मेरी पाठशाला निबंध नंबर 2 (500 शब्द) – Meri Pathshala Essay in Hindi (500 words)
स्कूल को बच्चे का दूसरा घर कहा जाता है, जहां बच्चे का सही तरीके से विकास होता है। घर में तो बच्चा सिर्फ बड़ा होता है लेकिन सही मायने में बच्चे का विकास स्कूल में ही होता है, यह हर किसी की जिंदगी का बेहद अहम हिस्सा होता है, जिस पर जिदंगी में सही दिशा में आगे बढ़ने और सफलता का आधार टिका होता है।
स्कूल से ही हमारे अंदर ज्ञान और कौशल का संचार होता है। अपनी बेहतर जिंदगी जीने के लिए और सफल इंसान बनने के लिए हम स्कूल जाते हैं।
स्कूल का वातावरण काफी अच्छा होता है, जिसमें पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और सांस्कृतिक गतिविधियां भी शामिल होती हैं। स्कूल से ही हमारे अंदर आदर, शिष्टाचार और अनुशासन की भावना विकसित होती है।
क्योंकि रोज सुबह हम अपने स्कूल में टीचर के पैर छूते हैं या फिर उनसे नमस्कार करते हैं और उन्हें विश करते हैं, जिससे हमारे अंदर दूसरे के प्रति सम्मान की भावना का विकास होता है।
इसके साथ ही स्कूल में रोज सुबह 25 मिनट की प्रार्थना होती है, जिसमें हम सरस्वती मां की आराधना करते हैं, जिससे हमारे अंदर धार्मिक भावना का विकास होता है। इसके अलावा प्रेयर के समय राष्ट्रगान और छुट्टी के दौरान वंदे मातरम और नारों से राष्ट्रहित की भावना जागृत होती है।
कक्षा में सही तरीके से काम करने और सीखने की क्षमता का विकास होता है, इसके साथ ही अनुशासित भी बनते हैं।
इसके अलावा स्कूल में होने वाला इंटरवल में दोस्तों के साथ खाना शेयर करना और उनके साथ खेल-कूद करना समेत दोस्तों से अपनी मन की बातें शेयर करने से बेहद अच्छा लगता है और इससे हमारे अंदर समाजिकता का भाव भी पैदा होता है इसके साथ ही हमें अच्छे मित्र बनाने का मौका भी मिलता है।
बच्चों में खेल-कूद की भावना विकसित करने के लिए समय-समय पर कई स्पोर्ट्स एक्टिविटीज भी आयोजित करवाई जाती हैं, जिससे खेल-कूद में रुचि रखने वाले छात्रों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मौका मिल सक।
इसके अलावा देश-दुनिया की जानकारी के लिए सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता और बच्चों में रचनात्मक क्षमता का विकास करने के लिए आर्ट्स से संबंधित प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती हैं।
यही नहीं स्कूल की तरफ से अन्य कई ऐसी गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता है, जिससे बच्चों को तेजी से आगे बढ़ने में मद्द मिलती है। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्र में उन्हें अपना ज्ञान और कौशल बढ़ाने में भी मद्द मिलती है।
मेरे स्कूल में साफ-सफाई रखने और अनुशासन में रहने पर भी काफी जोर दिया जाता है। यही नहीं रोज स्कूल में प्रेरणात्मक संदेश भी दिए जाते हैं, जिससे आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है और अपने लक्ष्य को हासिल करने में भी मद्द मिलती है।
स्कूल में होने वाली तमाम तरह की गतिविधियों से न सिर्फ मनोरंजन होता है, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी अपने कौशल का विकास करने में मद्द मिलती है। पीटी समेत कई तरह की एक्टिविटी से शारीरिक विकास भी होता है।
वहीं आज के युग में तकनीकी के महत्व को समझते हुए मेरे स्कूल में तकनीकी शिक्षा के रूप में कम्प्यूटर सिखाने पर भी जोर दिया जाता है। इसके अलावा फिजिक्स और कैमेस्ट्री जैसे विषयों की प्रक्टिकल नॉलेज के लिए भी कई तरह के एक्सपेरिमेंट करवाए जाते हैं, जिससे काफी कुछ सीखने में मद्द मिलती है। वहीं स्कूल परिसर में लगे हरे-हरे पेड़ पौधों को देखकर भी मन अच्छा होता है, इससे प्रकृति के महत्व को समझने में भी मद्द मिलती है।
आपने मेरा स्कूल निबंध बहोत अच्छे से लिखा है, मुझे बहोत पसंद आया।