रोम की सभ्यता तथा इटली – Italy का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आगे हम आपके लिए इटली देश की पूरी और महत्वपूर्ण जानकारी लाये हैं।
इटली के इतिहास के बारेमें महत्वपूर्ण घटनाएँ और जानकारी – Italy Information
इटली, अधिकारिक रूप से इटालियन रिपब्लिक यूरोप का एकात्मक संसदीय गणतंत्र है। जो भूमध्य सागर के बीच में बसा हुआ है। इटली की फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, सेन मरीनो और वैटिकन सिटी के साथ जमीनी सीमा भी है। 3,01,338 वर्ग किलोमीटर में फैले इटली का मौसम शीतोष्ण जलवायुवीय और भूमध्य जलवायु वाला है, अपने आकार की वजह से अक्सर इसे लो स्टिवाले (बूट) भी कहा जाता है। 61 मिलियन निवासियों के साथ, यह चौथा सर्वाधिक जनसँख्या वाला EU सदस्यता वाला राज्य है।
प्राचीन समय से ही, प्राचीन कथेजीनियन, फोनीसियन और ग्रीक ने इट्रस्केन और सेल्ट के साथ मिलकर इटली के दक्षिण में समझौते को स्थापित किया। इटली के नाम से प्रसिद्ध इटैलिक समुदाय ने रोमन साम्राज्य की स्थापना की, जो आगे चलकर पुरे इटली में फैला और इसके बाद राज्य में दूसरी सभ्यताओ की भी स्थापना की गयी। इसके बाद रोम प्रमुख शक्ति के रूप में उभरकर सामने आया। जिसमे ज्यादातर प्राचीन दुनिया को जीतकर खुद को पश्चिमी सभ्यता की मुख्य सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक शक्ति के रूप में स्थापित किया। इसके बाद रोमन साम्राज्य की महानता धीरे-धीरे जगह-जगह फैलने लगी थी और परिणामस्वरूप नागरिक कानून, रिपब्लिकन सरकार, क्रिस्चिनिटी और लैटिन लिपि का वैश्विक वितरण किया गया।
मध्य कालीन युग में, इटली को सामाजिक-राजनीतिक के बीच पतन और आपत्तिजनक जंगली आक्रमण का सामना करना पड़ा, लेकिन 11 वी शताब्दी से प्रतिद्वंदी शहर-राज्य और समुद्री गणराज्य शीपिंग, कॉमर्स और बैंकिंग से समृद्धि के साथ उठ खड़े हुए, आधुनिक पूंजीवाद की शुरुवात की गयी। यह आज़ाद राज्य एशिया और पूर्व के साथ यूरोप के मुख्य व्यापारी केंद्र की भूमिका निभाते थे। इसके साथ ही देश में जनतंत्र का भी विकास होने लगा। फिर भी मध्य इटली का ज्यादातर भाग धार्मिक पोप राज्य के नियंत्रण में ही था, जबकि दक्षिणी इटली 19 वी शताब्दी तक विशाल सामंती राज्य ही था।
इसके बाद इटली में पुनर्जागरण काल की शुरुवात हुई और इसके बाद यह शेष यूरोप में भी फैला, इससे लोगो को मानवतावाद, विज्ञान, अन्वेषण और कला में रूचि आने लगी। इस समय इटालियन संस्कृति भी निखरने लगी थी, जिसके चलते प्रसिद्ध विद्वान, आर्टिस्ट और बहुश्रुत जैसे लियोनार्डो दा विंसी, गैलिलियो, माइकल एंजेलो और मैकियावेली का उगम हुआ। इटली के खोजकर्ता जैसे मार्को पोलो, क्रिस्टोफर कोलंबस, अमेरिगो, वेस्पुक्की और गिओवान्नी दा वेर्रज्ज़नो ने पूर्व में नयी दुनिया की खोज की, यूरोप के खोजकालीन युग में उशेर की सहायता भी की। फिर भी इटालियन प्रायद्वीप व्यावसायिक और राजनीतिक शक्ति के रूप में महत्वपूर्ण साबित हुआ,
इसके चलते अटलांटिक व्यापारी मार्ग और यूरोप से केप ऑफ़ गुड होप से होते हुए भारतीय महासागर तक के मार्ग की शुरुवात भी की गयी। 15 वी और 16 वी शताब्दी में इटालियन शहर-राज्य खुनी युद्ध में ही व्यस्त हे। इसके चलते कोई भी एक मुख्य ताकत के रूप में उभरकर सामने नही आ रहा था। कमजोर संप्रभु जल्द ही विजय पाने के लिए शिकार बन गया और यूरोपियन शक्ति जैसे फ्रांस, स्पेन और ऑस्ट्रिया ने लम्बे समय तक के पतन में प्रवेश किया।
19 वी शताब्दी के बीच में, इटालियन राष्ट्रवाद के बचाव में बहुत से राष्ट्रिय अभियानों का आयोजन किया गया और देश को विदेशी नियंत्रण से आज़ाद करने के लिए राजनीतिक क्रांति का आयोजन किया गया, जिसे बाद में रिसोर्गिमेंटो का नाम भी दिया गया, जिसके चलते संयुक्त राष्ट्र-राज्य की स्थापना की गयी। बहुत से असफल प्रयासों के बाद आज़ादी के लिये किये गए इटालियन युद्ध के बाद हजारो का अभियान चलाया गया और इसके बाद रोम पर कब्ज़ा कर लेने से देश में एकीकरण की प्रणाली को विकसित किया गया, विदेशी नियंत्रण और राजनीतिक विभाजन के बाद अब देश शक्तिशाली बन चूका था।
19 वी शताब्दी के अंत में और 20 वी शताब्दी के शुरू में इटली के नये साम्राज्य का तेज़ी औद्योगिकीकरण किया गया, विशेषतः उत्तर में इसका विस्तार किया गया और औपनिवेशिक साम्राज्य को हासिल किया गया, जबकि दक्षिण का ज्यादातर भाग गरीब ही था और औद्योगिकीकरण से भी इसे दूर रखा गया। प्रथम विश्व युद्ध में मुख्य विजेता रहने के बावजूद, 1922 में इटली ने आर्थिक संकट और सामाजिक उथल-पुथल और तानाशाही वाले राज में प्रवेश किया।
द्वितीय विश्व युद्ध में प्रतिरोधी सेना को हार का सामना करना पड़ा और देश में आर्थिक गिरावट आयी और गृह युद्ध की भी शुरुवात हुई। सहयोगी डालो और प्रतिरोधी द्वारा इटली की मुक्ति के बाद देश ने साम्राज्य राज का विनाश किया और पुनः लोकतंत्र की स्थापना की और ऐसा करते हुए इटली दुनिया के मुख्य विकसित देशो में से एक बना।
आज यूरोज़ोन में इटली की अर्थव्यवस्था तीसरी सबसे बड़ी और दुनिया की आठवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। मानव विकास का स्तर भी यहाँ काफी ऊँचा है और जीवन प्रत्याशा के हिसाब से इसका छठा नंबर आता है। देश ने धार्मिक और वैश्विक आर्थिक, सैन्य, सांस्कृतिक और कुटनीतिक मामलो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साथ ही इटली यूरोपियन संघ का मुख्य सदस्य और बहुत सी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओ का सदस्य भी है, जिनमे मुख्य रूप से UN, NATO, OECD, OSCE, WTO, G7/G8, G20, आभ्यंतरिक संघ और यूरोप कौंसिल का समावेश है। इसके साथ-साथ इटली भारत के 51 मुख्य हेरिटेज में से एक है।
इटली के इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण दिन – Important Dates in Italy History
1861 – किंग विक्टर इम्मानुएल द्वितीय के शासनकाल में इटली एक राष्ट्र-राज्य बना।
1915 – इटली ने संघ की तरफ से प्रथम विश्व युद्ध में प्रवेश किया।
1922 – फासीवादी नेता बेनिटो मुस्सोलीनी ने सरकार बनायी, और देश को फासीवादी अधिनायकत्व की तरफ के गये।
1929 – लैटर्न संधि के चलते वैटिकन सिटी का निर्माण किया गया।
1935 – इटली ने इथियोपिया पर आक्रमण किया।
1936 – मुस्सोलीनी ने नाज़ी जर्मनी के साथ मिलकर अक्ष का निर्माण किया।
1940-45 – द्वितीय विश्व युद्ध में इटली ने जर्मन की तरफ से लढाई की। 1943 को इसपर सहयोगी दलों ने आक्रमण भी किया, और फिर युद्ध विराम पर हस्ताक्षर किये गए। युद्ध के ख़त्म होते हुए इटालियन ने पक्षतापूर्ण तरीके से मुस्सोलीनी पर कब्ज़ा कर लिया।
1948 – नये संविधान का निर्माण किया गया। क्रिस्चियन प्रजातंत्रवादी ने चुनाव जीता।
1951 – इटली, यूरोपियन कोयला और स्टील समुदाय में शामिल हो गया।
1955 – इटली, यूनाइटेड नेशन में शामिल हो गया।
1957 – यूरोपन आर्थिक समुदाय के संस्थापक सदस्य।
दोस्तों , अगर आपको हमारी इटली के बारेमें दी गयी जानकारी पसंद आयी हो, तो और पढिए इटली के बारेमें और भी कुछ रोचक बातें – Interesting Facts about Italy जिन बातों को पढ़कर आप हैरान रह जाओंगे।
Read More –
I hope these “Italy Information in Hindi” will like you. If you like these “Italy Information in Hindi with History” then please like our facebook page & share on whatsapp. and for latest update download : Gyani Pandit free android App