Karnataka History in Hindi
Karnataka – कर्नाटक दक्षिण भारत का राज्य है, जिसकी राजधानी बैंगलोर है। कर्नाटक भारत का छठा सबसे बड़ा राज्य है। यह बेलगौम से उत्तर में और मंगलौर के दक्षिण तक फैला हुआ है। आपको यहाँ बहुत से नारियल के पेड़ और सुंदर समुद्र तट और घाटियाँ और खेत देखने मिलते है।
कर्नाटक राज्य का इतिहास और जानकारी – Karnataka History in Hindi
राज्य का नाम(State Name) | कर्नाटक (Karnataka) |
कर्नाटक की राजधानी (Capital of Karnataka) | बैंगलोर (Bangalore) |
प्रमुख भाषा | कन्नड़, हिंदी, उर्दू। |
राज्य का साक्षरता प्रमाण | 75.36 प्रतिशत (%) |
क्षेत्रफल की दृष्टी से राज्य का देश में स्थान | छठवाँ (6th) |
कुल जनसँख्या अनुसार राज्य का देश में स्थान | आठवाँ(8th) |
राज्य निर्मिती का साल | 1 नवंबर 1956। |
राज्य का प्रमुख पेड़ (वृक्ष) (State Tree of Karnataka) | चंदन का वृक्ष। |
प्रमुख फूल (पुष्प) (State Flower of Karnataka) | कमल। |
प्रमुख पक्षी (State Bird of Karnataka) | इंडियन रोलर पक्षी (Indian Roller Bird) |
राज्य का प्रमुख जानवर (State Animal of Karnataka) | भारतीय हाथी। |
प्रमुख फल (State Fruit of Karnataka) | आम। |
राज्य अंतर्गत कुल जिलों की संख्या (District in Karnataka) | 31 (Thirty One) |
कुल तालुका (तहसील) की संख्या | 226। |
कुल ग्रामीण विभागों की संख्या | 29,483। |
वित्तीय तथा राज्यनिहाय कर्नाटक राज्य की कोड संख्या (State Code of Karnataka) | 29 (Twenty Nine) |
राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Karnataka) | हॉकी। |
कर्नाटक राज्य की जानकारी – Karnataka Information in Hindi
कर्नाटक का प्राचीन इतिहास पीलेओलिथिक संस्कृति से जुड़ा हुआ रहा है, जिनके हाथो में कुल्हाड़ी हुआ करति थी। प्राचीन कर्नाटक और सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास 3300 BCE पुराना है। BCE की तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक के मौर्य साम्राज्य में शामिल होने से पहले कर्नाटक का ज्यादातर भाग नंदा साम्राज्य का भाग था।
चार शताब्दियों तक यहाँ सातवाहन ने शासन किया और इससे कर्नाटक के ज्यादातर भागो का नियंत्रण उन्होंने अपने हाथो में ले लिया। सातवाहन के गिरते ही, पडोसी कदंबा और पश्चिमी गंगा साम्राज्य उगम हो गया और उन्होंने अपनी स्वतंत्र राजनितिक पहचान स्थापित की।
कदंबा साम्राज्य की स्थापना मयूर शर्मा ने की, जिसकी राजधानी वाराणसी थी। पश्चिमी गंगा साम्राज्य को तलाकड़ के साथ राजधानी के रूप में गठित किया गया। इतिहासकारों की जानकारी के अनुसार शासन प्रबंध में कन्नड़ भाषा का प्रयोग करने वाला यह पहला साम्राज्य था।
इन साम्राज्यों के बाद शाही कन्नड़ साम्राज्य जैसे बादामी चालुक्य, मान्यखेतांड राष्ट्रकूट साम्राज्य और पश्चिमी चालुक्य साम्राज्यों ने डेक्कन के विशाल भागो पर शासन किया और कर्नाटक को उन्होंने अपनी राजधानी बनाया। पश्चिमी चालुक्य ने वास्तुकला और कन्नड़ साहित्य की अद्वितीय कला को संरक्षित किया, जो 12 वी शताब्दी में होयसला कला के नाम से जाने जानी लगी।
वर्तमान दक्षिणी कर्नाटक (गंगावड़ी) के ज्यादातर भाग पर 11 वी शताब्दी में चोला साम्राज्य ने कब्ज़ा कर रखा था। 12 वी शताब्दी में होयसला साम्राज्य के आने से पहले चोला और होयसला आपस में क्षेत्र पर कब्ज़ा करने के लिए लड़ रहे थे। पहली सहस्त्राब्दी के बाद ही होयसला को क्षेत्र में शक्तियाँ मिल गयी।
इस समय साहित्य निखरा हुआ था, जिससे विशेष कन्नड़ साहित्य का उगम भी हुआ और वास्तुकला की वेसरा स्टाइल में मूर्तियों और मंदिरों का निर्माण किया जाने लगा। होयसला साम्राज्य के विस्तार में वर्तमान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के कुछ भाग भी शामिल हो चूका था।
14 वी शताब्दी के शुरू में हरिहर और बुक्का राय ने मिलकर वर्तमान बेल्लारी जिले की तुंगभद्रा नदी के तट पर विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की और होसपत्ताना (बाद में इसका नाम विजयनगर रखा गया) को अपने राज्य की राजधानी बनाया। दक्षिण भारत में मुस्लिम शासको के खिलाफ यह साम्राज्य बांध की तरह खड़ा हुआ और तक़रीबन 2 शताब्दी तक राज्य का नियंत्रण इन्ही के हाथ में था।
1565 में जब विजयनगर साम्राज्य तालीकोटा के युद्ध में इस्लामिक सल्तनत के आगे गिर गया तो कर्नाटक और दक्षिण भारत को मुख्य भौगोलिक बदलाव का सामना करना पड़ा। बीदर के बहमानी सल्तनत की मृत्यु के बाद बीजापुर सल्तनत का उगम हुआ और जल्द ही डेक्कन का नियंत्रण उन्होंने अपने हाथ में ले लिया, बाद में 17 वी शताब्दी में मुघलो द्वारा इन्हें पराजित किया गया।
बहमानी और बीजापुर शासक उर्दू और पर्शियन साहित्य और इंडो-सरसनिक वास्तुकला को बढ़ावा दे रहे थे। उस समय गोल गुम्बज़ उनकी वास्तुकला का मुख्य हिस्सा बन चूका था। 16 वी शताब्दी के समय कोकणी हिंदू कर्नाटक स्थानांतरित हो गये।
जबकि 17 वी और 18 वी शताब्दी के समय गुआन कैथोलिक उत्तर कनाडा और दक्षिण कनाडा में स्थानांतरित हो गये। इसका मुख्य कारण पुर्तगालियो द्वारा ज्यादा टैक्स वसूल करना और खाने की कमी था। इसके बाद हैदराबाद के निज़ाम, मराठा साम्राज्य, ब्रिटिश और मैसूर साम्राज्य के लोगो ने उत्तरी कर्नाटक पर राज किया। और विजयनगर साम्राज्य में अंतिम शासक कृष्णराज वोदेयार द्वितीय की मृत्यु के बाद राज्य पूरी तरह से आज़ाद हो गया।
बाद में मैसूर आर्मी के कमांडर-इन-चीफ हैदर अली ने क्षेत्र का नियंत्रण अपने हाथ ले लिया। उनकी मृत्यु के बाद वहाँ उनका बेटा टीपू सुल्तान आकर बस गया। लेकिन चौथे एंग्लो-मैसूर युद्ध में टीपू सुल्तान की मृत्यु हो गयी और परिणामस्वरूप 1799 में मैसूर को ब्रिटिश राज में शामिल कर लिया गया।
बाद में मैसूर साम्राज्य को पुनः वोडेयार में शामिल कर लिया गया और ब्रिटिश राज में मैसूर प्रांतीय राज्य बना रहा। 1857 के भारतीय विद्रोह से पहले 1830 में कर्नाटक के प्रांतीय राज्य पर बहुत से शासको ने राज किया। जबकि कित्तूर पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1848 में ही कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद सुपा, शोरापुर, नारगुडा, बागलकोट और दान्डेली के विद्रोह का उगम हुआ।
इन विद्रोह के परिणामस्वरुप ही 1857 के भारतीय विद्रोह की शुरुवात हुई, जिसका नेतृत्व मुन्दार्गी भीमराव, भास्कर राव भावे, हलागली बेदास, राजा वेंकटप्पा नायका और दुसरे नेताओ ने मिलकर किया। 19 वी शताब्दी के अंत में आज़ादी के अभियान ने आवेग प्राप्त कर लिया और 20 वी शताब्दी में कर्नाड सदाशिव राव, अलुरु वेंकट राय, एस।
निजलिंगप्पा, कंगाल हनुमंथिया, नित्तूर श्रीनिवास राव और दुसरे स्वतंत्रता सेनानियों ने इस अभियान को आगे बढाया। भारत की आज़ादी के बाद महाराजा जयचामा राजेन्द्र वोड़ेयार ने अपने साम्राज्य को भारत में शामिल करने की मंजूरी दे दी।
1950 में मैसूर को भारतीय राज्य बनाया गया और 1975 तक भूतपूर्व महाराजा को राज्यप्रमुख बनाया गया। एकीकरण अभियान की मांग के बाद कोडगु और कन्नड़ बोलने वाले क्षेत्र मद्रास, हैदराबाद और बॉम्बे को राज्य पुनर्निर्माण एक्ट, 1956 के तहत मैसूर राज्य में सम्मिलित कर लिया गया। बाद में 17 साल बाद 1973 में राज्य का नाम बदलकर कर्नाटक रखा गया।
कर्नाटक राज्य के जिले – Districts of Karnataka
भारत के प्रमुख समृध्द राज्यों की सूची में कर्नाटक राज्य शामिल है, जो के दक्षिण भारत का कन्नड़ भाषिक लोगो का राज्य है, बात करे राज्य के क्षेत्रफल विस्तार की तो राज्य अंतर्गत कुल 31 जिले शामिल है, जिनपर एक नजर यहाँ हम डालने वाले है जैसे के;- बागलकोट
- बिदर
- बैंगलोर ग्रामीण विभाग
- चिकमंगलूर
- बैंगलोर शहरी विभाग
- बेलगाँव
- बेल्लारी
- बिजापुर
- चामराजनगर
- चिकबल्लापुर
- धारवाड़
- चित्रदुर्ग
- दक्षिणा कन्नड़
- दवानागेरे
- हसन
- गडग
- गुलबर्गा
- हवेरी
- कोडागु
- कोलार
- कोप्पल
- मंड्या
- मैसूर
- रायचूर
- रामनगरा
- तुमकुर
- शिमोगा
- उत्तर कन्नडा
- उडुपी
- विजयनगर
- यादगीर
कर्नाटक की प्रमुख नदियाँ – Rivers in Karnataka
- कावेरी
- तुंगभद्रा
- कृष्णा
- हेमावती
- शरावती
- नेत्रावती
- मालप्रभा
- काली
- काबनी
- घटप्रभा
- भीमा
- शिमशा
- तुंगा
कर्नाटक राज्य के प्रमुख शिक्षा संस्थान / यूनिवर्सिटी – Universities of Karnataka
- राजीव गाँधी यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस,बैंगलोर
- गुलबर्गा यूनिवर्सिटी, गुलबर्गा
- कर्नाटक यूनिवर्सिटी, धारवाड़
- रानी चेन्नमा यूनिवर्सिटी, बेलगावी
- विश्वेश्वरैय्या तकनिकी यूनिवर्सिटी, बेलगाव
- कर्नाटक स्टेट मुक्त शिक्षा यूनिवर्सिटी, मैसूर
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैसूर, मैसूर
- कर्नाटक स्टेट लॉ यूनवर्सिटी, हुबली
- तुमकुर यूनिवर्सिटी
- कुवेम्पु यूनिवर्सिटी, शिवमोग्गा
कर्नाटक के पर्यटन स्थल – Tourist places in Karnataka
कर्नाटक का समुद्र तट काफी विशाल तों नही लेकिन यह भारत के सबसे सुंदर समुद्रो तटो का घर है। यहाँ के कुछ प्रसिद्ध समुद्र तटो में करवार, मुरुदेश्वर, मालपे उल्लाल और मंगलौर शामिल है।
- विश्व विरासत स्थल हम्पी
- नंदी हिल्स
- जोग फॉल्स
- बैंगलोर पैलेस
- लालबाग बॉटनिकल गार्डन
- मैसूर पैलेस
- बिजापुर का किला
- बांदीपुर नेशनल पार्क
- कुर्ग
- शिवानासमुद्र फॉल्स
- गोकर्ण
- बेलूर और हलेबिडु वास्तुशिल्प
- डांडेली
- चित्रदुर्ग प्राचीन वास्तुशिल्प
- चिकमंगलूर हिल स्टेशन
- बनारगट्टा नेशनल पार्क
- वंडरला
- नामद्रोलिंग मोनेस्ट्री
- हेब्बे फॉल्स
- कवाला केव्ज
कर्नाटक के प्रसिध्द धार्मिक स्थल – Temples in Karnataka
- श्री विरुपाक्ष मंदिर हम्पी
- इस्कॉन मंदिर बैंगलोर
- हसनाम्बा मंदिर
- सेंट अलॉयसिउस चर्च
- नामद्रोलिंग मोनेस्ट्री
- श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम
- चेन्नाकेशव मंदिर बेलूर
- शिवोहम शिव मंदिर
- गुरु नानक झिरा साहिब
- चतुर्मुख दिगंबर जैन मंदिर
- बाहुबली मंदिर
कर्नाटक के लोगो का प्रमुख खानपान – Staple food of Karnataka
यहाँ के लोगो के खानपान में मुख्यतः चावल के व्यंजन शामिल होते है जैसे के इडली, दोसा, चावल की खीर इसके अलावा अन्य पदार्थो में कोडुब्बू, रागी मुड्डे, बीसी बेलभाथ, लेमन राईस, बोंडा सुप, बोटी गुज्जु, चिकन करी, उपमा, केशरी भाथ, फिश करी, साधा राईस, रस्सम इत्यादि शामिल होता है।
कर्नाटक राज्य की भाषा – Language of Karnataka
इस राज्य की अधिकारिक भाषा कन्नड़ है और साथ ही उर्दू, तेलगु, तमिल, मलयालम, मराठी, तुलु, कोकणी और हिंदी शामिल है। ज्यादातर शिक्षित लोगो द्वारा अंग्रेजी और हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है।
कर्नाटक राज्य का सांस्कृतिक जीवन – Cultural life of the state of Karnataka
कर्नाटक के पास समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, जो सतत विविध साम्राज्यों के योगदान से आगे बढती रही है। कर्नाटक के साहित्य, वास्तुकला, लोक-साहित्य, संगीत, चित्रकला और दूसरी कलाओ का प्रभाव काफी लोगो पर पड़ा है। मैसूर से 90 किलोमीटर की दुरी पर बसे श्रावणबेला गाँव में प्राचीन इमारते और स्मारक बने हुए है। यहाँ पर मौर्य साम्राज्य की विशेष वास्तुकला भी देखने मिलती है।
साथ ही 10 वी शताब्दी के जैन संत बाहुबली के पत्थरो की मूर्ति भी यहाँ बनी हुई है। चालुक्य (543-757 CE) और पल्लव (चौथी से नौवी शताब्दी) साम्राज्य का प्रभाव आज भी हमें यहाँ दिखाई देता है। कर्नाटक राज्य में शुरू से ही चित्रकला और पेंटिंग कला में काफी ज्यादा उन्नति हुई दिखाई पड़ती है, जिसपर मैसूर कला पध्दति का काफी ज्यादा प्रभाव दिखाई पड़ता है।
मैसूर कला पद्धति में राजघरानों की जीवनशैली, मान्यताएँ तथा उपलब्धियाँ इत्यादि की झलक देखने को मिलती है, इसके अलावा ग्रामीण जीवनशैली तथा आदिवासी लोगो के जीवनशैली का प्रभाव भी चित्रकला में दिखाई देता है। राज्य में मौजूद हम्पी, कवाला केव्ज और अन्य स्थलों पर बने शिल्पकला के अद्भुत वास्तु देखकर यहाँ की शिल्पकला का अनुमान भी लगाया जा सकता है।
कर्नाटक राज्य की संगीत कला – Music Arts in Karnatka
यहाँ के संगीत में संस्कृत, कन्नड़ भाषाओ में ढेर सारे गीतों का निर्माण किया गया है, जिसमे भारतीय शास्त्रीय संगीत के साथ पश्चिमी संगीत की भी झलक देखने को मिल जाती है। यहाँ संगीत में दक्षिण भारतीय जीवनशैली, संगीत से जुड़े वाद्य का प्रभाव अधिक होता है, इसके अलावा कर्नाटक के संगीत में प्राचीन भारतीय मान्यताये और परंपराओ को भी विशिष्ट स्थान दिया हुआ रहता है।
कर्नाटक राज्य की नृत्य कला – Dance Art of Karnataka
इस राज्य के प्रमुख परंपरागत नृत्य में डोल्लू कुनीथा और यक्षगान शामिल होते है। इसके अलावा दम्मामी नृत्य, नागमंडला, गारुड़ी गोम्बे, गोरवा कुनिता, टोगलू गोम्बेत्ता, सोमना कुनिता, जूडू हलिगी, कामसले, वीरगासे, कृष्णा -परिजीथा, बोलक आट, उम्मत आट इत्यादि अन्य प्रकार के नृत्य भी विशेष त्यौहारों,धार्मिक कार्यक्रम तथा शुभ प्रसंगो पर किये जाते है।
कर्नाटक के लोगो की वेशभूषा – Dress / Costume of Karnataka
इस राज्य में महिलाओ के मुख्य परिधान में साड़ी शामिल होती है, वही पुरुष धोती और कुर्ता पहनते है इसके अलावा पुरुषो के परंपरागत पोशाख में पांचे नामक वस्त्र प्रकार भी शामिल होता है। आम तौर पर लुंगी और वेष्टि भी पुरुषो द्वारा पहना जाता है, आधुनिकता के इस युग में शर्ट और जींस तथा फॉर्मल पैंट भी इनके पहनावे में पाई जाती है।
कर्नाटक के धर्म – Religion of Karnataka
पहली सहस्त्राब्दी के समय बुद्ध धर्म कर्नाटक के कुछ भागो जैसे गुलबर्गा और बनावसी का सबसे प्रसिद्ध धर्म था। कर्नाटक में तिब्बती शरणार्थी शिविर भी है। एतिहासिक सूत्रों के अनुसार प्राचीन समय में यहाँ ज्यादातर लोग बुद्ध धर्म को मानते थे और इसके प्रमाण हमें प्राचीन अभिलेखों से मिल जाते है।
राज्य में हिंदू और मुस्लिम धर्मो के लोग भी बड़ी मात्रा में शामिल है, बात करे कुल जनसँख्या अनुसार धर्म की तो संपूर्ण राज्य में हिंदू धर्मीय लोगो की संख्या सबसे अधिक है।
कर्नाटक के महोत्सव – Festival of Karnataka
मैसूर दशहरा का आयोजन नाडा हब्बा के रूप में किया जाता है और यही मैसूर का मुख्य महोत्सव है। कर्नाटक के दुसरे महोत्सवो में उगाडी (कन्नड़ नव वर्ष), मकर संक्रांति, नागपंचमी, गणेश चतुर्थी, बसवा जयंती, दीपावली और रमजान शामिल है।
इसके अलावा गौरी का त्यौहार, दशहरा, करगा त्यौहार, श्रवणबेलगोला महामस्तिष्काभिषेक उत्सव, पट्टदकल नृत्य उत्सव, कम्बाला उत्सव, वैरमुडी उत्सव, वरा महालक्ष्मी पूजा आदि उत्सवों का भी राज्य में खासा महत्व है।
कर्नाटक के प्रभावशाली व्यक्तित्व – Famous Personalities of Karnataka
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- टीपू सुल्तान
- एम विश्वेश्वरैय्या
- अनिल कुंबले
- राहुल द्रविड़
- दीपिका पादुकोण
- सुनील शेट्टी
- रोहित शेट्टी
- शिल्पा शेट्टी
- अनुष्का शेट्टी
- ऐश्वर्या राय
- गिरीश कर्नाड
- जवागल श्रीनाथ
कर्नाटक राज्य की ऐतिहासिक संस्कृति एवं परंपरा – Culture and Tradition of Karnataka
भारत के अन्य राज्यों के तरह कर्नाटक राज्य की भी खुदकी स्वतंत्र पहचान है, जिसमे राज्य अंतर्गत हुए उत्खनन से पुरातन अवशेषों में लगभग ५००० साल पूर्व ऐतिहासिक दस्तावेज मिले है जिनसे राज्य में हुए शासक और उनके शासन संबंधी जानकारी मिलती है।
द्रविड़ी शैली का प्रभाव यहाँ की जीवन शैली और वास्तुनिर्मिती में साफ तरह से देखने को मिलता है जिसमे धार्मिक वास्तु, भवन, स्मारक आदि प्रमुखता से शामिल है। राज्य में सातवाहन, नंद, बादामी के चालुक्य वंश ने, राष्ट्रकूट, चोल आदि राजघरानों ने राज्य करने के ऐतिहासिक दस्तावेज मौजूद है।
तत्कालीन समय में विजयनगर कर्नाटक का और भारतवर्ष का सबसे सुन्दर नगर हुआ करता था जिसकी निर्मिती हरिहर और बुक्क नामक बंधुओ ने की थी। इनके कुशल प्रशासन और नगररचना के बदौलत विजयनगर भारत का एकलौता सुंदर नगर कहलाया जाता था, जिसे मुस्लिम आक्रांताओ के आक्रमण द्वारा नष्ट किया गया था।
चालुक्य शासन में कन्नड़ भाषा को आधिकारिक तौर पर शासन में विभिन्न जगह पर इस्तेमाल में लाया गया था, इसके साथ कन्नड़ साहित्य के ग्रंथो रचनाओं और कलाओ को आधार भी दिया गया था। लगभग यही स्थिति इनके बाद सत्ता में आये होयसल और चोल शासनकाल में थी जिनके आपस में सत्तासंघर्ष भलेही चलते थे पर इन्होने कन्नड़ भाषा, साहित्य, कला तथा स्थापत्य से जुड़े मुद्दों पर विकासकार्य भी किया।
लगभग १८ वी सदी में टीपू सुल्तान के शासनकाल में मैसूर और कर्नाटक के कुछ प्रांतो में स्थापत्य और कला का बढ़ चढ़कर विस्तार हुआ, जिसमे मैसूर पैलेस आज भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कुल मिला के कर्नाटक के संस्कृति की बात करे तो शुरू से ही पूर्णतः द्रविड़ी शैली पर आधारित यहाँ के लोगो का जीवनमान है,जो आज के आधुनिकता के युग में भी कायम है साथ ही ये अपनी मान्यताओं, रूढ़ि परंपरा और सामाजिक परिवेश के नियम को बरक़रार रखे हुए है।
वैदिक काल के इतिहास पर नजर डाले तो द्रविड़ शुरू से ही एक शांतिप्रिय समुदाय था जिनका आर्यकाल में भारत के दक्षिण प्रांतो पर बसेरा हुआ, हड़प्पा संस्कृति को द्रविड़ संस्कृति इसीलिए भी शायद कहाँ जाता है क्योंकि आर्य काल पहले से भी द्रविड़ लोग भारतीय सभ्यता का हिस्सा थे।
भारत देश हमेशा से ही समृद्ध रहा हैं यहाँ के हर राज्य की कुछ अलग ही पहचान हैं। यहाँ के हर राज्य में हर चीज में विविधता हैं फिर चाहे वो भाषा में हो या संस्कृति में। लेकिन विविध जाती धर्म के सारे लोग यहाँ प्रेम भाव से एक साथ रहते हैं। वैसे कर्नाटक राज्य पर बहुत से शासकों ने राज किया और कई ऐतिहासिक स्मारकों की देन कर्नाटक राज्य को दी। ऐसे स्मारकों को पर्यटक प्रेमियों ने एक बार जरुर भेट देनी चाहियें।
कर्नाटक राज्य के बारेमें अधिकतर बार पूछे गए सवाल – Quiz on Karnataka
- कर्नाटक राज्य में पर्यटन हेतु जाने के लिए कौनसा समय सबसे उचित होता है? (Best Time to Visit Karnataka State) जवाब: अक्टूबर माह से लेकर अप्रैल के माह तक।
2. कर्नाटक राज्य के इतिहास से जुडी जानकारी हमें कौनसे किताबों से उपलब्ध होती है? (Karnataka History Books) जवाब: स्प्लेंडर्स ऑफ़ रॉयल मैसूर, बिदर – इट्स हिस्ट्री एंड मोनुमेंट्स, द कदम्ब कुल – अ हिस्ट्री ऑफ़ एन्सिएंट एंड मिडिवल कर्नाटक, कल्चरल हिस्ट्री ऑफ़ कर्नाटक, अ क्वांसाइज हिस्ट्री ऑफ़ कर्नाटक, कर्नाटक हिस्ट्री, समग्र कर्नाटक इतिहास, जिओग्राफी ऑफ़ कर्नाटक, कर्नाटक इतिहास परिचय।
3. भारत के राज्य कर्नाटक के प्रथम गवर्नर कौन थे? (First Governor of Karnataka State) जवाब: जयचमराजेंद्र वाडियार।
4. भारत के कौनसे राज्य में पेड़ संरक्षण हेतु प्रसिद्ध ‘अप्पिको आंदोलन’ किया गया था? (Famous Appiko Movement is Related to Which State?) जवाब: कर्नाटक राज्य।
5. भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संस्था (ISRO) का मुख्यालय कौनसे जगह पर स्थित है? (Where is located ISRO headquarter in India?) जवाब: बैंगलोर (कर्नाटक राज्य)
6. कर्नाटक राज्य में कौनसे हवाई अड्डे मौजूद है? (Airports in Karnataka) जवाब: केम्पेगौडा आंतरराष्ट्रिय एअरपोर्ट, मैसूर एअरपोर्ट, हुब्बली एअरपोर्ट, बेलगावी एअरपोर्ट,मंगलुरु आंतरराष्ट्रिय एअरपोर्ट, कलबुर्गी एअरपोर्ट, बिदर एअरपोर्ट, शिमोगा एअरपोर्ट, बल्लारी एअरपोर्ट इत्यादि।
7. कर्नाटक राज्य के अंतर्गत कौनसे प्रमुख वन्यजीव अभयारण मौजूद है? (Wildlife sanctuaries in Karnataka) जवाब: ब्रम्हागिरी अभयारण, अरबीथिटटू अभयारण, भद्रा अभयारण, मूकाम्बिका अभयारण, भीमगढ़ अभयारण, डांडेली अभयारण, कौवेरी अभयारण, शरवाथी वैली अभयारण, दरोजी भालू अभयारण, काली टाइगर रिजर्व इत्यादि।
8. बॉलीवुड की कौनसी हस्तियाँ कर्नाटक राज्य से संबंधित है? (Bollywood famous celebrities from Karnataka state) जवाब: शिल्पा शेट्टी, अनुष्का शेट्टी, सुनील शेट्टी, दीपिका पादुकोण, रोहित शेट्टी, गिरीश कर्नाड, ऐश्वर्या राय, पेड्रे पिंटो, फिरोज खान, लारा दत्ता, अमृता राव।
9. कर्नाटक राज्य में कौनसे बांध (Dam) मौजूद है? (Dam in Karnataka) जवाब: राजा रख्मागौड़ा डैम, अलमट्टी डैम, रेणुका सागर डैम, भद्रा डैम, तुंगभद्रा डैम, अप्पर तुंगा डैम, बसवा सागर डैम, सपा डैम, कोडसाली डैम, काद्रा डैम, शांति सागरा।
10. आंतरराष्ट्रिय क्रिकेट मैदान चिन्नास्वामी स्टेडियम भारत के कौनसे राज्य में स्थित है? (In India where is M Chinnaswamy international cricket ground located) जवाब: बंगलौर (कर्नाटक)
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