पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी

एक नजर में –
  • 1912 में इग्लंड से भारत आने के बाद जवाहरलाल नेहरु इन्होंने अपने पिताजीने ज्यूनिअर बनकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील का व्यवसाय शुरु किया।
  • 1916 में राजनीती का कार्य करने के उद्देश से पंडित नेहरू ने गांधीजी से मुलाकात की। देश की राजनीती में भारतीय स्वतंत्र आंदोलन में हिस्सा लिया जाये, ऐसा वो चाहते थे।
  • 1916 में उन्होंने डॉ.एनी बेझंट इनके होमरूल लीग में प्रवेश किया। 1918 में वो इस संघटने के सेक्रेटरी बने। उसके साथ भारतीय राष्ट्रीय कॉग्रेस के कार्य में भी उन्होंने भाग लिया।
  • 1920 में महात्मा गांधी ने शुरु किये हुये असहयोग आंदोलन में नेहरूजी शामील हुये। इस कारण उन्हें छह साल की सजा हुयी।
  • 1922 – 23 में जवाहरलाल नेहरूजी इलाहाबाद नगरपालिका के अध्यक्ष चुने गये।
  • 1927 में नेहारुजीने सोव्हिएल युनियन से मुलाकात की। समाजवाद के प्रयोग से वो प्रभावित हुये और उन्ही विचारोकी ओर खीचे चले गए।
  • 1929 में लाहोर में राष्ट्रिय कॉग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन के अध्यक्ष चुने गये इसी अधिवेशन में कॉग्रेस ने पुरे स्वातंत्र्य की मांग की इसी अधिवेशन भारतको स्वतंत्र बनाने का निर्णय लिया गया इसके बाद ‘संपूर्ण स्वातंत्र्य’ का संकल्प पास किया गया।
  • यह फैसला पुरे भारत मे पहुचाने के लिए 26 जनवरी 1930 यह दिन राष्ट्रीय सभा में स्थिर किया गया। हर ग्राम में बड़ी सभाओ का आयोजन किया गया। जनता ने स्वातंत्र्य के लिये लढ़ने की शपथ ली इसी कारन 26 जनवरी यह दिन विशेष माना जाता है।
  • 1930 में महात्मा गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरु किया जिसमे नेहरुजीका शामील होना विशेष दर्जा रखता था।
  • 1937 में कॉग्रेस ने प्रातीय कानून बोर्ड चुनाव लढ़नेका फैसला लिया और बहुत बढ़िया यश संपादन किया जिसका प्रचारक भार नेहरुजी पर था।
  • 1942 के ‘चले जाव आंदोलन’ -Quit India Movement को भारतीय स्वातंत्र्य आंदोलन में विशेष दर्जा है। कॉंग्रेस ने ये आंदोलन शुरु करना चाहिये इस लिये गांधीजी के मन का तैयार करने के लिए पंडित नेहरु आगे आये। उसके बाद तुरंत सरकारने उन्हें गिरफ्तार करके अहमदनगर के जैल कैद किया। वही उन्होंने ‘ऑफ इंडिया’ ये ग्रंथ लिखा।
  • 1946 में स्थापन हुये अंतरिम सरकार ने पंतप्रधान के रूप नेहरु को चुना। भारत स्वतंत्र होने के बाद वों स्वतंत्र भारत के पहले पंतप्रधान बने। जीवन के आखीर तक वो इस पद पर रहे। 1950 में पंडित नेहरु ने नियोजन आयोग की स्थापना की।

पंडित जवाहरलाल नेहरु उर्फ़ चाचा नेहरु ने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी थी। वे सतत भारत को आज़ाद भारत बनाने के लिए ब्रिटिशो के विरुद्ध लड़ते रहे। एक पराक्रमी सफल नेता साबित हुए। वे हमेशा गांधीजी के आदर्शो पर चलते थे। उनका हमेशा से यह मानना था की,

“असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश और सिद्धांत भूल जाते है।”

FAQs

१. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे?

जवाब: जवाहरलाल नेहरू।

२. “डिस्कव्हरी ऑफ इंडिया” इस प्रसिध्द किताब के लेखक कौन है?

जवाब: जवाहरलाल नेहरू।

३. भारत के कौनसे प्रतिष्ठित पुरस्कार से जवाहरलाल नेहरू को सन्मानित किया गया है?

जवाब: भारतरत्न।

४. जवाहरलाल नेहरू का पूर्ण नाम क्या है?

जवाब: जवाहरलाल मोतीलाल नेहरू।

५. स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री कौन थी? वह किनकी पुत्री थी?

जवाब: श्रीमती इंदिरा गांधी स्वतंत्र भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थी, जो की जवाहरलाल नेहरू जी की पुत्री थी।

६. जवाहरलाल नेहरू जी ने कौनसी शिक्षा प्राप्त की थी?

जवाब: बैरिस्टर की।

७. जवाहरलाल नेहरू जी के पत्नी का नाम क्या था ?

जवाब: कमला कौर यानि के कमला नेहरू, जवाहरलाल नेहरू जी की पत्नी थी।

८. १४ नवंबर यानि के जवाहरलाल नेहरू जी का जन्मदिन किस नाम से मनाया जाता है?

जवाब: चिल्ड्रेन्स डे (बाल दिवस)।

९. जवाहरल नेहरू जी की मृत्यू कब हुई थी?

जवाब: २७ मई १९६४।

१०. चले जाव आंदोलन मे गिरफ्तारी होने के बाद जवाहरलाल नेहरू को किस जेल मे भेजा गया?

जवाब: अहमदनगर की जेल मे।

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