Hindi Diwas in Hindi
”हम सब का अभिमान हैं हिंदी, भारत देश की शान हैं हिंदी”
हिन्दी हिन्दुस्तान की पहचान है ये सिर्फ मातृभाषा ही नहीं बल्कि हर भारतीय का स्वाभिमान है लेकिन दुख इस बात का है कि भारत के 70 प्रतिशत से ज्यादा गांवों में भी बोली जाने वाली भाषा का महत्व धीरे-धीरे कम होता जा रहा है लेकिन हिन्दी भाषा (Hindi Diwas) आज भी नवसाक्षरों का सुकोमल सहारा है और जनसंचार का स्पंदन है।
क्या आप जानते है क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस – Hindi Diwas
हिंदी ऐसी भाषा है जिसमें सभी भाषाओं का समावेश है अर्थात हिंदी सभी भाषाओं को साथ लेकर चलती है। अन्य भाषाओं के साथ मिलकर हिंदी भाषा ने एक नया रूप धारण किया है। राष्ट्रभाषा हिन्दी ने फारसी, अरबी, उर्दू से लेकर, आधुनिक अंग्रेजी भाषा को भी बड़े ही आत्मीयता से अपनाया है यही नहीं हिन्दी भाषा सभी भारतीयों के हृदय में प्रवाहित होती है। हिन्दी भाषा कण-कण में बसी जीवंत भाषा है जिसका रिश्ता न सिर्फ जुबान से है बल्कि दिल की धड़कनों से भी है।
”हर कण में हैं हिन्दी बसी
मेरी मां की इसमें बोली बसी
मेरा मान हैं हिन्दी
मेरी शान है हिन्दी”
हिन्दी भाषा सरल, सुगम और सुंदर भाषा है जिसका न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अपना अलग महत्व है। हिन्दी के ऐतिहासिक अवसर को याद रखने के लिए हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिन्दी दिवस – Hindi Diwas मनाया जाता है।
हिन्दी भाषा के महत्व को लोगों को समझाने और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हिन्दी दिवस – Hindi Diwas मनाया जाता है। आपको बता दें कि हर भारतीय के लिए हिंदी भाषा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की राष्ट्रीय भाषा है।
हिन्दी भाषा की जानकारी के लिए हर स्कूल, कॉलेजों में हिन्दी भाषा खासतौर पर पढ़ाई जाती है। हिन्दी भाषा भारत की आन, बान, शान और अभिमान है। इसके साथ ही ये राष्ट्रीय एकता की प्रतीक भी मानी जाती है।
Hindi Diwas – हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है,क्या है इसका महत्व आइए आपको बताते हैं।
हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है ? – Why we Celebrate Hindi Diwas
भारत की राष्ट्र भाषा हिन्दी भाषा के महत्व को लोगों को बताने और जागरूक करने को लेकर पूरे भारत में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस – Hindi Diwas मनाया जाता है।
14 सितंबर, 1949 को भारत की संवैधानिक सभा में राष्ट्रीय भाषा हिन्दी को देवनागिरी लिपि में लिखा गया था और हिन्दी को भारत गणराज्य की अधिकारिक भाषा भी घोषित किया गया था तब से लेकर इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
आपको बता दें कि हिन्दी भाषा को भारत की अधिकारिक भाषा के रूप में इस्तेमाल करने का फैसला भारत के संविधान में 26 जनवरी, 1950 से प्रभाव में आया है। भारतीय संविधान के मुताबिक, देवनागिरी लिपि में लिखित हिन्दी भाषा को पहले भारत की अधिकारिक भाषा के रुप में अनुच्छेद 343 के तहत अपनाया गया था।
जिसके बाद हिन्दी भाषा जनसंचार का माध्यम बनती चली गई और इसका महत्व बढ़ता चला गया है। क्योंकि किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा बनने के लिए उसमें सहजता और सुगमता का होना आवश्यक है जो कि हिंदी भाषा में भी है।
किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी एक भाषा होती है जो उसका गौरव होती है। वैसे ही भारत में हिन्दी भाषा की अपनी एक अलग पहचान है। हिन्दी भाषा का अपना इतिहास है ये भाषा इंडो-यूरोपियन भाषा परिवार के इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित है।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय भाषा को आदर्श बनाने के लिए इस भाषा को व्याकरण और वर्तनीयुक्त करने का लक्ष्य रखा है। आपको बता दें कि हिन्दी भाषा न सिर्फ भारत में बल्कि मॉरीशस, पाकिस्तान, सुरीनाम, त्रिनिदाद समेत अन्य देशों में भी बोली जाती है।
विश्व स्तर पर भी मनाया जाता है हिन्दी दिवस – World Hindi Day
हिन्दी भाषा एक ऐसी भाषा है जिसमें सभी भाषाएं समाहित हैं और जो जनसंचार का एक अच्छा माध्यम है इसलिए हिन्दी भाषा भारत की राष्ट्रभाषा है। हिंदी भाषा के माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को आसानी से व्यक्त कर सकता है। हर भारतीय में हिन्दी भाषा को लेकर एक अलग प्रेम हैं सरल और सुगम होने की वजह से हिंदी भाषा पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा भी है।
इस भाषा ने विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है इसलिए विश्वव स्तर पर हिन्दी दिवस को मनाया जाता है आपको बता दें कि 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है।
विश्व हिन्दी दिवस – Hindi Diwas सबसे पहले प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था जिसके बाद से इसे विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। पूरी दुनिया में हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार के मकसद और लोगों में हिन्दी भाषा के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से विश्व स्तर पर भी हिन्दी दिवस – Hindi Diwas मनाया जाने लगा।
हिन्दी दिवस का महत्व- Importance of Hindi Diwas
हिन्दी भाषा के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से बनाया जाता है साथ ही इस दिन ही हिन्दी को हमारी अधिकारिक भाषा भी बनाया गया था। हिन्दी भाषा को सम्मान देने और लोगों को हिन्दी भाषा को लेकर प्रोत्साहित करने के मकसद से 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रुप में मनाते हैं।
क्यों कि भाषा न सिर्फ मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण है बल्कि समाज के विकास करने, देश के बुनियादी ढ़ांचे मजबूत करने, व्यापार को बेहतर बनाने समेत अन्य गतिविधियों में भी काफी अहम भूमिका निभाती है।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि आज की युवा पीढ़ी अंग्रेजी भाषा से ज्यादा प्रभावित है इसिलए हिन्दी पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसे बढ़ावा देने के मकसद से हर साल हिन्दी दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को हिन्दी के प्रति जागरूक किया जा सके।
हिन्दी भाषा भारतीय संस्कृति की भी पहचान है। ये भाषा युवाओं में जनचेतना का विकास करती है इसलिए हिन्दी दिवस में युवाओं को अपनी जड़ों को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है।
आपको बता दें कि हिन्दी भाषा दिखावे की भाषा बिल्कुल भी नहीं है बल्कि इस भाषा में संवाद करने से कई लोग और भी ज्यादा करीब आ जाते हैं आपको बता दें कि इस भाषा में सभी भाषाएं समाहित हैं इसलिए हर व्यक्ति के लिए हिन्दी का ज्ञान होना अत्यंत जरूरी है।
Hindi Diwas- हिन्दी दिवस पर मुख्य रुप से हमारी असली पहचान को याद दिलाता है और ये भाषा राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है इसलिए इस दिन ये देश के लोगों को एकजुट भी करता है।
हिन्दी भाषा, हमारी संस्कृति और विरासत है। हिन्दी दिवस लोगों को देशभक्ति की भावना के लिए भी प्रोत्साहन देता है।
हर व्यक्ति अपने करीबियों और दोस्तों से बात करने के लिए कई तरह की भाषाओं का इस्तेमाल करते हैं। वैसे तो सभी भाषाओं का अपनी-अपनी जगह अलग महत्व है। भाषाओं के माध्यम से हर तरह की स्थिति को संभाला और निपटा जा सकता है। भाषा ही हमारे व्यक्तित्व के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
भाषाओं के माध्यम से ही व्यक्ति खुद के आचार, विचार और व्यवहार को किसी दूसरे तक पहुंचाता है। किसी भी क्षेत्र में देश को विकसित करने के लिए भाषा का अपना एक अलग रोल अदा करती है। हर देश में अपनी एक अलग भाषा है और उनका एक अलग महत्व है। वैसे ही भारत में अपनी मातृभाषा के लिए एक अलग सम्मान है।
मातृभाषा हिन्दी की महत्वता कम होती जा रही है क्योंकि देश में तकनीकी और आर्थिक समृद्धि का एक साथ विकास हो रहा है। इस बात को भी नहीं इंकार किया जा सकता है कि हर क्षेत्र में अंग्रेजी भाषा की डिमांड तेजी से बढ़ रही है अर्थात हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए हर कोई अंग्रेजी भाषा बोलना और सीखना चाहता है इसलिए सिर्फ हिन्दी भाषा का ज्ञान आपको सफलता के सातवें आसमान पर नहीं पहुंचा सकता है।
हालांकि हिन्दी हमारी मातृभाषा है और इसका बात का हमें जरूर ध्यान रखना चाहिए और इसे नहीं छोड़ना चाहिए। आपको बता दें कि हिन्दी भाषा एक ऐसी भाषा है जो लोगों को आपस में जोड़ने का काम करती है।
हिंदी भाषा भारतीय संस्कृति की पहचान है और राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है। जनसंचार में हिन्दी भाषा का अपना एक अलग महत्व है। भाषा का हर किसी के जीवन में खास महत्व होता है भाषा से ही इंसान के स्वभाव और व्यवहार का पता लगाया जाता है इसके साथ ही भाषा ही हमारे अंदर तहजीब का विकास करती है।
भाषा न सिर्फ मनुष्य के अंदर भावनाओं को व्यक्त करने करने का एक साधन है बल्कि भाषा से ही एक सभ्य समाज का भी विकास होता है। इसी वजह से सभी देशों की अपनी एक अलग मूल भाषा होती है जिसका सम्मान करना सभी देशवासियों का कर्तव्य है।
और हर भारतीय को अपनी मातृभाषा को महत्व देना चाहिए और देश में आर्थिक विकास का फायदा लेना चाहिए। हिन्दी भाषा न सिर्फ हमारी पहचान है बल्कि ये भारतीय इतिहास को उजागर करने में भी अहम भूमिका निभाती है।
हिन्दी भाषा का क्षेत्र काफी बड़ा है यह भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल, मॉरिशस और त्रिनिदाद में बड़े पैमाने पर बोली जाती है। आम बोलचाल की भाषा जितनी सरल और सुगम होती है संवाद करने में उतनी ही आसानी होती है और अपनी भावनाओं को भाषा के माध्यम से आसानी से उजागर किया जा सकता है।
भारत में अलग-अलग खान-पान, अलग भेष-भूषा, अलग भाषाओं समेत विविधता वाला देश है जिसमें हिन्दी भाषा इसे एकजुट करने में अहम भूमिका अदा करती है इसलिए हिन्दी दिवस को हर साल हिन्दी भाषा पर जोर देने के लिए मनाया जाता है।
आपको बता दें कि महात्मा गांधी ने भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार पर जोर देने की बात कही थी। भारत की स्वतंत्रता के बाद इस भाषा के विकास के लिए कई विद्धानों ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
भारत में कैसे मनाया जाता है हिन्दी दिवस ? – How to Celebrate India in Hindi Diwas
अपनी मातृभाषा को सम्मान देने के लिए 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस मनाया जाता है। भारत में सरकारी कार्यालयों, निजी ऑफिस और शैक्षिक संस्थानों में हिन्दी दिवस – Hindi Diwas मनाया जाता है। इस दिन हिन्दी भाषा के महत्व को समझाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम और नाटकों का मंचन किया जाता है।
इस दिन शैक्षणिक संस्थानों में छात्र हिन्दी साहित्य के महाकवि तुलसीदास, रहीम दास के दोहों को पढ़ते हैं, हिन्दी पर निबंध लेखन, हिंदी कविता पाठ, हिन्दी में सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता समेत कई गतिविधयां की जाती है जिससे हिन्दी भाषा के महत्व को समझाया जाता है।
हिन्दी दिवस में छात्रों को खासतौर पर हिन्दी भाषा में भाषण देने, निबन्ध लिखने और अन्य गतिविधियॉ करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। जिससे छात्रों में हिन्दी को लेकर ज्ञान प्राप्त हो सके और वे अपनी मातृभाषा का मूल्य समझ सके।
हिन्दी भाषा बेहद महत्वपूर्ण भाषा है इसलिए स्कूल, कॉलेजों समेत सभी शैक्षणिक संस्थानों में इसका अध्ययन करवााया जाता है और हिन्दी भाषा के महत्व को समझाया जाता है। आपको बता दें कि हिन्दी भाषा ऐसी भाषा है जिसे भारत में सबसे ज्यादा बोला जाता है।
Hindi Diwas – हिन्दी दिवस पर इस तरह की गतिविधियों पर ज्यादा फोकस किया जाता है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस भाषा से जोड़ा जा सके। क्योंकि ये हमारी राष्ट्रीय भाषा है और लोगों में राष्ट्रीयता की भावना प्रकट होती है।
राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है हिन्दी
वैसे तो भारत विविधताओं का देश है यहां की बोल-चाल, पहनावे, रीति-रिवाज में अंतर है लेकिन हमारी राष्ट्रीय भाषा हिन्दी भाषा सभी को एक जुट करने की कोशिश करती है और ये देश के विकास में भी सहायता करती है।
इसलिए हर भारतीय को हिन्दी जानना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले लोगों भी आसानी से आपस में संवाद कर सकें। वहीं अगर कुछ लोगों को अगर हिन्दी भाषा की जानकारी नहीं है तो निश्चय ही उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी लेने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आज कल लोग एक से ज्यादा भाषाओं का ज्ञान देने पर ज्यादा प्राथमिकता देते हैं।
अंग्रेजी भाषा की डिमांड बढ़ने से हिन्दी का महत्व कम होता जा रहा है। क्योंकि हिन्दी भाषी तकनीकी के ज्ञान से दूर हैं लेकिन आज भी तकनीकी एकता से ज्यादा मानवीय एकता का महत्व है वहीं मानवीय एकता तब ही आएगी तब उसमें समानता होगी और मतभेद कम होगा।
इस बात को नकारा नहीं जा सकता है अंग्रेजी भाषा आज की जरूरत है और तेजी से इसका प्रभाव लोगों में पड़ रहा है आज की युवा पीढ़ी हिन्दी भाषा बोलना खुद का अपमान समझते हैं लेकिन अंग्रेजी भाषा की जरूरत के लिए नींव को नहीं छोड़ा जा सकता वहीं अगर हिन्दी भाषा को अलग कर दिया जाएगा शहर और गांव में बीच मतभेद और भी गहरा हो जाएगा जो कि देश के विकास में एक बड़ी बाधा है।
आपको बता दें कि भाषा के माध्यम से ही व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को किसी के सामने प्रकट करता है इसके साथ ही भाषा आपस में व्यक्ति को जोड़ते हैं।
और व्यक्ति को जोड़ने से परिवार बनता है जबकि परिवार, समाज का निर्माण करत हैं और समाज से गांव, गांव से शहर और शहरों से महानगर और महनगरों से देश इस प्रकार देश के विकास के लिए भाषा का जुड़ाव होना बेहद जरूरी है।
इसलिए हिन्दी भाषा का सम्मान करना बेहद जरूरी है क्योंकि ये न सिर्फ हमारी राष्ट्रभाषा है बल्कि भारतीय संस्कृति की विरासत भी है।
अन्य देशों में हिन्दी भाषा का इस्तेमाल
भारत में कई तरह की भाषाएं बोली जाती है लेकिन कई देश ऐसे हैं जहां कुछ ही सेलेक्टिव भाषा ही बोली जाती हैं। कई देश हैं जिनका उपयोग केवल कुछ भाषाओं के लिए किया जाता है।
इसलिए लोगों के लिए सभी भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है लेकिन ये भी संभव नहीं है कि हर व्यक्ति को हर भाषा का ज्ञान हो इसलिए सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं का ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अंग्रेजी, हिन्दी और मराठी भाषा का ज्ञान नहीं है तो वे जब ऐसे स्थानों पर जाते हैं तो उनके लिए भाषा एक बड़ी समस्या बन जाती है यहां तक कि ऐसे लोग भाषा की वजह से ऐसी जगहों पर जॉब भी नहीं कर सकते।
इसलिए लोगों को हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, गुजराती समेत अन्य महत्वपूर्ण भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है ताकि वे सभी के साथ आसानी से संवाद कर सकें।
किसी भी व्यक्ति के लिए भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है ताकि वे अपने देश के सभी राज्यों से संवाद कर सकें। भाषाओं जाति, धर्म, और संस्कृति के बारे में विचार देती है।
आपको बता दें कि इंटरनेट और मीटिंग्स के जरिए भाषा के माध्यम से ही व्यक्ति किसी अन्य देशों के लोगों के साथ विकास गतिविधिओं पर संवाद करने में सक्षम होते हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपनी लोकप्रिय और प्रसिद्ध भाषा का ज्ञान होना बेहद जरूरी है ताकि लोग आसानी से संवाद कर सकें।
मातृभाषा देश की संस्कृति और विरासत होती है इसलिए हम सभी का दायित्व है कि हम सब मिलकर हिन्दी भाषा का सम्मान करें और इसके महत्व को जाने क्योंकि जब तक हम इस बात को नहीं समझेंगे तब तक दूसरों तक पहुंचना मुश्किल होगा फिलहाल हिन्दी भाषा न सिर्फ हिन्दुस्तान की शान बढ़ाती है बल्कि लोगों में देशभक्ति की भावना का भी संचार करती है।
इस भाषा की सहजता, राष्ट्रीय एकता और देश के विकास के लिए हिन्दी सबकी जरूरत है जिसके लिए सभी को एक साथ आगे बढ़ना जरूरी है इसलिए हम सबका दायित्व है कि हम हिन्दी भाषा का सम्मान करें।
हिन्दुस्तानी हैं हम गर्व करो हिन्दी पर
सम्मान देना, दिलाना कर्तव्य हैं हम पर
खत्म हुआ विदेशी शासन
अब तोड़ो बेड़ियों को
तह दिल से अपनाओ खुले आसमां को
पर ना छोड़ों धरती के प्यार को
हिन्दी हैं मातृतुल्य हमारी
इस पर न्यौछावर करो जिंदगी सारी !!
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा,मात्र भाषा व विश्व भाषा है ।
Saral sahaj sundar bhash
Hindi hai Hindustan ki bhasha.
hindi hamari matrbhasha he,nij bhasha ka kare utthan
hindi bhasha ko apnakr,rashtra bhasha ka kare samman
by–devanshu sugandhi
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Ranadip chakraborty sir,
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