रंगों के त्योहार होली पर भाषण

Holi Speech

उमंग और उत्साह का त्योहार होली को हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों के इस त्योहार को लेकर सभी के अंदर बेहद उत्साह रहता है।

इस त्योहार को लोग अपने गलेशिकवे मिटाकर आपस में मिलजुलकर प्रेम और भाईचारे के साथ मनाते हैं और एकदूसरे को रंग और अबीर लगाकर इस पावन पर्व की बधाई देते हैं। वहीं इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। जिसमें कई तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं।

ऐसे मौके पर आपको भी कभी होली पर भाषण देने का मौका मिल सकता है, इसलिए हम आपको होली पर शानदार भाषण उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप इस तरह के कार्यक्रमों के दौरान कर सकते हैं।

Holi Speech in Hindi

रंगों के त्योहार होली पर भाषण – Holi Speech in Hindi

मैं….। सबसे पहले आप सभी को होली के पावन पर्व की असीम शुभकामनाएं। सभी महामहिम एवं आगंतुकों आप सभी का यहां पधारने के लिए बेहद शुक्रिया। मुझे बेहद खुशी हो रही है कि होली के इस बेला पर आप सभी ने मुझे अपने विचार रखने का मौका दिया।

मै अपने इस भाषण की शुरुआत होली के शुभकामना संदेश से करना चाहता हूं/चाहती हूं-

दुआ यही हमारी पूरी हो हर आपकी आस,

मीठे-मीठे पकवानों सी जीवन में बनी रहे मिठास

दुनिया की सारी खुशियां आ जाएं आपकी झोली

हमारी ओर से आपको मुबारक हो या प्यारी होली।।

होली का त्योहार प्रेम, भाईचारे, उत्साह, सोहार्द और एकता का पर्व है। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि इस पर्व को हर साल बसंत ऋतु में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

होली का पर्व न सिर्फ हमें अपने पुराने गले-शिकवे मिटाकर आपसी रिश्ते सुधारने का मौका देता है बल्कि हमें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का भी काम करता है। इस पर्व का सामाजिक सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व है।

इस त्योहार से कई धार्मिक और पौराणिक कथाएं जुड़ी होने की वजह से इस पर्व से लोगों की काफी गहरी आस्था है।

रंगों के त्योहार से राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम और प्रह्लाद एवं होलिका की कथा सबसे प्रचलित है। जिसके मुताबिक हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रह्लाद को होलिका के साथ मारने की साजिश रची थी, जिसके बाद राक्षसनी होलिका वरदान में मिली अपनी चादर को लपेटकर भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर जलती हुई आग में बैठ गई, जिसके बाद तूफान आने से उसकी चादर उड़ गई और भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु के कृपा से बचे रहे, तभी से इस त्योहार को मनाए जाने की परंपरा चली आ रही है।

इस त्योहार की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरु हो जाती हैं। इस मौके पर घरों में गुजिया, गुलाब जामुन, मालपुआ जैसे पारंपरिक पकवान बनाए जाते हैं।

इसके अलावा होली पर आयोजित इस तरह के कार्यक्रमों में लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं।

हालांकि, बदलते वक्त के साथ होली के त्योहार ने भी आधुनिकता का रुप ले लिया है। होली में अब फुहड़ता दिखाई देती है। वहीं आज युवा वर्ग के लिए होली के त्योहार को मनाने का मतलब मस्ती और नशाखोरी हो गया है।

इस मौके पर युवा शराब जैसे नशीले पदार्थों का सेवन कर महिलाओं के साथ छेड़खानी करते हैं, जिससे इस त्योहार की गरिमा तो कम हो ही रही है, साथ ही नैतिकता का भी पतन हो रहा है।

इसके अलावा जहां पहले लोग घरो में पकवान बनाते थे, वहीं आजकल लोग बाजार से ही पकवान मंगा लेते हैं। होली के मौके पर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लालच में दुकानदार मिलवटी पदार्थ बेचते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं। इस तरह होली आज पूरी तरह बाजारवाद की चपेट में आ गई हैं।

वहीं पहले जहां लोग इस त्योहार पर अपनी पुरानी रंजिशों को मिटाकर आपस में प्रेमपूर्वक गले-मिलते थे। वहीं आजकल होली पर रंजिश के चलते हत्या की खबरें आम हो गईं हैं।

इस पर्व के मायने आजकल लोगों के लिए बदल गए हैं। हम सभी को इस पर्व का महत्व समझना चाहिए और होली के मूल संदेशों का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।

होली पर अपने भाषण को मैं दो पक्तियां बोलकर विराम करना चाहता हूं/चाहती हूं।।

रंगो से भरी इस दुनिया में, रंग रंगीला त्यौहार है होली

गिले शिकवे भुलाकर खुशियां मनाने का त्यौहार है होली

रंगीन दुनिया का रंगीन पैगाम है होली

हर तरफ यहीं धूम है मची“बुरा ना मानो होली है होली”

होली पर भाषण – Holi Ka Tyohar Par Bhashan

सम्मानीय आगंतुकों, सभी माताएं, बहनें एवं मेरे प्यारे छोटे-बड़े भाई-बहनों सभी को मेरा नमस्कार।।

सबसे पहले मैं आप सभी को दो लाइनें बोलकर होली के पर्व की बधाई देना चाहती हूं।।

खुशियां का रंग भरे जीवन में

दुख सारे जिसमें छिप जाएं

भगवान करें इस होली पर

आपके रंग में सब रंग जाएं।।

आप सभी को हैप्पी होली।।

मुझे बेहद खुशी हो रही है कि आज इस मौके पर आप लोगों ने मुझे होली के इस अवसर पर अपने विचार व्य्क्त करने का मौका दिया है।

हर साल की तरह इस बार भी इस रंगों के त्योहार पर होली मिलन संगोष्टी का आयोजन किया गया है। वहीं आप लोगों की मौजूदगी ने इस रंगों के त्योहार को और भी ज्यादा खास बना दिया है, आप सभी का शुक्रिया।।

जैसे कि हम सभी जानते हैं कि होली हमारा प्रमुख पर्व है, जिससे हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन संपूर्ण भारत में मनाया जाता है।

इस पर्व का वर्णन न सिर्फ हिन्दू शास्त्रों और पुराणों में किया गया है, बल्कि इतिहासकाल से ही हम सभी होली के पर्व को मनाते आ रहे हैं।

होली को मुगल काल से ही धूमधाम से सेलिब्रिट किया जाता रहा है एवं कई प्राचीन हिन्दू मंदिरों में दीवारों पर उकेरी गए चित्रों से भी प्राचीन काल में होली मनाने की परंपरा का ज्ञात होता है, इससे हम सभी होली के पर्व का महत्व का अंदाजा लगा सकते हैं।

होली को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह से मनाते हैं। श्री कृष्ण की नगरी नंदगांव की लठमार होली और ब्रज की बरसाने की होली काफी प्रसिद्ध है।

इसके अलावा महाराष्ट्र में इस मौके पर महाराष्ट्र में इस मौके पर होली के दुसरे दिन यानि पंचमी के दिन रंग खेलने की परंपरा है। ये होली का मुख्य आर्कषण होता है। इस तरह सभी लोग अपने-अपने तरीके से होली मनाते हैं।

भाईचारे, प्रेम, सोहार्द के इस पर्व को हम सभी को आपस में मिलजुल कर बनाना चाहिए। होली के पर्व की गरिमा को बचाने की कोशिश करनी चाहिए और इसके सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व को लेकर जागरूक होना चाहिए।

इसके साथ ही अपने बच्चों, करीबी और रिश्तेदारों को भी इस त्योहार के पारंपरिक एवं सामाजिक महत्व के बारे में बताना चाहिए।

इसके साथ ही हम सभी को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि होली की मौज-मस्ती में किसी भी तरह से अन्य दूसरे व्यक्ति को परेशानी न हो।

इस मौके पर कैमिकल वाले रंगों का बहिष्कार कर स्वदेशी यानि कि नैचुरल और ऑर्गेनिक कलर का इस्तेमाल करना चाहिए एवं होली का तकिया कलाम बन चुका ”बुरा ना मानो होली” बोलकर लोगों से जोर-जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।

हां, मै यह नहीं बोल रहा/बोल रही हूं कि होली पर मौज-मस्ती नहीं करनी चाहिए, बल्कि मेरा तात्पर्य यह है कि इस तरह होली खेलनी चाहिए कि किसी की भावना आहत न हो और इस त्योहार मनाने का मजा किरकिरा न है।

हम सभी को इस त्योहार को प्रेमपूर्वक मनाना चाहिए ताकि इस त्योहार की गरिमा बनी रही और रिश्तों की मिठास बनी रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here