है, वे स्वतंत्र भारत में पैदा हुए भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा विदेशी दौरे किए और भारत के रिश्ते अन्य देशों के साथ मजबूत करने में महत्पूर्ण भूमिका निभाई है, इसलिए आज दुनिया मोदी जी के कूटनीति की कायल है।
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