Kumar Mangalam Birla
भारत के सबसे बड़े उद्योग घराने में 14 जून 1967 को जन्मे कुमार मंगलम बिड़ला आज सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक हैं। उनका नाम फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में छठवें पायदान पर हैं। इसके साथ ही 1070 करोड़ डॉलर की संपत्ति के साथ वो दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 127वें पायदान पर हैं।
भारत के टॉप बिजनेसमैन- कुमार मंगलम बिड़ला – Kumar Mangalam Birla
पिता आदित्य बिड़ला की मौत के बाद महज 28 साल की उम्र में मशहूर बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष बनाए गए, जिस पर कई सवाल भी खड़े हुए। ऐसे में इतने बड़े ग्रुप की जिम्मेदारी संभालना उनके लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं थी। लेकिन कुमार मंगलम बिड़ला ने अपनी काबिलियत, हुनर, मेहनत, सोच और विनम्र व्यवहार न सिर्फ बिड़ला ग्रुप का बिजनेस करीब 20 गुना आगे बढ़ाया बल्कि कई नए क्षेत्रों में भी कंपनी का विस्तार किया।
आपको बता दें कि कुमार मंगलम बिड़ला ने दूरसंचार, सॉफ्टवेयर, बीपीओ जैसे क्षेत्रों में कंपनी का विस्तार किया और बिड़ला ग्रुप को सफलता की नई ऊंचाईयों पर पहुंचाया। इसके अलावा उन्होंने पहले से मौजूद बिजनेस को भी बड़ी मजबूती दी है।
आपको बता दें कि आदित्य बिड़ला ग्रुप के अंतर्गत ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, आदित्य बिरला रिटेल, आदित्य बिरला मिनिक्स समेत कई कंपनिया आती है।
इसके अलावा वे घनश्याम दास बिड़ला द्दारा स्थापित इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स पिलानी) के भी चांसलर (कुलाधिपति) हैं।
मशहूर कॉलेज बिट्स पिलानी को दुनिया के सबसे अच्छे कॉलेजों में से एक बनाने के लिए भी कुमार मंगलम बिड़ला ने कई काम किए हैं। इसके अलावा भारत की पहली इनोवेशन फेस्ट – क्वार्क (QUARK) 2010 की शुरूआत के लिए बिट्स परिसर का पहली बार मुआयना करने के लिए वे गोवा भी गए थे।
भारत के अलावा बिड़ला ग्रुप का कारोबार लगभग 40 देशों में फैला है, जिनमें थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन्स, मिस्र, कनाडा, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं।
उन्होंने जब बिड़ला ग्रुप की कमान संभाली थी, तब इस ग्रुप का टर्नओवर 2 अरब डॉलर था, जो उनके नेतृत्व में बढ़कर आज करीब 40 अरब डॉलर हो गया। बिड़ला ग्रुप में करीब 1.5 लाख लोग काम करते हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि बिड़ला ग्रुप की 60 फीसदी कमाई विदेश से आती है।
कुमार मंगलम बिड़ला राजस्थान के एक मशहूर और ख्याति प्राप्त मारवाड़ी व्यापारी बिड़ला परिवार से हैं और वे बिड़ला परिवार के चौथी पीढ़ी के सदस्य हैं। कुमार मंगलम बिड़ला का बचपन कोलकाता और मुंबई में गुजरा।
उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय से कॉमर्स से अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद चार्टर्ड एकाउंटेंसी की परीक्षा कर एक चार्टर्ड एकाउंटेंट बन गए और फिर लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए (MBA) की डिग्री भी हासिल की। यहां के वे एक मानद सदस्य भी हैं।
कुमार मंगलम बिड़ला तीन बच्चों के पिता भी हैं, इनकी शादी नीरजा कस्लीवाल से हुई है। नीरजा भी उनकी तरह ही बिजनेसमैन शंभू कासलीवाल की बेटी है, उनके पिता ने अपने घर का नाम अपनी बेटी नीरजा के नाम पर ही रखा था।
कुमार मंगलम बिड़ला समय-समय पर कई नियामक और व्यावसायिक बोर्डों पर कई महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर प्रतिष्ठित रहे हैं और अभी भी हैं। आपको बता दें कि वे 2006 और 2007 में कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा गठित सलाहकार समिति के अध्यक्ष भी बनाए गए थे।
इसके अलावा भारत के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार कुमार मंगलम बिड़ला धानमंत्री द्वारा गठित व्यापार और उद्योग के सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे उद्योग और वाणिज्य मंत्री द्वारा गठित व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष और भारतीय रिज़र्व बैंक के केन्द्रीय बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के सदस्य के रूप में भी काम कर चुके हैं।
राजस्थान के बेटे कुमार मंगलम बिड़ला के रजवाड़े शौक हैं, यही वजह है कि उन्होंने मुंबई के मालाबार हिल स्थित सी-फेसिंग जटिया हाउस को खरीदा था, जो कि उस समय मुंबई की सबसे महंगी प्रॉपर्टी थी।
जटिया हाउस की नीलामी में बिड़ला ने इस 2 मंजिला घर को 425 करोड़ रुपए में खरीदा था। आपको बता दें कि यह बंगला 30,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसे खरीदने की दौड़ में पिरामल रियल्टी समेत पांच लोग और शामिल थे।
कुमार मंगलम बिड़ला को मिले हुए पुरस्कार और सम्मान – Kumar Mangalam Birla Awards
फिलहाल उद्योग जगत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला को कई पुरस्कार और सम्मान से भी नवाजा जा चुका है।
- उन्हें साल 2005 में साल के अर्न्स्ट एण्ड यंग उद्यमी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सन 2005 में उन्हें बिजनेस टूडे द्वारा “सीईओ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ युवा प्रदर्शन” के लिए नामांकित किया गया। - सन 2005 में पीएचडी चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने उन्हें ‘उद्योग रत्न’ से सम्मानित किया।
- सन 2004 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डावोस) द्वारा उन्हें ‘यंग ग्लोबल लीडर्स’ में से एक के रूप में चुना गया।
- भारतीय उद्योग जगत में उनके अनुकरणीय योगदान के सम्मान में, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय ने बिड़ला को सन 2004 में डी. लिट (होनोरिस कौजा) डिग्री से सम्मानित किया।
- सन 2004 में ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन ने उन्हें अपनी “मानद फैलोशिप” प्रदान की।
- सन 2003 में उन्हें इकोनॉमिक टाइम्स अवार्ड्स द्वारा “द बिजनेस लीडर ऑफ द इयर” का पुरस्कार दिया गया।
- जनेस इंडिया ने उन्हें “बिज़नेस मैन ऑफ़ द इअर – 2003″ चुना।
- द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रीअल इंजीनियरिंग (NITIE) – “द लक्ष्य – बिजनेस विज़नरी पुरस्कार” भी उन्हें सन 2003 में दिया गया।
- सन 2003 में भारत-अमेरिकी सोसायटी के “यंग अचिवर पुरस्कार” से सम्मानित किये गए।
- सन 2002 में सीएनबीसी/आईएनएसईएडी द्वारा प्रायोजित “एशियाई बिजनेस लीडर” सम्मानित किये गए।
- पुरस्कार 2002 के लिए पहले पांच एशियाई व्यापार नेताओं में स्थान दिया गया।
- सन 2001 में उन्हें “व्यावसायिक उत्कृष्टता और उद्योग में उनके योगदान” के लिए द जायंट्स इंटरनेशनल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- सन 2000 में बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन ने कुमार मंगलम बिरला को “द मैनेजमेंट मैन ऑफ द इयर 1999-2000 के रूप में सम्मानित किया।
- कुमार मंगलम बिड़ला ने जिस तरह अपनी काबिलियत के बल पर खुद को साबित किया जो कि वाकई तारीफ-ए-काबिल है।
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Thanks aapne inke bare me itna Achhe se smjhaya hai…
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