Essay on Football in Hindi
हर किसी का कोई न कोई खेल प्रिय होता है, जिसे खेलकर उसे बहुत आनंद आता है। किसी को क्रिकेट खेलना पसंद होता है तो किसी को फुटबॉल खेलना तो कोई कबड्डी, खो-खो, टेबल टेनिस खेलकर अपना मनोरंजन करते हैं। हर किसी के जीवन में खेलों का खास महत्व होता है।
वहीं स्कूल, कॉलेजों में भी पढा़ई के साथ-साथ बच्चों को खेल के महत्व के बारे में बताया जाता है, क्योंकि खेल-कूद से ही बच्चों का शारीरिक तौर पर विकास होता है, खासकर बास्केट बॉल जैसे आउटडोर गेम बच्चों के शारीरिक विकास में काफी मद्द करते हैं।
वहीं कई बार खेलों के महत्व को समझाने के लिए अध्यापक बच्चों को Mera Priya Khel Football पर निबंध लिखने के लिए कहते हैं, इसलिए हम आपको आज अपने इस लेख में फुटबॉल पर अलग-अलग शब्द सीमाओं के अंदर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनसे विद्यार्थी अपनी जरूरत के मुताबिक मद्द ले सकते हैं, तो आइए जानते हैं फुटबॉल के बारे में –
मेरा प्रिय खेल फुटबॉल पर निबंध – Essay on Football in Hindi
फुटबॉल पर निबंध नंबर 1 (650 शब्द) – Essay on Football 1 (650 Words)
अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाला फुटबॉल एक ऐसा खेल है जिसका क्रेज खासकर आज की युवा पीढ़ी में सिर चढ़कर बोलता है। आजकल हर घर में फुटबॉल के प्रति दीवानगी देखने को मिल जाएगी। फीफा वर्ल्ड कप के दौरान जिस तरह से बाजार, दुकानों, बसों और घरों में इसकी चर्चा होती हैं, इससे फुटबॉल खेल की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। महज 90 मिनट के समय में खेले जाने वाला फुटबॉल मैच बेहद रोमांचित और मनोरंजक होता है।
फुटबॉल खेलने से न सिर्फ एक टीम के साथ खेल खेलने से समाजस्य की भावना का विकास होता है, बल्कि अपना शारीरिक क्षमता का प्रदर्शन करने का भी मौका मिलता है।
फुटबॉल की उत्पत्ति के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह खेल चीनी खेल सूजु से विकसित हुआ था, जबकि जापान में फुटबॉल को असुका वंश के लोग खेलते थे। इसके बाद से इस खेल का विस्तार अलग-अलग देशों में होता चला गया और दिन पर दिन इसको पसंद करने वालों की संख्या में इजाफा होता चला गया।
आपको बता दें कि रॉबर्ट ब्राउन स्मिथ ने साल 1878 में फुटबॉल खेल के महत्व को समझते हुए इसके विकास पर एक किताब भी लिखी थी, जो कि लोगों द्धारा काफी पसंद भी की गई थी।
फुटबॉल अक्सर अपनी बढ़ती लोकप्रियता और मैचों की वजह से लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है। आपको बता दें कि फुटबॉल का सबसे चर्चित फीफा वर्ल्ड कप या फीफा फेडरेशन इंटरनेशनल ऑफ फुटबॉल एसोसिशन की स्थापना 21 मई साल 1984 में की गई थी, जिसके अध्यक्ष रॉबर्ट गुएरिन को नियुक्त किया गया था।
फीफा में सबसे पहले यूरोप के सात सबसे बड़े देश नीदरलैंड, स्पेन, फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, स्विटजरलैंड और स्वीडन ने हिस्सा लिया था और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था। इसके बाद अन्य देशों ने भी फुटबॉल की तरफ अपनी रुचि दिखाई और बढ़चढ़ हिस्सा लिया। फीफा वर्ल्ड कप का हर चार साल में आयोजन किया जाता है।
फुटबॉल खेलने से पहले खिलाड़ियों को इस खेल के नियमों के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें अपनी विरोधी टीम से जीत हासिल करने में सफलता मिलेगी और वे इस खेल के दौरान बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
आपको बता दें कि इस गेम में दो अलग-अलग टीमें होती हैं, जिसमें हर एक टीम में 11-11 खिलाड़ी होते हैं यानि की फुटबॉल के मैच में कुल 22 खिलाड़ी होते हैं। जिसमें जो टीम ज्यादा गोल बनाती है, वह इस गैम की विजेता टीम घोषित होती है। फुटबॉल को सॉकर के नाम से भी जाना जाता है।
फुटबॉल खेलते समय खिलाड़ी को इस गेम में अपना पूरा ध्यान लगाने की जरूरत होती है, वहीं इससे उन्हें एक जगह पर अपना ध्यान केन्द्रित करने में भी मद्द मिलती है और इस खेल से खिलाड़ियो का तेजी से शारीरिक विकास होता है और उनके अंदर चुस्ती और स्फूर्ति आती है, वे खुद को स्वस्थ और अच्छा महसूस करते है।
आपको बता दें कि फुटबॉल खेलते समय खिलाड़ियों को अपने पहनावे पर भी खास ध्यान देने की जरूरत होती है। ज्यादातर खिलाड़ी फुटबॉल खेलते वक्त शॉटर्स, जूते, मोजे पहनते हैं वहीं इस दौरान किसी भी तरह की ज्वेलरी और घड़ी, चश्मा लगाने की मनाही होती है, जबकि फुटबॉल का जो गोलकीपर होता है, उसकी ड्रेस एकदम अलग होती है, ताकि विरोधी टीम के खिलाड़ी गोलकीपर की पहचान आसानी से कर सके।
फुटबॉल की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि, इसके अंतराष्ट्रीय मैचों में अधिकतम 3 खिलाड़ियों को बदलने की इजाजत होती है या फिर किसी इमरजेंसी स्थिति में जैसे कि किसी खिलाड़ी के घायल हो जाने पर या किसी गंभीर परेशानी होने पर ही खिलाड़ी बदले जा सकते हैं, अन्यथा फुटबॉल के दौरान ऐसा करने की परमिशन नहीं है।
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