भारत में लोकतंत्र पर निबंध नंबर – ( 500 शब्द ) – Essay on Democracy (500 Word)
प्रस्तावना –
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक देश है, जहां की शासन प्रणाली को हमेशा ही सराहा गया है, यहां देश के सभी नागरिकों की जाति, लिंग, धर्म, रंग और पंथ को नजरअंदाज कर सभी को समान भाव से वोट देने का अधिकार प्राप्त है।
देश के सभी नागरिक अपनी वोट की शक्ति का इस्तेमाल कर एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव करते हैं, जो देश के प्रतिनिधित्व करने के योग्य होता है और देश को विकास की ओर ले जाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
15 अगस्त, 1947 में भारत की आजादी के बाद जब भारत में 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ तो, भारत एक सार्वभौम, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया, इसी के साथ लोगों को अपनी मर्जी से अपने पसंद का नेता चुनने का भी हक दिया गया, आपको बता दें कि कई साल अंग्रेजों की गुलामी करने और मुगलों और ब्रिटिश शासकों के अत्याचार झेलने के बाद सभी भारतीय नागरिकों को भारतीय संविधान के द्धारा वोट देने की शक्ति प्रदान की गई थी।
वहीं इससे पहले वंशानुगत प्रणाली थी, जिसमें किसी देश का राजा एक समय तक राज करता था और फिर उसके बेटे या फिर उसके वंश के द्धारा शासन किया जाता था। लेकिन जबसे हमारा भारत देश लोकतांत्रिक गणराज्य बना, तब से जनता के लिए जनता के द्धारा, जनता का प्रतिनिधि चुना जाता है। इसलिए लोकतंत्र को सरकार का सबसे अच्छा रुप भी कहा गया है।
भारत में लोकतंत्र के पांच सिद्धान्त
- संप्रभु- भारत में संप्रभु, लोकतंत्र है यानि कि हमारा देश भारत किसी भी तरह की विदेशी शक्ति की रोक-टोक, नियम-कायदे या फिर उसके नियंत्रण से मुक्त है।
- समाजवादी- भारत एक समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य है, जिसका अर्थ है कि भारत के प्रत्येक नागिरक को समान भाव से समाजिक और आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
- धर्मनिरपेक्षता- भारत एक धर्मनिरेपक्ष देश है, यानि कि भारत के हर नागरिक को अपनी मर्जी से किसी भी धर्म को स्वीकार करने और किसी भी धर्म को नहीं मानने का अधिकार है।
- लोकतांत्रिक- भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, भारत के सभी व्यस्क नागरिक यानि कि 18 साल की आयु से ऊपर सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार प्राप्त है, भारतीय नगारिक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर भारत की सरकार चुनते हैं।
- गणराज्य – भारत देश की बाग़डोर अब जनता द्धारा चुने गए प्रतिनिधि के हाथों में होती है , अब देश का प्रमुख वंशानुगत राजा या फिर रानी नहीं होता।
उपसंहार –
फिलहाल, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हैं, लेकिन इसमें अभी काफी सुधार की जरूरत है क्योंकि देश में बढ़ रही गरीबी, साक्षरता की कमी, जातिगत भेदभाव, लिंग भेदभाव, सांप्रदायिकता जैसे कई कारक इसमें रुकावटें पैदा कर रहे हैं, हालांकि इसमें सुधार की मांग की जा रही है, वहीं इस दिशा में कई कदम भी उठाए गए हैं।
हालांकि इसमें अभी कोई खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है , वहीं जब तक लोकतंत्र के रुकावटों के कारकों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, तब तक नागरिक सही मायनो में लोकतंत्र का आनंद नहीं ले सकेंगे।