Khajuraho Temple History in Hindi
मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित खजुराहों के मंदिर अपनी अद्भुत शिल्पकला और अकल्पनीय मूर्तिकला के लिए पूरी दुनिया भर में मशहूर है। यहां भारत के बेहद प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों का समूह है। वहीं इन मंदिरों की दीवारों पर बनी कामोत्तेजक मूर्तियां यहां आने वाले सभी सैलानियों का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करती हैं।
खजुराहों में हिन्दू और जैन धर्म के प्रमुख मंदिरों का समूह है, जो खजुराहों समूह के नाम से प्रसिद्ध है। चंदेला साम्राज्य में बने इस अद्भुत मंदिर को इसकी भव्यता और आर्कषण की वजह से विश्व धरोहर में शामिल किया गया है, तो आइए जानते हैं भारत के इस प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य –
खजुराहो मंदिर का रोचक इतिहास – Khajuraho Temple History In Hindi
खजुराहों के मंदिरों के बारे में संक्षिप्त विवरण – Khajuraho Mandir Ki Jankari
कहां स्थित है (Khajuraho Ka Mandir Kaha Hai) | भारत के मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित एक छोटा सा कस्बा है। |
खजुराहों के मंदिरों का निर्माण किसने करवाया (Khajuraho Temple Was Built By) | चंदेला वंश के शासक चंद्रवर्मन ने करवाया था। |
खजुराहों के मंदिरों को कब बनवाया गया (Khajuraho Mandir Ka Itihas) | 950 और 1050 ईसवी के बीच खजुराहों के इस प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण करवाया गया। |
खजुराहो के मंदिर का इतिहास और इसकी प्रसिद्धि – Khajuraho Mandir History In Hindi
अपनी अद्भुत कलाकृति और कमोत्तेजक मूर्तियों के लिए दुनिया भर में मशहूर मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास स्थित खजुराहों के मंदिर काफी प्राचीन है। खुजराहों के शानदार मंदिरों का निर्माण चंदेल साम्राज्य के समय में किया गया था। भगवान चंद्र के बेटा राजा चन्द्रवर्मन ने खजुराहों के ज्यादातर मंदिरों की स्थापना की थी।
वहीं जैसे ही चंदेला शासन की ताकत का विस्तार हुआ था, उनके साम्राज्य को बुंदेलखंड का नाम दे दिया गया था और फिर उन्होंने खुजराहों के इन भव्य मंदिरों का निर्माण काम शुरु किया था। इन मंदिरों के निर्माण में काफी लंबा वक्त लगा था, 950 ईसापूर्व से करीब 1050 ईसापूर्व तक इन मंदिरों का निर्माण किया गया था।
इसके बाद चंदेल वंश के शासकों ने अपनी राजधानी उत्तरप्रदेश में स्थित महोबा को बनी ली थी। वहीं खुजराहों के बहुत से मंदिर हिन्दू राजा यशोवर्मन और ढंगा के राज में बनाए गए थे, जिसमें से लक्ष्मण और शिव जी को समर्पित विश्वनाथ जी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। वहीं 1017 से 1029 ईसापूर्व में गंडा राजा के शासनकाल में बना कंदरिया महादेव का मंदिर खजुराहों के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
आपको बता दें कि अपनी कलाकृति के लिए विश्व भर में मशहूर खजुराहो के मंदिर, उत्तरप्रदेश में स्थित महोबा से करीब 35 मील दूरी पर बनाए गए हैं। 12 वीं शताब्दी तक खजुराहों के मंदिर का सौंदर्य और आर्कषण बरकरार था, लेकिन 13 वीं सदी में जब दिल्ली सल्तनत के सुल्तान कुतुब-उद-द्दीन ने चंदेला साम्राज्य को छीन लिया था, तब खजुराहो मंदिर के स्मारकों में काफी बदलाव किया गया था, और इसके सौंदर्य में काफी कमी आ गई थी।
वहीं इसके बाद 13वीं से 18 सदी के बीच मध्यप्रदेश के खजुराहों के ऐतिहासिक और अद्भुत मंदिर मुस्लिम शासकों के नियंत्रण में थे। इस दौरान अपनी अद्भुत कलाकृति और शाही बनावट के लिए मशहूर इन मंदिरों को नष्ट भी कर दिया गया था। आपको बता दें कि लोदी वंश के शासक सिकंदर लोदी ने 1495 ईसवी में बलपूर्वक खुजराहों के कई प्रसिद्ध मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था।
वहीं कुछ इतिहासकारों के मुताबिक हिन्दू और जैन धर्म के इस खुजराहों के मंदिरों के समूह में पहले मंदिरों की संख्या 85 थी, जो कि पहले 20 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए थे, और अब इनमें से सिर्फ 20 मंदिर ही ऐसे बचे हैं, जो कि 6 किलोमीटर के दायरे में फैले हुए हैं। वहीं खजुराहों के इन मंदिरों में सही देखरेख के अभाव की वजह से काफी नुकसान भी हुआ था, इसके साथ ही कई मंदिरों से मूर्तियां भी गायब होने लगी थी।
यही नहीं कुछ लोगों ने खुजराहो के मंदिरों के दीवारों में बनाईं गईं कामोत्तक मूर्तियों को गलत संकेत मानकर नष्ट करने के भी प्रयास किए थे एवं इन अद्भभुत मूर्तियों को धर्म के विरुद्ध बताया था।
हालांकि, बाद में हिन्दू और जैन धर्म के लोगों ने मिलकर भारत के इस प्रसिद्ध मंदिरों की सुरक्षा को लेकर प्रयास भी थे किए, जिसकी वजह से सिर्फ 20-22 मंदिर ही सुरक्षित हैं, वहीं खजुराहों के मंदिरों को भव्यता और आर्कषण की वजह से साल 1986 में विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया था।
खजुराहों के मंदिर के निर्माण से जुड़ी कथा – Khajuraho Temple Story
अपनी अद्भुत कलाकृतियों और कामोत्तक मूर्तियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्द यह खजुराहो के मंदिर के निर्माण से लेकर एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है, जिसके मुताबिक काशी के प्रसिद्द ब्राहा्ण की पुत्री हेमावती, जो कि बेहद खूबसूरत थी।
एक दिन नदी में स्नान कर रही थी, तभी चन्द्रदेव यानि कि चन्द्रमा की नजर उन पर पड़ी और वे उनकी खूबसूरती को देखकर उन पर लट्टू हो गए और हेमवती को अपना बनाने की जिद में वे वेश बदलकर उसके पास गए और उन्होंने हेमवती का अपहरण कर लिया।
जिसके बाद दोनों को एक-दूसरे से प्रेम हो गया और फिर दोनों को चन्द्रवर्मन नाम का एक बेटा हुआ, जो कि बाद में एक वीर शासक बना और उसने चंदेल वंश की नींव रखी। हेमवती ने चन्द्रवर्मन का पालन-पोषण जंगलों में किया था, वह अपने पुत्र को एक ऐसे शासक के रुप में देखना चाहती थी, जिसके कामों से उसका सिर गर्व से ऊंचा उठे।
वहीं अपनी माता के इच्छानुसार चन्द्रवर्मन एक साहसी और तेजस्वी राजा बना, जिसने मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास स्थित खजुराहो में 85 बेहद खूबसूरत और भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया, जो कि अपने आर्कषण की वजह से आज भी पूरे विश्व भर में जाने जाते हैं।
खजुराहों के मंदिर की अद्भुत कलाकृतियां अपने आप में अनूठी और अद्धितीय है। वहीं इन मंदिरों के दीवार पर बनाई गईं कुछ कामोत्तेजक कलाकृतियां काफी शानदार है, जिसकी वजह से खजुराहो के मंदिर प्रमुख पर्यटन स्थल में शामिल किए गया, जिसे देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं।
खजुराहो मंदिर का निर्माण कब करवाया गया – When Was Khajuraho Temple Built
अपनी अद्भुत कलाकृतियों और कामोत्तक मूर्तियों के लिए विश्व भर में प्रसिद्द खजुराहों में इन बेहद शानदार मंदिरों का निर्माण चंदेला साम्राज्य के समय 950 और 1050 ईसवी के बीच में राजा चंद्रवर्मन ने करवाया था। यहां हिन्दू और जैन धर्म के मंदिरों का समूह है। खजुराहों के मंदिरों में महादेव जी को समर्पित एक कंदरिया महादेव जी का मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और भव्य मंदिर है।
खजुराहो मंदिर की प्रमुख विशेषताएं – Features Khajuraho Temple
खजुराहों के मंदिर अपनी भव्यता और सुंदर कलाकृतियां एवं मनमोहक कामोत्तक मूर्तिकला की वजह से पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस प्राचीनतम मंदिर की सुंदर कलाकृतियां दुनिया की सबसे खूबसूरत कलाकृतियों में शुमार हैं, जो कि कलाप्रेमियों का ध्यान अपनी तरफ आर्कषित करती हैं।
खजुराहों के मंदिर में दीवारों पर बनी इन अद्धितीय मूर्तियों की बेहतरीन कारीगिरी और नक्काशी की हर कोई तारीफ करता है। खुजराहों के मंदिर में बनी कामोत्तेजक मूर्तियां इसकी प्रमुख विशेषता हैं, इन आर्कषक मूर्तियों के द्धारा जो कामुक कला के अलग-अलग आसन प्रदर्शित किए गए हैं, लेकिन फिर भी यह प्रतिमाएं अश्लील प्रतीत नहीं होती हैं।
इस प्राचीन मंदिर की कलाकृतियों की अद्भुत शिल्पकारी और प्रभावशाली मूर्ति कला की भव्यता की वजह से इन्हें विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है। इस शानदार खजुराहों के मंदिर के अंदर करीब 246 कलाकृतियां हैं जबकि 646 कलाकृतियां बाहर हैं, जिनमें ज्यादातर कलाकृतियां कामुकता को प्रदर्शित करती हैं। इसकी बेहद विशेष कलाकृतियों की वजह से खजुराहों के मंदिर की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान है
खजुराहो मंदिर की अद्भुत वास्तुकला, आर्कषक कलाकृतियां एवं शानदार बनावट – Architecture Of Khajuraho Temple
मध्यप्रदेश के छतरपुर में स्थित भारत का यह प्रसिद्ध खजुराहो का मंदिर अपनी अद्भुत कलाकृतियों और कामोत्तक मूर्तियों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस मंदिर की दीवारों पर बेहद शानदार तरीके से कामोत्तेजक शिल्पकलाएं और मूर्तिकलाएं बनाईं गईं हैं। जिनकी संरचना बेहद जटिल है।
कुछ इतिहासकार और विद्धान यहां कामोत्तेजक प्रतिमा बनाए जाने के पीछे यह तर्क देते हैं कि यहां बेहद प्राचीन समय से कामुकता का अभ्यास किया जाता रहा है, जबकि कुछ इतिहासकारों ने चंदेला साम्राज्य के समय में बनाए गए इस भव्य मंदिर की दीवारों पर बनी कामोत्तेजक कलाकृतियां को हिन्दू परंपरा का एक हिस्सा बताया है, जो कि मानव शरीर के लिए बेहद जरूरी है।
आसाधारण प्रतिभा वाले कारीगरों ने चंदेला साम्राज्य के समय इन मूर्तियों को अद्भुत स्वरूप दिया है। वहीं खजुराहों के ज्यादातर मंदिर हिन्दू और जैन धर्म को प्रदर्शित करते हैं। मध्यकाल में खजुराहों के मंदिर भारतीय स्थापत्य और वास्तुकला के नायाब व उत्कृष्ट नमूना है।
वहीं खजुराहों के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में कमरें एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और कमरों में इस तरह से कलाकृतियों का निर्माण किया गया है कि कमरों की खिड़की से आने वाली सूर्य देवता की रोश्नी प्रत्येक कलाकृति पर पड़े। आपको बता दें कि सबसे प्राचीन और भव्य मंदिरों में से एक खजुराहों के मंदिर की दीवारों पर बनी कामुक कलाकृतियां, प्राचीन भारत की अनूठी परंपराओं और अनुपम कलाओं का प्रतिनिधित्व करती हुई प्रतीत होती हैं।
वहीं भारतीय मुगलकालीन स्थापत्य कला की मिसाल माने जाने वाली खजुराहों के इस प्रसिद्ध मंदिर की अद्भुत कलाकृतियां के भाव बेहद सजीव हैं, यहां की मूर्तियां बोलती हुईं प्रतीत होती हैं। वहीं इस प्रसिद्ध मंदिर की मूर्तिकला की सराहना कई बड़े-बड़े कलाकारों ने भी की है।
हालांकि, इस मंदिर में बनी हुई कामुक कलाकृतियां को लेकर इतिहासकारों और विद्दानों के अपने अलग-अलग विचार है। कुछ लोगों के मुताबिक यह अद्भुत प्रतिमाएं मध्यकालीन समाज की कमजोर नैतिकता को दर्शाती है, तो कुछ लोगों का मानना है कि यह कलाकृतियां कामशास्त्र के पौराणिक ग्रंथों के रचनात्मक आसनों का प्रदर्शन करती हैं, वहीं इन मूर्तियों पर बने स्त्री और पुरुष के चेहरे पर अलौकिक आनंदमयी भाव दिखाई देते हैं।
इन मूर्तियों के जरिए कामुकता को अध्यात्म से जोड़ने की कोशिश की गई है। यह मूर्तिकला इतनी भव्य और आर्कषक है, जिसकी वजह से खजुराहों के मंदिर को विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल किया गया है। वहीं इस अप्रतिम सौंदर्य की वजह से दुनिया भर से पर्यटक यहां आते हैं।
आपको बता दें कि इस ऐतिहासिक खजुराहों के मंदिरों में ज्यादातर मूर्तियां लाल बलुआ पत्थरों का इस्तेमाल कर बनाई गई हैं, जबकि कुछ मूर्तियों के निर्माण में ग्रेनाइट के पत्थरों का भी इस्तेमाल किया गया है,जिनमें से ललगुआं महादेव मंदिर, ब्रह्रा मंदिर और चौंसठ योगिनी ग्रेनाइट (कणाष्म) पत्थरों से बनाए गए हैं। इसके साथ खजुराहों के इस भव्य मंदिरों का निर्माण बिना किसी परकोटे के ऊंचे चबूतरों पर किया गया है, जिसकी खूबसूरती यहां आने वाले आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
खुजराहों में देवी-देवताओं को समर्पित हैं कई मंदिर – Khajuraho Temples
- नंदी मंदिर – Nandi Temple
अपनी आर्कषित और मनमोहक कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध खजुराहो का यह प्रसिद्ध मंदिर शिव वाहक नंदी को समर्पित है, जिसकी लंबाई कुल 2.20 मीटर है, और इसमें 12 खंभे बने हुए हैं। यह प्रसिद्ध मंदिर विश्वनाथ मंदिर के आकृति के सामान है।
- पार्वती मंदिर – Parvati Temple Khajuraho
वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल खजुराहो के मंदिर के अंदर माता पार्वती को समर्पित खूबसूरत मंदिर बना हुआ है, इस मंदिर में देवी गंगा भी विराजमान है।
- सूर्य मंदिर – Chitragupta Temple
अपनी विशेष कलाकृति के लिए मशहूर इस प्रसिद्द खजुराहो के मंदिर के अंदर भगवान सूर्य को समर्पित चित्रगुप्त का मंदिर बना हुआ है, जिसमें भगवान सूर्य की एक बेहद आर्कषक करीब 7 फीट ऊंची मूर्ती रखी गई है, जो कि 7 घोड़े वाले रथ को चलाती हुई प्रतीत होती है।
- विश्वनाथ मंदिर – Vishwanath Temple Khajuraho
मध्यप्रदेश राज्य के छतरपुर के पास स्थित भारत के इस प्रसिद्ध और भव्य मंदिर के अंदर भगवान शंकर जी को समर्पित विश्वनाथ जी का मंदिर बना हुआ है, जो कि यहां बने सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक हैं।
- कंदरिया महादेव मंदिर – Kandariya Mahadeva Temple
करीब 31 मीटर ऊंचे बने खजुराहों का यह कंदरिया महादेव मंदिर खुजराहों के मंदिरों में सबसे विशाल और भव्य मंदिर है, जो कि भगवान शिव जी को समर्पित है, इस मंदिर में कामुकता को दर्शाती हुईं करीब 872 मूर्तियां हैं, और प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई करीब 1 मीटर है।
- लक्ष्मण मंदिर – Lakshmana Temple
दुनिया के इस भव्य मंदिर के अंदर पर लक्ष्मण मंदिर काफी प्रसिद्ध है, इसके रामचंद्र चतुर्भुज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित ऐसा मंदिर है, जो कि चंदेल वंश के शासकों के समय में बनाया गया था।
- देवी जगदंबा मंदिर – Devi Jagadambi Temple
कुंडलीदार और बेहद जटिल रचना के आकार में बने इस विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के अंदर के अंदर देवी जगदंबा का मंदिर है, जो कि कंदरिया महादेव के उत्तर की तरफ बना हुआ है। जो कि कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्द है।
- चौंसठ योगिनी मंदिर – Chausath Yogini Temple Khajuraho
खजुराहों यह मंदिर 64 योगिनियों को समर्पित सबसे प्राचीन मंदिर है। जिसका निर्माण ग्रेनाइट के सुंदर पत्थरों से किया गया है।
- मंतगेश्वर मंदिर – Matangeshwar Temple Khajuraho
मंतगेश्वर मंदिर, खजुराहों का सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण राजा हर्षवर्मन द्धारा करीब 920 ईसवी में करवाया गया था, इसके बाद इस मंदिर में 2.5 मीटर का शिवलिंग भी मौजूद है, जहां अभी भी पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिरों के अलावा यहां वराह एवं लक्ष्मी का मंदिर भी बना हुआ है।
वहीं पूर्वी समूह के मंदिरों में वामन, विष्णु के वामन अवतार को समर्पित वामन, जैन, जावरी मंदिर स्थित हैं, जबकि दक्षिण समूह के मंदिरों में चतुर्भुज, दूल्हादेव आदि प्रसिद्ध हैं। इसके साथ ही यहां लाइट एवं साउंड शो भी होता है।
भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल के रुप में खजुराहो के मंदिर – Khajuraho Temple As Tourist Place
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो के मंदिर भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। जिनका निर्माण 950 और 1050 ईसवी में चंदेल साम्राज्य के समय में किया गया है।
आपको बता दें कि भारत में आगरा में स्थित दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक ताजमहल के बाद दूसरी सबसे ज्यादा घूमने वाली जगह खजुराहों ही है। अपनी अद्भुत वास्तुकला और शानदार कामोत्तजक मूर्तिकला की वजह से इसे दुनिया भर में जाना जाता है।
The Karma Sutra Sculptures in Khajuraho Temples images
खुजराहो मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प और रोचक जानकारी – Khajuraho Temple Facts
- मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो पहले खजूर के जंगलों के लिए मशहूर था, इसी वजह से इसका नाम खजुराहो पड़ा। जबकि खजुराहों का मंदिर का प्राचीन नाम ”खर्जुरवाहक” है।
- यूनेस्कों की लिस्ट में शामिल इस प्रसिद्ध मंदिर में कलाकृतियों के माध्यम से मध्यकालीन महिलाओं के पारंपरिक जीवनशैली को बेहद शानदार ढंग से प्रर्दशित किया गया है।
- चंदेला साम्राज्य के दौरान बने इस विश्व विरासत में कामुकता की अलग-अलग कलाओं और आसनों को बेहद रचनात्मक और सृजनात्मक ढंग से मूर्तिकला के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
- खजुराहों के इस प्राचीन मंदिर को तीन अलग-अलग समूहों में बांटा गया है, जिसमें पूर्वी समूह, पश्चिमी समूह एवं दक्षिणी समूह आदि हैं।
- इतिहासकारों के मुताबिक प्राचीन समय में खजुराहों में मंदिरों की संख्या करीब 85 थी, लेकिन फिर धीमे-धीमे इन मंदिरों को कुछ शासकों के द्धारा नष्ट कर दिया गया तो कुछ मंदिर प्राकृतिक आपदाओं के चलते ध्वस्त हो गए, जिसकी वजह से आज सिर्फ 22 मंदिर ही बचे हैं।
- मध्यकाल में बने इस प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिर में हिन्दू धर्म के कई देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को शानदार ढंग से उकेरा गया है, इसके साथ ही इसमें ब्रम्हा, विष्णु और महेश भगवान की उत्कृष्ट कलाकृतियां बनाई गई हैं।
- दुनिया भर में मशहूर इस प्रसिद्ध मंदिर की प्रतिमाओं के बारे में ऐसा कहा जाता है कि, इनकी चमक चमड़े से की गई रगड़ाई की वजह से है।
- खजुराहों के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर अपनी शानदार कलाकृतियां और विशाल छतों के लिए मशहूर है। हिन्दू और जैन धर्म के मंदिरों के समूह में धार्मिक मूर्तियां होने के साथ-साथ परिवार, सुंदरियां और अप्सराओं की प्रतिमाएं भी अंकित हैं।
- खजुराहों के इस विशाल मंदिर को जटिल कुंडलीदार रचना के आकार में बनाया गया है, जो कि अपनी बनावट के लिए दुनिया भर में जाना जाता है।
- खजुराहों के इस प्रसिद्ध मंदिर में पहले सिर्फ साधुओं का ही बसेरा रहता था, जिसका महत्व धीमे-धीमे कम होता जा रहा था, लेकिन 20 वीं शताब्दी में इस मंदिर को फिर से खोजा गया था। जिसके बाद इसे संरक्षित किया गया था।
- विश्व प्रसिद्ध खजुराहों के इस मंदिरों को मध्यकाल के दौरान सबसे बेहतरीन नमूना माना जाता था।
- भारत का यह सबसे प्राचीन मंदिर दूर से चंदन की लकड़ी से बना हुआ प्रतीत होता है, जबकि इसे सैंड स्टोन से निर्मित किया गया है।
खजुराहों के प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन के लिए ऐसे पहुंचे – Khajuraho Temple Location
भारत के मध्यप्रदेश प्रांत में स्थित खजुराहो एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जिसके सबसे पास झांसी, हरपालपुर, महोबा रेलवे स्टेशन है। जिसकी महोबा से दूरी करीब 54 किलोमीटर है, जबकि छतरपुर से यह 45 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है, यह सतना जिले से करीब 105 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यहां पहुंचने के लिए बेहतरीन बस सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा यहां हवाई मार्ग के माध्यम से भी पुहंचा जा सकता है, भारत के इस सबसे प्राचीन मंदिर के लिए दिल्ली, बनारस और आगरा से रोजाना विमान सेवा भी उपलब्ध है।
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