भ्रष्टाचार पर निबंध नंबर 2 – (500 शब्द) – Bhrashtachar Par Nibandh (500 Word)
प्रस्तावना- Introduction
भ्रष्टाचार एक विकराल समस्या बनती जा रही है, देश का आर्थिक रुप से विकास नहीं हो रहा है और ईमानदार, सच्चे और प्रतिभावान व्यक्तियों को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिला रहा है।
भ्रष्टाचार ने आज हर क्षेत्र में अपनी गहरी जड़े जमा ली हैं, जिसे हटाना अब बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।भ्रष्टाचार अगर ऐसा ही बढ़ता गया तो आने वाले दिनों में देश के लिए काफी संकट पैदा हो सकता है।
भ्रष्टाचार का अर्थ – Meaning of Corruption
भ्रष्टचार दो शब्दों से मिलकर बना है – भ्रष्ट + आचार।भ्रष्ट यानि की बिगड़ा या बुरा और आचार यानि की व्यवहार, आचरण।
बिगड़े हुए आचरण को ही भ्रष्टाचार कहा जाता है। अर्थात जो लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अपने पद और पॉवर का अनैतिक तरीके से इस्तेमाल करते हैं, वे भ्रष्टाचारी कहलाते हैं। वहीं आज के युग में भ्रष्टाचारियों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है।
आज हर क्षेत्र में लोग अपने फायदे के लिए किसी के धन अथवा उसकी भावनाओं का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार फैल रहा है।
भ्रष्टाचार का प्रभाव – Influence of Corruption
भ्रष्टाचार से देश में गरीबी और भुखमरी जैसी गंभीर समस्याएं उत्पनन हो रही हैं, सच्ची प्रतिभा का नाश हो रहा है, भ्रष्टाचारी लोग आगे बढ़ रहे हैं। नैतिक मूल्यों का हनन हो रहा है। देश को आर्थिक रुप से काफी नुकसान पहुंच रहा है।मानवीय संवेदना खत्म हो रही हैं।
लोग अपने मतलब और फायदे के लिए दूसरे के स्वास्थ्य और उसकी प्रगति और विकास से जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं।भ्रष्टाचार का सीधा प्रभाव देश और व्यक्ति के विकास पर पड़ रहा है।
भारत में भ्रष्टाचार और चर्चित घोटाले
भारत में भ्रष्टाचार पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ रहा है, हर क्षेत्र भ्रष्टाचार में संलिप्त है। सरकारी अथवा गैर सरकारी सभी विभागों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है।छोटे कर्मचारी से लेकर देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोग भी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं। जिससे देश के आर्थिक विकास को काफी क्षति पहुंची है।भारत में कोयला घोटला, चारा घोटाला, 2 जी स्पेक्ट्रम, बोफोर्स घोटाला समेत तमाम ऐसे घोटाले हैं, जिसमें देश के कई दिग्गजों का नाम भी शामिल है।वहीं इससे देश की छवि धूमिल हो रही है।
भ्रष्टाचार के मुख्य कारण – Reasons for Corruption
- मनुष्य का स्वार्थी और लालची प्रवृत्ति का होना
- समाज में फैली असमानता
- भौतिक सुखों की आदत
- ऐश और आराम की जिंदगी जीने की चाहत
- झूठी शान-शौकत और प्रतिष्ठा
- बिना मेहनत किए ज्यादा पैसा कमाने की चाहत
- भ्रष्टाचार के प्रति कठोर नियम-कानून नहीं होना।
- धन को सबसे ज्यादा महत्व देना
भ्रष्टाचार रोकने के उपाय – How to Stop Corruption
- भ्रष्टाचार के लिए कठोर से कठोर नियम बनाए जाएं और सजा का प्रावधान किया जाए।
- नैतिकता और शिष्टाचार का पाठ पढ़ाया जाए।
- सच्ची प्रतिभा को आगे बढ़ने का मौका दिया जाए।
- ईमानदारों को प्रोत्साहित किया जाए।
- असमानता की भावना दूर करने की जरुरत।
- लोगों में त्याग, आत्मनियंत्रण की भावना विकसित की जाए।
- कालाबाजारी पर लगाम लगाई जाए।
निष्कर्ष – Conclusion
भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या है, जिस पर जल्द से जल्द काबू पाने की जरूरत है,क्योंकि इससे न सिर्फ हमारा देश आर्थिक रुप से पिछड़ रहा है बल्कि देश के नैतिक मूल्यों का भी पतन हो रहा है और अमानवीय कृत्यों को बढ़ावा मिल रहा है।