Essay on Child Labour in Hindi
बचपन की उम्र में छोटो बच्चो को शिक्षा, संस्कार देने का समय होता है। वैसे ही बच्चो का खेलने कूदने का समय होता है। मगर कुछ बच्चे ऐसे होते जिनके नसीब में यह सब बाते जानने का अवसर ही नहीं मिलता। जिस उम्र में उनके हातो में किताबे और खिलोने होने चाहिए उसके जगह पर उनके नाजुक हातो को पत्थर, कूड़ा उठाना पड़ता है। बाल मजदूरी जैसी गंभीर समस्या आज भी हमारे देश में कम होने का नाम नहीं ले रही।
बाल मजदूरी की समस्या समय के साथ साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया तो इससे पुरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है। बाल मजदूरी को जड़ से ख़तम करने के लिए क्या ठोस कदम उठाने चाहिए। यहापर निचे बहुत आसान शब्दों में बाल मजदूरी विषय पर निबंध (Bal Majduri Essay) दिया गया है जो की स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस निबंध के आधार पर कोई भी छात्र सरल और प्रभावशाली भाषा में बाल मजदूरी पर निबंध (Essay on Child Labour) लिखकर किसी भी निबंध प्रतियोगिता में आसानी से जीत सकता है।
“बाल मजदूरी” पर निबंध – Essay on child labour in Hindi
किसी भी देश में सबसे कीमती अगर कुछ होता है तो वो उस देश के बच्चे। क्यों की आगे चलकर बच्चो को ही देश को चलाना है उनके हातो में देश का भविष्य है। आज अगर देश के बच्चे सुरक्षित है तो कल समाज भी सुरक्षित रहेगा।
बच्चे हमारे देश के बागो के फूल है। इसीलिए यह हम सबका कर्तव्य है की इन फूलो का संरक्षण हमने सबसे पहले करना चाहिए। बाल मजदूरी एक सामाजिक और आर्थिक समस्या है। भारत जैसे बड़े देश में बाल मजदूरी कोई नयी समस्या नहीं। बहुत पुराने समय से बच्चे अपने घर के काम में मदत करते है तो कभी अपने घर के लोगो के साथ मे खेतो में काम करते है।
जब 19 वी शताब्दी में पहली फैक्ट्री बनायीं गयी थी तभी से ही बाल मजदूरी की समस्या सबके सामने संकट बनकर बड़ी हो रही थी। इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए सन 1881 में कुछ ठोस विधायक नियम बनाये गए थे। देश को आजादी मिलने के बाद भी बाल मजदूरी को ख़तम करने के लिए कई सारे कानून बनाये गए।
अगर कोई बच्चा खुद के लिए या फिर परिवार को आर्थिक रूप से मदत करने के लिए कोई काम करता और उस काम को करते वक्त अगर उसके शारीरिक, बौद्धिक और सामाजिक विकास में बाधा पहुचती है तो उसे बाल मजदूरी कहा जाता है।
कुदरत ने इस दुनिया में सबसे सुंदर और प्यारा केवल बच्चे को ही बनाया है। मगर हालतों की वजह से छोटेसे और मासूम बच्चे को ना चाहते हुए भी मजदूरी करनी पड़ती है। उन्हें बचपन से ही घर चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ती है जिससे उनका बौद्धिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता। इसकी वजह से भविष्य में राष्ट्र का बड़ा नुकसान होता है।
बाल मजदूरी अलग अलग रूप में देखने को मिलती है। कोई भी दुकानदार या मालिक बाल मजदूरी को ही अधिक पसंती देते है क्यों की बाल मजदूरी में कम पैसे देने पड़ते है और बच्चो के प्रति उनका कोई दायित्व भी नहीं रहता है।
बहुत से बच्चे जल्द ही काम पर लग जाते है क्यों की उनके आसपास कोई स्कूल नहीं होता और उन्हें लगता है की खाली बैठने से अच्छा काम करना ही बेहतर है। अधिकतर बच्चो के माँ बाप निरक्षर होने की वजह से भी बाल मजदूरी बढती ही जा रही है।
जो बच्चे काम करते है उनके माँ बाप भी बाल मजदूरी को गलत नहीं समझते। छोटे बच्चो को बड़े लोगो से भी अधिक काम करना पड़ता है। जो बच्चे उनके मालिक के यहाँ काम करते है वहापर उनका बहुत शोषण किया जाता है।
काम करने वाले बच्चो की रक्षा करने के लिए हमारे यहाँ कई नियम और कानून बनाये गए है। हमारे यहाँ 14 ऐसे कानून बनाये गए जिनकी वजह से काम करने वाले बच्चो को सुरक्षा का प्रावधान किया गया है।
मगर इतने सारे कानून होने के बाद भी बाल मजदूरी बढती ही जा रही है। बाल मजदूरी बढ़ने का सबसे बड़ी वजह गरीबी है। अगर इस समस्या को अभी ही जड़ से ख़तम नहीं किया गया तो यह सबके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। बाल मजदूरी की वजह से ही गरीबी को बढ़ावा मिलता है।
एक तरह से बाल मजदूरी आर्थिक रूप से अस्वस्थ, मानसिक तौर पर विनाशकारी और नैतिक रूप से पूरी तरह गलत है। बाल मजदूरी पर सख्त रूप से पाबन्दी लगा देनी चाहिए। अगर सभी लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम हो गए तो बाल मजदूरी अपने आप खतम हो जाएगी।
बाल मजदूरी जैसी गंभीर समस्या हमारे देश पर कलंक है। इस कलंक को जड़ से मिटाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। हमारे देश के बच्चो की संख्या करोडो में है। हमारे देश में जितने बच्चे है उसमे से 5 प्रतिशत बच्चे बाल मजदूरी करते है। इस आकडे को देखने के बाद हमें पता चलता है कितने बड़े पैमाने पर बाल मजदूरी मौजूद है।
हमारे देश में अधिक गरीबी होने की वजह से ही बाल मजदूरी (Bal Majduri)गंभीर रूप लेती जा रही है। अगर समाज को आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम बनाया गया तभी बाल मजदूरी की समस्या जड़ से ख़तम हो जाएगी।
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Thank you it is very useful
Sahi kaha
Ise jad se khatm karna hoga
Yeh kewal shiksha se hi ho sakta hai
शुक्रिया, बाल मजदूरी की समस्या ने हमारे देश में विकराल रुप ले लिया है, इससे न सिर्फ कई मासूमों की जिंदगी की भेंट चढ़ रही है बल्कि हमारा देश का विकास भी रुक रहा है। इस दिशा में सुधार करने की बेहद जरूरत है।
इस पोस्ट को पढ़ने के लिए शुक्रिया, बाल मजदूरी की समस्या हमारे देश की गंभीर समस्या के रुप में उभर कर सामने आ रही है। इसके लिए लोगों को जागरूक करने के लिए जरूरत है, तभी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
Bahut badiya agli baar isse chota banana
धन्यवाद आरूष जी, अगली बार हमारी पूरी कोशिश रहेगी इस लेख को छोटा बनाने की।
Bahut achha essay hai
धन्यवाद अर्चना जी, आपने हमारे इस पोस्ट की तारीफ की, हम आशा करते हैं कि आपको हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध बाकी पोस्ट भी जरूर पसंद आएंगे।
Child labour par aapne baccho ke liye bahut hi accha article likha thanks for sharing or isi tarah likhte rahe.
धन्यवाद मनजीत सिंह, हमें जानकर बहुत अच्छा लगा कि आपको हमारी दी गई जानकारी पसंद आई। हमारा समाज में बाल श्रमिकों का काम करना वाकई बेहद निंदनीय है। हालांकि हमारी सरकार इस समस्या को समाज से मिटाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।