Dr. B R Ambedkar Quotes in Hindi
महामानव डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी को दलितों के मसीहा के रुप में कौन नहीं जानता। भीमराव आम्बेडकर जी द्धारा समाज में किए गए अनगिनत कामों के बल पर उन्हें देश को एक सूत्र में बांधने वाले आधुनिक भारत के निर्माता और संविधान निर्माता जैसे नामों की संज्ञा दी गई।
आपको बता दें कि बाबासाहेब आम्बेडकर जी एक महान और बेहद प्रभावशाली चरित्र वाले महापुरुष थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज की सेवा करने और दलितों के उत्थान में समर्पित कर दिया।
बाबासाहेब आम्बेडकर अपने पूरे जीवनभर समाज में दलितों को उनका हक दिलवाने के लिए, महिलाओं को उनके अधिकार दिलवाने के साथ समाज में फैली जातिगत असमानता एवं सतीप्रथा, बालविवाह, छूआछूत, मूर्तिपूजा और अंधविश्वास जैसी कुरोति को जड़ से खत्म करने के प्रयास में लगे रहे साथ ही उन्होंने समाज में शिक्षा पर भी विशेष जोर दिया।
इसके साथ ही बाबासाहेब आम्बेडकर जी ने सभी देशवासियों को उनके समान अधिकारों के दिलवाने के उद्देश्य से और एक नए एवं आधुनिक युग के सूत्रपात के लिए भारत के सबसे बड़े संविधान का निर्माण किया था। उनके विचार हमेशा बहुत आगे की उनकी सोच को दिखाते है। बाबासाहेब के कुछ श्रेष्ठ सुविचार यह पब्लिश कर रहें है। (BR Ambedkar Quotes in Hindi) जो आपको एक सीमित सोच से बाहर सोचने के लिए मजबूर कर देंगे।
बाबासाहेब के सर्वश्रेष्ठ विचार – Dr. BR Ambedkar Quotes in Hindi
“ज्ञान का विकास ही मनुष्य का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”
“सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की बूँद के विपरीत, मानव उस समाज में अपना अस्तित्व नहीं खोता, जहाँ वह रहता है। मानव जीवन स्वतंत्र है। वह केवल समाज के विकास के लिए नहीं पैदा हुआ है, बल्कि स्वयं के विकास के लिए भी पैदा हुआ है।”
“एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना ही काफी नहीं है बल्कि इसके लिए न्याय, राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बहुत आवश्यक है।”
Ambedkar Quotes in Hindi
“जीवन लंबा होने की बजाय महान होना चाहिए।”
“मनुष्य का जीवन पूरी तरह स्वतंत्र है, इंसान समाज के विकास के लिए ही नहीं, बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है।”
“अगर गुलाम बनकर जिओगे, तो कुत्ता समझकर तुम पर लात मारेगी यह दुनिया और अगर नवाब बनकर जिओगे तो शेर समझ कर सलाम ठोकेगी।”
Ambedkar Quotes On Hinduism
डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी का जीवन और उनके महान विचार वाकई प्रेरणास्त्रोत हैं, वहीं अगर जो भी इस महामानव के सुविचारों को अपने जीवन में अमल कर ले तो न सिर्फ वह न सिर्फ अपने जीवन की असीम ऊंचाईयों तक पहुंच सकता है, बल्कि अपने जीवन में आने वाली हर कठिनाई का आसानी से सामना भी कर सकता है।
वहीं बाबा साहेब के सम्मान में हर साल 14 अप्रैल को उनकी जंयती (Ambedkar Jayanti) भी बनाई जाती है, इसलिए आज हम अपने इस पोस्ट में आपको बाबासाहेब के सर्वश्रेष्ठ और प्रेरणादायक विचारों – B R Ambedkar Thoughts को उपलब्ध करवा रहे हैं, जिन्हें आप सोशल मीडिया साइट्स पर भी शेयर कर सकते हैं, और इन विचारों की गहराई को अपने मन में उतारकर एक सफल जीवन जी सकते हैं।
“मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारा सीखाये।”
“आज भारतीय दो अलग-अलग विचारधाराओं द्वारा शासित हो रहे हैं। उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं, वो स्वतंत्रता, समानता, और भाई -चारे को स्थापित करते हैं और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।”
“राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं और एक समाज सुधारक जो समाज को चुनौती देता हैं वह सरकार को चुनौती देने वाले राजनीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी है।”
Babasaheb Ambedkar Quotes Hindi
“यदि मुझे लगा की संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा हैं, तो इसे सबसे पहले मैं जलाऊंगा।”
“एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए न्याय, सामाजिक अधिकारों और राजनीतिक अधिकारों में गहरी आस्था का होना भी बेहद जरुरी है।”
B R Ambedkar Thoughts in Hindi
भीमराव आम्बेडकर जी एक महान समाजसुधारक ही नहीं बल्कि वे एक अच्छे लेखक और अर्थशास्त्री के ज्ञाता थे। इसके अलावा राष्ट्रीय नेता के रुप में भी उन्होंने अपना पहचान बनाई थी।
आपको बता दें कि उन्हें दलित होना की वजह से अपने बचपन में काफी संघर्षों को झेलना पड़ा था, जिसके चलते उनके अंदर पूरे दलित वर्ग की स्थिति को समाज में सुधारने की भावना पैदा हुई और आज उनके सफल प्रयासों के बल पर ही दलित वर्ग की स्थिति समाज में काफी सुधरी है और तो और आज कई दलित नेता और अधिकारी उच्च पदों पर आसीन है, दलित वर्ग के उत्थान के लिए उनके द्धारा किए गए काम करने को लेकर ही आम्बेडकर जी मसीहा के रुप में पहचाने जाना लगा।
वहीं आज भी बाबासाहेब आम्बेडकर जी के लिए समस्त देशवासियों के ह्रदय में अपार सम्मान है। आम्बेडकर जी के इन सर्वश्रेष्ठ विचारों को पढ़कर आपके मन में भी अपने जीवन के प्रति सकारात्मक भावना का संचार होगा साथ ही अपने जीवन के लक्ष्यों को पाने में मद्द मिलेगी।
“एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से अलग हैं, क्योकि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता हैं।”
“किसी का भी स्वाद आसानी से बदला जा सकता है, लेकिन जहर को अमृत में कभी नहीं बदला जा सकता है।”
Ambedkar Jayanti Quotes
“समानता एक कल्पना हो सकती हैं, लेकिन फिर इसे एक गवर्निंग सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना होगा।”
“मै किसी भी समुदाय की प्रगति को, महिलाओं ने जो प्रगति हासिल की है, उससे मापता हूं।”
BR Ambedkar Quotes
“पति-पत्नी के बीच का सम्बन्ध घनिष्ट मित्रों के सम्बन्ध के समान होना चाहिए।”
“हिन्दू धर्म में स्वतंत्र सोच, विवेक और कारण के विकास के लिए बिल्कुल भी गुंजाइश नहीं है।”
BR Ambedkar Slogan
“जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता पूर्ण रुप से हासिल नहीं कर लेते, तब तक कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी भी काम की नहीं है।”
“राजनीतिक अत्याचार, सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है, और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वो सरकार को खारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से ज्यादा साहसी है।”
BR Ambedkar Suvichar
“एक सुरक्षित से एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।”
“अगर हम वास्तव में एक एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना बेहद आवश्यक है।”
BR Ambedkar Thoughts
“हम सबसे पहले और अंत में, भारतीय हैं।”
“हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि ‘एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता’ को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार कर लेना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।”
DR Babasaheb Ambedkar Thoughts On Education
“दिमाग का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।”
“इतिहास ग्वाह है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच मुकाबला होता है, वहां जीत हमेशा ही अर्थशास्त्र की होती है। वहीं अपने निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो।”
Dr. BR Ambedkar Quotes
“जो कौम अपना इतिहास तक नही जानती है, ऐसी कौम कभी भी अपना इतिहास नहीं बना सकती हैं।”
“क़ानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।”
Ambedkar Quotes on Untouchability
“धर्म में मुख्य रूप से केवल सिद्धांतों की बात होनी चाहिए, यहां नियमों की बात नहीं हो सकती।”
“एक सफल क्रांति के लिए मात्र असंतोष का होना ही पर्याप्त नहीं। जो आवश्यक है, वह है न्याय, राजनीतिक तथा सामाजिक अधिकारों की अनिवार्यता एवं महत्व में गहन और पूर्ण आस्था।”
रोज-रोज का ये रोना-धोना बंद
करो….? मैं दलित हूँ….? मैं मूल पिछड़ा
हूँ….? मैं पिछड़ा , दलित IAS , IPS
अफसर , जज , MP , MLA , जिला प्रमुख ,
मंत्री…हूँ….?
** मैं बेचारा हूँ….? मैं गरीब हूँ….? मैं मर
गया बाबा….?मेरे छोटे-छोटे बच्चे
हैं….? मुझ पर दया करो बाबा….? मुझे
कुछ दे दो…? मेरे साथ अन्याय हो रहा
है….? आदि-आदि….? भिखारी की
तरह….रोते हो शर्म करो..????
*** मेरे साथ छुआ-छूत…की जा रही
है…क्योंकि ** मैं दलित हूँ…** …??
अब क्यों रोते हो…?
तुम कलेक्टर बनें तब भी रोते रहे….? तुम
DGP बनें तब भी रोते रहे….? तुम MP ,
MLA बनें तब भी रोते रहे…? तुम इस देश
के मंत्री बने तब भी रोते रहे…? तुम जज होते हुए भी रोते हो ! तुम जिला प्रमुख बनें तब भी रो रहे
हो….?….?…क्यों…? बताओ तो
क्यों रो रहे हो…??? मैं बताता हूँ कि
तुम क्यों रोते हो….?????????
क्योंकि तुम नालायक हो….
समाज के गद्दार हो तुम लोग….
दोगले लोग हो तुम…
इसलिए रोते हो तुम लोग….
बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर
की असली औलाद नहीं हो तुम
लोग….? इसलिए रोते हो तुम लोग…?
तुम कलेक्टर बने…पिछड़े-*दलित*
समाज पर अत्याचार हुआ…तुम चुपचाप
देखते रहे…तुम चुपचाप सुनते रहे…तुम दुसरे
उच्च जाति के समक्ष उच्च जाति
अधिकारीयों की सुनते रहे…? बाबा
साहेब के बनाये कानून को नहीं
पढ़ा…? उस कानून की तरफ मुहँ करके
सोये ही नहीं तुम लोग….तुम तो
उनकी तरफदारी करते रहे जो उच्च
अधिकारी उच्च जाति के थे…?
क्योंकि तुम लोग हिन् भावना से
ग्रषित लोग हो….हिन् भावना कूट-
कूट कर भर दी…तुम्हारे दिल और
दिमाग में….तुम नफरत करते रहे कलेक्टर
बनकर अपने ही भूखे-नंगे समाज से…?
क्योंकि तुम स्वार्थी बन
बेठे…क्योंकि तुम दोगले हो गये
…क्योंकि तुमने देश का सर्वोतम पद
पा लिया था । तुम अहंकारी बन बेठे..
अपनी जात तक को बदल दिया ।
तुमने….क्योंकि तुम लायक बाप की
नालायक औलाद हो….इसलिए रोते
हो तुम….
**तुमने कलेक्टर होते हुए भी….तुम DGP
होते हुए भी…तुम MP , MLA और मंत्री
होते हुए भी अपने समाज पर हो रहे
अत्याचार को नहीं रोक सके…तुम
आदेश नहीं दे सके जो तुम दे सकते
थे….तुम्हें कानून को नहीं पढ़ा….वो
कानून जो तुम्हें अपने समाज पर हुए
अत्याचार को रोक सकता
था…अत्याचारी को सज़ा दिलवा
सकता था….उस कानून से तुमने आँख
ही नहीं मिलाई….जो बाबा साहेब
ने सिर्फ तुम्हारे लिए और सिर्फ
तुम्हारे समाज की सामाजिक और
राजनेतिक रक्षा के लिए बनाया था
।
उन्हीं पार्टियों में घुसे रहे जो पार्टी
तुमसे और तुम्हारे समाज से सबसे
ज्यादा नफ़रत करती हैं…उनकी ही
जिंदाबाद करते रहे…जो तुम्हें आँख की
किरकिरी समझते हैं…..
अब रोओं….धहाड़े मार मारकर…कोई
नहीं पूछेगा तुम्हें…कोई भी
नहीं….???????
★★ये पोस्ट समाज के उन गद्दारो के
लिए जिन्होंने बाबा साहेब की
मेहनत की कमाई तो चाटी पर उनके
मिशन को कभी देखा तक नहीं।★★
“”ना तख्त चाहिए ना राज चाहिए…
मुझे तो बस जागरूक समाज चाहिए।।
अंजाम तक पहुंचा देंगे बाबा की
क्रान्ति को …
आप सभी लोगो का साथ
चाहिए”।।
** !! जय भीम !!**
** !! नमो: बुद्धाय: !! **
Hmmm…
Bahut achhe mitro
Really baba sahab ko koi nhi bhula sakta . ….
right
bro
very Good Gautamji. aapki baat aur kavita se sahmat hu mai.
i love all people.
आपका msg सभी दलितोको प्रेरित करेगा…जय भीम..नमो बुद्धाय..
Nice dost
Padhke maja aa gaya
waw very nice
जय भीम,जय मुलनिवासी। उनके अनुयायी या समय आ गया है संघर्ष आमने सामने का पूरा जोर लगा दो।
bahut acha laga ye jaankar ki hamaare samaaj m aap jaise jagrookta lane wale bhai hain dil se jai bheem
baba shabh as jitni bhi shikh le jai think hai
मूझे ही क्या पूरे देश को
गर्व ह !
ऐसे माहापुरुष पर.
बाबा साहेब आज भी
हमारे देश की जनता के
िदलो पर राज करते है!
िदल से……
जय भीम
जय भारत.
Jai Bheem namo buddhay
Dr.Bhimrao ambedkar ki jaye ho