भ्रष्टाचार पर निबंध (400 शब्द) – Bhrashtachar Essay in Hindi (400 Word)
आजकल हर कोई अपना मतलब साधने के लिए और फायदा उठाने के लिए गलत तरीके से अपने पद और ताकत का इस्तेमाल कर रहा है।जिससे देश और व्यक्ति का विकास रुक रहा है और नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है।
भ्रष्टाचार की वजह से चोरी, डकैती, मर्डर, जैसे जघन्य अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है, क्योंकि लोग अपने ऐश और आराम और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए और अधिक धन कमाने की चाहत में गलत तरीका अपना रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार पनप रहा है और मानवीय संवेदनाएं नष्ट हो रही हैं।
भ्रष्टाचार की वजह से देश के ईमानदार व्यक्ति पिस रहे हैं, और रिश्वरखोर और भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। झूठी समाजिक प्रतिष्ठा और दिखावे के लिए लोगों में भ्रष्टाचार की भावना विकसित हो रही है।
वहीं आज के युग में लोग भौतिक सुखों के इतने आदि हो चुके हैं कि वे अपनी सुख-सुविधा के लिए गलत तरीकों को अपना रहे हैं। यहां तक की कई लोग तो अपने फायदे के लिए दूसरों के धन का भी गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, आज कोई भी ऐसा विभाग नहीं बचा है, जिसमें भ्रष्टाचार नहीं हो, चाहे सरकारी हो अथवा गैरसरकारी सभी विभाग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।
भारत में 2 जी स्पेक्ट्रम, चारा घोटाला, बोफोर्स घोटाला, कोयला घोटाला समेत कई ऐसे घोटाला सामने आए जिसमें देश के सर्वोच्च पद पर काबिज राजनेताओं के नाम भी शामिल हैं।
ज्यादा पैसा पाने की चाहत में हर कोई अपनी जेब भर रहा है, जिससे देश आर्थिक रुप से कमजोर हो रहा है और देश की छवि लगातार धूमिल हो रही है, इससे देश की मर्यादा का भी उल्लंघन हो रहा है।
भ्रष्टाचार की वजह से ही हमारे देश में भुखमरी और गरीबों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और देश मे उन्नत और विकसित देशों से कहीं ज्यादा पीछे है।इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमारे देश ने पिछले कुछ सालों से काफी तरक्की की है, और कई आईटी कंपनियां भी हमारे देश में आई हैं जो देश को निरंतर प्रगति की ओर ले जा रही हैं।
लेकिन शर्मिंदगी इस बात की है कि इन सबके बाबजूद भी हमारे देश में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसकी वजह से देश उतनी तेजी से विकास नहीं कर पा रहा है, जितना कि उसे करना चाहिए।
वहीं इस पर लगाम लगाने की जरूरत है तभी हमारा देश उन्नत और विकसित देशों की लिस्ट में शुमार हो सकेगा।