एक खुबसूरत कहानी / Hindi Inspirational Stories
कैसे हम खुश रह सकते है?
एक समय की बात है, 50 लोगो का एक समूह किसी सेमीनार में उपस्थित होने के लिए गया था.
तभी सेमीनार में अचानक बोलने वाले ने बोलना बिच में ही बंद कर दिया और कुछ सामूहिक मिलकर करने की ठानी. उसने उपस्थित सभी लोगो को एक गुब्बारा देना शुरू किया. जिसपे सभी को एक मार्कर पेन से अपना-अपना नाम लिखना था. और बाद में सभी गुब्बारों को जमा किया गया और एक अलग कमरे में ले जाकर रखा गया.
और बाद में सभी को उसी कमरे में भेजा गया और सभी को अपने-अपने नाम का गुब्बारा 5 मिनट के अंदर धुंडने को कहा. सभी लोग जल्द से जल्द अपने नाम के गुब्बारे को धुंडने में लगे रहे, एक-दुसरे को धक्का देने लगे, सभी लोग गड़बड़ी करने लगे थे.
5 मिनट के अंत में किसी को भी अपने नाम का गुब्बारा नही मिला था.
अब सभी से कहा गया था की एक-एक गुब्बारा उठाये और उसपे जिसका भी नाम होंगा उसे वह दे-दे.
अब 5 मिनट के अंदर ही सभी के पास अपने-अपने नाम का गुब्बारा था.
तभी उसने बोलना शुरू किया – यही गतिविधि हमारे जीवन में भी होने लगी है. हर कोई जल्दबाजी में अपने आस-पास ख़ुशी धुंडने में लगा हुआ है, बल्कि उसे ये पता भी नही होता है की उसे वह ख़ुशी कहा मिलेंगी.
हमारी ख़ुशी दूसरो की ख़ुशी में ही छुपी होती है. आप दूसरो को उसकी ख़ुशी दीजिये, आपको अपनी ख़ुशी अपनेआप ही मिल जाएँगी.
और यही मानवी जीवन का उद्देश है.
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दूसरों की ख़ुशी में ही अपनी ख़ुशी है पर ऐसा तभी संभव है जब हम निजी स्वार्थ से ऊपर उठ कर सोंचते हैं | इस छोटी सी प्रेरणादायी कहानी ने निजी स्वार्थ से ऊपर उठ कर सदा खुश रहने को बहुत ख़ूबसूरती से परिभाषित कर दिया है | … वंदना बाजपेयी
Very true.
Should be follow in real life.
Bilkul sahi bat hai , jab tak hum dusron ke liye nahi sochte tab tak hamare liye bhi koi nahi sochega ….sivay maa baap ke.
very nice….. khusiyaa baato khusiyaa paao….…!!!