Gir National Park
भारत में कई जंगल है लेकिन इनमें भारत के गुजरात राज्य में स्थित Gir National Park – गिर वन्यजीव अभ्यारण सबसे दिलचस्प और अनोखा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये एशिय़ाई सिंहों का एक मात्र निवास स्थान है। इसके अलावा यहां पर बहुत पशु – पक्षियों की अलग – अलग तरह की प्रजातियां है जो इसे अलग और अनोखा बनाती है।
सबसे दिलचस्प और अनोखा गिर वन्यजीव अभ्यारण – Gir National Park
गिर वन्यजीव अभ्यारण की स्थापना साल 1965 में हुई थी। लेकिन इसका इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। Gir National Park – गिर वन्यजीव अभ्यारण यहां पर रहने वाले अलग – अलग तरह के पशु पक्षियों की प्रजातियों के कारण दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है जिस कारण यहां हर साल हजारों सैलानी सिंह दर्शन के लिए यहां आते है। ये पूरा इलाका आरक्षित है। यानी की यहां पर किसी भी वन्य जीव का शिकार करना कानून जुर्म है।
रिपोर्टस के अनुसार साल 2015 में यहां पर सिंहो की संख्या 500 से ज्यादा थी। लेकिन पिछले कुछ समय में कई शेरों की अचानक मौत के कारण गिर अभ्यारण सुर्खियों में बना हुआ हालांकि ये मौतें क्यों हो रही है इसकी जांच की जा रही है हालांकि शुरुआती जांच में शेरों की मौत का कारण संक्रमण सामने आया है। जिस वजह से बाके शेरों पर निगरानी रखी जा रही है।
इसलिए आज हम आपको बताने वाले है शेरों के लिहाज से गिर वन्यजीव अभ्यारण क्यों जरुरी है और गिर वन्यजीव अभ्यारण – Giri Vanya Jeev Abhyaranya क्यों दूसरे अभ्यारणों से अलग है।
सिंहों का एकमात्र निवास स्थान
अपने भारतीयों में जानवरों की प्रथा देखी ही होगी। हिंदू समुदाय में सिंह को माता की सवारी माना जाता है जिस वजह से यहां के लोगों की सिंहो के प्रति अलग लगाव और आस्था। लेकिन अगर विश्व की बात करें तो मौजूदा समय में केवल अफ्रीका और भारत में ही सिंह यानी बब्बर शेर पाए जाते है।
हालांकि प्राचीन काल में पूरे भारत और एशिया के दूसरे हिस्सों में सिंह पाए जाते थे। और यही कारण है कि सिंगापुर देश का नाम भी सिंह पर ही पड़ा है लेकिन धीरे – धीरे सिंहो की प्रजाति लुप्त होने लगी और अब केवल भारत के गिर वन्यजीव अभ्यारण और अफ्रीका के जंगलों में ही ये सिंह पाए जाते है। जिस लिहाज से इन सिंहों का सरंक्षण और गिर के जंगल बहुत मायने रखता है। क्योंकि लंबे समय से भारत के सिंहो का निवास स्थान गिर के जंगल ही है और इन सिंहो के कारण विश्व भर से लोग भी यहां इन्हें देखने आते है जो गुजरात में पर्यटन को बढ़ावा देता है।
ओर भी बहुत कुछ है गिर अभ्यारण में देखने को – Gir National Park Safari
सूखें पताड़ वाले वृक्षों, कांटेदार झाड़ियों के अलावा हरे-भरे पेड़ों से समृद्ध गिर का जंगल नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां के मुख्य वृक्षों में सागवान, शीशम, बबूल, बेर, जामुन, बील आदि है। गिर अभ्यारण्य मूलतः सिंहो के लिए विख्यात है, हालाँकि भारत के सबसे बड़े कद का हिरण, सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा और बारहसिंगा भी यहां देखा जा सकता है साथ ही यहां भालू और बड़ी पूंछ वाले लंगूर भी भारी मात्रा में पाए जाते है।
गिर भारत का एक अच्छा पक्षी अभयारण्य भी है। यहां फलगी वाला बाज, कठफोडवा, एरीओल, जंगली मैना और पैराडाइज फलाईकेचर भी देखा जा सकता है। साथ ही यह अधोलिया, वालडेरा, रतनघुना और पीपलिया आदि पक्षियों को भी देखने के लिए उपयुक्त स्थान है। इस जंगल में मगरमच्छों के लिए फॉर्म का विकास किया जा रहा है।
रिपोर्टस के अनुसार गिर अभ्यारण में 300 से ज्यादा चीते, छिपकलियों की 40 प्रजातियां, पक्षियों की 250 से ज्यादा प्रजातियां भी पाई जाती है जो यहां आने वालों को इस जंगल के अलग – अलग पहलुओँ से मिलाती है।
गिर अभ्यारण में क्या – क्या कर सकते है पर्यटक – Gir National Park Tourist Attractions
- गिर अभ्यारण वाल्ड लाइफ फोटोग्राफी लवर्स के लिए बेस्ट जगह।
- एशियन सिंहो को देखना चाहते है आप यहां आकर उन्हें देख सकते है।
- यहां पर आपको सिद्धी कबीलों का धमाल डांस भी देखने को मिलता है जिसे देखकर आप काफी आनंदमय महसूस करेंगे।
- गिर अभ्यारण गुजरात के मशूहर सोमनाथ मंदिर से कुछ ही दूरी पर है। इसलिए आप सोमनाथ मंदिर घूमने के बाद यहां आकर आराम से वाइल्ड लाइफ का मजा ले सकतें है।
हालांकि यहां हम ये जरुर कहना चाहेंगे कि एशिया सिंह जो इस अभ्यारण की शान माने जाते है उनकी मौत चाहे किसी भी वजह से हो वो काफी दुखद है यहां आने वाले पर्यटको को भी जानवरों की भावनाओं की इज्जत करनी चाहिए सिर्फ इसलिए नहीं क्योंकि उनकी प्रजाति लुप्त हो रही है या कम है बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें भी हमारी तरह जीने का हक है।
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