दुसरों का पूरा कहना सुने | Hindi Story With Moral

Hindi Story With Moral
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दुसरों का पूरा कहना सुने / Hindi Story With Moral

एक प्यारी छोटी बच्ची ने अपने दोनों हातो में दो सेब पकड़ रखे थे.

तभी उसकी माँ वहा आई और उसने बड़ी नम्रता से अपनी छोटी सी बेटी से पूछा की, “मेरी प्यारी परी, क्या तुम अपनी मम्मी को तुम्हारे दो सेब में से एक सेब दोंगी?”

ये सुनते ही वो प्यारी बच्ची कुछ समय के लिए उपर अपनी माँ को देखती रही, तभी उसने एक सेब का थोडा सा टुकड़ा खा लिया और जल्दी से दुसरे सेब का भी थोडा सा टुकड़ा खा लिया.

उस बच्ची की माँ ये देखकर मुस्कुराने लगी उसका चेहरा जम सा गया था. वो अपनी मायूसी को उस प्यारी बेटी को बताना नहीं चाहती थी.

तभी उस छोटी बच्ची ने अपने एक हात से थोडा खाया हुआ सेब अपनी माँ को दे दिया और कहा की,

“मम्मी, ये आप लो. क्योकि ये ज्यादा मीठा है.”

Moral From Story:

दोस्तों, ये कोई मायने नहीं रखता की आप कौन हो, आपने कैसा अनुभव किया और आपकी सोच कैसी है – इसलिए हमेशा अपना निर्णय सोच समझकर ले. दुसरो को हमेशा उनकी बात कहने का पूरा मौका दीजिये. कभी-कभी जो आपको दिखाई देता है वह सच्चाई नहीं होती.

हमें कभी दुसरो के मन की बातो को अपनी सोच से समझने का प्रयास नहीं करना चाहिये. हम हमेशा बिना दुसरो को समझे अपने ही मन से निर्णय लेने लगते है. और उस रिश्ते को खराब करते है.

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6 COMMENTS

  1. दूसरों को बिना समझे कोई निर्णय लेने से अनावासयक समस्याओं का सामना करना पड़ता है I

  2. बहुत अच्छा सन्देश.
    दुसरो को हमेशा उनकी बात कहने का पूरा मौका दीजिये. कभी-कभी जो आपको दिखाई देता है वह सच्चाई नहीं होती.

    हमें कभी दूसरो के मन की बातो को अपनी सोच से समझने का प्रयास नहीं करना चाहिये. हम हमेशा बिना दुसरो को समझे अपने ही मन से निर्णय लेने लगते है. और उस रिश्ते को खराब करते है.

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