माँ पर निबंध | Essay on Mother

किसी भी इन्सान के जिंदगी की शुरुवात उसके माँ से ही होती है। माँ जब अपने बच्चे को जन्म देती है तभी वो बच्चा दुनिया में अपना पहला कदम रखता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसकी माँ का महत्व काफी अहम होता है। स्कूल में हमें विविध विषयों पर निबंध लिखने को कहते हैं उनमे से एक विषय होता हैं वो हैं “मेरी माँ” ( Meri Maa Essay ) जो छात्र माँ विषय पर निबंध – Essay on Mother लिखना चाहते हैं उनके लिए यह लेख काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।

Essay on Mother

माँ पर निबंध – Essay on Mother

‘माँ’ नाम का जो शब्द है वो केवल एक शब्द नहीं, इस शब्द में पूरी दुनिया समा जाती है। हर किसी व्यक्ति के जीवन में अगर कोई सबसे महत्वपूर्ण इन्सान है तो वो केवल उसकी माँ होती है। क्योकि इंसान को सबसे ज्यादा कोई करीब होता हैं तो वो उसकी माँ होती हैं। दुनिया में केवल माता पिता ही होती है जो बिना किसी मतलब से अपने बच्चो से प्यार करते है। माँ अपने बच्चो के लिए जो चीजे करती है, जितने त्याग करती है उन्हें शब्दों में बताया नहीं जा सकता।

माँ ही हर इन्सान के जिंदगी का आधार होती है। अगर किसी व्यक्ति के जीवन में माँ नहीं तो उसकी जिंदगी में सब कुछ अधुरा है। दुनिया में केवल माँ ही है जो अपने बच्चे का पालन पोषण करती है उसे अच्छे संस्कार देती और अपने बच्चे को जिंदगी जीने की राह सिखाती है।

कोई व्यक्ति अगर अपने जीवन में सफ़लता प्राप्त करता है तो उसका सारा श्रेय केवल उसकी माँ को ही जाता है। माँ ही अपने बच्चे को पालपोसकर बड़ा करती है, उसे अच्छे संस्कार देती है, उसे समाज का एक अच्छा नागरिक बनाती है। जिंदगी में कितनी भी कठिनाईया आये तब भी माँ अपने बच्चो को प्रेरित करने का काम करती है, उनका हमेशा हौसला बढ़ाने का काम करती है।

माँ का बच्चा अगर पचास साल का हो जाए तभी भी माँ के लिए वो उसका छोटा बच्चा ही रहता है। अगर किसी को प्यारी माँ नहीं तो उसके जीवन में कोई अर्थ नहीं उसकी जिंदगी माँ के बिना अधूरी है।

“भगवान हर जगह पर जाकर उसका काम नहीं कर सकता इसीलिए भगवान ने माँ को बनाया।”

ये कहावत तो हमनें बहुत बार सुनी होंगी जिसमें माँ को भगवान् के स्थान पर बिठाया हैं।

माँ हर रोज हमारे कितने काम करती है फिर भी हम कभी भी उसकी तारीफ़ नहीं करते। वो जितने भी काम हमारे लिए करती है उसके लिए उसे कोई पैसे भी नहीं मिलते और किसी दिन उसे छुट्टी भी नहीं मिलती। लेकिन इतना सब कुछ ना मिलने के बाद भी वो कोई भी काम मुस्कुराकर करती है।

माँ हमारे लिए बहुत कुछ बातो का त्याग करती है और उसके लिए हम उसे कभी धन्यवाद भी नहीं कहते, वो जितनी मेहनत हमारे लिए करती है उसपर कोई ध्यान भी नहीं देता। जब हम दुखी होते है, नाखुश होते है तो माँ के केवल एक मुस्कराहट से हमारी सारी चिंताए, परेशानी भाग जाती है।

वो हमेशा यही चाहती है की हमारा कभी भी भला हो, अच्छा हो। हमने माँ के प्यार के बदले उसे भी प्यार देना चाहिए, उसका धन्यवाद करना चाहिए, मगर हम माँ के प्यार के बदले उसके लिए कुछ भी दे, तो वो माँ के प्यार में सामने कम ही रहेगा, उसकी माँ के प्रेम के सामने तुलना ही नहीं की जा सकती। इस दुनिया में माँ से, माँ के प्यार से श्रेष्ट कुछ भी नहीं।

हमारी पढाई की शुरुवात घर से ही शुरू होती है, माँ ही सबसे पहले हमें पढ़ाती है, वो ही हमारे जीवन का पहला और मीठा गुरु होती है। वो हमें दुसरो के साथ कैसा बर्ताव करना चाहिए, कैसे बोलना चाहिए सिखाती है। वो ही हमें जिन्दगी मे अच्छे बुरे में फर्क करना सिखाती है। हमारे जन्म से वो हमारी हर बात का खयाल रखती है, हमसे प्यार करती है। जब तक वो जिन्दा रहती है तक तक माँ हमारा खयाल रखती है।

हमारे जन्म के दौरान उसे कितना दर्द सहना पड़ता है लेकिन फिर भी माँ हमेशा हमसे प्यार करती है। माँ के प्यार की तरह किसी का भी प्यार अमर नहीं, निस्वार्थी नहीं और शुद्ध भी नहीं। माँ ही हमारे जीवन में अँधेरे को मिटाकर रोशनाई लाती है।

माँ का सन्मान, प्यार हमें हर दिन करने चाहियें, लेकिन किसी वहज से हम वो नहीं कर सकते इसलियें हर साल मई महीने के दूसरें रविवार को सारी दुनिया मदर डे – Mother’s Day मनाती हैं। चलों रोज ना सही लेकिन साल के दिन हम अपनी माँ को वो हमारे लिए कितनी स्पेशल हैं यह बताएँगे।

वैसे तो भगवान ने इस दुनिया को बनाया। इस दुनिया का हर इन्सान भगवान का बच्चा है। मगर अपने प्यारे और मीठे बच्चो की भगवान खुद हर जगह पर जाकर परवरिश नहीं कर सकता। इसीलिए भगवान ने काफी सोचने के बाद एक ऐसी व्यक्ति बनाई जो भगवान का काम बड़ी आसानी से कर सके।

इस दुनिया के हर इन्सान का खयाल रख सके। वो व्यक्ति कोई ओर नहीं बल्की हमारी माँ है। इसीलिए पुरे संसार माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है। माँ के लिए जितने भी शब्द कहे जाएँ उतनी कम ही हैं क्योकि माँ क्या होती हैं, ये उन बच्चों से पुछना चाहिए जिनकी माँ नहीं होती। इसलिए माँ हमारे लिए भगवान का दिया हुआ एक बहुत ही अद्भुत वरदान है जिसे हमने अपने जान से भी अधिक संभालकर रखना चाहिए।

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6 COMMENTS

  1. माँ ममता और वात्सल्य की मूरत है। माँ इस संसार मे भगवान् का रूप है।

    • सही कहा विक्रम जी, मां का कोई मोल नहीं है, मां के बारे में कुछ भी शब्दों में नहीं लिखा जा सकता सिर्फ भावनाओं को उकेरा जा सकता है।

    • It feels good to hear that you found our article informative and can connect it with your life. Stay tuned to Gyani Pandit for other such posts.

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