Fakhruddin Ali Ahmed – फखरुद्दीन अली अहमद 1974 से 1977 तक भारत के पाँचवे राष्ट्रपति और राष्ट्रपति कार्यालय में मरने वाले दुसरे राष्ट्रपति थे।
फखरुद्दीन अली अहमद की जीवनी / Fakhruddin Ali Ahmed Biography In Hindi
फखरुद्दीन अली अहमद का जन्म 13 मई 1905 को भारत में नयी दिल्ली के हौज़ क़ाज़ी भाग में हुआ था। उनके पिता ज़ल्नुर अली अहमद, पहले आसामी इंसान थे जिनके पास एम.डी. (डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन) की उपाधि थी और साथ ही उत्तर-पूर्व भारत से भी वे यह डिग्री हासिल करने वाले पहले भारतीय थे।
उनकी माँ लोहरू के नवाब की बेटी थी। अहमद के दादा खालिलुद्दीन अली अहमद आसाम के गोलाघाट में कचारिघाट के पास रहते थे और स्थानिक लोग एक आसामी मुस्लिम परिवार के रूप में उनका सम्मान करते थे।
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की सरकारी हाई स्कूल से अहमद ने प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की थी और दिल्ली सरकार की हाई स्कूल से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की थी। इसके बाद पढाई करने के लिए वे सेंट स्टेफेन कॉलेज, दिल्ली और सेंट कैथरीन कॉलेज, कैम्ब्रिज में दाखिल हुए। इसके बाद 1928 में वे लाहौर हाई कोर्ट में लॉ का प्रशिक्षण ले रहे थे।
राजनीतिक करियर:
1925 में इंग्लैंड में उनकी मुलाकात जवाहरलाल नेहरू से हुई। तभी वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में भी शामिल हो गये और भारतीय स्वतंत्रता अभियान में भी हिस्सा लिया।
1942 में भारत छोडो अभियान में उन्हें गिरफ्तार किया गया और उन्हें साढ़े तीन साल जेल में रहने की सजा सुनाई गयी थी। 1936 से वे असाम प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य और 1947 से 74 तक AICC के सदस्य थे और साथ ही 1938 में गोपीनाथ बोर्डोलोई की मिनिस्ट्री में फाइनेंस, रेवेन्यु और लेबर मिनिस्टर भी बने हुए थे।
आज़ादी के बाद राज्य सभा (1952-1953) में उनकी नियुक्ती की गयी और इसके बाद वे असम सरकार के अधिवक्ता-प्रमुख भी बने। जानिया निर्वाचन क्षेत्र से 1957-1962 और 1962-1967 में वे असम वैधानिक असेंबली से कांग्रेस की टिकेट लेकर चुने भी गये थे।
बाद में, 1967 में और फिर दोबारा 1971 में असाम के बारपेटा निर्वाचन क्षेत्र से वे लोक सभा के लिए नियुक्त किये गये। सेंट्रल कैबिनेट में उन्हें खाद्य और कृषि, सहयोग, शिक्षा, औद्योगिक विकास और कंपनी लॉ जैसे विभाग सौपे गये थे।
राष्ट्रपति पद:
1974 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया और 20 अगस्त 1974 को वे भारत के दुसरे मुस्लिम धर्म से नियुक्त किये गये राष्ट्रपति बने। उसी दिन मध्यरात्रि में इंदिरा गांधी के हुई मीटिंग में पेपर पर हस्ताक्षर कर उन्होंने आनी-बानी की घोषणा की थी।
1975 में भारत में आनी बानी के समय में राज्य के मुख्य लीडर के रूप में भी वे संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करते थे।
1975 में सूडान की यात्रा पर गये भारतीय राजनयिकों के नाम से भी वे जाने जाते थे। 11 फरवरी 1977 को राष्ट्रपति कार्यालय में शांत (मृत्यु आना) होने वाले वे दुसरे भारतीय थे। कार्यालय में दैनिक नमाज की तैयारियाँ करते समय ही उनकी मृत्यु हो गयी थी। उस समय उनकी उम्र 72 साल थी।
सम्मान:
1975 में यूगोस्लाविया की यात्रा के समय कोसोवो में प्रिस्टीना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया था।
उनकी नियुक्ती असाम फुटबॉल एसोसिएशन और असाम क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर कयी बार की गयी थी। इसके साथ-साथ वे असाम स्पोर्ट कौंसिल के उपाध्यक्ष भी थे।
अप्रैल 1967 में उनकी नियुक्ती ऑल इंडिया क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में की गयी थी। 1961 से वे दिल्ली गोल्फ क्लब और दिल्ली जिमखाना क्लब के सदस्य थे। उनके सम्मान में असाम के बारपेटा में एक मेडिकल कॉलेज, फखरुद्दीन अली अहमद मेडिकल कॉलेज के नाम से बनाया गया था।
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