इस्कॉन मंदिर – ISKCON Temple
हिन्दू धर्म में प्रथम स्थान भगवान को दिया गया है। इस धर्म में कई सारे देवी देवता की पूजा की जाती है। उन्हींमें से एक हैं भगवान कृष्ण। महाभारत में भगवान श्री कृष्ण ने धर्मं की रक्षा करने के लिए और अधर्मियों का नाश करने लिए अर्जुन का सारथी बनकर मार्गदर्शन किया था। इसी भगवान कृष्ण के मंदिर को इस्कॉन मंदिर भी कहा जाता है।
भगवान कृष्ण ने जब यह अवतार लिया था उन्होंने कई सारी लीला रची थी। उनके जीवन की लीला में कुछ ना कुछ ना कुछ सिख छिपी रहती है।
गोवर्धन पर्वत उठाने से लेकर कालिया नाग को हराना इन सभी लीला में बहुत बड़ा सन्देश छिपा था। इसी भगवान कृष्ण का मंदिर दिल्ली में स्थित है और इसे इस्कॉन मंदिर नाम से सभी जानते है।
इस्कॉन मंदिर का इतिहास – ISKCON Temple History
प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर को हरे रामा हरे कृष्णा मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर की स्थापना 1998 में अच्युत कन्विदे ने की थी और यह मंदिर दिल्ली के पूर्व में स्थित है। इस मंदिर को अन्दर से और बाहर से पूरी तरह से पत्थरों से बनवाया गया है मगर इसे बनाते वक्त पत्थरों को काफी सुन्दरता से तराशा गया है।
इस्कॉन के मंदिर सारी दुनिया में है। इस मंदिर का नाम एक विशेष अंग्रेजी भाषा के शब्दों को बनाकर किया गया – इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कांशसनेस (इस्कॉन)। इस अध्यात्मिक संस्थान की स्थापना भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपद ने 1966 में न्यूयॉर्क में की थी।
इस्कॉन के जो तत्त्व है उनका आधार 5000 साल पहले हुए भगवद्गीता पर आधारित है।
इस्कॉन के जितने भी भक्त है वो भगवान कृष्ण को सबसे बड़ा भगवान मानते है और देवता के जितने भी अवतार हुए वो सभी भगवान कृष्ण के है ऐसा उनका मानना है। इसीलिए वो सभी भगवान कृष्ण को मुख्य देवता मानते है।
सभी लोगो ने भक्ति मार्ग का स्वीकार करना चाहिए और भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करनी चाहिए इसीलिए इस्कॉन मंदिरों की स्थापना की गयी है।
इस्कॉन का सम्बन्ध गौडीय वैष्णव संप्रदाय से है। यहापर वैष्णव का अर्थ होता है भगवान विष्णु की पूजा और गौड़ का सम्बन्ध पश्चिम बंगाल के गौड़ प्रदेश से है और इसी जगह से वैष्णव संप्रदाय की शुरुवात हुई थी।
इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपद पुरे भारत में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर बनवाना चाहते थे। इसीलिए दिल्ली में जो इस्कॉन का मंदिर बनाया गया उसका असली नाम श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर है और इसकी स्थापना 1995 में की गयी थी ताकी भक्त को सीधा भगवान कृष्ण के साथ जोड़ा जा सके।
प्रभुपद ने ऐसा भी कहा था की, ‘ये सभी मंदिरे अध्यात्मिक अस्तपाल है’। बीमारी को ठीक करने के लिए जिस तरह एक मरीज अस्पताल जाता है उसी तरह एक भक्त ने भगवान के दर्शन के लिए मंदिर आना चाहिए और भगवान के कीर्तन सुनने चाहिए जिससे उसके विचार अच्छे हो जाते है वो भगवान की भक्ति में लीन हो जाता है।
इस्कॉन मंदिर की वास्तुकला – Architecture of the ISKCON Temple
यह मंदिर नई दिल्ली के दक्षिण में स्थित है। इस इस्कॉन मंदिर में कृष्ण भगवान के मंदिर अलावा भी तीनऔर मंदिरे है और वो करीब 90 फीट उचे है। वो तीन मंदिर राधा-कृष्ण, सीता-राम और गौरा-निताई के मंदिर है।
मंदिर को बाहर के हिस्से में बड़ी सुन्दरता से बनाया गया है साथ ही मंदिर के भीतर भगवान कृष्ण के जीवन की घटनाओ को बड़ी खूबसूरती से पेश किया गया है।
इस मंदिर के परिक्रमा परिसर में इस्कॉन मंदिर की अलग अलग चित्र लगाये हुए है। इस परिक्रमा परिसर में भगवान कृष्ण और राधा की भी मुर्तिया है।
यहाँ के परिसर में केवल यही सबसे बड़ा मंदिर है और यहाँ के सभी लोग श्रीला प्रभुपद को ही मनाते है, उनकी पूजा करते है। इस मंदिर लोग बहुत दूर दूर से आते है कुछ लोग बाहर के देश से भी आते है और यहापर वेदों का अभ्यास करते है।
मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति को बड़ी खूबसूरती से सजाया गया है। भगवान को काफी सुन्दर वस्त्र और आभूषणों से सजाया गया है। इस मंदिर में हमेशा केवल हरे रामा हरे कृष्णा के स्वर गूंजते रहते है। दिल्ली के इस मंदिर में हमेशा यही मंत्र का जप किया जाता है।
इस मंदिर में भक्तों के लिए सत्संग और पारायण का आयोजन किया जाता है। मंदिर के बाहरी हिस्से में बड़ी सुन्दरता से नक्काशी का काम किया गया है और साथ ही इस मंदिर में बाहर की जगह पर कई सारी दुकाने है।
इस मंदिर में प्रवेश करते समय ही एक बडासा और सुन्दर फव्वारा देखने को मिलता है। इस मंदिर में अलग अलग जगह पर अलग अलग देवता के मंदिर भी है।
इस मंदिर में एक बहुत बड़ा संग्रहालय भी है जहापर रामायण और महाभारत के ग्रंथ रखे गए है। हर रविवार के दिन इस मंदिर में भगवान की विशेष पूजा की जाती और सभी लोग भगवान को प्रार्थना करते है और जब जन्माष्टमी का त्यौहार होता है तो भक्त बड़े उल्लास के साथ इसे मनाते है।
इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी का त्यौहार – Festival of Janmashtami in ISKCON Temple
इस मंदिर के सबसे अहम देवता भगवान श्री कृष्ण है इसीलिए इस मंदिर में उनका जन्म दिन जन्माष्टमी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
हर साल करीब 8 लाख भक्त भगवान के दर्शन करने के लिए आते है और अपने मन की बात भगवान से साझा करते है।
त्यौहार के दिन सुबह 4:30 बजे से उत्साह की शुरुवात होती है और देर रात तक शुरू रहता है। इस मौके पर बड़ी शोभायात्रा निकाली जाती है, लोग भगवान की विशेष के पूजा करवाते है, कई सारे सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता। इस त्यौहार के दिन भगवान कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाता है।
इस्कॉन मंदिर में देखने जैसी बाते – Look at the ISKCON temple
वैदिक संस्कृति का संग्रहालय: इस मंदिर में एक सग्रहालय है जिसमे वैदिक संस्कृति के बारे में सारी जानकारी मिल सकती है। इस संग्रहालय में सभी देवी और देवता की पीतल की बनी हुई मुर्तिया रखी गयी है। जिन्हें विडियो देखने हो, तो उसकी भी व्यवस्था यहापर की गयी है।
वैदिक कला को प्रदर्शित करनेवाला भवन: इस मंदिर में एक बहुत ही बड़ा भवन है। इस भवन में दुनिया के सभी कोने से लोग आते है और हिन्दू धर्मं पर आधारित कार्यक्रम करके अपने अन्दर की कला को बेहतर करने का काम करते है।
रामायण आर्ट गैलरी: इस जगह पर रामायण के सभी महत्वपूर्ण घटनाओ की जानकारी दी गयी है इस जानकारी को मल्टीमीडिया में दिखाने की कोशिश की गयी है।
भगवद्गीता अनिमत्रोनिक्स रोबोट शो: इस शो को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में आते है क्यों की इस शो में कुछ अलग देखने को मिलता है। इस शो में भगवद्गीता में जो भगवान श्रीकृष्ण ने सिख दी है उसे दिखाया जाता है और सबसे खास बात यह है की इसमें जो रोबोट दिखाए गए है वो मिटटी से बनाये हुए है।
इस भगवान श्री कृष्ण मंदिर में साल भर कुछ ना कुछ कार्यक्रम शुरू ही रहते है। कभी भक्तों के लिए सत्संग का आयोजन किया जाता। किसी अच्छे मुहूर्त पर भक्तों के लिए कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है।
इस हरे कृष्ण हरे रामा मंदिर में भगवान का जन्मदिन बड़े आनंद से मनाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर के बहुत सारे कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर सभी भक्त बड़ी संख्या में मौजूद रहते है।
Read More:
Hope you find this post about ”ISKCON Temple” useful. if you like this article please share on Facebook & Whatsapp. and for latest update Download: Gyani Pandit free Android app.
Note: We try hard for correctness and accuracy. please tell us If you see something that doesn’t look correct in this article About ISKCON Mandir in Hindi… And if you have more information History of ISKCON Temple then help for the improvements this article.
kya khoob likha hai…..waah
ज्ञानी जी इस मंदिर का प्रबंधन कैसे होता है तथा प्रवचन कर्ता कैसे रखे जाते है मैने सुना है इसमें वेतन पर रखे जाते तो क्या कारपोरेट जे तर्ज़ पर इसका प्रबन्धन होता है ।
ज्ञानी पंडीत जी, इस्कॉन मंदिर के बारे में बहुत रोचक जानकारी दी हैं आपने।
धन्यवाद ज्योति जी,हमें यह जानकर अच्छा लगा कि आपको हमारी साइट पर इस्कॉन टेंपल के बारे में दी गई जानकारी पसंद आई। इस्कन टेंपल में लाखों भक्तों की आस्था जुड़ी है। हम आगे भी इस तरह के पोस्ट अपलोड करते रहेंगे। उम्मीद है कि आपको आगे भी हमारे पोस्ट पसंद आएंगे।