Hemis National Park
लदाख में स्थित एक हेमिस नेशनल पार्क – Hemis National Park है जो दिखने में काफी आकर्षक है। इस नेशनल पार्क में कुछ खास पेड़ो के जंगल देखने को मिलते है जो अन्य किसी नेशनल पार्क में दिखाई नहीं देते। यहापर जीन वृक्षों के जंगल पाए जाते है वैसे जंगल भारत के किसी भी हिस्से में ना के बराबर देखने को मिलते है।
कहा जाता है यहापर पाए जानवाले पेड़ पौधे बाहरी देशो में देखने को मिलते है। इसलिए यहापर विलायत के वृक्षों के घने जंगल देखने का मौका मिलता है। इस नेशनल पार्क की और भी कई सारी विशेषताए है जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताएँगे। इसीलिए इस पार्क की निचे दी गयी जानकारी को ध्यानपूर्वक पढ़े।
भारत का सबसे उचा नेशनल पार्क – Hemis National Park
हेमिस नेशनल पार्क का इतिहास – Hemis National Park History
वन्यजीव की रक्षा करने के लिए सन 1981 में इस हेमिस नेशनल पार्क – Hemis National Park का निर्माण किया गया था और यहापर तेंदुए भी बड़ी संख्या में होने की वजह से इसे बर्फीले तेदुए की राजधानी भी कहा जाता है। इस पार्क को हेमिस गम्पा का नाम दिया गया है।
इस पार्क के उत्तरी दिशा में सिन्धु नदी बहती है और जास्कर का कुछ हिस्सा भी इस पार्क में आता है। यह नेशनल पार्क समुद्र सतह से 3300 से 6000 मीटर उचाई पर स्थित है। यह भारत का सबसे उचा नेशनल पार्क है। इसमें मारखा, सुम्दाह और रुम्बक और जास्कर का हिस्सा भी शामिल है।
इस पार्क में सभी तरह के दृश्य दिखाई देते है। इस पार्क में हर तरह के जंगली जानवर और सभी तरह के पेड़ पौधों की प्रजातिया पायी जाती है। इस पार्क में लगभग 11 तरह के जीव जंतु की प्रजातिया और 30 अन्य जातीया पायी जाती है। इस पार्क के ज्यादातर हिस्से में बड़े बड़े पत्थर पाए जाते है। इस पार्क में पाइन पेड़ के जंगल, अल्पाइन पेड़ और अल्पाइन तुन्द्र के जंगल पाए जाते है। इसके अलावा यहापर एक प्रसिद्ध हेमिस मठ भी है।
हेमिस नेशनल पार्क देखने का सही समय – Hemis National Park Best Time to Visit
इस पार्क को देखने के लिए मई से सितम्बर का समय सबसे सही माना जाता है। इस पार्क में सफारी करने के लिए किसी भी तरह की सुविधा नहीं की गयी। लेकिन यहापर पर्यटकों के लिए कुछ अलग तरह की व्यवस्था की गयी जिसकी वजह से घुमने के लिए आसानी हो सके।
हेमिस नेशनल पार्क देखने में तो बहुत ही बड़ा है लेकिन इस जगह इसको देखेने की बारी आती है तो उसमे काफी मुश्किलें है क्यों की इस पार्क में सफारी करने के लिए किसी भी वाहन की व्यवस्था नहीं की की गयी। इसीलिए यहापर पर्यटकों को खुद चलकर ही पार्क को देखना पड़ता है। लेकिन धीरे धीरे स्थिति में सुधार हो रहा है। यहापर घुमने के लिए अन्य सुविधाओ की व्यवस्था की जा रही है। इसीलिए इस पार्क को जरुर देखने के लिए आना चाहिए।
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