Jharkhand History in Hindi
झारखंड – Jharkhand एक वन प्रदेश है। उसके नाम में ही उस राज्य का पूरा स्वरुप दिखायी देता हैं जैसे झारखंड यानी ‘झार’ या ‘झाड़’ जिसे हम वन भी कह सकते है और ‘खण्ड’ यानी टुकड़े से मिलकर बना हुआ यानि झारखंड।
यह पूर्वी भारत का राज्य है, जिसकी स्थापना 15 नवम्बर 2000 को बिहार राज्य को विभाजित करके की गयी। राज्य की राजधानी रांची।
झारखंड राज्य का इतिहास और जानकारी – Jharkhand History Information
राज्य का नाम (State Name) | झारखंड(Jharkhand) |
झारखंड की राजधानी (Capital of Jharkhand) | रांची (Ranchi) |
प्रमुख भाषा | हिंदी, अंगिका, हो, खारिआ, खोरथा, कुरमाली, कुरुख, माघी, मैथिली इत्यादि। |
राज्य का साक्षरता प्रमाण | 67.63 प्रतिशत (%) |
क्षेत्रफल की दृष्टी से राज्य का देश में स्थान | 15 वा (Fifteen) |
कुल जनसँख्या अनुसार राज्य का देश में स्थान | 14 वा (Fourteen) |
राज्य निर्मिती का साल | 15 नवंबर 2000 |
राज्य का प्रमुख पेड़ (वृक्ष) (State Tree of Jharkhand) | साल वृक्ष। |
प्रमुख फूल (पुष्प) (State Flower of Jharkhand) | पलाश। |
प्रमुख पक्षी (State Bird of Jharkhand) | कोयल। |
राज्य का प्रमुख जानवर (State Animal of Jharkhand) | भारतीय हाथी। |
प्रमुख फल (State Fruit of Jharkhand) | लिची। |
राज्य अंतर्गत कुल जिलों की संख्या (District in Jharkhand) | 24 (Twenty Four) |
कुल तालुका (तहसील) की संख्या | 260 |
कुल ग्रामीण विभागों की संख्या | 32, 620 |
वित्तीय तथा राज्यनिहाय झारखंड राज्य की कोड संख्या (State Code of Jharkhand) | 20 (Twenty) |
राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Jharkhand) | हॉकी। |
झारखंड राज्य की जानकारी – Jharkhand Information in Hindi
जब 1765 में क्षेत्र ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियंत्रण में आ गया तब उन्हें स्थानिक लोगो के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। आदिवासियों द्वारा अपने राज्य झारखंड को बचाने का अभियान 1771 से 1900 तक चला।
1771 में ब्रिटिश सरकार और जमींदारो के खिलाफ किये गये पहले आंदोलन का नेतृत्व राजमहल पहाड़ी के पहरिया लीडर, तिलका मांझी ने किया। वे अपने लोगो को अनैतिक जमींदारो के चंगुल से मुक्त करवाना चाहते थे और उन्हें अपने पूर्वजो की जमीन वापिस दिलवाना चाहते थे।
इसके बाद ब्रिटिश सेना ने अपनी फ़ौज भेजकर तिलका मांझी के अभियान को कुचल दिया। इसके कुछ समय बाद ही 1779 में भूमिज समुदाय के लोहो ने मनभूम, पश्चिम बंगाल में ब्रिटिश राज के खिलाफ आवाज उठाई। इसके बाद पलामू की चेरो जनजाति ने ब्रिटिश राज का विरोध किया।
1855 में ब्रिटिश कंपनी राज के समय ज़मींदारी प्रथा के खिलाफ संथल विद्रोह की घोषणा की गयी।
1800 AD में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया। इसके सात वर्षो बाद 1807 में बर्वे में ओराव ने श्रीनगर के समृद्ध जमींदार की हत्या कर दी। जल्द ही विद्रोह गुमला तक पहुच गया। आदिवासी अपने विद्रोह को पूर्व की तरफ ले जा रहे थे और धीरे-धीरे विद्रोह मुंडा जनजाति तक पहुच गया।
1811 और 1813 में वे भी विद्रोह में शामिल हो गये। सिंघभुम में होस भी तेजी से बढ़ रहे थे और 1820 में वे भी खुलकर विद्रोह करने लगे और दो सालो तक उन्होंने जमींदारो और ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह जारी रखा। इसे 1820-1821 के उभरते हुए लकरा कोल का नाम दिया गया।
Jharkhand Image
इसके बाद 1832 में कोल का विकास होने लगा। यह पहला आदिवासी विद्रोह था जिसने झारखंड में ब्रिटिश प्रशासन को काफी परेशान किया था। यह ज़मींदारो द्वारा आदिवासी लोगो की जमीन हड़पने की कोशिश का परिणाम था। इसके बाद सिधु और कान्हू नामक दो भाइयो के नेतृत्व में 1855 में सिंथल विद्रोह सामने आया।
1895 में बिरसा मुंडा विद्रोह सामने आया और 1900 तक चला। यह इतिहास के सबसे लंबे समय तक चलने वाले विद्रोहों में से एक था।
राज्य के अंतिम विधानसभा चुनाव में आर.जे.डी. कांग्रेस पर निर्धारित थी, जिसकी शर्त के अनुसार आर.जे.डी बिहार पुनर्गठन बिल (झारखंड बिल) के समय कोई बाधा उत्पन्न नही करने वाली थी। अंततः आर.जे.डी और कांग्रेस दोनों की सहायता से बीजेपी ने संसद के मानसून सत्र में झारखंड बिल को पास कर दिया। इसके बाद स्वतंत्र झारखंड राज्य बनाने का मार्ग खाली हो गया।
झारखंड राज्य के संपूर्ण जिले की सूचि – List of Districts in Jharkhand
यहाँ आप झारखंड राज्य के सभी जिलों के बारे में परिचित होनेवाले है, जिनका विवरण निम्नलिखित तौर पर दिया हुआ है, जैसे के;
- राँची (Largest District in Jharkhand)
- गढ़वा
- देवगढ़
- खुंति
- पलामू
- लातेहार
- छत्रा
- कोडरमा
- गिरिध
- रामगढ़ (Smallest District in Jharkhand)
- साहेबगंज
- बोकारो
- धनबाद
- गुमला
- लोहरदगा
- सिमडेगा
- पाकुर
- पश्चिमी सिंघभूम
- सराईकेला खरसावन
- ईस्ट सिंघभूम
- जामतारा
- हजारीबाग
- दुमका
- गोड्डा
झारखंड राज्य के प्रमुख शिक्षा संस्थान / यूनिवर्सिटी – Universities in Jharkhand
- राँची यूनिवर्सिटी, राँची
- विनोबा भावे यूनिवर्सिटी, हजारीबाग
- नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी
- कोल्हान यूनिवर्सिटी, चैबासा
- बिरसा कृषि विद्यापीठ, राँची
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ झारखंड, राँची
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, धनबाद
- सरला बिरला यूनिवर्सिटी
- राधा गोविंद यूनिवर्सिटी
- उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी
झारखंड राज्य की संस्कृति और परंपरा – Culture and Tradition of Jharkhand
राज्य मुख्यतः आदिवासियों से घिरा हुआ है और इसीलिए राज्य की संस्कृति और जीवन शैलि में प्रकृति की महत्वपुर्ण भूमिका है। पारंपरिक रूप से लोग यहाँ पेड़ लेकर उसे आँगन में लगाते है। यहाँ के लोगो द्वारा मनाये जाने वाले रीती-रिवाजो में जितिया पूजा, कर्मा पूजा, सरहुल इत्यादि।
मकर संक्रांति के समय टुसू मेला उर्फ़ पौष मेले का आयोजन किया जाता है, जो वास्तव में फसल की कटाई का उत्सव होता है। लोगो का मानना होता है की यह रंग और उत्साह का महोत्सव होता है। सम्पूर्ण छोटानागपुर पठार क्षेत्र धूमधाम से करम महोत्सव मनाता है।
कुंवार – शुक्ल – पक्ष के बाद इसे 15 दिनों तक मनाते है। उत्सव की तयारी करने के लिए लोग नये कपडे खरीदते है, तेल, दलिया, सिन्दूर, इत्यादि लाते है और नये पकवान बनाते है। इस दिन घर के लडको और लडकियों को उनके परिवार वाले बड़े सम्मान से देखते है।
झारखंड देश का वह प्रमुख राज्य है जहाँ की कुल आबादी में सबसे अधिक आदिवासी जनजाति के लोगो का निवास है, इसके कारण राज्य अंतर्गत दूर दरास्त के इलाको लेकर शहरी विभाग के जीवनशैली में आदिवासी मान्यता और परंपराओं का अधिक प्रभाव दिखाई देता है। यहाँ के मान्यता अनुसार उपवन, पेड़ आदि चीजों की पूजा का विशेष महत्व दिखाई देता है जिसमे ग्रामीण या शहरी विभाग के प्रमुख पुजारी द्वारा उपवन और आदिवासी जनजाति के संस्कार केन्द्रो की पूजा करवाई जाती है।
स्थानिक भाषा में इन आदिवासी जनजाति के संस्कार केंद्र को धुमकुरिया कहाँ जाता है, सालभर में जनजाति के त्यौहारों के अलावा हिंदू मान्यता के त्यौहार भी राज्य में मनाये जाते है जिसमे होली, दीवाली, दशहरा इत्यादि प्रमुखता से शामिल होते है। यहाँ पर आपको आदिवासी जनजातियों में विभिन्न समुदाय देखने को मिलते है जिन्हे हम जाती भी कह सकते है पर इन सबकी मान्यताए और जीवनशैली लगभग एक जैसी होती है।
बिरसा मुंडा को इन सभी जनजाति का प्रमुख नेता माना जाता है जिनके स्मरण में उनकी जयंती पुण्यतिथि दिन को राज्य अंतर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पूरा किया जाता है। आधुनिकता के इस युग में शिक्षा और तकनीक से जुड़कर राज्य के विभिन्न जनजाति के लोगो ने कई क्षेत्रो में ऊंचाई हासिल की है, जिसमे विगत कई सालो में राज्य के साक्षरता दर में भी वृद्धि हुई है।
झारखंड राज्य की संगीत और नृत्य कला – Music and Folk Dance of Jharkhand
राज्य में मुख्यतः बरसात के मौसम में,फसल कटाई के समय, त्यौहारों तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समय पारंपारिक नृत्य किया जाता है जिसमे आदिवासी जनजाति के स्थानिक प्रचलित नृत्य प्रकार खास तौर पर आयोजित किये जाते है। इसमें झुमैर, मर्दाना झुमैर, पाइका, डोमकच, जनानी झुमैर, लहसुआ, झुमटा, फगुआ, संताली, छाहू आदि नृत्य प्रकार शामिल होते है।
बात करे गीत संगीत की तो राज्य में प्रमुखता से मशहूर तौर पर शास्त्रीय संगीत, बोरगीत, कजरी, भजन गीत, श्याम संगीत, किर्तन, नज़रुल गीती, बोल, ठुमरी, दादरा, रविंद्र संगीत, चैती, तथा सूफी संगीत इत्यादि को आनंद के साथ सुना जाता है। इन सभी गीत संगीत प्रकार से जुड़े कलाकार भी राज्य अंतर्गत मजूद है जिनमे मुकुंद नायक और राम दयाल मुंडा जैसे मशहूर कलाकार भी शामिल है। आधुनिक जीवनशैली में पश्चिमी तथा हिंदी के गीतों को भी काफी पसंदीदा तौर पर सुना जाता है।
झारखंड राज्य की पारंपारिक वेशभूषा – Dress/Costume of Jharkhand
राज्य के अंतर्गत महिलाओ के प्रमुख पहनावे में साडी शामिल होती है वही आदिवासी जनजातियों के महिलाओ के प्रमुख पहनावे में पंची और पैरहन वस्त्र शामिल होता है। वही पुरुषों के प्रमुख पहनावेँ में भगवान नामक पेहराव प्रकार शामिल होता है जो के एक साधे कपडे से बना हुआ होता है, आदिवासी पुरुषो के पहनावे में मुख्यतः संथाल और पहाड़ी नामक पेहराव होता है। इसके अलावा कुरता पायजामा और धोती भी राज्य अंतर्गत पुरुषो का पसंदीदा पोशाख होता है, आधुनिकता के इस युग में शर्ट – टी शर्त तथा साधा पैंट – जींस पैंट भी शामिल होता है।
झारखंड राज्य में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार – Festival of Jharkhand State
राज्य में सालभर आनेवाले प्रमुख त्योहारों में दिवाली, भाई दूज, होली, दशहरा, नवरात्री इत्यादि त्योहारों को काफी हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके साथ फसल कटाई के समय करम नामक त्यौहार राज्य का खास आकर्षण होता है, इसके साथ कृष्ण जन्माष्टमी, रामनवमी आदि त्यौहार भी खास महत्व रखते है। भगता परब, सरहुल इत्यादि त्यौहार भी राज्य अंतर्गत उल्लास पर्व के तौर पर मनाये जाते है।
झारखंड की भाषा – Language of Jharkhand
हिंदी राज्य की प्रधान भाषा है। यहाँ के लोग दूसरी भाषा का भी उपयोग करते है। साधारणतः राज्य के जम्तारा, गोड्डा, साहिबगंज, दुमका, पाकुर, सराइकेला-खरसावाँ और सिंघभुम जिले में संताली भाषा का उपयोग किया जाता है। मंदारी भाषा का उपयोग रांची, खूंटी, लतेहर जिले, पश्चिम सिंघभुम, सिमडेगा और घुमला इत्यादि जगहों पर किया जाता है। सराइकेला-खरसावाँ जिले और पश्चिम सिंघभुम में हो भाषा का उपयोग किया जाता है।
झारखंड की मुख्य नदियाँ – Rivers of Jharkhand
सोन नदी, सुबर्णरेखा नदी, दक्षिण कोयल नदी, अजय नदी, दामोदर नदी, फाल्गु नदी, मयूराक्षी नदी।
झारखंड का पर्यटन – Tourism of Jharkhand or Tourist Places in Jharkhand State
राज्य की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य जंगलो और पहाड़ी इलाको और वन्यजीव संग्रहालयो से समृद्ध है। जो लाखो यात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते है। साथ ही बहुत सी राष्ट्रिय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की वजह से राज्य व्यावसायिक पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। राज्य में देखने योग्य मुख्य जगहों में निम्न शामिल है:
- रांची पहाड़ी
- दशम फाल्स
- सूर्य मंदिर
- जमशेदपुर
- बैद्यनाथ धाम
- जोन्हा फॉल्स
- धारागिरी फॉल्स
- बुरूडीह लेक
- जुबिली पार्क
- बेतला नेशनल पार्क
- नेतरहाट
- टैगोर हिल्स
- नक्षत्र वन
- रॉक गार्डन
- बायोडायवर्सिटी पार्क
- रांची लेक
- पतरातू वैली
झारखंड राज्य के पवित्र धार्मिक स्थल – Temples in Jharkhand
- शिखरजी पारसनाथ तीर्थस्थल
- पहाड़ी मंदिर राँची
- बुद्ध विहार, बोकारो
- हरिहर धाम
- रंकिणी मंदिर
- देवड़ी मंदिर
- जगन्नाथ मंदिर
- माता छिन्न मस्तका मंदिर
- भुवनेश्वरी देवी मंदिर
- शक्ति मंदिर
झारखंड का भोजन – Food of Jharkhand
राज्य का पारंपरिक भोजन, झारखंड क्षेत्र के विभिन्न इलाके का एक संयोजन है। यहां का भोजन सुपाच्य और हल्का होता है। प्राकृतिक चीजों से बना और अच्छे वातावरण के कारण, यहां आकर पर्यटकों को भोजन का स्वाद बहुत अच्छा लगता है।
झारखंड का मुख्य भोजन लिट्टी और चोखा है। यहां का मांसाहारी भोजन, मुंह में पानी ला देने वाला होता है जो विशेष तरीके से बनाया जाता है। इस राज्य के बनाएं जाने वाले भोजनों में ताजगी दिखती है जो मुगलकाल की समृद्धता से काफी मिलते – जुलते है।
यहां कई प्रकार की स्थानीय शराब या पेयपदार्थ भी मिलते है जिनमें हाडिंया, राइस बियर आदि शामिल है। हांडिया को मिट्टी के बर्तन में इकठ्ठा करके बनाया जाता है। यह आदिवासियों का मुख्य पेयपदार्थ होता है जिसे पुरूष और महिलाएं दोनो ही पीते है। यहां की अन्य शराब को माहू कहा जाता है जो महुआ पेड़ के फूलों और फलों से मिलकर बनती है।
झारखंड राज्य के प्रसिद्ध व्यक्ती – Famous Personalities of Jharkhand
- तीरंदाज दीपिका कुमारी
- बिरसा मुंडा
- क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी
- अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा
- अभिनेता आर. माधवन
- शिव खेड़ा
- संजीव बर्नवाल
- अभिनेत्री मीनाक्षी शेषाद्रि
- अभिनेत्री तनुश्री दत्ता
- गायक शिल्पा राव
भारत देश के हर राज्य की बात ही कुछ अलग हैं वैसेही झारखंड राज्य जंगलो और पहाड़ी इलाको और वन्यजीव से भरा हैं, जिन्हेँ जंगल और पहाड़ी घुमना पसंद हैं। उन्हें झारखंड जरुर जाना चाहियें।
झारखंड राज्य के बारेमें अधिकतर बार पूछे जाने वाले सवाल – Quiz on Jharkhand
- भारत में झारखंड राज्य कहाँ पर स्थित है? (Where is Jharkhand?)
जवाब: झारखंड राज्य के उत्तर दिशा में बिहार राज्य की सिमा जुडी है, पूर्व दिशा में पश्चिम बंगाल राज्य की सिमा है दक्षिण में ओडिशा तो पश्चिम में छत्तीसगढ़ राज्य की सिमा है इसके अलावा उत्तर पश्चिमी सिमा पर उत्तर प्रदेश राज्य की सिमा जुडी हुई है।
2. पर्यटन की दृष्टी से घूमने के लिए झारखंड राज्य में जाना हो तो कौनसा समय सबसे उचित होता है? (Best time to visit Jharkhand?)
जवाब: जुलाई माह से लेकर मार्च माह तक का समय।
3. झारखंड राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे? (First Chief Minister of Jharkhand?)
जवाब: बाबूलाल मरांडी।
4. झारखंड राज्य के इतिहास की जानकारी कौनसे किताबों से प्राप्त होती है? (Jharkhand State History Books)
जवाब: हिस्ट्री ऑफ़ झारखंड, झारखंड जनरल नॉलेज, झारखंड प्लेथोरा ऑफ़ नॉलेज, क्नोव यूअर स्टेट झारखंड, प्रारम्भ से लेकर १८५७ तक झारखंड का इतिहास, झारखंड का इतिहास एवं संस्कृति, झारखंड – अ स्टेट स्टडी गाइड, झारखंड पैनारोमा, कोलोनिअल एंड कंटेम्पररी बिहार एंड झारखंड इत्यादि।
5. भारत के कौनसे राज्य से विभाजित होकर स्वतंत्र राज्य झारखंड की निर्मिति हुई थी? ( Jharkhand Divided from which Indian State?)
जवाब: बिहार।
6. झारखंड राज्य के अंतर्गत कौनसी प्रमुख नदियाँ बहती है? (Rivers in Jharkhand State)
जवाब: सुवर्णलेखा, गंगा, बरकार, उत्तरी कोयल नदी, दक्षिणी कोयल नदी, दामोदर, मयूराक्षी, सोन,संख, बोकारो इत्यादि।
7. झारखंड राज्य का प्रसिध्द पकवान/प्रमुख खानपान कौनसा है? ( Staple food of Jharkhand?)
जवाब: सब्जी, दाल, चावल, आचार, रोटी, चिल्का रोटी, ढुस्का, हंडिया, तिल बर्फी, पिट्ठा, अर्सा रोटी, रुग्रा इत्यादि।
8. कौनसे प्रमुख वन्यजीव अभयारण झारखंड राज्य के अंतर्गत मौजूद है? (Wild life sanctuaries in Jharkhand state?)
जवाब: हजरीबाग़ वन्यजीव अभयारण, दलमा अभयारण, पालकोट, कडेर्मा, पालमु, लावालौंग, बेटला, तोपचांची इत्यादि।
9. किस प्रसिध्द स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवक व्यक्तित्व को झारखंड राज्य के प्रमुख आदर्श के रूप माना जाता है? (Famous Freedom Figheter and Social activist from Jharkhand?)
जवाब: बिरसा मुंडा।
10. झारखंड राज्य के अंतर्गत कौनसी धातु और खनिजों की खाने प्रचुरता से मौजूद है? (Minerals and Metals Mines in Jharkhand State)
जवाब: लौह, कोयला, बॉक्साइट, लौह अयस्क, चुना पत्थर,मँगनीज, निकेल,सोना, कोबाल्ट, चाँदी, तांबा इत्यादि।
11. भारत का राज्य झारखंड क्यों प्रसिद्ध है? (Why Jharkhand is Famous?)
जवाब: राज्य के कुल क्षेत्रफल में लगभग २९ प्रतिशत भूमि, वन और लकड़ी के उत्पाद हेतु आरक्षित है जिससे राज्य में नैसर्गिक संपदा का अनुमान लगाया जा सकता है। इसके अलावा झारखंड राज्य में प्रचुर मात्रा में खनिज, धातु संपदा मौजूद है जिसमे यूरेनियम भी यह पाया जाता है जिसने इस राज्य का महत्व अधिक बढ़ा दिया है। झारखंड की भूमि में कोयलाम चाँदी, लौह, तांबा, सोने के अयस्क, लौह अयस्क, बॉक्साइट, चुना पत्थर, मैंगनीज आदि की खाने भी मौजूद है। बोकारो में भारत का सबसे बड़ा स्टील उद्योग का प्लांट मौजूद है इत्यादि कारणों के वजह से झारखंड राज्य देश दुनिया में प्रसिध्द है।
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