हिंदी दिवस पर निबंध और जानकारी | Hindi Diwas essay

Hindi Diwas essay

हमारे भारत देश में हर साल हिंदी दिवस – Hindi Diwas 14 सितम्बर को ही मनाया जाता है, हिंदी भाषा के इतिहासिक पलो को याद कर लोग इस दिवस को मनाते है। 14 सितम्बर 1949 को ही हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की कार्यकारी और राजभाषा का दर्जा अधिकारिक रूप से दिया गया था और तभी से देश में 14 सितम्बर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिनविशेष पर आपके लिए हिंदी भाषा पर निबंध / Hindi Diwas essay और जानकारी:

Hindi Diwas Essay
National Hindi day

हिंदी दिवस का महत्व और निबंध – Hindi Diwas essay in Hindi

हिंदी दिवस – Hindi Diwas भारत में स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, संस्थाओ कार्यालयों के अधिकारी, प्राइवेट ऑफिस के अधिकारी और शैक्षणिक संस्थाए बड़ी धूम-धाम से मनाती है। जिसमे विविध कार्यक्रमों का आयोजन और हिंदी से संबंधित स्पर्धाओ का आयोजन किया जाता है, जैसे की हिंदी कविताये, कहानी लेखन, Hindi Diwas Essay / निबंध लेखन, हिंदी भाषा के महत्त्व, उपयोग और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में लोगो को बताया जाता है।

भारत में ज्यादातर लोग बातचीत करते समय हिंदी भाषा को ही प्राधान्य देते है, बचपन से ही हमें अपने घरो में हिंदी भाषा का ज्ञान दिया जाता है। हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा में से एक है। हिंदी भाषा कई दुसरे देशो में भी बोली जाती है जैसे की पकिस्तान, नेपाल, मॉरिशस, बंगलादेश, सूरीनाम, इत्यादि। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग करोड़ों लोग अपनी मातृभाषा के रूप में करते है।

हिंदी दिवस – Hindi Diwas पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा विविध अवार्ड और पुरस्कार भी दिये जाते है, नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में हिंदी के क्षेत्र में अमूल्य कामगिरी करने वाले लोगो को यह पुरस्कार दिये जाते है।

इसके साथ ही कई डिपार्टमेंट, मिनिस्ट्री और राष्ट्रीयकृत बैंको को भी राजभाषा अवार्ड दिया जाता है। हिन्दी दिवस पर दिये जाने वाले दो अवार्ड का नाम गृह मंत्रालय द्वारा 25 मार्च 2015 को बदला गया था।

जिसमे राजीव गांधी राष्ट्रिय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार को बदलकर राजभाषा गौरव पुरस्कार और इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार को बदलकर राजभाषा कीर्ति पुरस्कार रखा गया था।

हिंदी हमारी – Hindi Diwas राजभाषा है और हमें उसका सम्मान करना चाहिये। ऐसा लगता है की आज आर्थिक और तकनिकी विकास के साथ-साथ हिंदी भाषा अपने महत्त्व को खोती चली जा रही है। देखने में आता है की आज हर कोई सफलता पाने के लिये इंग्लिश भाषा को सीखना और बोलना चाहता है, क्योकि हम देखते है की आज हर जगह इंग्लिश भाषा की ही मांग शुरू है। ये सच है लेकिन हमें अपनी मातृभाषा और राजभाषा को कभी नही भूलना चाहिये।

भले ही आज इंग्लिश भाषा का ज्ञान होना जरुरी है लेकिन सफलता पाने के लिये हमें अपनी राजभाषा को कभी नही भूलना चाहिये। क्योकि हमारे देश की भाषा और हमारी संस्कृति हमारे लिये बहुत मायने रखती है।

किसी भी आर्थिक रूप से प्रगत देश की राजभाषा वहाँ के लोगो के साथ-साथ हमेशा तेज़ी से बढती जाती है क्योकि वे लोग जानते है की किसी भी बाहरी देश में उनकी राजभाषा और संस्कृति ही उनकी पहचान बनने वाली है। उसी तरह से हम भारतीयों को भी हमारी राजभाषा को महत्त्व देना चाहिये। क्योकि हिंदी भाषा ही हमारे महान प्राचीन इतिहास को उजागर करती है और वही हमारी पहचान है।

देश में हर साल हिंदी दिवस मनाने की बहुत जरुरत है, यह जरुरी है की हम अपनी राजभाषा को सम्मान दे और हमारी अगली पीढ़ी भी विदेशी भाषा की बजाये हमारी राजभाषा को जाने।

हिंदी दिवस केवल इसलिए नही मनाया जाता की वह हमारी राजभाषा है बल्कि इसलिए भी मनाया जाता है क्योकि सदियों से हिंदी ही हमारी भाषा रही है और हमें हमारी राजभाषा का सम्मान करना चाहिये और हमें अपनी राजभाषा पर गर्व होना चाहिये।

दुसरे देशो में भी हिंदी भाषा बोलते समय हमें शर्मिंदगी महसूस नही होनी चाहिये बल्कि हिंदी बोलते समय हमें गर्व होना चाहिये।

आज-कल हम देखते है की भारतीय लोग हिंदी की बजाये इंग्लिश को ज्यादा महत्त्व देने लगे है क्योकि अभी कार्यालयीन जगहों पर इंग्लिश भाषा का महत्त्व बढ़ चूका है। ऐसे समय में साल में एक दिन हिंदी दिवस मनाना लोगो में हिंदी भाषा के प्रति गर्व को जागृत करता है और लोगो को याद दिलाता है की हिंदी ही हमारी राष्ट्रभाषा है।

Hindi Diwas देश की धरोहर होती है, जिस तरह हम तिरंगे को सम्मान देते है उसी तरह हमें हमारी राजभाषा को भी सम्मान देना चाहिये। हम खुद जबतक इस बात को स्वीकार नही करते तबतक हम दूसरो को इस बात पर भरोसा नही दिला सकते।

हिंदी हमारे भारत देश की मातृभाषा है। हमें गर्व होना चाहिये की हम हिंदी भाषी है। हमारे देश की राजभाषा का सम्मान करना हम नागरिको का परम कर्तव्य है। हम सब की धार्मिक विभिन्नताओ के बीच एक हमारी राजभाषा ही है जो एकता का आधार बनती है।

हिंदी दिवस एक ऐसा अवसर है जहाँ हम भारतीयों के दिलो में हिंदी भाषा के महत्त्व को पंहुचा सकते है और उन्हें हिंदी भाषा के महत्त्व को बता सकते है। इस समारोह से भारतीय युवाओ के दिलो-दिमाग में हिंदी भाषा का प्रभाव पड़ेंगा और वे भी बोलते समय हिंदी भाषा का उपयोग करने लगेंगे।

हमें बड़े गर्व ओर उत्साह के साथ हर साल हिन्दी दिवस मनाना चाहिये और स्कूल, कॉलेज, सोसाइटी और कार्यालयों में होने वाली विविध गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिये। ताकि हम लोगो में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम को उजागर कर सके और हिंदी के महत्त्व को बता सके।

हिन्दी दिवस पर निबंध २ | Hindi Diwas essay 2

हमारे देश में हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। आज की युवा पीढ़ी को हिन्दी भाषा के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूक करने के लिए इस मौके पर कई तरह के कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।

जिसमें निबंध-लेखन प्रतियोगिता आदि भी आयोजित करवाई जाती हैं, इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में हिन्दी दिवस पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं, आइए जानते हैं हिन्दी दिवस पर निबंध –

हिन्दी दिवस पर निबंध 2

प्रस्तावना

हिन्दी भाषा, हम सभी हिन्दुस्तानियों की पहचान है और हमारे देश की राष्ट्रभाषा है। हिन्दी एक बेहद सरल और सुगम भाषा है, जिसके माध्यम मे आसानी से संवाद किया जा सकता है। इसलिए इस भाषा को जनमानस की भाषा भी कहा जाता है वहीं यह हमारी राष्ट्रीय एकता की प्रतीक भी मानी जाती है।

हिन्दी, दुनिया की सबसे समृद्ध, प्राचीन, और सरल भाषा है साथ ही दुनिया की प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिन्दी, हमारी भारतीय संस्कारों और संसकृति का अनूठा प्रतिबिंब है। इसके साथ ही हम सभी हिन्दुस्तानियों के सम्मान और स्वाभिमान की भाषा है, जिसने विश्व में भारतीयों को एक नई पहचान दिलवाई है।

वहीं इस भाषा के महत्व को आज की युवा पीढ़ी को बताने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के तौर पर मनाया जाता है ।

हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है?

हमारे देश में 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन साल 1949 में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिला था, इसलिए तब से लेकर आज तक इस दिन को हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जा रहा  है।

हिन्दी के महत्व को समझने के लिए और इस भाषा के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए इस दिवस को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

हिन्दी की सहजता और सुगमता के चलते इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है, क्योंकि न सिर्फ यह आसानी से समझ में आ जाती है बल्कि, इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी भावनाओं को आसानी से व्यक्त कर सकता है। हिन्दी एक ऐसी भाषा है, जो कि सभी भाषाओं का समावेश है, अर्थात यह भाषा अन्य भाषाओं को अपने साथ लेकर चलती है साथ ही लोगों को आपस में जोड़ने का काम भी करती है।

इस भाषा से भारतीयों का अलग तरह का जुड़ाव है, यह भाषा भारत की राष्ट्रीय एकता की प्रतीक भी मानी जाती है। हिन्दी भाषा सभी भारतीयों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए देश के हर स्कूल, कॉलेज में हिन्दी भाषा अनिवार्य रुप से पढ़ाई जाती है।

हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है?

हिन्दी हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा है, इस भाषा के प्रति सम्मान प्रकट करने एवं लोगों को हिन्दी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है ।

आपको बता दें कि  इस दिन साल 1949 में हिन्दी भाषा को राषभाषा का दर्जा मिला था,  इस दिन भारत की संवैधानिक सभा में राष्ट्रीय भाषा हिन्दी को देवनागिरी लिपि में लिखा गया था और यह निर्णय लिया गया था कि हिन्दी की खड़ी भाषा ही देश की राजभाषा होगी।

14 सितंबर के दिन ही हिन्दी को अंग्रेजी के साथ भारतीय गणराज्य की अधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था, तब से लेकर आज तक इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

दरअसल, 15 अगस्त, 1947 को जब हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ, उस दौरान हमारे विविधताओं वाले देश भारत में अलग-अलग तरह की भाषाएं बोली जाती थीं। ऐसे में देश की राष्ट्रभाषा चुनना उस वक्त का सबसे गंभीर और अहम मुद्दों में से एक था।

इसके बाद काफी विचार विमर्श करने के बाद हिन्दी और अंग्रेजी को नई राष्ट्र भाषा के रुप में चुना गया। इसके साथ ही भारतीय गणराज्य की संवैधानिक सभा में देवनागिरी लिपी में लिखी गई हिन्दी को राष्ट्र की अधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था ।

वहीं 14 सितंबर को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा मिलने के कारण इसके महत्व को समझते हुए सर्वप्रथम देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी ने इसे हिन्दी दिवस के रुप में मनाने की इच्छा जताई थी, जिसके बाद से 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रुप में हमारे देश में सम्मानजनक रुप से मनाया जाता है। आपको बता दें कि सबसे पहले हिन्दी दिवस 14 सितंबर, 1953 में मनाया गया था।

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 343 के तहत हिन्दी भाषा को अधिकारिक भाषा के रुप में स्वीकार किया गया था, जिसके बाद से हिन्दी, अपनी सहजता और सरलता के कारण जनमानस की प्रमुख भाषा बन गई और इसकी उपयोगिता एवं महत्व बढ़ता चलता गया। वहीं देश के करीब 75 फीसदी लोग हिन्दी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं। वहीं हिन्दी भाषा उनके कामकाज की भी प्रमुख भाषा है।

वहीं अब हिन्दी भाषा न सिर्फ हम सभी हिन्दुस्तानियों की पहचान है, बल्कि हमारे देश का मानऔर अभिमान भी है। सभी भारतीय गर्व के साथ इस भाषा को बोलते हैं।

हिन्दी दिवस कैसे मनाया जाता ?

हमारे देश में 14 सितंबर को हर साल हिन्दी दिवस के रुप में बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है । इस मौके पर सरकारी कार्यालयों, स्कूल, कॉलेजों आदि में हिन्दी भाषा के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

इसके साथ ही इस मौके पर अपनी राष्ट्र भाषा के महत्व को बताया जाता है । हिन्दी दिवस के मौके पर हिन्दी निबंध कविता, कहानी, लेखन, समेत तमाम तरह की प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है, ताकि आज की युवा पीढ़ी हिन्दी के महत्व को समझ सके और अपनी राष्ट्रभाषा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करे। इसके साथ ही हिन्दी दिवस के दिन भारत के राष्ट्रपति के द्धारा, हिन्दी के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले महान निबंधकार, साहित्यकार, लेखक आदि को पुरस्कृत भी किया जाता है।

उपसंहार

अंग्रेजी की बढ़ती जरूरत के चलते आज की युवा पीढ़ी हिन्दी को अपनी राष्ट्रभाषा की तरह तवज्जों नहीं दे पा रहे हैं । इसके साथ ही आज की युवा पीढ़ी अंग्रेजी भाषा को अपना स्टेटस सिंबल मानने लगी हैं, एवं हिन्दी बोलना अपना अपमान समझने लगी है।

किसी संस्थान, बड़ी कंपनी, होटल, अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में हिन्दी बिल्कुल नामात्र के लिए बोली जा रही है, जिसके चलते लोगों का ध्यान हिन्दी से हटता जा रहा है। लेकिन हम सभी भारतीयों का दायित्व है कि हम सभी अपनी राष्ट्रभाषा का सम्मान करें और इसे बोलने में हिचकिचाएं नहीं बल्कि गर्व महसूस करें।

हिन्दी दिवस पर निबंध ३ | Hindi Diwas essay 3

प्रस्तावना

हमारे देश में हर साल हिन्दी भाषा के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जाता है। हिन्दी भाषा, भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों को प्रदर्शित करती है, इसके साथ ही यह हर हिन्दुस्तानी की दिल की धड़कन है।

यह भाषा हमारे देश की राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक मानी जाती है, क्योंकि हमारे देश में कई अलग-अलग पंथ, जाति और लिंग के लोग रहते हैं, जिनके खान-पान, पहनावा, रहन-सहन, एवं बोली आदि में काफी अंतर है, लेकिन फिर भी ज्यादातर लोगों द्धारा देश में हिन्दी भाषा की बोली जाती है।

इस तरह हिन्दी भाषा हम सभी हिन्दुस्तानियों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम करती है। हिन्दी साहित्य, विश्व के सबसे समृद्ध और प्राचीन साहित्यों में से एक है। वहीं हिन्दी भाषा की गरिमा और इसके महत्व को बड़े-बड़े साहित्यकारों ने कविताओं एवं अपनी रचनाओं आदि के माध्यम से बताया है। इस भाषा के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए हर साल हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

हिन्दी दिवस की शुरुआत

14 सितंबर, 1949 को हिन्दी भाषा को देश की राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इस दिन भारत की संविधान सभा में देवनागिरी लिपि में लिखी गई हिन्दी भाषा को अधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया गया था,

इसलिए तब से लेकर आज तक हमारे देश भारत में इस दिन को हिन्दी दिवस के रुप में मनाया जाने लगा है। हिन्दी दिवस को पूरे देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है । इस दिन लोग अपनी मातृभाषा के प्रति प्यार और सम्मान को दर्शाते हुए इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं एवं अपनी राष्ट्रभाषा के महत्व को समझते हैं ।

हिन्दी दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य

  • हिन्दी के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना।
  • अपनी राष्ट्रभाषा के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना।
  • आज की युवा पीढ़ी को हिन्दी के महत्व को समझाना।
  • अपनी मातृभाषा की रक्षा और उसका विकास करना।
  • हिन्दी की तरफ लोगों का ध्यान आर्कषित करना।
  • हिन्दी भाषा को उचित दर्जा दिलवाना।

 हिन्दुस्तान की शान है हिन्दी

हिन्दी, हम सभी हिन्दुस्तानियों की पहचान है। यह भाषा हिन्दुस्तान की शान, मान और अभिमान है। हर हिन्दुस्तानी इस भाषा को गर्व के साथ बोलता है। हिन्दी एक ऐसी भाषा है, जो बाकी सभी भाषाओं को अपने साथ लेकर चलती है। यह भाषा, सभी भाषाओं का समावेश है।

हिन्दी भाषा ने, न सिर्फ अंग्रेजी को बल्कि, फारसी और उर्दू को भी बड़ी ही आत्मीयता से अपनाया है। वहीं यह बेहद सरल और सहज भाषा है, जिसके माध्यम से हर हिन्दुस्तानी अपनी बात को भावनात्मक तरीके से व्यक्त कर पाता है।

इसलिए हिन्दी को हिन्दुस्तान की राष्ट्रभाषा एवं मातृभाषा का दर्जा दिया गया है। यह भाषा हमारे देश का गौरव है, जिसने विश्व स्तर पर में हम सभी भारतवासियों को एक नई पहचान दिलवाई है। यह भाषा, सार्वधिक बोली जाने वाली पूरे विश्व की तृतीय भाषा है ।

हिन्दी भाषा का महत्व

हिन्दी भाषा का हम सभी भारतीयों के लिए विशेष महत्व है। हिन्दी साहित्य विश्व का सबसे समृद्ध एवं प्राचीन साहित्य है। इस भाषा के माध्यम से बड़े-बड़े विचारकों, साहित्यकारों, और उपदेशकों ने न सिर्फ अपने महान विचारों को लोगों तक पहुंचाया है, बल्कि अपनी विचारों की गंभीरता को बड़े ही आसानी से लोगों तक पहुंचाने की भी कोशिश की है।

अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी हिन्दी भाषा को काफी महत्व दिया गया है, इस भाषा को न सिर्फ भारत में बल्कि कई अन्य देशों के लोगों द्धारा भी काफी पसंद किया जाता है। दुनिया में कई लोग इस भाषा को सीखने और बोलने में काफी दिलचस्पी लेते हैं, यहां तक की इस भाषा के लिए क्लासेस भी लेते हैं।

वर्तमान में क्यों पिछड़ रही है हिन्दी

आजकल हिन्दी भाषा के प्रति लोगों की दिलचस्पी कम होती जा रही है, आज की युवा पीढ़ी अंग्रेजी बोलना अपना स्टेटस मानते हैं, जबकि हिन्दी भाषा का प्रयोग करना अपना अपमान समझते हैं। इसके साथ ही हिन्दी बोलने वाले लोगों को आजकल उतनी तवज्जों नहीं मिलती है, जितनी की अंग्रेजी में बात करने वालों को सम्मान और इज्जत दी जाती है।

हिन्दी हमारी मातृभाषा जरूर है, लेकिन वर्तमान परिवेश में इसकी महत्वता दिन पर दिन कम होती जा रही है। दरअसल, आजकल हर क्षेत्र में बढ़ती अंग्रेजी की डिमांड के चलते हिन्दी भाषा का महत्व कम होता जा रहा है।

आजकल करियर बनाने के लिए सबसे पहले अंग्रेजी भाषा पर कमांड होना अत्यंत है, क्योंकि किसी भी बड़ी कंपनी, बड़े होटल, संस्थान या फिर स्कूल, कॉलेजों में हर जगह अंग्रेजी भाषा का ही प्रचलन है।

इसलिए आजकल के अभिभावक भी अपने बच्चों के सफल करियर और अंग्रेजी भाषा की बढ़ती जरूरत के चलते अपने बच्चों का दाखिला भी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में करवा रहे हैं और इंग्लिश को ही तवज्जो दे रहे हैं, जिसके चलते हिन्दी का प्रचलन कम होता जा रहा है। इसलिए, अपनी राष्ट्र भाषा हिन्दी के महत्व को समझाने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है।

उपसंहार

आजकल अंग्रेजी भाषा की बढ़ती जरूरत के चलते हिन्दी भाषा की तरफ कम ध्यान दिया जा रहा है। इसलिए गुम हो रही हिन्दी को बचाने के लिए हम सभी हिन्दुस्तानी मिलकर हिन्दी दिवस को मनाते हैं।

हिन्दी दिवस मनाने का उद्देश्य सच्चे अर्थों में तभी सार्थक होगा, जब हम सभी भारतीय हिन्दी भाषा का सम्मान करेंगे एवं इसकी रक्षा करने का संकल्प लेंगे तभी हमारा देश विकसित देशों में शामिल हो सकेगा और सही तरीके से विकास कर सकेगा, क्योंकि किसी भी देश की राष्ट्रभाषा उस देश के विकास का महत्वपूर्ण आधार मानी जाती है।

Note: आपके पास Hindi Diwas essay in Hindi मैं और information हैं। या दी गयी जानकारी मैं कुछ गलत लगे तो तुरंत हमें कमेंट और ईमेल मैं लिखे हम इस अपडेट करते रहेंगे।
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61 thoughts on “हिंदी दिवस पर निबंध और जानकारी | Hindi Diwas essay”

  1. हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है | हम सब के मन में उसका सम्मान होना कहिये | आज हिंदी का प्रचार प्रसार इन्टरनेट के माध्यम से तेजी से हुआ है | यह ख़ुशी की बात है की हिंदी पढने , बोलने लिखने वालों का एक बड़ा वर्ग तैयार हो रहा है |और जैसा की आपने कहा हम सब को अपनी राष्ट्र भाषा हिंदी को सम्मान देने के लिए गर्व और उत्साह के साथ हिंदी दिवस मानना चाहिए | बेहतरीन पोस्ट

  2. वैसे तो अपना देश विविधता से परिपूर्ण हैं। जीतनी विविधता हमारे देश में देखने को मिलती हैं। उतनी कही नहीं सभी लोग यहाँ बड़े प्यार से रहते हैं। हिंदी भाषा हमारी राष्ट्र भाषा होने से हमारे देश में ज्यादातर हिंदी भाषा बोली जाती हैं। भारत के इतिहास में 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया था। इसलिए हर साल 14 सितम्बर को अपने देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं उस दिन स्कूल और महाविद्यालय में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होता हैं। आपका यह हिंदी दिवस पर essay सभी विद्यार्थियों को काफ़ी फ़ायदेमंद साबित होंगा।

  3. Sir yah Hindi Diwas par essay hame bahut pasand aya hain. apake website par sachmuch Gyani ka bhandar hain. Apaka Hindi Diwas par Nibandh mujhe mere school ke project ke liye kafi helpful raha hain. Thanks

    1. Advik Ji,

      Thanks for comment, Aap apake school ke project ke liye jo essay likh rahe ho usme yahapar ek alag lekh bhi hain jisme Hindi Diwas par slogans diye hain uska bhi use kar skate hain.

  4. Prakash Kumar Nirala

    बेहतरीन पोस्ट. कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी की हिंदी हमारी शान है.

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