Essay on Teacher
किसी भी छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत ही अहम किरदार निभाता है। शिक्षक अपने छात्र को पढ़ाकर उन्हें अच्छा नागरिक बनाता है। शिक्षक की वजह से किसी भी छात्र का भविष्य उज्वल होता है। किसी भी इन्सान के जीवन में माँ पिता के बाद में केवल शिक्षक की ही अहम भूमिका होती है।
छात्रों को कई बार अपने शिक्षक पर निबंध लिखने को कहा जाता है। निचे इसी विषय पर एक बहुत ही सरल भाषा में शिक्षक विषय पर निबंध दिया गया है। निचे दिए गए जानकारी के आधार पर कोई भी प्रभावी भाषा में निबंध लिख सकता है।
शिक्षक विषय पर निबंध – Essay on Teacher
एक बार नेल्सन मंडेला ने कहा था की,
“शिक्षा सबसे ताकतवर हथियार है जिसकी मदत से पूरी दुनिया को बदला जा सकता है”।
शिक्षा प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका शिक्षक ही निभाता है, इसीलिए किसी भी छात्र के वर्तमान और भविष्य को बनाने में शिक्षक का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है।
शिक्षक अपने पूरी जिंदगी में अनगिनत छात्रों को पढ़ाकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने की कोशिश करता है। वो छात्रों को जीवन में किस तरह से रहना, किस तरह का बर्ताव करना यह सब बाते सिखाता है।
किसी भी शिक्षक ने अपने छात्रों का मित्र बनकर उन्हें अच्छे और बुरे का फर्क सिखाना चाहिए, उसने अपने छात्रों का सच्चा मार्गदर्शक बनकर जीवन में सही रास्ते पर जाने में सहायता करनी चाहिए, तत्वज्ञानी बनकर छात्रों को दुनिया में जीने के अलग अलग रास्ते बताने चाहिए।
बचपन के दिनों में माँ के अलावा बच्चे अपना अधिकतर समय अपने शिक्षको के साथ में ही बिताते है।
यह बच्चे के जीवन का ऐसा पड़ाव में होते है जब गीली मिटटी को किसी भी तरह का आकार दिया जाता है। इसी उम्र में बच्चो को अच्छी आदते लगायी जाती है, इसी उम्र मे उन्हें अच्छे संस्कार दिए जाते है। यह ऐसी उम्र होती है जब बच्चा कुछ भी सिख सकता है।
इसीलिए किसी भी शिक्षक के लिए यह एक बड़ी जिम्मेदारी होती है की उसे कल का भविष्य निर्माण करना है। यह उज्जवल भविष्य केवल शिक्षक के हात में ही रहता है।
शिक्षक हमेशा अपने छात्रों का भला ही चाहता है। उनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य रहता है की वो अपने छात्रों को अच्छा इन्सान, एक आदर्श नागरिक बना सके।
जैसे जैसे एक छात्र बड़ा होता जाता है उसके साथ ही शिक्षक की जिम्मेदारिया भी बढ़ जाती है। जब बच्चे छोटे होते है तभी उन्हें अच्छे मार्ग पर लाने का काम किया जाता है।
जो हमें अच्छी तरह से समझ सके और जिस पर हम पूरी तरह से विश्वास कर सके वही हमारा सच्चा मित्र होता है। अगर एक बार शिक्षक खुद की भूमिका को अच्छे से समझ जाए और वह एक मित्र बनकर बच्चो को पढाये तो उसके लिए पढ़ाना एक जिम्मेदारी नहीं बल्की आनंद का विषय बन जायेगा। क्यों इसी इस बढती उम्र में ही बच्चो को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शिक्षक ही अपने छात्रों का आदर्श होता है। उन्होंने ही एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हुए अपने छात्रों का मार्गदर्शन करना चाहिए। किसी भी युवा को खतरे से बचाकर उसे अच्छे रास्ते पर ले जाना और उसे अपने लक्ष्य तक पहुचाने का सामर्थ्य केवल शिक्षक में ही होता है। अपने देश के प्रति मन में देशभक्ति जागृत करने की ताकत केवल शिक्षक में ही होती है।
समाज को बनाने में शिक्षक बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। अगर शिक्षक चाहे तो छात्रों को अच्छे संस्कार देकर उन्हें अच्छा बना सकता है और अगर वो ना चाहे तो उनकी जिंदगी बर्बाद भी कर सकता है। छात्र बिलकुल गीली मिटटी की तरह होते है जिन्हें शिक्षक एक कुम्हार बनकर आकार देने का काम करते है।
ऊपर दिए गए जानकारी से पता चलता है की किसी छात्र का भविष्य निर्माण करने में शिक्षक कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षक ने कभी भी अपने छात्रों के साथ में एक मित्र बनकर ही रहना चाहिए।
ऐसा करने से कोई भी छात्र अपने गुरु के नजदीक आ जाता है, उनसे खुलकर बात कर सकता है। केवल गुरु के मार्गदर्शन से ही छात्र अपने लक्ष्य तक पहुचने में सफल होता है। गुरु हमेशा अपने छात्रों का एक मित्र, मार्गदर्शक और तत्वज्ञानी बनकर उनकी समय समय पर सहायता करता है।
कोई भी शिक्षक हमेशा चाहता है की उसका शिष्य जीवन में आगे ही बढ़ता रहे, उसका हमेशा अच्छा ही हो।
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Shikshak ke uper aapne bahut accha nibandh likha
बहुत-बहुत शुक्रिया मनजीत सिंह जी आपने हमारे इस आर्टिकल को पढ़ा। हम आशा करते हैं कि आपको हमारे वेबसाइट पर उपलब्ध बाकी आर्टिकल्स भी काफी दिलचस्प लगेंगे।
Kya khub likha hai aapne bhut hi gyan vardhak post hai. Shikshak Diwas Nibandh
धन्यवाद योगेश जी, आपने हमारे इस पोस्ट को पढ़ा और आपको हमारा ये पोस्ट पसंद आया। एक शिक्षक ही है जो छात्र के भविष्य के निर्माण में अहम किरदार निभाता है और उसे एक अच्छा इंसान बनाता है। इसलिए गुरुओं का सम्मान करना चाहिए।
ज्ञानी पण्डित जी ,
आपने बिल्कुल सही बात की है , की शिक्षक ही बच्चों को अच्छे बुरे का फर्क समझा सकता है ।
क्योकि शिक्षक वो कुम्हार है जो विद्यार्थी रूपी मिट्टी को उसका भविष्य रूपी आकार देता है ।
एक शिक्षक का महत्व ज्ञानी पण्डित जी आपने बखूबी समझाया है ।
बहुत अच्छा और ज्ञानवर्धक आर्टिकल है आपका ।
धन्यवाद, ये जानकार खुशी हुई कि आपको हमारा ये पोस्ट अच्छा लगा। हर किसी के जीवन में माता-पिता के बाद एक शिक्षक ही होता है जो उसके भविष्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है।