Irfan Pathan – इरफ़ान पठान काफ़ी प्रतिभाशाली भारतीय क्रिकेटर है। इरफ़ान पठान एक आल राउंडर खिलाडी है जिनकी तुलना महान क्रिकेटर कपिल देव से की जाती है।
क्रिकेटर इरफ़ान पठान – Irfan Pathan Biography
इरफ़ान पठान का जन्म 27 अक्तूबर 1984 को गुजरात (भारत) के बरोदरा में पठान खानदान हुआ। उनके पिताजी मुअज्जिन का काम करते थे। इरफ़ान को क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता था। इरफ़ान पठान और युसुफ़ पठान दोनों भाई मस्चिद का जो मैदान होता था उसपर क्रिकेट खेला करते थे।
शुरुवात में जब वो गेंदबाजी करते थे तो गेंदबाजी इतनी अच्छी नहीं होती थी। लेकिन हर दिन छह घंटे की कड़ी मेहनत और परिवार के कठिन अनुशासन के दम पर इन्होने गेंदबाजी में काफ़ी निखार लाया।
4 फरवरी 2016 को पठान ने मक्का में सफा बेग से शादी कर ली। 20 दिसंबर 2016 को सफा बेग ने एक प्यारे से लड़के को जन्म दिया। इसका नाम इमरान खान पठान है।
इरफ़ान पठान का करिअर – Irfan Pathan Career
दिसंबर 2003 में पठान ने 19 साल के उम्र में अपना पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड ओवल में खेला। इस मैच में इन्हें बाये हाथ के गेंदबाज ज़हीर खान चोटिल होने के कारण खेलने का मौका मिला था। इस मैच में इन्होने 150 रन दिए थे और मैथ्यू हेडन का विकेट लिया था।
ऑस्ट्रेलिया और ज़िम्बाब्वे के खिलाफ त्रिकोणीय ओ डी आई शृंखला में इरफ़ान पठान ने 31 की औसत से 16 विकेट चटकाए थे। उस श्रुंखला में पठान ही सबसे ज्यादा विकेट लेनेवाले गेंदबाज थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इन्होने दो बार तीन तीन विकेट लेने का काम कर दिखाया था।
पर्थ के वाका ग्राउंड में इनके ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 4/24 के शानदार प्रदर्शन के आधार पर इन्हें इस श्रुंखला में मैन ऑफ़ द मैच का सम्मान भी मिला।
2004 में पाकिस्तान के दौरें पर इन्होने काफ़ी आक्रामक तेज गेंदबाजी की। इसमें इन्होने 12 विकेट लिए थे और भारत के सभी गेंदबाजो की तुलना में सबसे ज्यादा मेडेन ओवर डाले थे। इनकी इस शानदार गेंदबाजी के दम पर ही भारत ने पिछले दो दशको में पहली बार सीरीज जीती थी।
इन्होने केवल गेंद से ही नहीं बल्कि बल्लेबाजी से भी सब को प्रभावित किया था। जब लाहोर के टेस्ट मैच में सभी के सभी सलामी बल्लेबाज जल्द ही आउट हो गए थे तब इन्होने 49 रन बनाकर सबको हैरान कर दिया था।
पठान में गेंद को दोनों तरफ़ से स्विंग करने की खास क्षमता है और साथ में इन्होने लाहोर में जिस तरह से पारिया खेली है उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है की इनमे आल राउंडर बनने की काबिलियत है।
2004 के पुरस्कार समारोह में इन्होने आई सी सी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द इयर का ख़िताब भी जीता है। 2004 में श्रीलंका में हुए एशिया कप में भी इन्होने शानदार प्रदर्शन किया।
यहाँ पर वो 16।28 की औसत से 14 विकेट लेकर सबके सामने उभरकर कर आये। यहाँ पर इन्होने तीन बार तीन तीन विकेट लेने का अद्भुत काम कर दिखाया। 2004 के आई सी सी चैंपियंस ट्राफी में इन्होने 9 की औसत से पाच विकेट लिए थे।
पठान ने बल्ल्लेबाजी में भी काफ़ी सुधार लाया है। 2004 में खेले गए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलोर के मेचो 31 और 55 रन बनाए थे। यह इनका पहला अर्धशतक था जब पहले टेस्ट मैच में सभी बल्लेबाज ने ख़राब बल्लेबाजी की थी।
2004 में बीसीसीआई ने अंतर्राष्ट्रीय खिलाडियों के लिए पहली बार केंद्रीय अनुबंध की शुरुवात की थी और पठान को बी ग्रेड का अनुबंध मिला था।
पाकिस्तान की श्रुंखला खतम होने के बाद ग्रेग चैपल भारतीय टीम के कोच बने और इन्होने पठान में एक आल राउंडर को देखा। चैपल पठान की बल्लेबाजी पर ज्यादा मेहनत करने लगे जिसके कारण पठान ने 19.64 की औसत से टेस्ट मैच में 275 रन बनाए थे। मिडिलसेक्स कंट्री क्रिकेट क्लब ने पठान को कुछ समय बाद ही साईन किया था जहा पर पठान ने अपने फॉर्म में आने की कोशिश की।
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