Festivals of India
भारत को त्यौहारों और मेलों का देश कहा जाता है। यहां के रीति-रिवाज, परंपरा, संस्कृति और विरासत के लिए इसकी पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान है। यही नहीं भारत में अलग-अलग धर्म और जाति के लोग रहते हैं, जिसकी वजह से भारत में तरह-तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं। यहां तक कि भारत में हर महीने कोई न कोई त्यौहार होता है।
भारत में बहुधर्मी लोगों के होने की वजह से यहां लोगों की वेश-भूषा, रहन-सहन, संस्कृति में काफी अंतर है, लेकिन इतनी विविधता होते हुए भी भारत में एकता है। यहां सभी लोग मिलकर सभी त्यौहारों को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं।
भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहार – Festivals of India
भारत में त्यौहारों में एक अलग और शांत, सोहार्दपूर्ण और अद्भुद वातावरण देखने को मिलता है। त्यौहारों में बाजारों में अलग तरह की रौनक देखने को मिलती है। घरों में त्यौहारों की तैयारियां कई दिन पहले से ही होने लगती हैं।
भारत में हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्व है। खास बात यह है कि यहां सभी त्यौहार के पीछे कुछ ऐतिहासिक, पौराणिक और धार्मिक कथाएं जुड़ी हुईं हैं, जिसकी वजह से लोग अपनी-अपनी रीति-रिवाज और विश्वास के अनुसार त्यौहारों को मनाते हैं।
भारत में सभी त्यौहारों को लोग पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। अपने-अपने अंदाज में लोग त्यौहार के मौके पर आपस में खुशियां बांटते हैं, गले मिलते हैं और एक-दूसरे का मुंह मीठा कर त्यौहारों की बधाई देते हैं।
हर त्यौहार को अलग तरीके से मनाने की भारत में परंपरा है, किसी त्यौहार में लोग व्रत रखकर पूजा विधि संपन्न करते हैं तो किसी त्यौहार में चन्द्रमा को देखकर पूजा करने की परंपरा है तो, किसी त्यौहार में सूर्य देवता की पूजा की जाती है। जबकि कुछ त्यौहार ऐसे हैं जिसमें गंगाजल से स्नान करना और दान करने का अपना एक अलग महत्व है।
भारत में त्यौहारों पर भाईचारा, परिवारिक प्रेम, सौहार्द की अनूठी मिसाल देखने को मिलती है।
हालांकि, भारत में कुछ ऐसे त्यौहार भी हैं, जो अलग-अलग ऋतुओं से संबंधित हैं। मौसम और ऋतुओं के बदलने के साथ-साथ ही त्यौहारों का आगमन होता है। वहीं भारत में कुछ त्यौहार ऐसे हैं जो कि फसल कटाई का और वर्षा ऋतु का अथवा पूर्णिमा का स्वागत करते हैं।
इसके अलावा भारत में अलग-अलग राज्यों में भी कुछ अलग-अलग त्यौहारों को मनाने की परंपरा चली आ रही है जैसे कि -अरुणाचल प्रदेश में लोसार उत्सव, बिहार में छठ पूजा, हरियाणा में बैसाखी आदि।
हर एक त्यौहार का अपना एक अलग महत्व है, और भले ही इन त्यौहारों को लोग अपने – अपने ढंग से मनाते हैं लेकिन भारत के सभी त्यौहार एकता, भाईचारा, अमन, शांति सोहार्द का संदेश देते हैं। जो वाकई में तारीफ ए काबिल हैं।
भारत मे कभी हिन्दू के प्रमुख त्यौहार दिवाली की चकाचौंध देखने को मिलती है, तो कभी मुस्लिम समुदाय की ईद की खुशियां दिखाई देती हैं, तो कभी सिक्खों की वैसाखी की धूम देखने को मिलती हैं, तो कभी ईसाईयों के मुख्य पर्व क्रिसमस की रौनक दिखाई देती है।
ये सभी त्यौहार मनुष्य के अंदर दया, प्रेम, करुणा, परोपकार, नैतिक गुणों, आतिथ्य सत्कार की भावना पैदा करते हैं और सभी को मिलजुल कर रहने का संदेश देते हैं – चलिए अब हम आपको अपने इस लेख में भारत में अलग-अलह धर्मों के लोगों द्धारा मनाए जाने वाले त्यौहारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि निम्नलिखित है-
भारत में हिन्दू धर्म द्धारा मनाए जाने वाले त्यौहार – Hindu Festivals of India
हिन्दू धर्म में सबसे ज्यादा त्यौहारों को मनाने की परंपरा है, पूरी दुनिया में हिन्दू धर्म के लोगों द्धारा कई सारे सांस्कृतिक और पारंपरिक उत्सव मनाए जाते हैं। हिन्दू धर्म के सभी त्यौहारों को मनाने के पीछे कई ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं । इसलिए हर त्यौहार को मनाने का तरीका और नियम अलग है।
हिन्दू धर्म में सभी जाति के लोग समान भाव से त्यौहारों को मिलजुल कर मनाते हैं। वहीं हिन्दू धर्म के त्यौहारों के बारे में इस धर्म के प्राचीन और धार्मिक महाग्रंथ भगवत गीता, रामायण में भी व्याख्या कीगई है। हर त्यौहार में अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा का महत्व है।
इसके अलावा हिन्दू धर्म के लिए कुछ त्यौहारों को मौसम बदलने और वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए भी मनाते हैं। हिन्दू धर्म के कुछ त्यौहारों के बारे में नीचे लिखा गया है –
दिपावली – Diwali
दिपावली का त्यौहार , हिन्दू धर्म का प्रमुख त्यौहार है। इस त्यौहार को हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को रौशनी का त्यौहार कहा जाता है क्योंकि इस दिन हर कोई अपने-अपने घरों में दीपक रखता है, और घरों को विशेष तरह की लाइटों से सजाता है।
दिपावली के दिन हर तरफ रौशनी की चकाचौंध देखने को मिलती है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे भी हिन्दू धर्म की कई धार्मिक और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुईं हैं। दिवाली मनाने के पीछे मान्यता यह है कि इस दिन भगवान राम, अपने 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, इसी उपलक्ष्य में दीपों का त्यौहार दिपावली मनाई जाती है।
धनतेरस – Dhanteras
हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार दिवाली की शुरुआत धनतेरस के पर्व से होती है। कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नए बर्तन, गहने खरीदना शुभ माना गया है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की जाती है।
इस त्यौहार को मनाने के पीछे यह पौराणिक कथा जुड़ी हुई है कि इस दिन समुद्र-मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने धन्वंतरि जी का अवतार लिया था इसलिए धनतेरस के पर्व को मनाया जाता है।
दशहरा – Dussehra
दशहरे का त्यौहार भारत के मुख्य त्यौहारों में से एक है। इस पर्व को हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में खासकर क्षत्रीय लोगों में दशहरे की पूजा का खास महत्व है।
इस त्यौहार को मनाने के पीछे यह कथा जुड़ी हुई है कि इस दिन भगवान राम ने अंहकारी रावण का वध किया था। इसलिए इस त्यौहार को मनाया जाता है। दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व माना जाता है। इस दिन कई तरह की रामलीला का आय़ोजन होता है और हर साल लोग इस दिन रावण का पुतला बनाकर जलाते हैं और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं।
होली – Holi
होली, भारत के पारंपरिक और सांस्कृतिक त्यौहारों में से एक है। इसे रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। हिन्दू कलैंडर के मुताबिक इस त्यौहार को फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस त्यौहार में लोग एक-दूसरे की बुराई भूलकर प्रेमपूर्वक मिलते हैं।
एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और अपनी खुशियां बांटते हैं। इस त्यौहार को मनाने के पीछे भी कई पौराणिक और धार्मिक कथाएं भी जुड़ी हुईं हैं। प्रहलाद और होलिका की कहानी इस त्यौहार को लेकर काफी प्रचलित है।
हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका के साथ साजिश रची थी। दरअसल हिरण्यकश्यप वरदान पाकर खुद को इतना बलशाली और प्रभावशाली समझता था कि अपने पुत्र प्रहलाद से भी खुद की स्तुति करने के लिए कहता था, जबकि भक्त प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था।
इसलिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर प्रहलाद को अग्नि में भस्म करने की साजिश रची, वहीं होलिका को अग्नि से बचने का वरदान था, वरदान के रुप में उसे ऐसी चादर मिली थी, जो अग्नि से नहीं जलती थी।
लेकिन यह साजिश होलिका और हिरण्यकश्यप पर उलटी पड़ गई, जब अग्नि ने होलिका जलकर भस्म हो गई और भक्त प्रहलाद का बाल भी बाकां नहीं हुआ। तभी से बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में होली का पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा भी होली को लेकर कई अन्य कथाएं भी प्रचलित हैं।
रक्षाबंधन – Raksha Bandhan
रक्षाबंधन का त्यौहार हिन्दू धर्म के मुख्य त्यौहारों में से एक हैं। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इस त्यौहार को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई में राखी बांधती है और उसके लंबी उम्र की कामना करती है। वहीं भाई, इस दिन अपनी बहन की हमेशा रक्षा करने का संकल्प लेता है। इस दिन भाई अपनी बहनों को गिफ्ट भी देते हैं।
महाशिवरात्रि – Mahashivratri
महाशिवरात्रि के त्यौहार को भी भारत में हिन्दू धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन लोग भगवान शिव का महाभिषेक कर शिव मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। इस त्यौहार को मुख्यता फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दर्शी को मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई पौराणिक और धार्मिक कथाएं जुड़ी हुई हैं।
यह मान्यता है कि इस दिन ब्रह्रा के रूद्र रुप में भगवान शंकर प्रकट हुए थे। यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शंकर ने तांडव कर अपना तीसरा नेत्र खोला था, और पूरे ब्रम्हांड को इस नेत्र को ज्वाला से खत्म कर दिया था। इसके अलावा कई लोग इस त्यौहार को भगवान शंकर और माता-पार्वती के विवाह से भी जोड़ कर देखते हैं।
मकरसंक्राति – Makar Sankranti
मकरसंक्रांति को त्यौहार को दान-पुण्य और आस्था का त्यौहार माना गया है। यह त्यौहार हर साल 14 जनवरी के दिन मनाया जाता है। यह त्यौहार भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने का अपना एक अलग महत्व है।
इस त्यौहार को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। इस त्यौहार के मनाने के पीछे यह माना जाता है कि 14 जनवरी से धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है। इस दिन सूर्य दक्षिण की बजाय, उत्तर दिशा को गमन करता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी – Janmashtami
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार, हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। भारत में इस त्यौहार को बड़े ही हर्ष-उल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रुप में इस खास त्यौहार को मनाया जाता है।
इस त्यौहार में भगवान श्री कृष्ण के मंदिरों में सुंदर झांकिया सजाई जाती हैं और मंदिरों और घरों में रात को 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म करते हैं। इस दिन कई धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण की लीलाएं भी दिखाई जाती है।
इस दिन लोग अपने-अपने घरों में कई तरह के पकवान बनाते हैं और लड्डू गोपाल को इसका भोग लगाकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं। इस त्यौहार पर मटकी फोड़, और दही हांडी जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती हैं।
नवरात्रि – Navaratri
नवरात्रि का त्यौहार हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। पूरे भारत में इस त्यौहार को अपनी-अपनी संस्कृति और परंपरा के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार से लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है।
नवरात्रि का त्यौहार पूरे 9 दिन का उत्सव होता है। इस त्यौहार में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें कन्या पूजन का खास महत्व है। नवरात्र के त्यौहार पर दुर्गा मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और इस दौरान आस्था का सैलाब देखते ही बनता है। नवरात्रि का त्यौहार गुजरात में विशेष रुप से मनाया जाता है, इस त्यौहार पर यहां लोग गरबा और डांडिया खेलते हैं।
रामनवमी – Ram Navami
रामनवमी को भारत में भगवान राम के जन्मोत्सव के रुप में मनाते हैं। पूरे भारत में इस त्यौहार को अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है। इस पर्व का अपना एक अलग महत्व है। रामनवमी को चैत्र माह की शुक्ल पक्ष के दिन मनाया जाता है।
इस दिन घर-घर में भगवान राम की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान मंदिरों में सुंदर झांकिया भी सजाई जाती हैं। इस त्यौहार को लोग पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं।
गणेश चतुर्थी – ganesh chaturthi
गणेश चतुर्थी का त्यौहार भी हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इस दिन खास तौर पर भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रुप से इस त्यौहार को मनाया जाता है।
महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के पर्व की काफी धूम रहती है। भारत के अन्य राज्यों में भी इस त्यौहार पर काफी धूम देखने को मिलती है। इस दौरान अपने घरों में ,मोहल्ले में बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं। गणेश उत्सव 9 या 11 दिन तक चलता है।
इस दौरान लोग पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव से गणेश पूजन करते हैं और फिर अनंत चतुदर्शी के दिन ढोल नगाड़ों के साथ बप्पा को विदाई देते हैं। इस दौरान गणपति बप्पा मोरेया, मंगलमूर्ति मोरेया के जयकारों की गूंज हर तरफ सुनाई देती है और हर तरफ भक्तिमय माहौल देखने को मिलता है।
छठ पूजा – Chhath Puja
यह भारत का पारंपरिक और सांस्कृतिक उत्सव है। छठ पर्व का अपना एक अलग महत्व है। बिहार में छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू कलैंडर के मुताबिक इस पर्व को कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तक मनाया जाता है।
दिवाली के 6 दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है। यह आस्था का पर्व सूर्य और उनकी पत्नी उषा को समर्पित है। इस पर्व को मनाने के पीछे कई धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। छठ पर्व के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
इस दिन महिलाएं लोक गीत गाती हैं। इस पर्व के दौरान छठी मैया के जयकारों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। सूर्य की उपासना का यह महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। इस पर्व को लेकर भी कई कथाएं भी प्रचलित हैं।
करवाचौथ – Karva Chauth
करवा चौथ का त्यौहार, हिन्दुओं धर्म के मुख्य त्यौहारों में से एक है। हिन्दू पंचाग के मुताबिक इस त्यौहार को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन पूरे दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं और चांद को देखकर व्रत खोलती हैं। पूरे भारत में इस त्यौहार को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
अन्य हिन्दू पर्वों की सूची
हिन्दू धर्म के अन्य त्यौहारों की सूची नीचे दी गई है –
- भाई दूज
- गोवर्धन पूजा
- रंग पंचमी
- नाग पंचमी
- हरियाली तीज
- हर छठ
- हरतालिका तीज
- गणगौर
- ऋषि पंचमी
- संतान सप्तमी
- राधा अष्टमी/महालक्ष्मी व्रत
- अनंत चतुर्दशी
- अहौई अष्टमी
- नरक चतुर्दशी
- गोपाष्टमी
- अक्षय आंवला नवमी
- तुलसी विवाह
- विवाह पंचमी
- वैकुण्ठ चतुर्दशी
- अक्षय तृतीया
- गंगा दशहरा
- जगन्नाथ रथ यात्रा
- गुड़ी पड़वा
- पोंगल
- वसंत पंचमी
- थाईपुसम
- हनुमान जयंती
- गुरु पूर्णिमा
- कुंभ मेला
- देव उथानी एकादशी
भारत में मुस्लिमों द्दारा मनाए जाने वाले त्यौहार – Festivals of Islam Religion in India
पूरी दुनिया में इस्लाम धर्म के लोग अपने सभी इस्लामिक पर्वों को बड़ी धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाते हैं। भारत एक ऐसा देश हैं, जहां सभी धर्मों के लोग अपने-अपने धर्म के मुताबिक अपना-अपना त्यौहार मनाते हैं, इसलिए भारत में इस्लामिक पर्वों पर अमन और सौहार्द का वातावरण देखने को मिलता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के लोग अपने पर्व को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण इस्लामिक पर्व रमजान (रामादान), ईद-ए-मिलाद, बकरीद और मुहर्रम आदि हैं। यह पर्व भी अमन, भाईचारा, प्रेम और शांति का पैगाम देते हैं। इन पर्वों को मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी-अपनी रीति-रिवाज और परंपरा के मुताबिक मनाते हैं।
इन पर्वों में मुस्लिम लोग मस्जिदों में दुआ मांगते हैं, एक-दूसरे के गले शिकवे भूलकर गले मिलते हैं और अपनी खुशियां बांटते हैं, कुछ मुस्लिम त्यौहारों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं-
ईद-उल-फितर (रमजान ईद) – Eid al-Fitr (Ramadan)
‘ईद-उल-फितर’ या ‘ईद’ इस्लाम धर्म के सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण और आनंददायक त्यौहार है। यह त्यौहार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। ईद का त्यौहार प्रेम, भाईचारे, सोहार्द और परोपकार का प्रतीक है। ईद का त्यौहार रमजान के पावन महीने के बाद पूरे जोश और हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है।
रमजान के महीने में पूरा महीना मुस्लिम समुदाय के लोग पूरा दिन उपवास रखते हैं और ज्यादा से ज्यादा अपना वक्त रब की इबादत करने में जाया करते हैं। इस पावन पर्व के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग कोई ऐसे काम नहीं करते हैं जिससे किसी को नुकसान पहुंचे। रमजान के आखिरी में चांद के आधार पर ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाते हैं।
इस पावन पर्व पर मुस्लिम धर्म के लोग अपने-अपने घरों में खास तरीके से मीठी सेवइयां बनाते हैं और एक-दूसरे का मुंह मीठा कर इस पर्व की बधाई देते हैं।
ईद-उल-जुहा (बकरीद या ईद-उल-अदा) – Eid al-Adha (Bakrid)
ईद-उल-जुहा या ‘बकरीद’ इस्लामिक समुदाय का प्रमुख त्यौहारों में से एक है। इसे ‘ईद-उल-अज़हा’ के नाम से भी जानते हैं। बकरीद को कुर्बानी का त्यौहार कहा जाता है। इस पर्व को ईद-उल-फितर या ईद के दो महीने और नौ दिन बाद चांद की दस तारीख को मनाते हैं। इस दिन इस्लामिक धर्म के लोगों में बकरे की बलि देने का बहुत महत्व है।
अन्य इस्लामिक पर्वों की सूची-
- बारावफात
- मुहर्रम
- मिलाद-उन-नबी
- शब-ए-बारात
- जमात-उल-विदा
भारत में सिक्ख समुदाय द्दारा मनाए जाने वाले त्यौहार – List of Sikh Festivals
भारत में अलग-अलग धर्म और संस्कृति के लोग रहते हैं, लेकिन इन सबके बाबजूद भी भारत की एकता की मिसाल पूरी दुनिया को दी जाती है। भारत की सबसे अच्छी बात यह है यहां हर धर्म के लोगों को अपने-अपने अंदाज से अपने पर्वों को मनाने की आजादी है।
इसलिए यहां हिन्दू, मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिक्ख धर्म के लोग भी अपने त्यौहारों को बड़े ही धूमधाम और मस्ती के साथ मनाते हैं। अपने पर्वों में सिक्ख समुदाय के लोग अपने सिक्ख गुरुओं के जीवन और उनके बताए गए सीखों को याद करते हैं और उनके बताए गए मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं। सिक्ख धर्म के पर्वों के दौरान पूरा वातावरण धार्मिक और भक्तिमय होता है। इस दौरान महिलाएं धार्मिक और लोक गाती हैं।
लोहड़ी – Lohri
लोहड़ी का पर्व हर साल मकरसंक्रांति के 1 दिन पहले मनाया जाता है। यह सिक्ख धर्म के प्रमुख धार्मिक त्यौहारों में से एक है। वैसे तो यह पर्व सिक्ख समुदाय द्धारा पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन पंजाब, हरियाणा, दिल्ला में इस पर्व की काफी धूम देखने को मिलती है। इस दिन लोग अपने परिवार और मित्रों के साथ रात में आग जलाते हैं और आग के किनारे ढोल-नगाड़ों की ढाप पर घेरा बनाकर नाचते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाई देते हैं और मूंगफली, रेवड़ी, गुड़ चिड़वा खाते हैं।
बैसाखी – Vaisakhi
बैसाखी का पर्व पंजाबियों का प्रमुख धार्मिक त्यौहार है। यह त्यौहार अप्रैल के महीने में हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है। यह महत्वपूर्ण कृषि पर्व भी है। बैसाखी काफ़ी रंग बिरंगा त्यौहार है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है और देश के कई जगहों पर इसे खेती का पर्व भी कहा जाता है। जब रबी की फसल पूरी तरह पककर तैयार हो जाती है, तब इस पर्व को मनाया जाता है। इस पर्व में गुरुद्दारों में लंगर का भी आयोजन करवाया जाता है।
गुरुगोविन्द सिंह जयंती – Guru Gobind Singh Jayanti
सिक्ख समुदाय के दसवें धर्म गुरु ( सतगुरु) गोविंद सिंह के जन्म उत्सव को गुरु गोविंद जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने गुरुसाहब को याद करते हैं। उनके उपदेशों और उनके द्धारा बताए गए मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं। इस मौके पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। गुरुगोविंद सिंह जी की जयंती बेहद हर्ष-उल्लास और धूमधाम से मनाई जाती है।
अन्य सिक्ख पर्वों की सूची-
- होल्ला मोहल्ला
- सोदल मेला
- गुरुरामदास जी जयंती
- गुरुनानक जयंती
- गुरु पूरब
भारत में ईसाई धर्म के लोगों द्धारा मनाए जाने वाले पर्व – Christian Festivals
भारत में ईसाई पर्व जैसे क्रिसमस, गुड फ्राई-डे और ईस्टर जैसे पर्वों की धूम भी रहती है। इन पर्वों को धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में क्रिसमस का त्यौहार न सिर्फ ईसाई धर्म के लोगों द्दारा ही मनाया जाता है, बल्कि अब सभी धर्मों के लोग इस त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। ईसाई पर्वों की रौनक भारत में देखते ही बनती है कुछ ईसाई धर्म के पर्वों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं –
क्रिसमस – Christmas
क्रिसमस का पर्व ईसाई धर्म का मुख्य पर्व है। इस पर्व को बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। वहीं इस दिन चर्च को विशेष तरीके से सजाया जाता है।
ईसाई धर्म के लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं और एक-दूसरे को गिफ्ट देकर क्रिसमस पर्व की बधाई देते हैं। इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों में भी खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। क्रिसमस ट्री का इस दिन बेहद महत्व है। आधुनिक युग में लोग अपने बच्चों को सेंटा क्लॉज की ड्रेस पहनाकर और केक काटकर इस पर्व का जश्न मनाते हैं।
गुड फ्राइडे – Good Friday
यह ईसाई धर्म का प्रमुख त्यौहार है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों की छुट्टी घोषित की गई है। यह त्यौहार मुख्य रुप से 20 मार्च से 23 अप्रैल के बीच ईस्टर संडे के ठीक पहले पड़ने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। ग्रेट फ्राइडे और होली फ्राइडे के नाम से भी यह त्यौहार जाना जाता है। ईसा मसीह के जन्मदिवस के रुप में इस त्यौहार को मनाया जाता है।
अन्य ईसाई पर्वों की सूची
- ईस्टर
भारत में जैन धर्म के लोगों द्धारा मनाए जाने वाले पर्व – Jainism Festivals
भारत में जैन धर्म के लोग भी अपने पर्वों को पूर जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। जैन धर्म के लोग अपनी-अपनी रीति-रिवाज और परंपरा का पालन करते हुए इन त्यौहारों को मनाते हैं। जैन धर्म के त्यौहारों का भी एकमात्र उद्देश्य अमन, शांति और प्रेम हैं। जैन धर्म के कुछ प्रमुख त्यौहारों के बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं –
महावीर जयंती – Mahavir Jayanti
महावीर जयंती को जैन धर्म के लोग भगवान महावीर के जन्मोत्सव के रुप में मनाते हैं। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक महावीर जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस मौके पर महावीर जी की सुंदर झांकिया सजाई जाती हैं और शोभा यात्रा निकाली जाती है।
अन्य जैन पर्वों की सूची
- दीप दीवाली
- महामस्तक अभिषेक
- परयूशन
भारत में बौद्ध धर्म के लोगों द्दारा मनाए जाने वाले त्यौहार – Buddhist Festivals
भारत में बौद्द धर्म के त्यौहारों को पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। बौद्ध धर्म के लोग भगवान गौतम बुद्ध को मानते हैं। अपने पर्वों के माध्यम से वह गौतम बुद्ध के जीवन और उनकी सीखों को याद करते हैं। हम आपको बौद्ध समुदाय के त्यौहारों के बारे में बता रहे हैं –
बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती – Buddha Purnima
गौतम बुद्ध की जयंती को बुद्ध पूर्णिमा के रुप में मनाया जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। बुद्ध धर्म के लोग अपनी-अपनी परंपरा, संस्कृति और रिति-रिवाजों और नियमों के मुताबिक बुद्ध पूर्णिमा को मनाते हैं। इस मौके पर कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
अन्य बौद्ध पर्वों की सूची
- बुद्धिष्ठ पर्व
- लोसर
- हेमिस गोमपा
- उलामबना
इसके अलावा भी भारत में कई त्यौहार मनाए जाते हैं। इसके साथ कई अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह के त्यौहारों को उत्सव के रुप में मनाया जाता है। इस मौके पर विशेष मेलों और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
भारत में सभी धर्मों द्धारा मनाए जाने वाले त्यौहारों का एक ही मकसद अमन, शांति, परोपकार, प्रेम, सामाजिकता और भाईचारा है। भारत में सभी त्यौहारों पर एक अनूठी सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है। अनेक विविधताओं होने के बाबजूद भी भारत में एकता की मिसाल अनूठी है।
Read More:
- Interesting Facts about India
- History of India
- Essay on India
- Historical places in India
- Forts in India
I hope these “Festivals of India In Hindi” will like you. If you like these “Festivals of India In Hindi with History” then please like our facebook page & share on whatsapp. and for latest update download: Gyani Pandit free android App