Difference Between CBSE and ICSE in Hindi
शिक्षा के क्षेत्र मे सार्वजनिक शिक्षा बोर्ड के अलावा बहूत सारे अन्य बोर्ड के विकल्प भी आजकल आम तौर मौजूद होते है, जहा सार्वजनिक शिक्षा से कुछ अलग और विशेष कार्यप्रणाली को शिक्षा से जोडकर ज्ञान का प्रसार किया जाता है। जैसे के अन्य बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा विभिन्न तरह के टास्क से संलग्नित होती है, और इन तरह के बोर्ड अंतर्गत शिक्षा मे आजके दौर मे छात्रो के माता पिता का झुकाव अधिक देखने को मिलता है।
ईसी तरह के दो महत्वपूर्ण शिक्षा बोर्ड के बिच बुनियादी अंतर के बारेमे जानकारी देने के खास मकसद से ये लेख आपके लिये लाये है,जिसमे हम सी.बी.एस.ई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ) और आय.सी.एस.ई (माध्यमिक शिक्षा के लिए भारतीय प्रमाण पत्र) इन दोनो बोर्ड पर कुछ खास तथ्यो के आधार पर अंतर के बारे मे विस्तार से जानकारी देगे।
अगर आप एक जिम्मेदार माता पिता के नाते अपने बच्चो के लिये सही बोर्ड खोज रहे है तो,ये जानकारी आपके लिये जरूर मददगार हो सकती है। तथा जिनके बच्चे पहले से ही इस शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत पढ रहे है, उनको इस विषय पर और अधिक जानकारी मिल पायेगी।
सी.बी.एस.ई और आय.सी.एस.ई बोर्ड के बीच क्या अंतर हैं – Difference Between CBSE and ICSE Board in Hindi
‘सी.बी.एस.ई’ और ‘आय.सी.एस.ई’ के बारे मे मुलभूत बाते – CBSE or ICSE which is better
जैसा की ‘सी.बी.एस.ई’ और ‘आय.सी.एस.ई’ ये दोनो भी लोगो द्वारा पसंदीदा बोर्ड है, तथा ये दोनो बोर्ड द्वारा अच्छे गुणवत्ता स्तर की शिक्षा दी जाती है। इस लेख मे दिये गये तथ्यो के आधार पर आपके बहूत सारे सवालो के जवाब मिल सकते हैं।
महत्वपूर्ण सूचना: इन दोनो बोर्ड की कुछ कमिया तथा कुछ किफायती पह्लू है, एक जागरूक तथा समझदार माता पिता होने के नाते ये आपकी जिम्मेदारी बनती है के, इनके बुनियादी तथ्यो को समझकर आपके जरुरत के हिसाब से अपने बच्चो के लिये उचित शिक्षा बोर्ड का चयन करे।
१. शिक्षा का मुलभूत ढाचा
‘सी.बी.एस.ई’ (CBSE)
सी.बी.एस.ई बोर्ड के अंतर्गत दी जाने वाली शिक्षा मुख्यतः थेरॉटिकल ज्ञान पर आधारित शिक्षा पर बल देती है। जिसके अंतर्गत पढने के बाद बच्चे भविष्य मे मेडिकल के लिये ली जाने वाली पात्रता परीक्षा नीट (NEET – National Eligibility cum Entrance Test), तथा इंजिनीरिंग के लिये ली जाने वाली पात्रता परीक्षा जे.ई.ई (Joint Entrance Examination) के हिसाब शुरुवात से अच्छे तरह से तैयार हो जाते है।
ईसी तरह कक्षा 12वी सी.बी.एस.ई बोर्ड अंतर्गत उत्तीर्ण करने के बाद छात्र भविष्य मे युपीएससी तथा अन्य प्रतियोगिता परीक्षा के लिये काफी अच्छे तरह से तैयार हो जाते है, क्योंकी इस बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा का ढाचा ही उस तरह का होता है जिसमे बहूत सारे विषय मे बच्चे अच्छा बुनियादी ज्ञान हासिल कर चुके होते है।
‘आय.सी.एस.ई’ (ICSE)
‘आय.सी.एस.ई’ बोर्ड के अंतर्गत सबसे ज्यादा व्यावहारिक शिक्षा पर बल दिया जाता है, उसके वजह से इस बोर्ड के अंतर्गत पढने वाले बच्चे वास्तविकता से और अधिक विषय को समझ पाते है।
२. बोर्ड की स्वीकृती
‘सी.बी.एस.ई’ (CBSC)
सी.बी.एस.ई का जहा तक सवाल है तो इस बोर्ड का सबसे ज्यादा विस्तार भारत मे ही हुआ है, भारत के अधिकतर विद्यालय तथा महाविद्यालयो मे कक्षा १२ वी तक इस बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा को स्वीकृती दी गई है।
‘आय.सी.एस.ई'(ICSE)
‘आय.सी.एस.ई’ बोर्ड का सबसे अधिक विस्तार पुरे विश्वभर मे हुआ है, जिसके अंतर्गत दुनियाभर के विद्यालय शामिल है।
३. बोर्ड अंतर्गत शिक्षासंबंधी भाषा माध्यम
‘सी.बी.एस.ई’ (CBSE)
सी.बी.एस.ई अंतर्गत शिक्षासंबंधी भाषा का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी होता है, इनके शिक्षा बोर्ड के दिशानिर्देषो मे यही दो भाषा को प्रमुख माध्यम के तौर पर स्वीकृती है। वैसे सी.बी.एस.ई अंतर्गत शिक्षा क्रम मे अन्य भाषाओ को विषय के तौर पर शामिल कर उनकी शिक्षा भी दी जाती है।
‘आय.सी.एस.ई’ (ICSE)
जहा तक आय.सी.एस.ई बोर्ड की बात करे तो इनका शिक्षा माध्यम केवल अंग्रेजी ही होता है, पर जैसे के इस बोर्ड का ज्यादातर ध्यान भाषा संबंधी शिक्षा पर होता है। उपलब्ध बहूत सारे भाषा विकल्प मे से छात्र भाषा को विषय के तौर पर चूनकर उनसे जुडी शिक्षा प्राप्त कर सकते है।
४. किफायती पह्लू और कमिया
‘सी.बी.एस.ई बोर्ड’
सी.बी.एस.ई भारत का एक प्रतिष्ठित और लोकप्रिय शिक्षा बोर्ड है, जैसे के साल २०१८ तक ये बोर्ड अभियांत्रिकी के लिये ली जाने वाली राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षा जे.ई.ई (Joint Entrance Exam- संयुक्त पात्रता परीक्षा) का आयोजन और नियमन करते थे। हाल फिलहाल जे ई ई का आयोजन और नियमन NTA(राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी) द्वारा किया जाता है, इस तरह इस बोर्ड के कुछ किफायती पह्लूओ और कमियो पर यहा नजर डालेंगे।
- किफायती पह्लू
१. इस बोर्ड का सबसे किफायती पह्लू है इनका पाठ्यक्रम जो के आसान और पढाई के दृष्टीकोन से अन्य बोर्ड की तुलना मे काफी लचीला तथा समझने के लिये आसान होता है।
२. सी.बी.एस.ई भारत का अत्यंत लोकप्रिय बोर्ड है, जिनके भारतभर मे बीस हजार से ज्यादा पाठशालाए है।
३. सी.बी.एस.ई बोर्ड गणित और विज्ञान इन दोनो विषय पर आत्याधिक ध्यान केंद्रित करती है।
४. इस बोर्ड का पाठ्यक्रम का ढाचा जे.ई.ई और नीट जैसे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा के लिहाज से काफी करीब से आधारित होता है।
५. पाठ्यक्रम की बात करे तो, सी.बी.एस.ई बोर्ड का पाठ्यक्रम NCERT (National Council Of Education Research- राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान परिषद) द्वारा तय किया जाता है।
६. शिक्षा शुल्क के बारे मे ये बोर्ड , और सभी बोर्ड की तुलना के हिसाब से काफी सस्ता होता है, पाठ्यक्रम की शिक्षा और अन्य सुविधाये जो इनके पाठशालाओ मे दिया जाता है उसके तुलना मे इनका शिक्षा शुल्क सस्ता प्रतीत होता है।
- कमिया
१. ये शिक्षा बोर्ड अधिक बल थेरॉटिकल ज्ञान पर देता है, व्यावहारिक तथा प्रत्यक्षता पर आधारित शिक्षा पर इनका ध्यान उतना केंद्रित नही होता। जैसे के विज्ञान और गणित विषय मे इन चीजो का अभाव नजर आता है।
२. इस बोर्ड के अंतर्गत पढने वाले छात्र जहा थेरॉटिकल ज्ञान से अधिक प्रगत होते है ,वही व्यावहारिक तथा प्रत्यक्षता पर आधारित शिक्षा मे कुछ मामलो मे पिछडे हुये नजर आते है।
३. राष्ट्रीय पात्रता संबंधी परीक्षाये और प्रतियोगिता परीक्षा मे अधिक ध्यान केंद्रित करने से सी.बी.एस.ई बोर्ड कई तो बुनियादी शिक्षा देने मे और उनका वास्तविक उपयोग समझाने मे पीछे नजर आते है।
‘आय.सी.एस.ई’ बोर्ड
जैसा के इस बोर्डकी सबसे अधिक पाठ्शालाये दुनियाभर मे अधिक तौर पर फैली हुई है, भारत मे इस बोर्ड के अंतर्गत सी.बी.एस.ई बोर्ड से काफी कम पाठशालाये आती है, ऐसेही इस बोर्ड के कुछ किफायती पह्लूओ पर तथा कमियो पर नजर डालते है।
- किफायती पह्लू
१. इस बोर्ड के अंतर्गत विषयो का चयन करने का प्रावधान काफी लचीला होता है
२. भाषाओ पर अधिक बल देने के प्रमुख मानदंड पर कार्यरत होने के वजह से, अंग्रेजी और अन्य भाषाओ संबंधी शिक्षा मे छात्र काफी अच्छे तरह तैयार होते है, जिनका फायदा छात्रो को TOEFL( Test of English as a Foreign Language- अंग्रेजी भाषा का विदेशी भाषा के तौर पर इस्तेमाल) जैसे परीक्षाओ मे होता है।
३. इस बोर्ड को दुनियाभर के काफी सारे विश्वविद्यालयो द्वारा मान्यता दी गई है।
४. थेरॉटिकल ज्ञान से ज्यादा प्रत्यक्षता पर आधारित व्यवहारिक शिक्षा पर इस बोर्ड का अधिक ध्यान होता है।
५. आय.सी.एस.ई बोर्ड के छात्रो को सी.बी.एस.ई बोर्ड मे स्थानांतरण कर पढना काफी आसान हो सकता है, पर यही बदलाव सी.बी.एस.ई बोर्ड के छात्र को आय.सी.एस.ई बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा के लिये करना हो तो उन्हे पाठ्यक्रम अधिक कठीण हो सकता है।
- कमिया
१. इस बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा का शुल्क बहूत अधिक होता है।
२. प्रतियोगिता जैसे परीक्षा के लिये इस बोर्ड के अंतर्गत पढने वाले कम छात्र पात्र हो पाते है।
३. जिन छात्रो के माता पिता स्थानांतरण वाले नौकरी पेशे मे कार्यरत है उनके लिये ये शिक्षा बोर्ड सही साबित नही हो पाता, क्योंकी इनकी बहूत कम पाठशालाये मौजूद है।
निष्कर्ष:-
इन दोनो बोर्ड की खुदमे विशेषताये और शिक्षाप्रणाली है,उसके माध्यम से ये शिक्षा का प्रसार करते है, जरुरत है तो छात्रो के माता पिता ने उनके सुविधा के हिसाब से सही शिक्षा बोर्ड का चयन करने की और अपने छात्र के भविष्य का निर्णय लेने की
इस विषय मे बार बार पुछे गये सवाल (FAQ)
१. भारत मे शिक्षा के हिसाब से कौनसा बोर्ड सही हो सकता है?
जवाब:- वैसे तो सी.बी.एस.ई और आय.सी.एस.ई ये दोनो बोर्ड काफी अच्छे है, पर जरुरत है माता पिता अपने बच्चो के लिये सही बोर्ड का चुनाव करने से पहले इनसे जुडे मापदंडो को विस्तार से समझ ले और फिर उचित निर्णय ले।
२. भारत मे कौनसा बोर्ड सबसे कठीण है?
जवाब:- अभी के हिसाब से आय.सी.एस.ई बोर्ड भारत का सबसे कठीण बोर्ड है,जिसकी कक्षा दसवी की परीक्षा सबसे कठीण मानी गई है।
३. क्या सी.बी.एस.ई बोर्ड का छात्र आसानी से जे.ई.ई परीक्षा उत्तीर्ण कर सकता है?
जवाब:- यह तय कर पाना सही नही होता ,क्योंकी इस तरह की परीक्षा उत्तीर्ण करना पुरी तरह छात्र द्वारा किये गये कठीण परिश्रम और सही दिशा मे की गई पढाई पे निर्भर होता है।
४. भविष्य मे अभियांत्रिकी और मेडिकल की शिक्षा के हिसाब से कौनसा बोर्ड सही हो सकता है
जवाब :- सी.बी.एस.ई बोर्ड।
५. क्या आय.सी.एस.ई बोर्ड ने NCERT( राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान परिषद) के पाठ्यक्रम को अपनाया है ?
जवाब :- हाल फिलहाल मे ही आय.सी.एस.ई बोर्ड ने NCERT( राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान परिषद) के पाठ्यक्रम को अपनाया है।
६. क्या सी.बी.एस.ई बोर्डको विश्व के अन्य देशो ने स्वीकृती दी है?
जवाब:- हा, जैसे के अफगाणिस्तान, युनायटेड अरब अमिरात, सिंगापूर इत्यादी देशो मे अब ये बोर्ड अंतर्गत शिक्षा विकल्प मौजूद है।