Chanakya Ki Rachnaye
भारतीय इतिहास के सबसे प्रबल विद्धान आचार्य चाणक्य ने अपनी दूरदर्शिता के बल पर कई कृतियों की रचना की, हालांकि उन्होंने कितनी पुस्तकों की रचना की, इस बारे में इतिहाकारों के अलग-अलग मत हैं।
उनके द्वारा रचित ”अर्थशास्त्र” उनकी सबसे महत्वपूर्ण कृति है जो कि आज भी काफी प्रासांगिक और महत्वपूर्ण है। उनके इस ग्रंथ की रचना का उल्लेख भी कई इतिहासकारों द्वारा किया गया है।
इसके अलावा उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति एवं कौटल्य अर्थशाशास्त्र का उल्लेख भी मिलता है, लेकिन उनकी अन्य रचनाओं का कोई खास प्रमाण नहीं मिलता है। चाणक्य द्वारा रचित उनकी मूल कृतियां इस प्रकार हैं-
महान दार्शनिक एवं अर्थशास्त्र आचार्य चाणक्य की प्रसिद्ध किताबें – Chanakya Book in Hindi
-
कौटिलीय अर्थशास्त्र – Ethics Of Chanakya
चाणक्य ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ”कौटिलीय अर्थशास्त्र” में राजनीति शास्त्र की बेहद अच्छे से व्याख्या की है। यह उनके द्वारा रचित सर्वोत्तम ग्रंथों में से एक है।
-
अर्थशास्त्र – Arthashastra
आचार्य चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र उनकी सबसे महान और प्रसिद्ध कृति है जिसका महत्व आज भी उतना ही है, जितना की उस दौरान था।
उन्होंने अपनी इस कृति में राजनति, अर्थनीति, आचरण शास्त्र, अर्थशास्त्र, रसायन शास्त्र, इंजीनियरिंग विद्या, भू-गर्भ विद्या, धर्म समेत भौतिक सफलता के संबंध में शानदार ढंग से वर्णन किया है।
कौटिल्य के इस प्रसिद्ध ग्रंथ अर्थशास्त्र में 180 प्रकरण, 150 अध्याय, 6 हजार श्लोक और 15 अधिकरण हैं। इस ग्रंथ को ‘ मौर्य काल के समाज का दर्पण माना जाता है, जिसमें समाज के स्वरूप का सर्वागं स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है।
वहीं उनके द्वारा रचित यह मशहूर ग्रंथ जब प्रकाश में आया तब साल 1905 में तंजौर के एक ब्राह्मण ने प्राच्य लाइब्रेरी में इसे भेंट किया था।
उन्होंने अपने इस ग्रंथ में राजनैतिक विचारों को समाहित किया है। उन्होंने अपनी इस रचना में बेहद उत्तम तरीके से राज्य की अवधारणा को प्रतिवादित किया है।
चाणक्य ने अर्थशास्त्र में राजनीति के साथ तर्कशास्त्र, दणडनीति को भी समझाने की कोशिश की थी।
-
चाणक्य नीति – Chanakya Niti
इतिहास के महान दार्शनिक एवं बुद्धिजीवी चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति ग्रंथ भी उनके सबसे प्रमुख ग्रंथों में से एक हैं। अपने इस ग्रंथ में उन्होंने राजनीति, किसान, अर्थनीति, समाजनीति, आदि विषयों से संबंधित बेहद अहम जानकारी उपलब्ध करवाई है।
उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति में जीवन के कुछ ऐसे सिद्धान्तों की भी व्याख्या की गई है, जिन्हें अगर मनुष्य अपने जीवन में गंभीर रुप से अपना लें तो वह सफल एवं सुखी जीवन व्य्तीत कर सकता है।
आचार्य चाणक्य ने अपने इस सुप्रसिद्ध ग्रंथ में एक कुशल प्रशासक बनने और सत्ता संभालने के भी अचूक नीतियां बताईं हैं। उन्होंने अपनी इस ग्रंथ के माध्यम से राजनीति की सही व्याख्या भी दी है, उन्होंने बताया कि राजनीति में किसी को भी अपनी गुप्त बातें नहीं बतानी चाहिए, नहीं तो यह विनाश का कारण बनती है।
इसके साथ ही उन्होंने अपनी चाणक्य नीति में यह भी समझाने की कोशिश की है कि व्यक्ति को कभी भी रिस्क लेने से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि कई बार भविष्य में अच्छा करने के लिए वर्तमान में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेने पड़ते हैं।
चाणक्य नीति के मुताबिक व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ कठोर फैसले जरूर लेने चाहिए।
इसके साथ ही भारत के महान अर्शशास्त्री और दार्शनिक आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में मूर्ख और कांटो से बचने के लिए भी उपाय बताए हैं, उन्होंने सलाह दी कि पैर में जूते पहनों और उन्हें इतना शर्मसार करो कि वो अपना सिर कभी उठाने लायक नहीं रहे और आपसे हमेशा दूर रहें।
इसके अलावा आचार्य चाणक्य ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ चाणक्य नीति में उन व्यक्तियों को सलाह दी है, जो पैसा कमाना तो चाहते हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में नहीं रखते, जैसे कि गंदे कपड़े पहनते है, दांत साफ नहीं रखते, जरूरत से ज्यादा खाते है एवं कटु शब्द बोलते हैं।
ऐसे व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में सफलता हासिल नहीं कर सकते हैं नहीं होती। इन सबके अलावा आचार्य चाणक्य में अपने इस ग्रंथ में जीवन के मूल्यों को बताया है और मनुष्यों को सुखी जीवन व्यतीत करने के अमूल्य उपायों को बताया है।