CBSE vs State Board
नवीनीकरण के युग मे जहा विज्ञान ने चिकित्सा एवं तकनिकी क्षेत्र मे अभूतपूर्व तरक्की की है, वही शिक्षा मे भी बहूत सारे मायने मे सुधार आया है। इससे शिक्षा का दायरा भी काफी बढ गया है, तथा छात्रो को शिक्षा प्रणाली से जुडने के लिये नये नये विकल्प भी सामने आये है।
बात करे शिक्षा प्रसार तथा नये शिक्षा विकल्पो की तो, आज भारतभर मे सार्वजनिक शिक्षा बोर्ड के साथ अन्य भी नये बोर्ड शामिल हुए है, जिनके द्वारा उच्च मानक तथा स्तर की शिक्षा मुहैय्या कराई जाती है। इसमे ही शामिल बोर्ड जैसे के सी.बी.एस.ई, आई.सी.एस.ई इत्यादी काफी मशहूर बोर्ड के विकल्प उपलब्ध है, जिनके भारत के बहूत सारे क्षेत्रो मे विद्यालय मौजूद है।
स्टेट बोर्ड एक पारंपारिक शिक्षा व्यवस्था मानी जाती है, जिसके अंतर्गत लगभग हर राज्य के जिला, तालुका तथा गावो तक पाठशालाए मौजूद होती है। इस महत्वपूर्ण लेख मे आप स्टेट बोर्ड और सी.बी.एस.ई बोर्ड के बिच कुछ बुनियादी तथ्यो पर तुलनात्मक ढंग से जानकारी हासिल कर पायेंगे, जो के आपको सही शिक्षा बोर्ड का चयन करने के लिये फायदेमंद साबित होगा।
CBSE या State Board, कौनसा है आपके लिये सबसे बेहतर – Which is Better CBSE or State Board
स्टेट बोर्ड क्या होता है? – What is State Board
हर राज्य सरकार के अंतर्गत एक सरकारी शिक्षा बोर्ड होता है, जो उस विशिष्ट राज्य के लिये पाठ्यक्रम तैयार करना, परीक्षा का आयोजन एवं नियोजन करना, तथा परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित करना इत्यादी कार्य करता है।
हर राज्य सरकारो के विभिन्न जिलो, तालुका तथा गावो मे सरकारी पाठशालाए होती है, जो की इस स्टेट बोर्ड के अंतर्गत आती है, इस तरह के शिक्षा बोर्ड को स्टेट बोर्ड कहते है।
सी.बी.एस.ई बोर्ड क्या है? – What is CBSE Board
सी.बी.एस.ई यानी के सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एज्युकेशन भारत सरकार के अंतर्गत आनेवाला बोर्ड होता है, जिसका पाठ्यक्रम एन.सी.ई.आर.टी द्वारा तैयार किया जाता है।
हालाकि देशभर के विभिन्न निजी पाठशालाओ ने इस बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा का प्रसार करना शुरू कर दिया है, जो की उच्च मानक तथा स्तर प्राप्त शिक्षा कहलाई जाती है। लगभग भारत के ज्यादातर राज्यो मे इस बोर्ड के अंतर्गत पाठशालाए मौजूद है, तथा अधिकतर छात्र इस बोर्ड का हिस्सा बन चुके है।
कौनसे बोर्ड का चयन आपके लिये सही निर्णय साबित हो सकता है? – Which Board is Best
इस विषय पर कोई भी निर्णय लेने से पूर्व आपको इन दोनो बोर्ड के बारे मे कुछ मुलभूत तथ्यो पर तुलनात्मक जानकारी हासिल करना अत्यंत आवश्यक चीज बन जाती है, ऐसेही कुछ महत्वपूर्ण पह्लूओ पर आपको निचे विस्तार से जानकारी मिल पायेगी।
१. शिक्षा शुल्क – Fees
- स्टेट बोर्ड
स्टेट बोर्ड के अंतर्गत आनेवाले पाठशालाओ का शिक्षा शुल्क अंत्यंत कम होता है, क्योंकी ये सभी पाठशालाए राज्य सरकार के अंतर्गत आती है तो यहा सरकार की शिक्षा संबंधी सभी दिशानिर्देष लागू किये होते है। इसिलिये बहूत सारे स्टेट बोर्ड के अंतर्गत आनेवाली पाठशालाओ मे शिक्षा शुल्क नही होता है, जहा मुफ्त मे बच्चो को शिक्षा प्रदान की जाती है।
- सी.बी.एस.ई
सी.बी.एस.ई इस बोर्ड के अंतर्गत आनेवाली तथा शिक्षा देनेवाली अधिकतर पाठशालाए निजी होती है, जिनका शिक्षा शुल्क स्टेट बोर्ड की पाठशालाओ से काफी अधिक होता है।
२. पाठ्यक्रम (Board Syllabus)
- स्टेट बोर्ड
१. स्टेट बोर्ड के अंतर्गत आनेवाली शिक्षा का पाठ्यक्रम बहूत ही सरल एवं सर्वसमावेशक होता है, जिसमे हर एक राज्य के भाषा अनुसार शिक्षा के माध्यम तथा विषय उपलब्ध होते है।
२. इस बोर्ड के अंतर्गत पढने वाले बच्चो को बहूत सारे विषयो पर जानकारी अन्य बोर्ड के तुलना मे कम ही दी जाती है, क्योंकी इस बोर्ड का पाठ्यक्रम उतना विस्तार से नही होता है, सिर्फ बुनियादी जानकारी पाठ्यक्रम मे शामिल की जाती है।
३. बहूत सारे बच्चो के बुनियादी चीजो पर आधारित प्रश्न इस बोर्ड के अंतर्गत पढते वक़्त, सुलझ नही पाते।
४. राज्य के अनुसार हर एक विशिष्ट राज्य का पाठ्यक्रम अलग अलग होता है, इसके वजह से जो छात्र स्थानांतरण करते है, उन्हे काफी सारे दिक्कतो का सामना करना पडता है।
५. इस बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा का ज्यादातर झुकाव व्यवहारिक शिक्षा पर होता है।
- सी.बी.एस.ई
१. इस बोर्ड के अंतर्गत आनेवाला शिक्षा पाठ्यक्रम स्टेट बोर्ड के तुलना मे काफी कठीण तथा उच्च स्तर का होता है।
२. ये बोर्ड भारत सरकार के अधीन होता है, इसलिये पुरे भारतभर के इस बोर्ड के अंतर्गत आनेवाली पाठशालाओ मे लगभग एक जैसा पाठ्यक्रम होता है।
३. इस बोर्ड के अंतर्गत पढने वाले छात्र शिक्षा पाठ्यक्रम से काफी अच्छी तरह से जुड पाते है ,तथा उनके लिये दोस्ताना माहौल मे पढाई करना आसान हो जाता है।
४. इस शिक्षा प्रणाली मे विज्ञान के दृष्टीकोन से छात्रो के सवाल सुलझाने पे ज्यादा जोर दिया जाता है, इस वजह से छात्र काफी अच्छे तरह से उनके सवालो के जवाब हासिल कर पाते है।
भलेही ये दोनो ही अलग बोर्ड है पर प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा प्रणाली मे ये स्वतंत्र विशिष्टता के साथ शिक्षा का प्रसार कर रहे है।
३. किताबे (Books)
- स्टेट बोर्ड
हर एक राज्य के शिक्षा बोर्ड मे शिक्षा का पाठ्यक्रम तथा शिक्षाक्रम तय करने के लिये समिती गठन की हुई होती है, जो उस राज्य के स्टेट बोर्ड के लिये किताबे निर्धारित करती है।
- सी.बी.एस.ई
अधिकतर बार सी.बी.एस.ई बोर्ड की किताबे तथा शिक्षाक्रम एन.सी.ई.आर.टी द्वारा तय किया जाता है, हालाकि ये जरुरी नही होता के एन.सी.ई.आर.टी द्वारा तय किताबो से ही इस बोर्ड के छात्रो ने पढाई करनी चाहिये, ये अनिवार्य कदापि नही होता।
४. बोर्ड के फायदे (Benefits Of Boards)
- स्टेट बोर्ड के फायदे – Benefits of State Board
१. इस बोर्ड के अंतर्गत आनेवाले पाठ्यक्रम मे सभी तरह की बुनियादी तथा महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होती है, जिसमे संबंधित राज्य से जुडी जानकारी भी शामिल होती है।
२. छात्र एवं उनके माता पिता शिक्षा के माध्यम का चयन करने का निर्णय ले सकते है।
३. विशिष्ट राज्य तथा प्रदेश की सभी बुनियादी जानकारी पाठ्यक्रम मे दी जाती है।
४. राज्य सरकार द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा मे इस बोर्ड के छात्र अच्छे अंक हासिल कर सकते है।
५. इस बोर्ड के शिक्षाक्रम मे अंग्रेजी के साथ अन्य भी भाषाए शामिल होती है।
- सी.बी.एस.ई बोर्ड के फायदे – Benefits of CBSE Board
१. इस बोर्ड के अंतर्गत पढने वाले छात्र राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा मे अच्छे अंक प्राप्त कर पाते है जैसे के जे.ई.ई, नीट, युपीएससी इत्यादी प्रतियोगिता परीक्षाए इसमे शामिल है।
२. इस शिक्षा प्रणाली का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी होता है, तो बच्चे भारत भर मे कौनसे भी पाठशाला मे आसानी से पढ पाते है।
३. इस शिक्षा प्रणाली का स्तर काफी उच्च तथा मानक प्राप्त होता है, इसलिये उज्वल भविष्य के लिये छात्रो को काफी मदद मिल पाती है।
इत्यादी पह्लू इन दोनो बोर्ड के विषय मे सामने आते है, एक समझदार तथा जागरूक माता पिता होने के नाते एक सही बोर्ड का चयन करना अंतिमत: आपकी जिम्मेदारी बन जाती है। आशा है आपको ये जानकारी काफी अच्छी लगी होगी और आप इसका सही लाभ होगा।