क्रिसमस-डे पर शानदार निबंध

Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों का मुख्य त्योहार है, जिसे हर साल 25 दिसंबर को बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। ईसा मसीह के जन्म की खुशी में इस त्योहार को मनाया जाता है।

इस दिन चर्च में बेहद खास तरीके की सजावट की जाती हैं। इस दिन लोगो एक-दूसरे को क्रिसमस की बधाई देते हैं, गले मिलते हैं और उनके सुखी जीवन की कामना करते हैं।

इसके साथ ही इस दिन गिफ्ट देने और केक काटने की भी परंपरा है। वहीं क्रिसमस का पर्व अब न सिर्फ ईसाई धर्म मानने वाले लोगों के लिए बेहद खास है, बल्कि इस पर्व को सभी धर्मों के लोगों द्धारा धूमधाम से मनाया जाता है।

इसके साथ ही क्रिसमस के त्योहार का हर बच्चे को पूरी साल बेसब्री से इंतजार रहता है। इस पवित्र त्योहार के महत्व, इतिहास एवं इससे जुड़ी परंपरा एवं मान्यताओं से लोगों को अवगत करवाने के लिए क्रिसमस के त्योहार पर बच्चों को स्कूलों में अथवा प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनकी जरुरत पढ़ने पर आप इनका इस्तेमाल कर सकते है।

Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस डे पर निबंध – Christmas Essay in Hindi

प्रस्तावना

ईसाई धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक क्रिसमस के त्योहार को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन को ईसाई धर्म के लोग अपने ईस्ट देवता ईसा मसीह के जन्मोत्सव के रुप में मनाते हैं।

वहीं 25 दिसंबर, साल का सबसे बड़ा दिन भी होता है। इस त्योहार को देश-विदेश में अपनी-अपनी रीति-रिवाज और परंपरा के साथ मनाया जाता है। वहीं इस त्योहार पर क्रिसमस ट्री सजाने, केक काटने, चर्च जाने एवं सांता क्लॉज द्धारा उपहार देने का अपना एक अलग महत्व है।

क्रिसमस क्यों और कब मनाया जाता है ? – Why We Celebrate Christmas

क्रिसमस के पर्व का ईसाई धर्म के लोगों के लिए खास महत्व होता है। इस पावन पर्व को हर साल 25 दिसंबर के दिन यीशु मसीह के जन्मोत्सव के रुप में पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

ईसाई धर्म की धार्मिक पुस्तक बाइबिल के अनुसार माता मरियम के गर्भ से इसी दिन ईसा मसीह के जन्म हुआ था। हालांकि, ईसा मसीह की जन्मतिथि को लेकर अलग-अलग विद्धानों के अलग-अलग मत दिए गए हैं।

ईसामसीह ने अपना पूरा जीवन दूसरों की भलाई और उद्दार में लगा दिया और लोगों को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी, उन्हें लोगों को कष्ट से मुक्ति दिलाने वाला मुक्तिदाता और उद्धारक के रुप में भी जाना जाता है।

वहीं ईसामसीह ने कई ऐसे चमत्कार किए जिसकी बदौलत उन्हें ईश्वर के दूत ही नहीं बल्कि ईश्वर की संज्ञा दी गई, इसलिए उनके जन्म दिवस को क्रिसमस के रुप में मनाया जाने लगा।

वहीं इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी, प्राइवेट ऑफिस आदि बंद रहते हैं। इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि क्रिसमस के पवित्र दिन से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है।

क्रिसमस का महत्व – Importance Of Christmas

क्रिसमस का ईसाइयों के लिए बेहद खास महत्व है। क्रिसमस के त्योहार को भी अन्य त्योहार की तरह मनाया जाता है। क्रिसमस का पावन पर्व प्रेम, सदभाव और आपसी भाईचारे का प्रतीक है।

ईसाई धर्म के लोग इस पर्व को बेहद खास तरीके से मनाते है, वे लोगो क्रिसमस पर्व को खास तरीके से मनाने के लिए इस पर्व की तैयारी के लिए कई दिन पहले से जुट जाते हैं।

क्रिसमस पर्व का इतिहास – Christmas History

हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाने वाले इस पावन पर्व क्रिसमस का इतिहास ईसा मसीह के जन्मोत्सव से जुड़ा हुआ है। ईसाई धर्म की धार्मिक एवं पवित्र पुस्तक बाइबिल में इस बात का जिक्र है कि मरियम नाम की एक कुंवारी कन्या के पास भगवान ने अपना एक दूत भेजा और उन्हें यीशु मसीह के जन्म के बारे में बताया।

वहीं ईसामसीह के जन्म के बारे में पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी गई थी कि धरती पर एक ऐसा युग पुरुष जन्म लेगा, जो बड़ा होकर एक प्रभावशाली राजा बनेगा और उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी और वह दुनिया का उद्धार करने वाला उद्दारक, कष्टनिवारक एवं सहीमार्गदर्शक होगा।

इसके बाद जब इजराइल में बेथहेलम में माता मरियम की गर्भ से एक गौशाला में यीशु मसीह ने जन्म लिया तो उनकी यह भविष्यवाणी सच साबित हुई। जिसके बाद से  उनके जन्मोत्सव के दिन को क्रिसमस पर्व के रुप में मनाया जाने लगा।

क्रिसमस से सांता क्लॉज का कनेक्शन? – Why Santa Claus Comes On Christmas

क्रिसमस का पर्व सांता क्लॉज से विशेष रुप से जुड़ा हुआ है। कई बच्चे तो पूरी साल क्रिसमस के पर्व का सिर्फ इसलिए इंतजार करते हैं कि लाल और सफेद  ड्रेस में लंबी दाड़ी वाले सांता क्लॉज आएंगे और उन्हें ढेर सारे गिफ्ट देंगे और उनकी विश पूरी करेंगे। सांता को क्रिसमस का फादर के रुप में भी जाना जाता है।

आपको बता दें कि संत निकोलस (Saint Nicholas) को सांता का जनक माना जाता है। संत निकोलस की प्रभु ईसा-मसीह में गहरी आस्था थी और उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था।

संत निकोलस बच्चों को खुश करने के लिए उन्हें उनके मनपसंद गिफ्ट्स देते थे, जिसके चलते उनके प्रति लोगों के मन में अत्याधिक प्रेम और सम्मान था। उनके बाद से ही सांता क्लॉज की कल्पना की जाने लगी।

हालांकि, सांता क्लॉज का यीशुमसीह के जन्मदिन से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन फिर भी आज सांता क्लॉज क्रिसमस पर्व का एक अहम हिस्सा है। सांता क्लॉज के के बिना क्रिसमस पर्व अधूरा है।

वहीं आजकल स्कूलों में भी क्रिसमस के पर्व पर बच्चों के सांता क्लॉज की वेष में बुलाते हैं, और उन्हें चॉकलेट दी जाती है।

इसके साथ ही क्रिसमस और सांता क्लॉज को लेकर कई गाने भी बने हुए हैं, जो कि क्रिसमस की रौनक और खुशियों को और ज्यादा बढ़ाने का काम करते हैं।

क्रिसमस में क्रिसमस ट्री का महत्व – Importance Of Christmas Tree

ईसाईयों के इस पावन पर्व क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री का खास महत्व होता है। क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री को खास तरीके से सजाने की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। इस दिन लोग सदाबहार के पेड़ को खास तरीके से लाइटिंग कर सजाते हैं।

क्रिसमस ट्री को सुखी जीवन एवं जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। इसके बारे में यह कहा जाता है कि क्रिसमस ट्री को खास तरीके से सजाने से  बच्चों की उम्र लंबी  होती  है। इसलिए क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाने लगा है।

इसके अलावा क्रिसमस ट्री को सजाने को लेकर एक धार्मिक एवं प्राचीन कथा के मुताबिक जब जीजस ने धरती पर अपना अवतार लिया था, तब सभी देवी-देवताओं ने अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए सदाबहार के पेड़ को बेहद खास तरीके से सजाया था।

उसी समय से क्रिसमस के पर्व पर  क्रिसमस ट्री खास तरीके से सजाने की परंपरा प्रचलित हो गई।

कैसे मनाते हैं क्रिसमस का पर्व – How To Celebrate Christmas

इस प्रेम और सौहार्द के पावन पर्व क्रिसमस को लेकर खासकर ईसाई धर्म के लोगों में कफी उत्साह रहता है। इसलिए इस पर्व को बेहद खास बनाने के लिए लोग इस पर्व की तैयारी काफी दिनों पहले से ही कर लेते हैं।

इस मौके पर लोग केक काटते हैं, एक-दूसरे को ग्रीटिंग्स कार्ड चॉकलेट एवं गिफ्ट देते हैं। इसके साथ ही क्रिसमस की बधाई देकर एक-दूसरे की सुखी जीवन की कामना करते हैं। इस मौके पर सभी चर्चों की बेहद खास तरीके से साजवट की जाती है।

क्रिसमस के दिन लोग गिरिजाघरों में जाते हैं और कैंडल जलाकर प्रेयर करते हैं। वहीं अलग-अलग जगहों पर क्रिसमस के पर्व को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है।

उपसंहार

क्रिसमस का पर्व भाईचारा, प्रेम, खुशी सोहार्द का पर्व है, जो कि हम सभी लोगों को आपस में मिलजुल कर रहने का संदेश देता है। इसके साथ ही यह पर्व सभी लोगों के जीवन को खुशियों से भर देता है और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

वहीं इस दिन लोग ईसामसीह के उपदेशानुसार दीन-दुखियों एवं जरूरतमंदों की सहायता करने का संकल्प लेते हैं एवं दरियादिली ईसामसीह के बताए गए मार्ग पर चलने की प्रतिज्ञा लेते हैं।

क्रिसमस-डे पर शानदार निबंध – Christmas Nibandh in Hindi

प्रस्तावना

25 दिसंबर को मनाए जाने वाला क्रिसमस का पर्व ईसाई धर्म का प्रमुख पर्व है। यह त्योहार पूरी दुनिया में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसीह के उपदेशों और शिक्षाओं को याद किया जाता है। यह दिन बड़े दिन के नाम से भी जाना जाता है।

इस दिन को न सिर्फ ईसाई धर्म के लोग बल्कि सभी धर्मों के लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं। क्रिसमस का पर्व 12 दिनों तक चलता है। इस दिन कई देशों में राजकीय अवकाश भी घोषित किया गया है।

इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान बंद रहते हैं। वहीं क्रिसमस के पर्व का बच्चों को पूरी साल बेसब्री से इंतजार रहता है।

यह पर्व प्रेम, भाईचारा और खुशियों का पर्व है। क्रिसमस के पर्व के साथ ही नए साल की आगमन की तैयारियां भी शुरु हो जाती हैं।

कब और क्यों मनाया जाता है क्रिसमस का पर्व – Christmas Kab Hai

उमंग और उल्लास के इस पावन पर्व को मुख्यता यीशु मसीह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हालांकि इस पर्व को मनाने के पीछे अलग-अलग कथाएं जुड़ी हुई हैं।

दरअसल, यीशु मसीह की जन्मतिथि को लेकर कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं है, इसको लेकर विद्धानों की अलग-अलग राय है। ईसाई धर्म की पवित्र और धार्मिक किताब बाईबिल के मुताबिक 25 दिसंबर के दिन माता मरियम ने भगवान स्वरुप यीशु मसीह को जन्म दिया था।

इसलिए इस खुशी में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। सबसे पहले इस पर्व को 336 ईसवी में रोम में बनाया गया था। इस दिन लोग केक काटते हैं एवं एक दूसरे का मुहं मीठा कर इस पर्व की बधाई देते हैं।

इसके साथ ही इस मौके पर अपने खास दोस्तों को उपहार भी देते हैं।

क्रिसमस पर आयोजन और महोत्सव – Christmas Kaise Banate Hain

25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस के पर्व की तैयारियां कई दिन पहले से ही होने लगती है। इस पर्व पर बाजारों और गिरिजाघरों में खास तरह की सजावट की जाती है।

ईसाई धर्म के लोग अपने-अपने घरों को भी विशेष तरीके से सजाते हैं और तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं। इस दिन ईसाई धर्म के लोग प्रमुख रुप में अपने घरों में क्रिसमस ट्री को सजाते हैं।

इस मौके पर स्कूलों और तमाम शिक्षण संस्थाओं समेत कई जगह पर तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजन होता है। इस दिन लोग क्रिसमस के गीतों पर झूमते हैं, केक काटते हैं और एक-दूसरे को केक खिलाकर क्रिसमस पर्व की बधाई देते हैं।

आपको बता दें कि इस दिन हर ईसाई परिवार में केक बनाए जाने की परंपरा है। क्रिसमस के एक दिन पहले गिरिजाघरों में रात में विशेष प्रार्थना का भी आयोजन होता है।

इस पर्व को लेकर बच्चे भी काफी उत्साहित दिखते हैं और जगह-जगह सांता क्लॉज के रुप में एक-दूसरे को गिफ्ट देते नजर आते हैं।

क्रिसमस पर प्रभु यीशु मसीह के संदेशों और उनकी शिक्षाओं को याद किया जाता है।

उपसंहार

क्रिसमस का पर्व प्रेम, सदभाव और खुशियों का त्योहार है। यह त्योहार हमें ईसा मसीह की शिक्षाओं की याद दिलवाता है और उनके द्धारा सिखाई गईं बातें दया, करुणा, परोपकार, क्षमा, प्रेम, त्याग जैसी भावनाओं का हमें बोध करवाता है। क्रिसमस का पर्व वाकई बेहद खूबसूरत पर्व है। यह हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है।

क्रिसमस पर निबंध – Christmas Par Nibandh

प्रस्तावना

25 दिसंबर को मनाए जाने वाला क्रिसमस का पर्व ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व को ईसाई धर्म के संस्थापक प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

इस त्योहार को पूरे विश्व में सभी धर्मों के लोगों द्धारा पूरे जोश, उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। इस दिन को बड़ा दिन के नाम से भी जानते हैं, क्रिसमस पर कई देशों में राजकीय अवकाश भी घोषित किया गया है।

इस दिन लोग एक-दूसरे को ”मेरी क्रिसमस” बोलकर इस पर्व की बधाई देते हैं एवं एक दूसरे की सुख, समृद्धि और खुशियों की कामना करते हैं। इसके साथ ही इस दिन लोग चर्च में विशेषकर प्रार्थना करते हैं और प्रभु ईसा से अपने पापों के लिए माफी मांगते हैं।

क्रिसमस से जुड़ी परंपरा और महत्व – Christmas Day Story

क्रिसमस के पर्व ईसाई धर्म के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन हर ईसाई गिरिजाघर में जाकर अपने प्रभु ईसा से प्रार्थना करते हैं। इसके साथ ही इस दिन ईसाई परिवारों में केक बनाने की परंपरा है।

क्रिसमस के दिन ईसाई परिवार केक जरुर काटते हैं और इसे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और करीबियों को खिलाकर एक-दूसरे को क्रिसमस के पर्व की बधाई देते हैं।

इसके साथ ही इस दिन लोग खास लोगों को ग्रीटिंग कार्ड भेजते हैं और एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं। इस मौके पर क्रिसमस ट्री सजाने का भी काफी महत्व है। क्रिसमस पर कई ईसाई परिवार भव्य पार्टी और दावत आदि का भी आयोजन करते हैं।

इस त्योहार को लोग अपने परिवार और प्रियजनों के साथ मिलकर बनाते हैं एवं इस दिन क्रिसमस के पवित्र गीत भी गाए जाते हैं।

ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहर क्रिसमस पर लोग ईसा मसीह के त्याग, समर्पण और शिक्षाओं को याद करते हैं और उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं।

क्रिसमस से सांता क्लॉज का कनेक्शन – Santa Claus Christmas

क्रिसमस का पर्व सांता क्लॉज और संत निकोलस के बिना अधूरा है। संत निकोलस की प्रभु ईसा मसीह में गहरी आस्था थी और बच्चों से अत्याधिक जुड़ाव था।

वे बच्चों को खुश करने के लिए उन्हें गिफ्ट्स और चॉकलेट आदि देते थे, इसलिए लोग उनका आदर-सम्मान करते थे। वहीं इसके बाद से ही सांता क्लॉज की कल्पना की जाने लगी।

वहीं कई बच्चे तो सांता क्लॉज की वजह से ही पूरे साल क्रिसमस के पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं और इस दिन सांता क्लॉज के गिफ्ट का इंतजार करते हैं।

इस दिन स्कूल, कॉलेजों और तमाम संस्थाओं में कई लोग सांता क्लॉज का वेष धारण कर बच्चों को गिफ्ट और चॉकलेट आदि बांटते हैं।

वहीं इस दिन स्कूलों में भी ज्यादातर बच्चे सांता क्लॉज की तरह लाल-सफेद ड्रेस और लंबी-लंबी दाढ़ी एवं लाल रंग की लंबी सी कैप में नजर आते हैं।

जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है क्रिसमस ट्री – Meaning Of Christmas Tree Symbol

क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री को सजाने का बेहद महत्व है। क्रिसमस ट्री को सजाने को लेकर कई मान्यताएं और कथाएं जुड़ी हैं।

इस दिन ईसाई धर्म के लोग अपने-अपने घरों में क्रिसमस ट्री को खास तरीके से सजाते हैं। क्रिसमस ट्री को सुखी जीवन एवं जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है एवं इससे जुड़ी यह मान्यता है कि इसे सजाने से बच्चों की आयु लंबी होती है।

इसके साथ ही क्रिसमस ट्री का संबंध प्रभु ईसा मसीह के जन्म से भी माना जाता है। एक धार्मिक कथा के मुताबिक जब ईसा मसीह का जन्म हुआ था तब देवदूतों ने माता मरियम को क्रिसमस ट्री गिफ्ट किया था।

इससे साथ ही यह भी माना जाता है कि जब जीजस अवतरित हुए थे, तब देवी-देवताओं ने इसके जश्न में सदाबहार के पेड़ को खास तरीके से सजाया था, वहीं बाद में सदाबहार के पेड़ को क्रिसमस ट्री के रुप में मान्यता मिली।

उपसंहार

क्रिसमस का त्योहार खुशियों का त्योहार है, जिसे न सिर्फ ईसाई धर्म के लोगों द्धारा मनाया जाता है, बल्कि सभी धर्मों के लोग इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाते हैं।

वहीं इस पर्व को मनाने का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। यह त्योहार हमें आपस में प्रेम पूर्वक मिलजुल रहने का संदेश देता है।

क्रिसमस डे पर निबंध – Short Essay On Christmas in Hindi

प्रस्तावना

समस्त मानव जाति को सच्चाई का मार्ग दिखाने वाले एवं इंसानियत का पाठ पढ़ाने वाले प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

इस पर्व को ईसाई धर्म् के अलावा दूसरे धर्म के लोग भी बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। क्रिसमस का उत्सव 12 दिनों तक चलता है। इस पर्व के साथ आने वाले नए साल के जश्न की तैयारियां की भी शुरुआत हो जाती है।

इस पर्व को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। वहीं इस दिन स्कूल, कॉलेज, और कई संस्थानों की छुट्टी रहती है।

क्रिसमस का इतिहास – Christmas History

प्रेम और भाईचारे के इस पर्व को प्रमुख रुप से ईसाई धर्म के ईस्ट देवता यीशु मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि 25 दिसंबर के दिन प्रभु ईसा मसीह माता मरियम की गर्भ से जन्मे थे। हालांकि उनके जन्म के विषय में कई विद्धानों के अलग-अलग मत हैं।

करीब तीसरी सदी से 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस के रुप में मनाना शुरु किया गया था। वहीं शुरुआत में इस त्योहार को लेकर काफी विरोध भी हुआ था, यहां तक की इसे मनाने पर रोक भी लगाई गई लेकिन फिर बाद में इसके महत्व को देखते हुए इस त्योहार को मनाया जाने लगा।

26 जून, 1870 में क्रिसमस को पहली बार फेडरल हॉलीडे के रुप में घोषित किया गया फिर बाद में क्रिसमस को पूरी दुनिया में मनाए जाने लगा।

हालांकि, क्रिसमस को मनाने को लेकर तमाम तरह की कथाएं और मान्यताएं हैं। क्रिसमस के पर्व को करीब 12 दिन तक मनाया जाता है।

क्रिसमस का महत्व – Importance Of Christmas

क्रिसमस के पर्व का ईसाई धर्म के लोगों के लिए काफी महत्व है। इस पर्व से ईसाईयों कोवईस्ट देवता ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है एवं ईसा मसीह द्धारा दी गई शिक्षाओं को याद किया जाता है।

इस पर्व को पूरी दुनिया में एक पारंपरिक और धार्मिक पर्व के रुप में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग चर्च में जाकर प्रार्थना करते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्ध एवं खुशियों की कामना करते हैं।

क्रिसमस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण एवं रोचक तथ्य – Facts About Christmas

क्रिसमस के दिन से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की शुरुआत होती है।

कई देशों में क्रिसमस को फीस्ट ऑफ सेंट स्टीफेंस और सेंट स्टीफेंस के नाम से भी जाना जाता है।

क्रिसमस के त्योहार के लिए यूरोप में हर साल करीब 60 मिलियन पेड़ उगाए जाते हैं।

उपसंहार

क्रिसमस का पर्व खुशियों का पर्व है। यह पर्व न सिर्फ हमें एकता के सूत्र में बांधे रखता है, बल्कि हमारे रिश्तों में मिठास घोलने का काम करता है। साथ ही हमारे मन को पवित्रता के भाव से भरता है और हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

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