किरण बेदी का जीवन परिचय

”सब कुछ संभव है, कुछ भी असंभव नहीं है, किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सिर्फ कोशिश करने की जरूरत है।”

यह कहना है किरण बेदी का।

शायद उनके इसी तरह के महान विचारों और जज्बा से ही उन्हें देश की पहली महिला आईपीएस होने का गौरव हासिल हुआ है। जिस वक्त पुलिस विभाग में पुरुषों का दबदबा होता था, उस दौरान उन्होंने आईपीएस बनकर समाज में बदलाव की तरफ इशारा किया था।

किरण बेदी ने न सिर्फ एक पुलिस अफसर के तौर पर कैदियों की दशा को सुधारने समेत महिला सशक्तिकरण का मुद्दा उठाया बल्कि उन्होंने खुद को एक सशक्त राजनेता और बेहतरीन समाजिक कार्यकर्ता के रुप में भी पेश किया है।

आइए जानते हैं अपने साहिसक कामों के लिए पहचानी जाने वाली देश की प्रथम महिला आईपीएस किरण बेदी के जीवन के बारे में-

निडर, साहसी एवं देश की पहली महिला IPS ऑफिसर किरण बेदी का जीवन परिचय – Kiran Bedi Biography in Hindi

Kiran Bedi

एक नजर में –

वास्तविक नाम (Real Name) किरण पेशावरिया
जन्म (Birthday) 9 जून 1949, अमृतसर, पंजाब
पिता (Father Name) प्रकाश लाल पेशावरिया (वस्त्र व्यवसायी)
माता (Mother Name) प्रेम लता
पति (Husband) बृज बेदी (टेनिस खिलाड़ी)
शैक्षणिक योग्यता (Education)
  • अंग्रेज ऑनर्स से ग्रेजुएशन
  • राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री
  • दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री
  • सोशल साइंसेज से पीएचडी

जन्म, परिवार एवं प्रारंभिक जीवन –

देश की पहली महिला आईपीएएस का गौरव हासिल करने वाली किरण बेदी पंजाब के अमृतसर में 9 जून, 1949 को जन्मीं थी। उनके पिता प्रकाश लाल परेशावरिया एक कपड़ा व्यापारी के साथ-साथ एक टेनिस खिलाड़ी भी थे।

किरण ने अपने पिता से ही प्रोत्साहित होकर कम उम्र से ही टेनिस खेलना शुरु कर दिया था। वहीं उनकी माता प्रेम लता एक हाउस वाइफ थीं। किरण की तीन बहनें भी हैं। उनकी बहनों में रीता टेनिस खिलाड़ी और अनु भी टेनिस खिलाड़ी है। वहीं किरण बेदी के माता-पिता ने पुरुष प्रधान देश में अपने बेटियों को पढ़ाने -लिखाने के लिए कई संघर्षों को झेला।

हालांकि किरण बेदी अपने माता-पिता की उम्मींदों पर खरीं उतरी और न सिर्फ शिक्षा बल्कि खेल में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा को साबित किया।

शिक्षा –

किरण बेदी ने अपनी शुरुआती पढा़ई अमृतसर के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से की। वहीं स्कूल के दौरान ही किरण बेदी ने नेशनल कैडेट कॉर्प्स (NCC) ज्वॉइन कर लिया था।

साल 1968 में किरण बेदी ने अमृतसर के गर्वनेंट कॉलेज फॉर वुमन से इंग्लिश में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। साल 1970 में किरण बेदी ने पंजाब यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में मास्टर की डिग्री हासिल की और इस दौरान वे टॉपर रहीं।

1988 में बेदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी की। 1993 में किरण बेदी ने आईआईटी दिल्ली से सोशल साइंस में PHD की और ड्रग, एब्यूज एवं डोमेस्टिक वायलेंस पर थीसिस लिखी थी।

शादी एवं बच्चे –

किरण बेदी ने 9 मार्च, 1972 में टेनिस प्लेयर बृज बेदी के साथ शादी कर ली थी। किरण बेदी की अपने लाइफ पार्टनर से मुलाकात टेनिस कोर्ट पर ही हुई थी।

उस दौरान दोनों की टेनिस प्रैक्टिस करने के दौरान दोस्ती हुई और फिर इसके बाद दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद 1975 में उन्हें सायना नाम की बेटी हुई। हालांकि, साल 2016 में कैंसर की वजह से उनकी पति की मृत्यु हो गई।

एक टेनिस प्लेयर के रुप में –

9 साल की उम्र से ही किरण बेदी ने अपने पिता से प्रेरित होकर टेनिस खेलना शुरु कर दिया था। साल 1964 से किरण बेदी ने टेनिस प्लेयर के रुप मे अपने करियर की शुरुआत की थी।

1966 में किरण बेदी जूनियर नेशनल लॉन टेनिस चैम्पियनशिप जीता था। साल 1968 में किरण बेदी ने ऑल इंडिया इंटरवेर्सिटी टेनिस टाइटल का खिताब जीता।

साल 1975 में किरण बेदी ने अखिल भारतीय अंतरराष्ट्रीय महिला लॉन टेनिस चैम्पियनशिप में जीत प्राप्त की। साल 1976 में किरण बेदी ने नेशनल विमेंस लॉन टेनिस चैम्पियनशिप में जीत दर्ज की।

इसके अलावा किरण बेदी साल 1973 में श्रीलंका के खिलाफ भी भारत का प्रतिनिधित्व कर लियोनेल फोंसेका मेमोरियल ट्रॉफी जीत चुकी हैं।

सिविल सर्विसेज में करियर –

  • एक प्रोफेसर के तौर पर अपनी करियर की शुरुआत करने वाली किरण बेदी ने 1972 में इंडियन पुलिस सर्विसेज (IPS) में देश की पहली महिला आईपीएस बनकर इतिहास रचा।
  • IPS में सेलेक्शन के बाद किरण बेदी ने कई महीनों तक राजस्थान के माउंट आबू में ट्रेनिंग ली थी।
  • अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम- संघ शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर में वो 80 पुरुषों के बीच इकलौती महिला थीं। यह एक गौरवमयी क्षण था।
  • साल 1975 में किरण बेदी की पहली पोस्टिंग नई दिल्ली में चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में उप-मंडल पुलिस अधिकारी के तौर पर हुई और इस साल स्वतंत्रता दिवस की परेड में उन्होंने पुरुषों का प्रतिनिधित्व किया था।
  • साल 1979 में किरण बेदी को पश्चिमी दिल्ली में डीसीपी के रुप में पोस्टिंग मिली। यहां पर क्राइम कंट्रोलिंग के लिए पर्याप्त ऑफिसर नहीं होने पर उन्होंने ग्रामीणों को स्वंयसेवी बना दिया था और पुलिस पेट्रोलिंग के साथ उनकी मदद्द के लिए काफी पुलिस फोर्स भी तैनात की थी।
  • साल 1981 में किरण बेदी ने दिल्ली में ट्रैफिक डीसीपी का पद संभाला। इस दौरान उन्होंने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए कई काम किए एवं अवैध पार्किंग के खिलाफ कानून बनाए। वहीं क्रेन की शुरुआत करने का क्रेडिट भी किरण बेदी को ही जाता है। इसी वजह से लोग उन्हें उस दौरान ”क्रेन बेदी” भी कहते थे।
  • साल 1983 में किरण बेदी का ट्रांसफर गोवा में ट्रैफिक एसपी के रुप में कर दिया गया था। उन्होंने अपने इस ट्रांसफर के पीछे देश की पहली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, आर. के.धवन समेत कुछ उच्च अधिकारियों को बताया था।
  • साल 1984 में किरण बेदी नई दिल्ली में रेलवे सुरक्षा बल में उप कमांडेंट के रुप में नियुक्त हुईं। इसी साल उन्होंने औद्योगिक विकास विभाग में उप निदेशक के तौर पर काम किया था।
  • साल 1985 में किरण बेदी ने नई दिल्ली में पुलिस मुख्यालय का कार्यभार बखूबी संभाला।
  • इसके बाद साल 1986 में किरण बेदी ने उत्तरी दिल्ली में डीसीपी के तौर पर अपनी सेवाएं दीं।
  • साल 1988 में किरण बेदी ने दिल्ली में उप निदेशक और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) में काम किया।
  • साल 1990 में किरण बेदी ने मिजोरम में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (रेंज) के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
  • साल 1993 में दिल्ली की आईजी बनीं।
  • इसके बाद लगातार वे कई पदों पर तैनात रहीं और उनकी आखिरी पोस्टिंग साल 2005 में डायरेक्टर जनरल ऑफ़ इंडिया ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट में हुईं।
  • साल 2007 में किरण बेदी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया।

राजनेता के रुप में –

किरण बेदी एक पुलिस अधिकारी और समाजसेवी के साथ-साथ एक सशक्त एवं निडर राजनेता भी हैं। उन्होंने साल 2015 में बीजेपी ज्वॉइन की थी और इसी साल उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की तरफ से सीएम उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।

हालांकि, इस चुनाव में उन्होंने कृष्णा नगर निर्वाचन क्षेत्र से आप पार्टी के उम्मीदवार एस. के. बग्गा से 2 हजार 277 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। फिर इसके बाद 22 मई, 2016 में किरण बेदी को केन्द्र शासित प्रदेश पुड्डूचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर (उप-राज्यपाल) के पद पर नियुक्ति मिली थी, जिसमें वे वर्तमान में भी कार्यरत हैं।

समाजिक कार्यकर्ता के रुप में –

किरण बेदी एक पुलिस ऑफिसर के तौर पर ही नहीं बल्कि एक समाजसेवी के रुप में भी काम करती रहती हैं। उनके कुछ सामाजिक काम इस प्रकार हैं- साल 2001 में वे समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाए गए ”इंडिया अगेंस्ट करप्शन” आंदोलन में शामिल हुईं।

किरण बेदी ने महिला सशक्तिकरण, अशिक्षा जैसे मु्ददों को उठाने समेत नशामुक्ति के उद्देश्य को लेकर नवज्योति इंडिया फाउंडेशन (NIF) नाम से एक NGO लॉन्च किया था।

किरण बेदी ने 1994 में कैदियों की स्थिति में सुधार कार्य, पुलिस सुधार, जेल सुधार, ग्रामीण और सामुदायिक विकास कार्य करने समेत महिला सशक्तिकरण को लेकर इंडिया विजन फाउंडेशन की भी स्थापना की थी।

किरण बेदी लोगों के पारिवारिक विवादों को सुलझाने के उद्देश्य से एक टीवी कार्यक्रम ‘आप की कचहरी’ को होस्ट भी करती थीं।

चर्चित विवाद –

साल 1982 में किरण बेदी उस समय विवादों से घिरीं रहीं जब उन्होंने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में ड्यूटी के दौरान अपने अवैध पार्किग के अभियान के दौरान देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार का चालान काट दिया था और बाद में जांच कमेटी के कहने के बाद भी बेदी ने सब इंस्पेक्टर का ट्रांसफर करने से मना कर दिया था।

साल 1983 में किरण बेदी उस दौरान काफी विवादों से घिरी रहीं जब उन्होंने अनौपचारिक रूप से गोवा की जनता के लिए ”जोरी ब्रिज” का उद्घाटन किया था।

  • किरण बेदी उस दौरान विवादों से घिरी रहीं, जब उन्हेोंने अपनी बेटी की देखभाल के लिए छुट्टी एप्लाई की थी, और आईजीपी द्धारा इसे रिकमंड भी करवाया था, लेकिन उस दौरान गोवा सराकर ने अधिकारिक तौर पर लीव नहीं दी थी, और गोवा के सीएम प्रताप सिंह राने ने किरण को बिना अवकाश दिए छुट्टी पर होने की घोषणा की थी।
  • किरण बेदी को उस दौरान काफी आचोलनाओं हुई थी, जब उन्होंने दिल्ली के लाल किले पर बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठी चार्ज का आदेश दिया था।
  • साल 1988 में किरण बेदी को उस दौरान वकीलों के विरोध का सामना, जब उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील राजेश अग्निहोत्री को हथकड़ी से बांधकर कोर्ट में पेश किया था।
  • साल 1992 में, उस दौरान किरण बेदी ने काफी सुर्खियां बटोरीं थी, जब उनकी बेटी सुकृति ने लेडी होर्डिंग मेडिकल कॉलेज (दिल्ली) में एडमिशन लेने के लिए मिजोरम निवासी कोटे से आवेदन किया था, जिसके चलते मिजोरम छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था और उनका गैर मिजो होने का दावा किया था, हालांकि बाद में बेदी को मिजोरम छोड़ना पड़ा था।
  • किरण बेदी उस दौरान भी काफी विवादों से घिरीं रहीं थी, जब वे तिहाड़ जेल में आईजी के पद पर तैनात थी, तब उन पर कैदियों की सुरक्षा को नजरअंदाज करने के आरोप लगाए गए थे।
  • साल 1993 में बेदी को उस दौरान लोगों की तीखी टिप्पणियों का शिकार होना पड़ा था, जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने एक अंडर ट्रायल कैदी के मेडिकल जांच को अनदेखा करने पर अल्टीमेटम दे दिया था।
  • साल 1994 में, किरण बेदी उस समय काफी विवादों में रहीं जब उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में न्यूज लेटर पब्लिश कर दिल्ली सरकार की काफी आलोचना की थी। दरअसल, उन्हें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन द्धारा द्धारा नेशनल प्रेयर ब्रेकफास्ट के लिए दो बार न्योता दिया गया था, लेकिन दोनों बार ही दिल्ली सरकार ने इसे अस्वीकार कर दिया था।

अपने तेज-तर्रार स्वभाव के लिए मशहूर किरण बेदी को उस समय काफी आलोचनाएं सहनी पड़ी थीं, जब उन्होंने जेल के नियमों के खिलाफ जाकर तिहाड़ जेल के एक भयंकर अपराधी चार्ल्स सोभराज को टाइपराइटर उपलब्ध करवाया था।

26 नवंबर 2011 में, किरण बेदी उस समय काफी विवादों से घिरीं रहीं, जब उन पर NGO के फंड के गलत इस्तेमाल के आरोप लगाए गए और दिल्ली पुलिस क्राइम बैंच में केस दर्ज किया गया। इसकी शिकायत दिल्ली के वकील देविंदर सिंह चौहान ने की थी।

उपलब्धियां एवं पुरस्कार –

  • साल 1968 में किरण बेदी को एनसीसी कैडेट अधिकारी पुरस्कार से नवाजा गया।
  • साल 1972 में किरण बेदी को देश की पहली महिला IPS ऑफिसर बनने का गौरव हासिल हुआ।
  • साल 1976 मे किरण बेदी ने नेशनल वुमन लॉन टेनिस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया।
  • साल 1979 में किरण बेदी ने अकाली-निरंकारी संघर्ष के दौरान हिंसा को रोकने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाई थी, इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • साल 1980 में किरण बेदी को वुमन ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया।
  • साल 1992 में किरण बेदी को इंटरनेशनल वुमन अवॉर्ड से नवाजा गया था।
  • साल 1994 में किरण बेदी को उत्कृष्ट सरकारी सेवा के लिए रामन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • साल 1995 में किरण बेदी को समुदाय सेवा के लिए लायंस क्लब द्वारा लायंस ऑफ़ द ईयर पुरस्कार दिया गया।
  • साल 2004 में किरण बेदी को बेहतरीन सेवा के लिए यूनाइटेड नेशन मैडल से पुरस्कृत किया गया।
  • साल 2005 में किरण बेदी को जेल और दंड प्रणाली में सुधार एवं सामाजिक न्याय के लिए अखिल भारतीय ईसाई परिषद द्वारा ‘‘मदर टेरेसा मेमोरियल राष्ट्रीय पुरस्कार” से नवाजा गया।
  • साल 2006 में किरण बेदी को द वीक द्वारा देश की सबसे अधिक प्रशंसित महिला के रुप में नवाजा गया।
  • साल 2009 में किरण बेदी को आज तक टीवी चैनल द्दारा महिला उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा गया।
  • साल 2013 में किरण बेदी को राय यूनिवर्सिटी द्धारा ऑनरी डिग्री ऑफ डॉक्टर ऑफ पब्लिक सर्विस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • साल 2014 में किरण बेदी को सामाजिक प्रभाव डालने के लिए “लो ओरियल पेरिस फेमिना महिला पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।

किताबें –

किरण बेदी ने आईपीएस, राजनेता और समाजसेवा के तौर पर ही खुद को साबित नहीं किया, बल्कि उनके अंदर लेखक के भी गुण है।

उन्होंने आई डेयर (I Dare), क्रिएटिंग लीडरशिप, इट्स ऑलवेज पॉसिबल, जैसी कई किताबें लिखी हैं। इसके अलावा वे मलेशिया में लीडरशिप ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट आइक्लिफ (Iclif) में विजिटिंग फैकल्टी भी हैं।

बायोपिक –

देश की पहली महिला ऑफिसर किरण बेदी के प्रभावशाली और प्रेरणात्मक जीवन से प्रभावित होकर एक ऑस्ट्रेलियन फिल्म मेकर ने उनकी लाइफ पर ‘यस मैडम सर’ नाम की बायोपिक भी बनाई है।

इस फिल्म को दुनिया के कई फिल्म महोत्सवों में भी दिखाया जा चुका है। उनकी इस जीवनी को देखते हुए उनका एक सुविचार हमारे लिए प्रेरणादायक साबित होता है। –

जो लोग समय रहते अपने जीवन का चार्ज नहीं ले लेते। वे बाद में समय द्वारा लाठी चार्ज किये जाते है।

इस सुविचार से हमें यह सीख मिलती है की बाद में पछताने की बजाये समय रहते हमने अपने जीवन के अत्यावश्यक कामो को पूरा कर लेना चाहिये। और समय की कीमत करनी चाहिये न की उसे व्यर्थ करना चाहिये।

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