King of India
भारत महान राजाओं एवं योद्धाओं की जन्मभूमि रही है। अलग–अलग समय में एक से बढ़कर एक सम्राटों ने भारत पर न सिर्फ अपना राज किया है, बल्कि अपनी कुशल कार्यक्षमता एवं रणनीति से भारत के इतिहास को गौरवपूर्ण बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाया है। जिसमें चंगेज खान और तैमूर के मंगोलों, साइरस द ग्रेट के तहत फ़ारसी एकेमेनाइड्स और यहां तक कि मासेदोनियन योद्धा सिकंदर द ग्रेट भी शामिल हैं। तो हम उन महानतम राजाओं की लिस्ट (King of India) पर नजर डालेंगे जिन्होंने भारत देश पर शासन किया और भारत के इतिहास में अपना नाम दर्ज किया।
भारत देश के शासकों का इतिहास | Indian Kings History in Hindi
भारत के महान शासकों की सूची – List of Indian Kings Name
अजातशत्रु (493 ई.पू. से 461 ई.पू. तक):
अजातशत्रु के जीवन के बारे में एक नजर में:
नाम: | अजातशत्रु |
बचपन का नाम: | ‘कुणिक‘ |
पिता का नाम: | बिंबिसार |
पत्नी: | वजिरा |
प्रसिद्धि: | मगध का सम्राट |
मुख्य काम: | पाटलिपुत्र की स्थापना |
साम्राज्य का विस्तार: |
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अजातशत्रु मग्ध का एक बेहद बुद्दिमान, बलशाली एवं प्रतापी राजा था, जिसने अपने पिता बिंबिसार की हत्या कर मगध की राजगद्दी अपनाई थी। उन्होंने अपनी कुशल राजनैतिज्ञ क्षमता एवं कूटनीतिक कौशल से अपने शासनकाल में मग्ध के साम्राज्य का विस्तार पूर्वी राज्यों समेत उत्तर और पश्चिम राज्यों में भी कोसल एवं काशी तक कर लिया था।
अजातशत्रु के शासनकाल के दौरान मगध भारत के सबसे शक्तिशाली, राज्यों में गिना जाता था।
चन्द्रगुप्त मौर्य- Chandragupta Maurya:
चन्द्रगुप्त मौर्य के जीवन के बारे में एक नजर में:
पूरा नाम | चन्द्रगुप्त मौर्य |
जन्म | 340 ईसापूर्व, पाटलीपुत्र, बिहार |
पिता का नाम | मुरा |
माता | नंदा |
पत्नी | दुर्धरा |
चन्द्रगुप्त मौर्य भारत के सबसे महान और वीर योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने मौर्य साम्राज्य की स्थापना कर भारत के इतिहास को गौरवमयी बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। महान दार्शनिक, रणनीतिकार, इतिहासकार, एवं प्रकंड विद्धान आचार्य चाणक्य से मिलने के बाद उनका पूरा जीवन बदल गया था।
अपने गुरु चाणक्य की मद्द से उन्होंने नंद साम्राज्य का विनाश कर न सिर्फ मौर्य साम्राज्य की स्थापना की, बल्कि चाणक्य नीति का इस्तेमाल कर मौर्य साम्राज्य को सुदृढ़ एवं विशाल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाया है।
चन्द्रगुप्त मौर्य के बारे में और अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करिए- Chandragupta Maurya History
राजा राज चोला – Rajaraja i:
राजा राज चोला के जीवन के बारे में एक नजर में:
नाम | अरुलमोजहीवर्मन |
अन्य नाम | तेलुंगाना कुल कला, राजराजा शिवपाड़ा शेखर |
जन्म | 947 ईसवी |
वंश | चोल वंश |
शासन काल | (985 से 1014 ईसवी तक) |
मृत्यु | 1014 ईसवी |
राजा राज चोला दक्षिण के सबसे शक्तिशाली और ताकतवर राजाओं में से एक थे, जिन्होंने अपने चोल वंश के साम्राज्य का विस्तार श्रीलंका तक कर लिया था। उन्होंने अपने राजनैतिक कौशल और सूझबूझ से चोल साम्राज्य को विश्व का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य के रुप में उभारा था।
प्रमुख तौर पर हिन्द महासागर के व्यावसायिक समुद्री मार्गों पर चोल वंश का प्रभाव साफ तौर पर देखा जा सकता था, जहां पर किसी को भी उनकी इजाजत के बिना व्यापार करने की अनुमति नहीं थी। इसके अलावा उन्होंने तंजोर के विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिर समेत कई मंदिर की स्थापना करवाई।
समुद्रगुप्त (335-376):
समुद्र गुप्त के जीवन के बारे में एक नजर में:
नाम | समुद्रगुप्त |
पेशा | गुप्त राजवंश के महान सम्राट |
महत्वपूर्ण काम | भारत में स्वर्ण युग की शुरुआत |
प्रसिद्धि |
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समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के सबसे महान और सफल सम्राटों में से एक थे। वे एक ऐसे शासक थे, जिन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार का सामना नहीं किया। उनका शासनकाल में भारत में स्वर्णयुग की शुरुआत की गई थी।
समुद्र गुप्त वीर योद्धा होने के साथ साथ कला के संरक्षक भी थे, जिन्हें प्राचीनकाल में भारत का नेपोलियन कहा जाता था। समुद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में स्वर्ण मुद्राएं बनवाईं। इसके अलावा उन्होंने भारत में कई हिस्सों पर अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
महाराणा प्रताप – Maharana Pratap:
महाराणा प्रताप के जीवन के बारे में एक नजर में:
नाम | प्रताप सिंह |
जन्म | 9 मई 1540, कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान, भारत |
पिता | उदय सिंह |
माता | महारानी जयवंताबाई |
पत्नी | 11 पत्नियां |
शासन काल | 1568-1597 |
महाराणा प्रताप द्धारा लड़े गए प्रमुख युद्द |
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मृत्यु | 19 जनवरी 1597 |
महाराणा प्रताप भारत के सबसे महान, वीर एवं सशक्त शासक थे, जिनकी शूरता और वीरता के किस्से इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में सुनहरे अक्षरों से लिखे गए हैं। महाराणा प्रताप बेहद स्वाभिमानी थे, उन्होंने अपने जीवन में कभी भी मुगलों की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था।
हल्दी घाटी के युद्ध में मुगलों से कम सैनिक और युद्ध हथियार होने के बाद भी मुगलों को छटी का दूध याद दिला दिया था। महाराणा प्रताप ने अकबर जैसे महान योद्धा का भी साहस के साथ मुकाबला किया था एवं उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राष्ट्र, धर्म और कुल की रक्षा के लिए अर्पित कर दिया था।
महाराणा प्रताप के बारे में और अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – Maharana Pratap History
सम्राट अकबर – Akbar:
सम्राट अकबर के जीवन के बारे में एक नजर में:
नाम | अबुल–फतह जलालउद्दीन मुहम्मद अकबर |
जन्म | 15 अक्टूबर, 1542, अमरकोट |
पिता | हुमायूँ |
माता | नवाब हमीदा बानो बेगम साहिबा |
विवाह |
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शासनकाल | 11 फरवरी 1556 से 27 अक्टूबर 1605 |
राजवंश | मुगल राजवंश |
मृत्यु | 27 अक्टूबर 1605 (फतेहपुर सीकरी, आगरा) |
अकबर मुगल वंश के सबसे महान, साहसी, प्रभावशाली शासकों में से एक थे। अकबर भारत के उन महान योद्धाओं में से थे, जिन्होंने बड़े स्तर पर अपने मुगल साम्राज्य का विस्तार किया था। महज 13 साल की उम्र में मुगल सिंहासन संभालने वाले सम्राट अकबर को न सिर्फ मुस्लिम बल्कि हिन्दू धर्म के लोगों से ही अथाह प्रेम और स्नेह मिला। मुगल साम्राज्य के विस्तार एवं मजबूत बनाने में अकबर ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अकबर ने अपनी राजनैतिक सूझबूझ और विवेकशीलता से कई ऐसी नीति बनाई, जिसकी वजह से वे अलग-अलग साम्राज्य में शांतिपूर्ण माहौल बनाने में सफल रहे। इसके अलावा अकबर से कराधान प्रणाली को फिर से संगठित करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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छत्रपति शिवाजी महाराज – Chhatrapati Shivaji Maharaj:
छत्रपति शिवाजी महाराज जी के बारे में एक नजर में:
नाम | शिवाजी राजे भोंसले |
जन्म | 19 फरवरी, शिवनेरी दुर्ग, महाराष्ट्र |
पिता | शाह जी भोंसले |
माता | जीजाबाई |
विवाह | सईबाई निम्बालकर |
उपाधि | छत्रपति |
शासनकाल | 1642 ईसवी से 1680 |
मृत्यु | 3 अप्रैल, 1680, रायगढ़पूरा |
शिवाजी महाराज भारत के शूरवीर योद्धा एवं कुशल रणनीतिकार थे,उन्होंने अपनी राजनैतिक सूझबूझ एवं योग्यता के बल पर मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। वे एक ऐसे वीर शासक थे, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक की आहूति दे दी और कई साल तक इतिहास के सबसे क्रूर एवं निर्दयी शासक औरंगजेब से संघर्ष किया था।
हालांकि उन्होंने कभी भी मुगलों की विशाल और संगठित सेना के सामने हार नहीं मानी और वीरता के साथ अपने दुश्मनों का सामना करते रहे। उनहोंने गुरिल्ला युद्द कला में महारथ हासिल की थी। छत्रपति शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र का गौरव एवं सबसे महान हिन्दू सम्राट भी माना जाता है। उन्होंने मुगलों के शासनकाल में वीरता के साथ हिन्दू साम्राज्य की स्थापना कर भारतीय समाज को नई दिशा दी।
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सम्राट अशोक – Samrat Ashoka:
सम्राट अशोक जी के जीवन के बारे में एक नजर में:
नाम | अशोक बिंदुसार मौर्य |
जन्म | 304 ईसा पूर्व,पाटिलपुत्र |
पिता | राजा बिंदुसार |
माता | सुभ्रदांगी |
पत्नी |
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मृत्यु | 232 ईसा पूर्व, पाटलिपुत्र, पटना |
सम्राट अशोक भारत के महानतम एवं शक्तिशाली शासकों में से एक थे, जिन्हें उनके अद्भुत साहस, निडरता एवं निर्भीकता की वजह से अशोक महान और “अशोका द ग्रेट” के नाम पुकारा जाता था। उन्होंने अपने शासनकाल में अपने मौर्य साम्राज्य का विस्तार अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तक और कश्मीर से लेकर तमिलनाडू तक किया था।
उनकी राजधानी पाटिलिपुत्र थी। उन्होंने अपने कार्यकाल में मौर्य साम्राज्य को विश्व का सबसे महान साम्राज्य बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे बौद्ध धर्म के विचारों से बेहद प्रभावित थे, उन्होंने विदेशों में बौद्ध धर्म के प्रचार – प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आपको बता दें कि कलिंगं युद्द में लाखों लोगों की मृत्यु को देखकर उनका ह्रदय परिवर्तन हो गया था और इसी के बाद उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया था। भारत का राष्ट्रीय चिन्ह और झंडे का चक्र “अशोक स्तंभ” से ही लिया गया है।
सम्राट अशोक के बारे में और अधिक जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें – Samrat Ashoka Biography
भारत में इनके अलावा और भी बहुत सारे शासकोंने राज किया उनकी सूचि हम निचे दे रहे हैं, जिन्होंने कई सालों तक भारत पर राज किया एवं अपनी उचित राजनैतिक क्षमता से देश को नई दिशा दी। भारतीय इतिहास महान राजाओं से भरा पड़ा है,
एवं इन राजाओं की वीर गाथाओं को युगों – युगों तक याद किया जाएगा।
- Rana Sanga – राणा सांगा
- Chandragupta Maurya – चन्द्रगुप्त मौर्य
- Rani Durgavati – रानी दुर्गावती
- Maharaja Mansingh Tomar – मान सिंह तोमर
- Tipu Sultan – टीपू सुल्तान
- Maharaja Ranjit Singh – महाराजा रणजीत सिंह
- Prithviraj Chauhan – पृथ्वीराज चौहान
- Hammiradeva – हम्मीर देव
- Chandragupta I – चन्द्रगुप्त प्रथम
- Maharana Pratap – महाराणा प्रताप
- Aurangzeb – औरंगज़ेब
- Rajendra Chola I – राजेन्द्र प्रथम
- Porus – पुरूवास
- Krishnadevaraya – कृष्णदेवराय
- Babur – बाबर
- Sher Shah Suri – शेर शाह सूरी
- Bahadur Shah Zafar – बहादुर शाह ज़फ़र
- Jahangir – जहाँगीर
- Baji Rao I – बाजीराव प्रथम
- Razia Sultana – रज़िया सुल्तान
- Rani of Jhansi – रानी लक्ष्मीबाई