Heart Touching Story Friendship in Hindi
इस आर्टिकल में हम आपको दो दोस्तों की एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आपको दोस्ती का महत्व समझने में मद्द मिलेगी और अपनी दोस्ती को निभाने की प्रेरणा मिलेगी, इसके साथ ही एक सच्चा दोस्त बनने के लिए आप प्रेरित होंगे, तो पेश है सच्ची दोस्ती पर आधारित बेमिसाल और प्रेरणादायक कहानी –
सच्चा दोस्त / Heart Touching Story Friendship
अस्पताल के एक कमरे में अर्जुन और किशन नाम के दो बीमार दोस्त थे, दोनों हॉस्पिटल के उस कमरे में थे जिसमें सिर्फ एक ही खिड़की थी, जिसमें से अर्जुन को उस खिड़की पर दिन में सिर्फ 1 घंटे ही बैठने की इजाजत थी, जबकि किशन को गंभीर बीमारी होने की वजह से दिनभर अपना पूरा समय उस बिस्तर पर ही गुजारना पड़ता था।
वहीं हॉस्पिटल के एक ही कमरे में रह रहे अर्जुन और किशन की दोस्ती दिन पर दिन गहराती ही जा रही थी, दोनों धीरे-धीरे एक दूसरे से अपने परिवार की हर छोटी-बड़ी बातें समेत अपनी दिल की हर बात शेयर करने लगे थे।
खिड़की के पास बैठकर किशन, अपने दोस्त अर्जुन को बाहरी दुनिया की सारी बातें बताता था, जिसे सुनकर अर्जुन को काफी अच्छा महसूस होता था, और धीरे-धीरे वह अपनी बीमारी को भी भूलने लगा था, और उसके अंदर जो जिंदगी जीने की आस खत्म हो गई थी, वो फिर से जाग उठी थी।
किशन, अपने दोस्त अर्जुन को कल्पना कर कुछ ऐसी सकारात्मक बातें बताता था, जिसे सुनकर अर्जुन मंत्रमुग्ध हो जाता है। किशन, कभी बच्चों के पढ़ने की बातें अपने दोस्त को बताया करता था तो कभी फूलों से भरे पार्क में बैठे हुए खुशहाल लोगों की बातें करता था।
जिसे सुनकर अर्जुन भी खिड़की के बाहर की रंगीन दुनिया के बारे में सोचने लगता था और मन ही मन संतोष महसूस करता था।
यह सिलसिला काफी दिनों तक चलता रहा, दोनों दोस्त अर्जुन और किशन ऐसे ही मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे से बातें कर अपने मन का बोझ हल्का कर लेते थे, और अपने बीमारी के दर्द को भूलने लगे थे कि तभी अचानक एक दिन किशन की मौत हो गई।
जिसकी मौत की खबर सुनकर अर्जुन बेहद दुखी हुआ और फिर जब नर्स उसके दोस्त किशन के मृत शरीर को वहां से हटा रही थी, तभी अर्जुन ने नर्स से रोते हुए खिड़की की तरफ वाला बिस्तर को लेने की इजाजत मांगी और जैसे ही वह पलंग के पीछे के तरफ मुड़ा उसे सिर्फ के खाली दीवार ही दिखाई दी।
तब उसने देखा कि खिड़की के बाहर न को कोई स्कूल का ग्राउंड था, जिसमें बच्चे खेलते थे और रोज सुबह प्रेयर करते थे और न ही कोई हरा-भरा फूलों से भरा पार्क था, जिसका उसका दोस्त किशन अक्सर बातें करता था।
उसने नर्स से खिड़की के बारे में पूछा जिस से रोज़ उसका दोस्त बाहर देखा करता था। उस नर्स ने जवाब दिया की खडकी के पीछे तो ऐसा कुछ नहीं था। “फिर भी वो तुम्हारी हिम्मत बढ़ाते रहा। ताकि तुम जिंदगी से हार न मानो”
याद रखिये, आज कभी वापिस नही आएगा। हमेशा एक दोस्त बनकर रहे। लोगो को उत्साहित करते रहे। अपनों की रक्षा करे। कोशिश करे की आपके शब्दों से कोई मायूस ना हो।
कहानी से क्या सीख मिलती है:
सच्ची दोस्ती की इस बेमिसाल कहानी से हम सभी को यह सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपने जीवन में ऐसे काम करने चाहिए, जिससे दूसरे की जिंदगी में खुशियां मिलें और जिंदगी जीने की नईं उमंगे जगे।
अर्थात हम सभी को अपने जीवन में कोई भी ऐसा अवसर नहीं छोड़ना चाहिए जिससे किसी का भला हो।
वहीं इंसान एक बेहतरीन दोस्त बनकर ही किसी व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर सकता है और उसके अंदर जीवन जीने की आस जगा सकता है।
वहीं किसी शायर ने खूब ही कहा है कि –
“किसी को प्रेरित करना उसे जीवनदान देने के बराबर है, लेकिन किसी को निराश करना किसी की हत्या करने के बराबर है।”
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oho kya story hai dil chu liya
It is soo good Inspiring Story. good work…..