भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियो पर निबंध

Freedom Fighters Essay

हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, समर्पण, संघर्ष और बलिदान की वजह से ही आज हम सभी भारतीय आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं।

सरदार भगत सिंह, मंगल पांडे, चन्द्र शेखर आजाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, जैसे कई महान क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को न सिर्फ अपने अद्भुत साहस, शौर्य और वीरता का एहसास करवाया, बल्कि उन्हें भारत छोड़ने तक के लिए मजबूर कर दिया।

देश के सभी स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने-अपने तरीके से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। किसी ने हिंसा का मार्ग अपनाया तो किसी ने अहिंसा का मार्ग, लेकिन सभी क्रांतिकारियों का मकसद एक ही था, भारत को अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से आजाद करवाना।

देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों और बलिदानों की वजह से ही आज हमें आजादी मिल सकी हैं, इसलिए आज की युवा पीढ़ी को देश के स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा किए गए कठिन प्रयासों के बारे में जागरूक करने के लिए और उनके अंदर देशभक्ति की भावना विकसित करने के लिए स्कूल-कॉ़लेजों में देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में इस विषय पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं, तो आइए जानते हैं-

Essay On Indian Freedom Fighters in Hindi

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियो पर निबंध – Essay on Indian Freedom Fighters in Hindi

प्रस्तावना

गुलाम भारत को अंग्रेजों की गुलामी और परतंत्रता से स्वाधीन करवाने की लड़ाई में लाखों लोगों ने अपनी जान गवांई थी, लेकिन उनमें से धरती मां के कुछ ऐसे वीर सपूत थे, जो कि देश की आजादी की लड़ाई में निस्वार्थ भाव से लगे रहे और मरते दम तक लड़ाई करते रहे।

ऐसे लोग आजादी के महानायक के रुप में उभरे। इन स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आजादी के लिए तमाम संघर्ष किए, अंग्रेजों की अमानवीय एवं कठोर यातनाएं झेली, यहां तक की कई वीर सपूतों ने देश के खातिर अपनी प्राणों की तक आहुति दे दी और इन्हीं क्रांतिकारियों और महान स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से ही आज हम सभी भारतीय आजादी का स्वाद चख रहे हैं।

महात्मा गांधी – Mahatma Gandhi

  • पूरा नाम (Name) – मोहनदास करमचंद गांधी
  • जन्म (Birthday) – 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर, गुजरात
  • पिता का नाम (Father Name) – करमचंद गांधी
  • माता का नाम (Mother Name) – पुतलीबाई
  • पत्नी (Wife Name) – कस्तूरबा गांधी
  • मृत्यु (Death) – 30 जनवरी 1948

महात्मा गांधी जी को देश के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक के रुप में जाना जाता है। गुजरात के पोरबंदर शहर में 2 अक्टूबर, 1869 को जन्में महात्मा गांधी जी ने गुलाम भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी दिलवाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।

उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपना प्रमुख हथियार बनाकर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ न सिर्फ कई आंदोलन चलाए बल्कि उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूत कर दिया था।

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बापू द्वारा चलाए गए आंदोलनों से समस्त भारतवासियों के मन में आजादी पाने की चिंगारी भड़क गई थी, और देश के कोने-कोने से लोग गांधी जी के आंदोलनों में शामिल हो गए थे।

गांधी जी की आदर्शवादी, नैतिकवादी विचारधारा ने कई युवाओं को महान क्रांतिकारी बनने के लिए प्रेरित किया और उनके अंदर देशप्रेम की भावना जगाईं।

वे एक ऐसे राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने पूरी दुनिया में सादा जीवन, उच्च विचार जैसे प्रमुख मूल्यों का प्रचार किया। उन्होंने सत्य और अहिंसा के बल पर न सिर्फ भारत की आजादी की नींव रखी। बल्कि समाज में फैली जातिगत भेदभाव, असमानता, पर्दा प्रथा जैसा जैसी तमाम बुराईयों को भी दूर करने का प्रयास किया।

वे अपने जीवन के आखिरी दम तक राष्ट्र के लिए समर्पित रहे और 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली में नाथुराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। उनके लिए आज भी सभी भारतवासियों के ह्रदय में अपार सम्मान और स्नेह है।

शहीद भगत सिंह – Shaheed Bhagat Singh

  • पूरा नाम (Name) – भगत सरदार किशन सिंह सिन्धु
  • जन्म (Name) – 27 सितम्बर 1907, बंगा, पंजाब, ब्रिटिश भारत, (अब पकिस्तान में)
  • पिता (Father Name) – सरदार किशन सिंह सिन्धु
  • माता (Mother Name) विद्यावती कौर
  • निधन (Death) – 23 मार्च 1931, लाहौर

भगत सिंह देश के सबसे युवा क्रांतिकारी थे, जिनके साहस के सामने अंग्रेजों के भी पसीने छूट जाते थे। वे शहीद-ए-आजम भगत सिंह के नाम से भी जाने जाते थे, उनके रोम-रोम में देशभक्ति की भावना निहित थी।

वे महज 23 साल की उम्र में देश की आजादी के खातिर हंसते-हंसते फांसी की सूली पर चढ़ गए थे। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की मौत के बाद उनके अंदर अंग्रेजों के खिलाफ नफरत और प्रतिशोध भर गया था, इसके बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह देश की आजादी की लड़ाई में समर्पित कर दिया था।

उन्होंने स्वतत्रता संग्राम के दौरान एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी थी और सेन्ट्रल असेम्बली में बम फेंक कर क्रांतिकारी नारे लगाए थे।

साथ ही देश के लाखों युवाओं को आजादी की लड़ाई में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था एवं उनके अंदर एक नया जोश भरने का काम किया था।

हालांकि बाद में उन्हें हत्या के आरोप में क्रूर ब्रिटिश पुलिस अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार लिया गया और 23 मार्च, 1931 के दिन राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी दे दी गई थी।

मंगल पांडे – Mangal Pandey

  • पूरा नाम (Name) – मंगल दिवाकर पांडे
  • जन्म (Birthday) – 19 जुलाई 1827, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
  • पिता (Father Name) –दिवाकर पांडे
  • माता (Mother Name) – अभैरानी
  • मृत्यु (Death) – 8 अप्रैल 1857 को फांसी पर लटकाए

जब भी भारत की स्वतंत्रता की बात होती है, सबसे पहले मंगल पांडे का नाम लिया जाता है।

मंगल पांडे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने वाले भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपने अद्भुत साहस, पराक्रम और शौर्य के बल पर अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह छेड़ा था और अंग्रेजों को भारतीयों की शक्ति का एहसास करवा दिया था।

मंगल पांडे जब ब्रिटिश आर्मी में थे, उसी दौरान उन्होंने अंग्रेजों के क्रूर व्यवहार और अनैतिक रवैये को देखा था, जिसके बाद उनके मन में अंग्रेजों के खिलाफ गुस्सा भर गया था और फिर उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंग छेड़ दी थी। 1857 में हुई भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की पहली लड़ाई मंगल पांडे की ही देन है।

भारतीय इतिहास की इस महाक्रांति ने सभी भारतवासियों के मन में अंग्रेजों की गुलामी से आजादी पाने की अलख जगा दी थी।

मंगल पांडे के कठोर संघर्ष और बलिदानों के बाद कई सालों तक लड़ाई चली, जिसकी बदौलत 15 अगस्त, 1947 में हमारा भारत देश आजाद हो सका।

मंगल पांडे ने निर्भीकता के साथ एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी थी, जिसके चलते उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था। इस तरह देश की आजादी की खातिर उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी।

सुभाष चन्द्र बोस – Subhas Chandra Bose

  • पूरा नाम (Name) – सुभाष चन्द्र जानकीनाथ बोस
  • जन्म (Birthday) – 23 जनवरी 1897, कटक, उड़ीसा राज्य, बंगाल प्रांत, ब्रिटिश भारत
  • पिता (Father Name) – जानकीनाथ बोस
  • माता (Mother Name) – प्रभावती देवी
  • मृत्यु (Death) – 18 अगस्त 1945

सुभाष चन्द्र बोस, राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के बड़े नेता और महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके जीवन का एक ही लक्ष्य था, गुलाम भारत को आजाद दिलवाना।

पूर्ण स्वराज की कल्पना करने वाले सुभाष चन्द्र बोस क्रांतिकारी विचाराधारा वाले महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की आजादी की लड़ाई में झोंक दिया था।

सुभाष चन्द्र बोस जी ने अपने फौलादी इरादों और क्रांतिकारी गतिविधियों से ही भारत में अंग्रेजों की नींव कमजोर कर दी थी और अंग्रेजों को यह एहसास दिलवा दिया था कि वे भारत में ज्यादा दिन तक वे नहीं टिक सकेंगे।

वहीं 18 अगस्त 1945 को एक हवाई दुर्घटना में नेता जी की मृत्यु हो गई लेकिन उनका शव नहीं मिल सका, उनकी मृत्यु आज भी एक रहस्य बनी हुई है।

लाल बहादुर शास्त्री – Lal Bahadur Shastri

  • जन्म (Name) – 2 अक्टूबर, 1904, मुगलसराय वाराणसी, उत्तर प्रदेश
  • पिता (Father Name) – मुंशी शारदा प्रसाद श्री वास्तव
  • माता (Mother Name) – रामदुलारी
  • विवाह (Wife Name) – ललिता देवी

लालबहादुर शास्त्री एक महान स्वतंत्रता सेनानी एवं राष्ट्रवादी व निष्ठावान नेता थे, जिन्होंने भारत को आजादी दिलवाने की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उन्होंने गांधी जी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। उन्होंने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान “जय जवान जय किसान” का नारा दिया था।

स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हें जेल में अमानवीय पीड़ा भी सहनी पड़ी थी, हालांकि उन्होंने कभी हार नहीं मानी और वे देश के खातिर लड़ते रहे।

इसके अलावा उन्होंने खुद को एक आदर्श राजनेता की तरह भी पेश किया। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में 1965 में भारत- पाक युद्ध में देश का सही मार्गदर्शन किया और कुशलतापूर्वक नेतृत्व किया उनके द्वारा देश के लिए किए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

चन्द्रशेखर आजाद – Chandra Shekhar Azad

  • नाम (Name) – पंडित चंद्रशेखर तिवारी
  • जन्म (Birthday) – 23 जुलाई, 1906, भाभरा (मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में)
  • पिता (Father Name) – पंडित सीताराम तिवारी
  • माता (Mother Name) – जागरानी देवी
  • मृत्यु (Death) – 27 फरवरी, 1931, अल्फ्रेड पार्क, अल्लाहाबाद

चन्द्र शेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान युवा क्रांतिकारी थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश की आजादी की लड़ाई में समर्पित कर दिया था।

वे उग्रवादी विचारधारा वाले एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और अटूट देशभक्ति के बल पर देश के तमाम लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया था, और अपने प्रभावशाली भाषणों के दम पर लोगों के अंदर अंग्रेजों के चंगुल से आजादी पाने की अलख जगाई थी।

चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह के प्रमुख सलाहकार थे, जिन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसके साथ ही वे काकोरी ट्रेन कांड में भी शामिल थे और लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए सॉन्डर्स पर गोलीबारी की थी। अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के चलते स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हें जेल में ब्रिटिश पुलिस अफसरों की कठोर यातनाओं का भी शिकार होना पड़ा था।

27 फरवरी 1931 को इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में उनकी मृत्यु हो गई थी। चंद्र शेखर आजाद द्वारा स्वाधीनता संग्राम के दौरान कहा गया यह कथन काफी मशहूर है-

”अभी भी जिसका खून ना खौला, वो खून नहीं पानी है जो देश के काम ना आए, वो बेकार जवानी है।”

सरदार वल्लभ भाई पटेल – Sardar Vallabhbhai Patel

  • नाम (Name)– सरदार वल्लभ भाई झावेरभाई पटेल
  • जन्म (Birthday) – 31 अक्टूबर, 1875 नाडियाद, गुजरात
  • पिता (Father Name) – झावेरभाई पटेल
  • माता (Mother Name) – लाड़बाई
  • विवाह (Wife Name) – झावेरबा
  • मृत्यु (Death) – 15 दिसम्बर 1950 (बॉम्बे)

लौह पुरुष, सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ देश के पहले गृहमंत्री भी थे, जिन्हें भारत की एकता का सूत्रधार भी कहा जाता है।

उन्होंने देश की आजादी के बाद अलग-अलग रियासतों में बंटे भारतीय संघ को एकीकृत करने में अपना अहम रोल निभाया था। सरदार वल्लभाई पटेल ने अपनी दूरदर्शी सोच और प्रभावशाली विचारों के माध्यम से ही आधुनिक भारत का सपना था।

उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधी जी द्वारा चलाए गए ”असहयोग आंदोलन” और ”भारत छोड़ो आंदोलन” में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाई थी, और गुजरात के खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन के माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत के नाक पर दम कर दिया था।

जिसके चलते अंग्रेजों को किसानों के कर को माफ करना पड़ा था। उन्हें लौहपुरुष ही नहीं बल्कि ”भारत के बिस्मार्क” की उपाधि भी दी गई थी।

लाला लाजपत राय – Lala Lajpat Rai

  • पूरा नाम (Name) – श्री लाला लाजपत राधाकृष्ण राय जी
  • जन्म (Birthday) – 28 जनवरी 1865, धुड़ी के गाँव, पंजाब
  • पिता (Father Name) – श्री राधाकृष्ण जी
  • माता (Mother Name) – श्रीमती गुलाब देवी जी
  • मृत्यु (Death) – 17 नवम्बर 1928, लाहौर (पाकिस्तान)

शेर-ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध लाला लाजपय राय, भारत के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपने अदम्य साहस और पराक्रम के बल पर ब्रिटिश हुकूमत के छक्के छुड़ा दिए थे।

वे भारत गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मशहूर तिकड़ी लाल-बाल-पाल में प्रमुख नायक थे। वे भारत के सच्चे स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ एक अनुभवी वकील और प्रसिद्ध लेखक भी थे।

इसके अलवा उन्होंने उस दौरान समाज में फैली तमाम तरह की कुरोतियों को भी दूर करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

साल 1928 में धरती मां के इस वीर सपूत ने अंग्रेजों की दमनकारी नीति के खिलाफ साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, उस दौरान उन पर अंग्रेजों द्वारा निर्मम तरीके से लाठी चार्ज की गई थी, जिसके बाद वे बुरी तरह घायल हो गए थे, और फिर कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई।

इस तरह अपनी जीवन की आखिरी सांस तक वे देश के प्रति समर्पित रहे।

उपसंहार

इन स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा भी देश की आजादी की लड़ाई में जय प्रकाश नारायण, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मी बाई, पंडित जवाहर लाल नेहरू, राजा राममोहन राय, अशफाक अली, बटुकेश्वर दत्त, बिपिनचन्द्र पाल, बेगम हजरत महल, चित्तरंजन दास, दादा भाई नौरोजी समेत तमाम लोगों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

वहीं आज सभी भारतवासी देश के इन महान स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों और सच्चे सपूतों द्वारा देश की आजादी के लिए किए गए संघर्ष की वीर गाथा फक्र से सुनाता है।

इन महापुरुषों द्वारा किए गए त्याग, बलिदान और समर्पण की वजह से ही आज हम सभी आजाद भारत में चैन से रह रहे हैं। देश के यह सभी शूरवीर हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

इनकी जीवन गाथा देश की आजादी के लिए किए गए इनके संघर्षों की याद दिलवाती हैं एवं देशभक्ति की भावना पैदा करती है। इन वीर सपूतों का हमारा देश हमेशा ऋणी रहेगा।

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