मदर टेरेसा पर निबंध – Mother Teresa Essay in Hindi
प्रस्तावना
मानव जीवन के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाली मदर टेरेसा, भारतीय मूल की नहीं थी, लेकिन उन्होंने यहां के लोगों की पूरी निष्ठा के साथ निस्वार्थ सेवा की, जिसके चलते उन्हें लोगों से अपार प्रेम और स्नेह मिला और उन्होंने अपना बाकी जीवन भारत में ही बिताने का फैसला किया।
मदर टेरेसा एक जीती-जागती मानवता की मिसाल थी, जिनके महान जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरुरत है।
मदर टेरेसा के बारे में दिलचस्प और रोचक तथ्य:
- मदर टेरेसा भारतीय मूल की नहीं थी, लेकिन फिर भी उन्हें भारत के एक नागरिक की तरह सभी अधिकार प्राप्त थे, क्योंकि उन्हें भारत की नागरिकता मिली थी।
- दयामूर्ति मदर टेरेसा जी का असली नाम “अगनेस गोंझा बोयाजिजू” था।
- दीन-हीन, गरीब, असहाय और जरूरतमंदों की सेवा के लिए मदर टेरेसा जी ने साल 1950 में मिशनरीजं ऑफ चैरिटी संस्था की स्थापना की, हालांकि इसके लिए उन्हें काफी कड़े प्रयास करने पड़े थे।
- साल 1980 में मदर टेरसा जी को भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
उपसंहार
दया, परोपकार और करुणा की देवी मदर टेरेसा की ख्याति उनके महान कामों की बदौलत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैली हुई थी। उन्होंने असहाय और जरूरतमंदों की सेवा कर न सिर्फ उन्हें सहारा दिया बल्कि उनके अंदर जिंदगी के प्रति सकारात्मक भावना पैदा की।
मदर टेरेसा जी के महान व्यक्तित्व और उनकी सेवा भाव से हम सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।
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