कॉमेडी के बादशाह चार्ली चैपलिन | Charlie Chaplin Biography

कॉमेडी फिल्मो में चार्ली चैपलिन – Charlie Chaplin जिस तरह से काम किया है उसे देखते हुए हम उन्हें कॉमेडी फिल्मो के बादशाह भी कह सकते है। हम उनकी जितनी भी तारीफ़ करे उतनी कम ही होगी। फ़िल्म जगत में उन्होंने जो योगदान दिया है वो काफी महत्वपूर्ण रहा है। फिल्मो मे उन्होंने उस समय कॉमेडी की जब फिल्मो में आवाज भी नहीं थी।

चार्ली चैपलिन ने केवल अपने चहरे के इशारो से ही सारी दुनिया का दिल जीत लिया। ऐसा माना जाता है की कॉमेडी फिल्मे करना सबसे कठिन काम होता है। लेकिन चार्ली चैपलिन एक ऐसे महान अभिनेता थे जिन्होंने अधिकतर कॉमेडी फिल्मो में ही काम किया है। चार्ली चैपलिन ने अपने अभिनय से सारे फ़िल्म जगत को इतना प्रभावित किया की उनके आने से सारी फ़िल्म इंडस्ट्री पूरी तरह से बदल गयी।

ऐसे महान और मशहूर कॉमेडियन की जानकारी निचे दी गयी है। तो ज्यादा देर ना करते हुए हम आपको उनसे जुडी जानकारी से रूबरू कराते है।

Charlie Chaplin

कॉमेडी के बादशाह चार्ली चैपलिन – Charlie Chaplin Biography

जब भी कभी कॉमेडी का नाम लिया जाता है तब चार्ली चैपलिन का नाम लिया जाता है। जब मूक फिल्मे बनायीं जाती थी तब चार्ली चैपलिन एक महान अभिनेता के रूप में उभरकर आये थे। जब भी दर्शक उनकी फिल्मे देखते तो हस हसकर उनके पेट दुखने लगते थे।

उन्होंने अपने 75 साल के करियर में कई तरह के किरदार निभाये और कई सारी फिल्मो में काम किया। ऐसे महान कॉमेडियन ने कई सारी फिल्मो में बतौर अभिनेता के रूप में काम किया। ऊन्होने बहुत सारी फिल्मों का निर्देशन और निर्माण भी किया साथ ही उन्होंने उनकी फिल्मो के लिए संगीत कंपोज़ करने का काम भी किया।

चार्ली चैपलिन को लोग अधिकतर ‘द लिटिल ट्रंप’ नाम से जानते है, क्यों की एक फ़िल्म में उन्होंने इस लिटिल ट्रंप के किरदार को निभाया था। पूरी दुनिया के फ़िल्म जगत में चार्ली चैपलिन को आदर्श माना जाता है। कॉमेडी में उनका जो योगदान रहा है उसे देखते हुए कॉमेडी के पिता भी कहा जाता है।

उन्होंने फिल्मो में जिस तरह से अभिनय किया है उसे देखकर सभी फ़िल्म निर्माता और कॉमेडियन काफी प्रभावित हुए है। आज भी उनकी कई सारी फिल्मे काफी मशहूर है और लोग बड़े आनंद से उन्हें देखते है। उनकी फिल्मो को आज भी आदर्श फिल्मो के रूप में ही देखा जाता है। ‘मॉडर्न टाइम्स’, ‘द ग्रेट डिक्टेटर’, ‘द गोल्ड रश’, ‘द इमिग्रेंट’ और ‘द किड’ जैसी फिल्मे उनकी महान फिल्मो में गिनी जाती है।

चार्ली चैपलिन की जीवनी – Biography of Charlie Chaplin

चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन का जन्म 16 अप्रैल 1889 मे इंग्लैंड की राजधानी लन्दन में हुआ था। उनकी माँ हाना हिल चैपलिन एक महान और प्रतिभाशाली गायिका, अभिनेत्री, पियानो वादक थी और उनके पिताजी चार्ल्स स्पेंसर चैपलिन सीनियर एक कामयाब गायक हुआ करते थे। उनके माता पिता अलग होने के बाद चार्ली चैपलिन और उनके सौतेले भाई सिडनी ने अपना बचपन अनाथाश्रम में ही गुजारा।

जब वो अनाथाश्रम में रहते थे तो उनसे अगर कोई गलती होती तो उन्हें भूका रखा जाता था और कई बार उनकी पिटाई भी की जाती थी। चार्ली चैपलिन को ज्यादा कुछ पढना लिखना आता नहीं था तो उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और वो हास्य मनोरंजन करनेवाले लोगो के साथ में चले गए थे। आगे चलकर उन्होंने बहुत सारी कॉमेडी में भी काम किया। जब वो 19 साल के हो चुके थे तो पुरे इंग्लैंड में सबसे मशहूर कलाकार बन चुके थे।

चार्ली चैपलिन का करियर – Charlie Chaplin Career

चार्ली चैपलिन जब नाचनेवाले लोगो के समूह ‘द एट लंकाशायर लेड’ मे शामिल हो गए थे तब उन्होंने 1899 और 1900 के दौरान इंग्लैंड के सभी संगीत भवनों को भेट दी थी।

1903 में पहली बार उन्होंने जिम, अ रोमांस ऑफ़ कोकेन’ में खबर देनेवाले लड़के का किरदार निभाया तथा। यह शो उस समय जुलाई महीने में लन्दन के ‘किंग्स्टन अपॉन थेम्स’ हॉल में हुआ था लेकिन शो ज्यादा कामयाब नहीं हो सका।

अक्तूबर 1903 से जून 1904 में चार्ली चैपलिन सेंटसबुरी के साथ में सफ़र कर रहे थे और उस दौरान उन्होंने कई सारे शो किये और वो सभी बहुत कामयाब भी हुए जिसके कारण वो अभिनेता विलियम जिलेट के साथ में अभिनय करने के लिए लन्दन चले गए।

1906 में ‘कासे सर्कस’ के ग्रुप में चार्ली चैपलिन शामिल हो गए थे और वहापर उन्होंने कई सारे कॉमेडी शो भी किये जिसकी वजह से वो काफी मशहूर भी हुए थे। जब जुलाई 1907 में उनके ग्रुप का काम खतम हो गया था तो कुछ महीने के लिए उन्हें कुछ काम नहीं मिला था और वो किनिंगटन में अपने परिवार के साथ में ही रहते थे।

1910 में उन्होंने ‘जिमी द फीयरलेस’ में मुख्य अभिनेता का किरदार निभाया था जिसके कारण चार्ली चैपलिन काफी मशहूर हो गए थे। इस शो के बाद में वो मीडिया की नजरो में आ गए थे जिसके चलते बहुत ही कम समय में वो काफी मशहूर और कामयाब अभिनेता बन गए।

1913 में उन्होंने न्यू यॉर्क मोशन पिक्चर कंपनी के साथ में एक कॉन्ट्रैक्ट किया था जिसमे चार्ली चैपलिन को हर हफ्ते में 150 डॉलर मिलने वाले थे।

1914 में उन्होंने पहली बार ‘मेकिंग लिविंग’ फ़िल्म में काम किया था। उस फ़िल्म में उन्होंने ‘एडगर इंग्लिश’ जो एक स्त्रीमहिला की तरह बर्ताव करने वाला इन्सान का किरदार निभाया था।

1914 ने उन्होंने कीस्टोन स्टूडियो के ‘किड ऑटो रेसेस एट वेनिस’, ‘बिटवीन शावर’, ‘अ नाईट आउट’, ‘द चैंपियन’, ‘द ट्रंप’, ‘वर्क’, ‘अ वुमन’, ‘द बैंक’, ‘ट्रिपल ट्रबल’ और ‘पुलिस’ जैसी फिल्मो मे उन्होंने बहुत बढ़िया काम किया।

सन 1916 से 1917 तक चार्ली चैपलिन ने ‘म्यूच्यूअल फ़िल्म कारपोरेशन’ के लिए फिल्मो को निर्देशित करना, फिल्मो की कहानी लिखना और कभी कभी फिल्मो मे अभिनेता के रूप में काम भी किया। जीन फिल्मो में उन्होंने काम किया उन फिल्मो में ‘द फ्लोरवाकर’, ‘द वागाबांड’, ‘द पौनशॉप’, ‘द काउंट’, ‘द क्युअर’ और ‘द एडवेंचर’ जैसी प्रसिद्ध फिल्मे भी शामिल है।

1918 से लेकर तो 1923 तक उन्होंने कुल नौ फिल्मो में काम किया जिनको प्रसारित करने का काम ‘फर्स्ट नेशनल एक्झिबितर्स सर्किट’ ने किया था। उन नौ फिल्मो में ‘अ डॉग्स लाइफ’, ‘द बांड’, ‘पे डे’, ‘द पिलग्रिम’, ‘सनीसाइड’ और ‘द आयडल क्लास’ जैसी फिल्मे भी शामिल थी।

26 सितम्बर 1923 से उन्होंने ‘यूनाइटेड आर्टिस्ट्स लेबल’ के नाम से खुदी की फिल्मो को रिलीज़ करना शुरू कर दिया था। उन सभी फिल्मो के लिए उन्होंने निर्देशन किया, कुछ फिल्मो मे अभिनय का काम भी किया और कुछ कुछ फिल्मे तो ऐसी थी की जिनकी कहानी लिखना और संगीत देने का काम भी खुद चार्ली चैपलिन ने ही किया।

1925 में उनकी फ़िल्म ‘द गोल्ड रश’ को अकादमी अवार्ड भी मिला। उस फिल्मो में खुद चार्ली चैपलिन अभिनेता थे और उस फ़िल्म का निर्देशन और निर्माण का काम भी उन्होंने ही संभाला था। वो फिल्मो उनके सर्वश्रेष्ट फिल्मो में से एक फ़िल्म थी और आज भी उस फ़िल्म को लोग याद करते है।

सन 1928 में उनकी ‘द सर्कस’ फ़िल्म रिलीज़ हुई थी। उस फ़िल्म में उन्होंने एक विदूषक का किरदार निभाया था। उस मूक फ़िल्म का उस वक्त में सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म में नाम शामिल कर लिया गया था। वो फ़िल्म केवल 70 मिनट की मूक फ़िल्म थी।

1936 मे उनकी ‘द मॉडर्न टाइम्स’ फ़िल्म आयी थी। उस फिल्म में दिखाया गया था की दुनिया में तेजी से बढ़ने वाले औद्योगिकीकरण के साथ मेल बिठाना कितना कठिन काम होता है। उनकी सबसे प्रसिद्ध मूक फिल्मो में ‘मॉडर्न टाइम्स’ का भी नाम लिया जाता है।

सन 1940 में उनकी ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ फ़िल्म आयी थी। यह फ़िल्म उस समय की सुपरहिट फ़िल्म थी और फिल्म ने बहुत कमाई भी की थी।

1952 में अकादमी अवार्ड जितने वाली फ़िल्म ‘लाइमलाइट’ रिलीज़ की गई थी। इस फ़िल्म को लन्दन में शूट किया गया था। यह फ़िल्म प्रथम विश्व युद्ध पर आधारित फ़िल्म थी। इस फिल्मे में चार्ली चैपलिन ने ‘काल्वेरो’ नाम के विदूषक का किरदार निभाया था।

1957 में उन्होंने ‘अ किंग इन न्यूयॉर्क’ नाम की कॉमेडी फ़िल्म को निर्देशित किया था और उस फ़िल्म में उन्होंने खुद अभिनय भी किया था। यह फ़िल्म अमेरिका के राजनितिक और सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालनेवाली फ़िल्म थी। इस फिल्म ने ठीकठा क कमाई की थी और इस फ़िल्म पर लोगो ने संमिश्र प्रतिक्रिया भी दी थी।

1967 में रिलीज़ हुई ‘अ काउंटेस फ्रॉम होन्ग कोंग’ फ़िल्म चार्ली चैपलिन की सबसे आखिरी हिट फ़िल्म थी।

चार्ली चैपलिन का निजी जीवन – Charlie Chaplin’s Personal Life

चार्ली चैपलिन ने चार बार शादी की थी। उन्होंने मिल्ड्रेड हारिस, लिटा ग्रे और पौलेट गोडार्ड से शादी की थी लेकिन इन सभी के साथ उन्हें तलाक लेना पड़ा।
1943 में उन्होंने चौथी बार ऊना ओ नील से शादी की और उन्हें आठ बच्चे भी हुए। मरते दम तक वो दोनों साथ में ही थे।

चार्ली चैपलिन की मृत्यु – Death of Charlie Chaplin

25 दिसंबर 1977 को चार्ली चैपलिन की उनके घर में मृत्यु हो गयी थी। तब वो स्विट्ज़रलैंड के कोर्सिर सुर वेवे में रहते थे। उनके आखिरी वक्त में उनकी पत्नी ऊना और उनके सात लड़के भी उनके साथ में थे।

चार्ली चैपलिन की डेड बॉडी को एक फ़िल्म में चुराया गया था, तो उनके बॉडी को वापिस पाने के लिए दो लोगो ने 400,000 डॉलर मांगे थे। उसके बाद में ही उनके डेड बॉडी को स्विट्ज़रलैंड में जिनेवा लेक के नजदीक दफनाया गया था।

आगे उस फ़िल्म में यह भी दिखाया गया था की उन दो लोगो को गिरफ्तार किया गया था और चार्ली चैपलिन की बॉडी को 11 हफ्तों के बाद मिली थी।

चार्ली चैपलिन को मिले हुए पुरस्कार – Awards to Charlie Chaplin

चैपलिन को अपने जिंदगी में कई सारे पुरस्कार मिले लेकिन सभी पुरस्कार उन्हें बहुत देर के बाद मिले।

  • 1975 में ‘न्यू इयर ऑनर’ ने उन्हें ‘नाइट कमांडर ऑफ़ द मोस्ट एक्सीलेंट आर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर’ नियुक्त किया गया था।
  • 1962 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड और यूनिवर्सिटी डरहम ने उन्हें ‘डॉक्टर ऑफ़ लैटर’ डिग्री से सम्मानित किया था।
  • 1965 में चार्ली चैपलिन और इंगमार को दोनों को साथ में ‘एरास्मस प्राइज’ से नवाजा गया था।
  • सन 1971 में फ्रांस सरकार ने उन्हें ‘कमांडर ऑफ़ द नेशनल आर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर’ के रूप में नियुक्त भी किया था।
  • 1972 में फ़िल्म जगत की तरफ़ से भी उन्हें वेनिस फ़िल्म समारोह में ‘गोल्डन लायन’ पुरस्कार दिया गया था और उसी साल ‘लिंकन सेण्टर फ़िल्म सोसाइटी’ ने चार्ली चैपलिन को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से भी सम्मानित किया था।
  • चैपलिन को अवार्ड देने के बाद में हर साल फ़िल्म निर्माताओ को ‘द चैपलिन अवार्ड’ दिया जाने लगा।
  • सन 1972 में उन्हें ‘हॉलीवुड वाक ऑफ़ फेम’ पुरस्कार भी दिया गया। कुछ राजनितिक कारणों की वजह से उन्हें यह पुरस्कार देरी से दिया गया था।
  • चार्ली चैपलिन को तीन अकादमी अवार्ड मिल चुके है।
  • सन 1929 में ‘द सर्कस’ फिल्म में अभिनय, स्क्रिप्ट लिखने के लिए, निर्देशन और फ़िल्म निर्माण के लिए चार्ली चैपलिन को अकादमी अवार्ड से नवाजा गया था।
  • सन 1972 में उन्होंने जो मोशन पिक्चर में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया था उसके लिए भी उन्हें अकादमी पुरस्कार दिया गया था और 1973 में ‘लाइमलाइट’ फिल्म के लिए भी उन्हें अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ फ़िल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ट अभिनेता, सर्वश्रेष्ट स्क्रीनप्ले और सर्वश्रेष्ट पिक्चर (निर्माता के रूप में) के लिए भी नामित किया गया था साथ ही उन्हें ‘मोंसर वर्दोक्स’ फ़िल्म के लिए भी नामित किया गया था।
  • सन 1976 में उन्हें ‘ब्रिटिश अकादमी ऑफ़ फ़िल्म एंड टेलीविज़न आर्ट्स’ (बीएएफटीए) का फेलो भी बनाया गया था।

यूनाइटेड स्टेट्स लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस के ‘नेशनल फ़िल्म रजिस्ट्री’ में चैपलिन की कुछ 6 महत्वपूर्ण फिल्मो को संभालकर रखा गया है। द इमिग्रेंट(1917), द किड(1921), द गोल्ड रश (1925), सिटीलाइट(1931), मॉडर्न टाइम्स(1936) और द ग्रेट डिक्टेटर(1940) इन 6 फिल्मो को संभालकर रखा गया है।

चार्ली चैपलिन की फिल्मोग्राफी – Charlie Chaplin’s Filmography

  • द किड (1921)
  • अ वुमन ऑफ़ पेरिस(1923)
  • द गोल्ड रश(1925)
  • द सर्कस(1928)
  • सिटी लाइट्स(1931)
  • मॉडर्न टाइम्स(1936)
  • द ग्रेट डिक्टेटर(1940)
  • मोंसुर वर्दोक्स(1947)
  • लाइमलाइट(1952)
  • अ किंग इन न्यूयॉर्क(1957)
  • अ काउंटेस फ्रॉम हांगकांग(1967)

चार्ली चैपलिन बचपन से ही काफी होशियार थे। उन्होंने बचपन से ही गाना गाना शुरू कर दिया था। उनके पिताजी भी बहुत प्रसिद्ध गायक थे। जब चार्ली चैपलिन छोटे थे तो उनके पिताजी ने उन्हें और उनकी माँ को घर से निकाल दिया था। उनके पिताजी को शराब पिने की बुरी लत थी जिसकी वजह से उन्हें सब कुछ खोना पड़ा। लेकिन चार्ली चैपलिन ने बचपन से शो करना शुरू कर दिया था क्यों की उनके घर में उनके अलावा कमाने वाला कोई नहीं था। उनके माँ की भी दिमागी हालत ठीक नहीं रहती थी। ऐसी मुश्किल हालत का सामना करते हुए उन्होंने अपने करियर को बहुत बड़ी कामयाबी पर पंहुचा दिया था।

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9 COMMENTS

  1. उत्तम लेख चैपलिन के उपर . चैपलिन जैसा हास्य कलाकार इस सिनेमा जगत में दूसरा कोई और नहीं |

  2. कॉमेडी के बादशाह चार्ली चैपलिन की जीवनी हमसे शेयर करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद् | आपके द्वारा लिखा गया ये बेहतरीन लेख हमे बहुत अच्छा लगा, उम्मीद है की और भी लोगो को पसंद आया होगा | Gossip Junction की तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद आपका |

    • धन्यवाद जी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए, कॉमेडी किंग चार्ली चैपलिन ने जिस तरह से फिल्मों में अपने मनोरंजक अभिनय से लोगों का दिल जीता वही काफी सराहनीय है। वहीं फिल्म जगत में चार्ली चैपलिन को आदर्श माना जाता है वहीं उन्होंने काफी संघर्षों का सामना करते हुए अपने करियर को कामयाबी के शिखर तक पहुंचा दिया था जो कि काफी प्रेरणास्त्रोत हैं।

    • धन्यवाद सर आपको हमारा ये पोस्ट अच्छा लगा। हम आशा करते हैं कि आपको आगे भी हमारे आर्टिकल पसंद आएंगे।

  3. लोगो के ऊबाऊ जीवन मे हंसी के फुहार छोडना बडी बात है । लोगो को हंसाना एक नेक काम है और इस नेक काम के बादशाह की ज्ञान दायक जीवन रहा है ।

    • धन्यवाद! विक्रम जी, चार्ली चैपलिन भारतीय कॉमेडी फिल्मों के बादशाह रहे हैं, इन्होंने अपनी एक्टिंग से न सिर्फ लाखों लोगों के दिल में जगह बनाई बल्कि अपने करियर को भी कामयाबी के शिखर पर पहुंचाया जो कि काफी प्रेरणादायक है।

    • शुक्रिया, आपने हमारे इस लेख को पढ़ा, हमें जानकर बेहद खुशी हुई कि आपको हमारे ये लेख पसंद आया। आशा है कि हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध बाकी लेख भी आपको जरूर पसंद आएंगे।

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