स्वच्छता पर निबंध | Essay on Cleanliness

Essay on Cleanliness

स्वच्छता का महत्व सभी को पता है। बचपन से सभी ने स्वच्छता के बारे में सुना और पढ़ा है। कोई भी हमेशा साफ़ सुथरा रहना एक अच्छी आदत है जिससे किसी को भी अच्छे परिणाम ही देखने को मिलेंगे।

स्वच्छता का संबंध सीधे व्यक्ति के स्वास्थ्य से होता है, स्वच्छ वातावरण में स्वस्थ व्यक्ति का निर्माण होता है। इसलिए स्वच्छता के मूल्यों को और इसके महत्व को सभी को समझना चाहिए, वहीं सफाई के प्रति जागरूक करने के उदद्देश्य से आजकल स्कूलों में बच्चों को भी स्वच्छता पर निबंध लिखने के लिए भी कहा जाता है।

इसी दिशा में आज हम अपने इस लेख में आपको स्वच्छता पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका चयन आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं।

Essay on Cleanliness

स्वच्छता पर निबंध – Essay on Cleanliness

प्रस्तावना

स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए आस-पास के वातावरण को साफ रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि गंदगी, कई बीमारियों को जन्म देती है, और मानव जीवन के विकास में बाधा डालती हैं। जबकि स्वच्छता न सिर्फ मनुष्य के विकास में सहायता करती  बल्कि  मन को शांत रखने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इसलिए हर किसी को स्वच्छता के महत्व को समझना चाहिए और साफ-सफाई रखने पर जोर देना चाहिए।

एक बार महात्मा गांधी ने कहा था की,

“भगवान के बाद में स्वच्छता को ही महत्व दिया जाता है”

स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए आस-पास के वातावरण को साफ रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि गंदगी, कई बीमारियों को जन्म देती है, और मानव जीवन के विकास में बाधा डालती हैं। जबकि स्वच्छता न सिर्फ मनुष्य के विकास में सहायता करती  बल्कि  मन को शांत रखने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए हर किसी को स्वच्छता के महत्व को समझना चाहिए और साफ-सफाई रखने पर जोर देना चाहिए।

स्वच्छता क्यों है जरूरी – Why Cleanliness is Important

स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है

जिंदगी जीने के लिए जिस तरह वायु, जल, रोटी, कपड़ा, मकान जरूरी हैं, वैसे ही स्वच्छता भी उतनी ही जरुरी है। गंदगी से हैजा, मलेरिया, पीलिया जैसी असंख्य जानलेवा और संक्रामक बीमारियां पनपती हैं, और सिर्फ स्वच्छता के माध्यम से ही इन सभी खतरनाक बीमारियों से खुद को दूर रखा जा सकता है।

स्वच्छता, वह अच्छी आदत है जो मनुष्य को न सिर्फ शारीरिक रुप से स्वस्थ रखती है, बल्कि  मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रुप से भी स्वस्थ रखती है।

गंदे परिवेश में मक्खी, मच्छर, कॉकरोच, चूहे, सांप, बिच्छू समेत तमाम तरह के कीड़े-मकौड़े और कीटाणुओं पनपते हैं , जिससे तमाम तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं। इसलिए साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है, ताकि बीमारियों से दूर रह सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।

बचपन में घर में, स्कूल में बताया जाता है की स्वयं के साथ साथ हमारे परिसर को भी स्वच्छ रखने की कोशिश करनी चाहिए। स्वच्छता के महत्व को देखते हुए हमारे देश मे “स्वच्छ भारत मिशन” की शुरुवात की गयी है। इस मुहीम से सभी नागरिको को फायदा तो होनेवाला है ही बल्की इससे हमारे देश को और भी बेहतर बनाने में मदत मिलेगी।

अगर हमारे आजू बाजु का परिसर स्वच्छ रहेंगा तो हम से सभी रोग, बिमारिया दूर रहती है। इससे पता चलता है की किसी भी व्यक्ति के जीवन में स्वच्छता रखना कितना अहम है।

जिस तरह से हम अपने आप को साफ़ सुथरा रखते है उसी तरह हमने अपने परिसर को भी स्वच्छ रखने की कोशिश करनी चाहिए। इससे यह होगा की हमारा परिसर हमेशा स्वच्छ रहेगा और जिससे हम ऐसे स्वस्थ वातावरण में अच्छे तरह से काम कर सकेंगे।

अगर आज हम अपने पर्यावरण को प्रदूषित करेंगे तो भविष्य में इसकी बहुत बड़ी कीमत हमें चुकानी पड़ेगी। जैसे की अगर आज हम बिना सोचे समझे हमारे घर का सारा कचरा और औद्योगिक कचरा नदियों में ही डालते रहेंगे तो एक दिन सारी नदिया प्रदूषित हो जाएगी और फिर खेतो के लिए पानी तो मिलेगा ही नहीं, साथ ही हम इंसानों को भी पानी मिलना मुश्किल हो जायेगा।

छात्र और बच्चो के लिए स्वच्छता – Cleanliness for students and children

बचपन से ही बच्चो को स्वच्छता का महत्व बताना चाहिए। अगर यह अच्छी आदत बच्चो को बचपन से लग जाए तो उन्हें आगे चलकर घर और परिसर को साफ़ सुथरा रखने में कोई भी तकलीफ नहीं होगी।

ऐसे करने से उनका भविष्य अच्छा तो बनेगा ही साथ ही उन्हें किसी भी किसी भी बीमारी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

हमने कभी भी खुद की संपत्ति और सार्वजनिक सम्पति में भेदभाव नहीं करना चाहिए। बस स्टॉप, बाग, अस्पताल, दफ्तर और स्कूल को अपना समझकर साफ़ सुथरा रखने की कोशिश करनी चाहिए।अगर सभी सार्वजनिक जगह साफ़ सुथरी रहेगी तो सभी का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और इसका अप्रत्यक्ष रूप से यह परिणाम होगा की हमारा देश और अर्थव्यवस्था और भी अधिक मजबूत होगी।

स्वच्छ भारत अभियान – Swachh Bharat Abhiyan

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर, साल 2014 में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी, ताकि प्रत्येक व्यक्ति साफ-सफाई के महत्व को समझ सके और इसके प्रति जागरूक हो सके और अपने आस-पास फैली गंदगी को दूर करने में सहायता कर सके।

जिससे गंदगी से फैलने वाली हैजा, डेंगू, मलेरिया, महामारी समेत तमाम बीमारियों का जड़ से खात्मा किया जा सके और एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण किया जा सके।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा शौचालयों का निर्माण करवाया गया, ताकि खुले में शौच मुक्त भारत बन सके और पर्यावरण पूरी तरह शुद्ध और स्वच्छ हो सके।

इसके साथ ही स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में लोगों के रहन-सहन के स्तर को सुधारने और सफाई के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से भी बड़े स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इस अभियान के तहत बड़े-बड़े राजनेता से लेकर अभिनेता और खिलाड़ियों ने भी लोगों को सफाई के प्रति जागरूक किया, इसके साथ ही इस अभियान में स्कूल-कॉलेजों के बच्चों को भी शामिल किया गया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वच्छता की ओर अपने कदम बढ़ा सकें और स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण में अपनी भागीदारी निभा सकें।

इसके अलावा स्थानीय संस्था भी कानून और नियमो की मदत से प्रदुषण को नियंत्रण में करने की कोशिश में लगी है ताकी शहरों का वातावरण स्वच्छ रह सके। इस मुहीम को लोगो ने अच्छा प्रतिसाद दिया और इसकी काफी प्रशंसा भी की और ऐसी आशा की जा रही है की लम्बे समय तक यह मिशन चलता रहेगा।

तो चलो, हम अभी से यह कसम खाते हैं, की हम अपना परिसर हमेशा स्वच्छ रखेंगे और अपनें देश को स्वस्थ और सुंदर बनाएं।

कैसे रखें साफ-सफाई – What to do to stay clean

  • खुले में शौच न जाएं।
  • घरों का कचरा बाहर न फैलाएं।
  • नालियों की साफ-सफाई का रखें खास ख्याल।
  • पानी की निकासी की सही व्यवस्था करें, गंदे पानी को जमा नहीं होने दें।
  • सार्वजनिक स्थलों पर बिस्किट, चिप्स के खाली पैकेट या फिर फलों के छिलके न फेंके बल्कि इसे एक पॉलीथीन में रखें और फिर किसी डस्टबिन में डालें।
  • नगर -निगम के सफाई कर्मचारियों पर ही सिर्फ सफाई की जिम्मेदारी न छोड़े, बल्कि खुद भी साफ-सफाई रखने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
  • बच्चों के अंदर घर से ही साफ-सफाई की आदत डालें।
  • अगर नगर-निगम के सफाई कर्मचारी, रोजाना सफाई नहीं करें अथवा ढंग से काम नहीं करें तो उनकी लापरवाही से निगम को अवगत करवाएं ताकि उचित सफाई व्यवस्था बनी रहे।
  • जानवरों के लिए उचित प्रबंध करें ताकि वे खुले में मल-मूत्र से गंदगी न फैला सकें और अनावश्यक कीटाणु न पनप सकें।

साफ-सफाई न रखने पर होने वाले नुकसान –

  • साफ-सफाई नहीं रखने पर हैजा, डायरिया, मलेरिया समेत तमाम तरह की बीमारियां पनपती हैं।
  • स्वच्छता नहीं होने पर व्यक्ति स्वस्थ महसूस नहीं करता , इससे उसके शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी नहीं हो पाता जिससे वह अपने जीवन में सफल नहीं हो पाता।
  • अस्वच्छता, स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में बाधा डालती है।

उपसंहार

लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के उद्देश्य से मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन चलाकर इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है,लेकिन राष्ट्र को स्वच्छ बनाने के लिए हम सभी को सामान रुप से सहयोग देना होगा, तभी हमारा राष्ट्र पूरी तरह स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र कहलाएगा। इसलिए हम सभी को स्वच्छता बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए।

सफाई अपनाएं, बीमारी हटाएं !

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5 thoughts on “स्वच्छता पर निबंध | Essay on Cleanliness”

    1. Editorial Team

      इस पोस्ट को पसंद करने के लिए धन्यवाद आपका। ज्ञानीपंडित टीम का मुख्य मकसद अपने पाठकों का सही मार्गदर्शन करना और उन्हें सूचनावर्धक जानकारी उपलब्ध करवाना है।

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