भारत में लोकतंत्र पर निबंध नंबर – ( 300 शब्द ) – Essay on Democracy (300 Word)
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक गणराज्य है, जिसमें 7 केन्द्र शासित प्रदेश और 29 राज्य है। भारतीय लोकतंत्र में भारत सरकार जनता के द्धारा चुनी जाती है। भारत के हर व्यस्क नागरिक को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया है।
हमारे देश में सभी जाति, धर्म, संप्रदाय, रंग, पंथ, लिंग के लोग अपने वोट का इस्तेमाल कर अपने देश के लिए एक ऐसा प्रतिनिधि चुनते हैं, जिससे देश और जनता का विकास हो सके। आपको बता दें भारतीय लोकतंत्र में देश के सभी व्यस्क नागरिक को वोटदान करने और चुनाव में प्रत्याशी होने का अधिकार है।
चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशी, किसी राजनैतिक पार्टी का भी हो सकता है, इसके साथ ही वह निर्दलीय और स्वतंत्र प्रत्याशी के रुप में भी चुनाव में खड़ा हो सकता है।
भारत में मुख्य रुप से लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होते हैं, लोकसभा चुनाव में जनता अपने वोट का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री का चयन करते हैं, जबकि विधानसभा चुनाव में जनता अपने वोट का इस्तेमाल मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए करती है।
इसके अलावा भी नगरपालिका, नगर निगम, वार्ड परिषद, निकाय चुनाव होते हैं। हर पांच साल में चुनाव करवाए जाते हैं।
भारत, जब 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ तो इसे लोकतांत्रिक देश घोषित कर दिया गया, वहीं 26 जनवरी, 1950 में जब भारत का संविधान लागू किया गया तो भारत के सभी नागरिकों को अपने वोट का इस्तेमाल करने का अधिकार दिया गया, वोट देने से लोगों में आत्मनिर्भरता और देशभक्ति की भावना का विकास होता है।
भारत में लोकतंत्र मुख्य रुप से नीचे लिखे गए 5 सिंद्धांतों पर काम करता है –
- संप्रभु
- धर्मनिरपेक्षता
- समाजवादी
- लोकतांत्रिक
- गणराज्य
उपसंहार –
भारत की लोकतंत्रात्मक प्रणाली की काफी तारीफ की गई है क्योंकि भारत में जाति, धर्म, रंग, पंथ, संप्रदाय को नजरअंदाज कर सभी व्यस्क नागरिक को समान भाव से अपने वोट का इस्तेमाल करने का अधिकार किया गया है।
वहीं भारत में भाषा, रहन-सहन समेत तमाम विविधता होने के बाबजूद भी सभी भारतीय आपस में भाईचारे और प्रेम से रहते हैं, लेकिन भारत के लोकतंत्र में अभी भी कई कमियां हैं, जो लोकतंत्र पर असर डालती हैं जैसे कि गरीबी, लिंग भेदभाव, जाति जैसे कारकों को खत्म करने की जरूरत है ,जिससे देश का सही दिशा में विकास हो सके।