अरविंद केजरीवाल भारतीय राजनीति का वो चेहरा हैं, जिन्होंने बेहद कम समय में ही राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बना ली है। राजनीति में आने से पहले वे एक आईआरएस अधिकारी थे, जिन्होंने सामाजिक सेवा के उद्देश्य से राजस्व सेवा से इस्तीफा दे दिया था।
वहीं अन्ना हजारे के जनलोकबिल बिल आंदोलन के बाद उन्होंने भारतीय राजनीति में सक्रिय रुप से अपना कदम रखा था और फिर आम आदमी पार्टी की स्थापना की। केजरीवाल साल 2013 से साल 2020 तक तीन बार दिल्ली के सीएम बन चुके हैं, तो आइए जानते हैं अरविंद केजरीवाल जी के जीवन और उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में-
अरविंद केजरीवाल के जीवन से जुड़ी ऐसी बातें जिनके बारे में नहीं जानते होंगे आप – Arvind Kejriwal Biography in Hindi
एक नजर में –
नाम (Name) | अरविंद केजरीवाल |
जन्मदिन (Birthday) | 16 अगस्त 1968, सिवानी, हरियाणा |
पिता का नाम (Father Name) | गोबिंद राम केजरीवाल |
माता का नाम (Mother Name) | गीता देवी |
पत्नी (Wife Name) | सुनीता केजरीवाल (आईआरएस अधिकारी) |
बच्चे (Childrens) | हर्षिता, पुलकित |
शैक्षणिक योग्यता (Education) | आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन |
पार्टी (Political Party) | आम आदमी पार्टी |
जन्म, बचपन, परिवार एवं शिक्षा –
भारतीय राजनीति का एक प्रमुख चेहरा माने जाने वाले अरविंद केजरीवाल 16 अगस्त 1968 में हरियाणा के सिवानी गांव में एक साधारण परिवार में पैदा हुए थे। अरविंद केजरीवाल के पिता गोविंद राम केजरीवाल जी एक इलैक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। इनकी माता गीता देवी एक घरेलू महिला हैं।
केजरीवाल अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। इनके भाई मनोज पुणे की आईबीएम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जबकि उनकी छोटी बहन हरिद्धार में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड बीएचईएल में डॉक्टर हैं। केजरीवाल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई हिसार के कैंपस स्कूल से की।
फिर इसके बाद उन्होंने सोनीपत में स्थित क्रिश्चयन मिशनरी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी। इसके बाद आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में केजरीवाल ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। साल 1989 में उन्होंने जमशेदपुर में टाटा स्टील कंपनी में अपनी पहली जॉब ज्वाइन की। यहां तीन साल काम करने के बाद उन्होंने साल 1992 में यह कंपनी छोड़ दी और फिर सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरु कर दी, जिसमें उन्होंने अपनी विवेकशीलता और बुद्दिमत्ता से पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली, जिससे वे IRS अफसर के रुप में नियुक्त हुए और भारत सरकार के अधीन काम करने लगे।
मदर टेरेसा से मुलाकात के बदली केजरीवाल की जिंदगी:
इसी दौरान अरविंद केजरीवाल मदर टेरेसा की दयालुता और करुणा से इतना अधिक प्रभावित हुए कि उनके साथ समाज सेवा करने की इच्छा लेकर कोलकाता चले गए। इसके बाद मदर टेरेसा ने केजरीवल को कोलकाता में स्थित कालीघाट आश्रम में जरुरतमंद, गरीब और असहाय लोगों की मद्द के लिए भेज दिया।
यहां उन्होंने करीब 2 महीने तक काम किया और यहां रहकर कुछ सीखा एवं इससे उनकी सोच और व्यक्तित्व पर भी काफी असर पड़ा। वहीं अरविंद केजरीवाल मदर टेरेसा के साथ उनकी मुलाकात को उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट बताते हैं। वहीं इसके बाद केजरीवाल ने ”क्रिश्चयन ब्रदर्स एसोसिएशन” के साथ काम किया।
इसके साथ केजरीवाल ने अपने कई गांवों के लिए ”राम कृष्ण मिशन” के साथ जुड़कर भी काम किए हैं। इसके अलावा केजरीवाल ने इनकम टैक्स डिपार्टममेंट में काम करते हुए ”परिवर्तन” जन आंदोलन कर दिल्ली में होने राशनकार्ड को लेकर हुए घोटाले का भी खुलासा किया था।
विवाह एवं बच्चे –
अरविंद केजरीवाल ने 25 साल की उम्र में साल 1995 में राष्ट्रीय जिलाकर संस्था नागपुर और राष्ट्रीय प्रशासन संस्था मसूरी में उनकी सहकर्मी रह चुकी IRS ऑफिसर सुनीता केजरीवाल से शादी कर ली। शादी के बाद दोनों को पुलकित और हर्षिता नाम के दो बच्चे पैदा हुए। वे अपनी निजी जिंदगी में काफी अधिक खुश हैं।
राजनीति में कदम रखना –
अरविंद केजरीवाल एक ऐसे राजनेता हैं, जिनका किसी भी तरह का पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं रहा है, हालांकि उन्होंने हमेशा समाज कल्याण के काम एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाले आंदोलनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं राजनीति में आने से पहले उन्होंने अन्ना हजारे द्धारा चलाए गए जनलोक पाल बिल आंदोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसी दौरान लोगों के बीच अपनी छवि बनाने में एक यूथ आइकॉन के रुप में उभरे थे।
वहीं इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने जन लोकपाल बिल को मुख्य मुद्दा बनाते हुए राजनीति में कदम रखा। केजरीवाल ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा था कि, जब वे आईआरएस अधिकारी के रुप में काम करते थे, उस दौरान भी उन्हें भ्रष्टाचार, घोटाले जैसी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जिसकी वजह से उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद वे लगातार समाजिक मुद्दे से जुड़कर इस दिशा में काम करते रहे।
“आम आदमी पार्टी” की स्थापना –
अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2012 में औपचारिक रूप से भारतीय राजनैतिक पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) की स्थापना की थी। आपको बता दें कि अरविंद केजरीवाल साल 2011 के दौरान समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ जन लोकपाल बिल विधेयक को पारित करवाने की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन किया था।
वहीं इस दौरान भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आंदोलन के राजनीतिकरण को लेकर अन्ना हजारे और केजरीवाल के बीच कुछ मतभेद हो गए, दअरसल केजरीवाल का मानना था कि प्रत्यक्ष राजनैतिक भागीदारी के अभाव की वजह से उन्हें इस आंदोलन में सफलता नहीं मिली थी, जबकि अन्ना हजारे का कहना था कि आंदोलन को राजनैतिक रुप से निरंकुश बना रहना चाहिए।
इस तरह से इस आंदोलन की विफलता के बाद केजरीवाल ने कुछ आईएसी (इंडयिन अगेंस्ट करेप्शन) के सदस्यों के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन करने का फैसला लिया था। हालांकि अन्ना हजारे, किरण बेदी समेत कई आईएसी टीम के सदस्यों ने उनके इस फैसले का विरोध भी किया था।
राजधानी दिल्ली के सीएम के रुप में –
अरविंद केजरीवाल, साल 2013 में हुए दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के सीएम उम्मीदवार के रुप में खडे़ हुए और तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी कांग्रेस की शीला दीक्षित को करीब 25 हजार 864 वोटों से हराकर विजय हासिल की।
इस चुनाव में 70 में से 28 सीटें अपने नाम कर केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी, हालांकि पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं होने की वजह से इस बार ”आप” ने कांग्रेस के समर्थन के साथ अल्पसंख्यक सरकार बनाई। इस तरह उन्होंने 28 दिसंबर, 2013 को दिल्ली के सीएम के रुप में शपथ ली। हालांकि, 49 दिनों के के बाद फरवरी, 2014 में केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
उनके इस्तीफे के बाद करीब 1 साल तक दिल्ली में दिल्ली में एलजी (लेफ्टीनेंट गर्वनर) का शासन रहा था। इसके बाद साल 2014 में अरविंद केजरीवाल ने 16वें लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें इस चुनाव में काफी बडे़ मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।
साल 2015 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। इस चुनाव में केजरीवा ने 70 में से 67 सीटों पर जीत दर्ज करवाई थी और 14 फरवरी, 2015 को दिल्ली के सीएम के रुप में शपथ थी। साल 2020 में हुए दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर से जनता का प्यार और पूर्ण समर्थन मिला और उन्होंने भारी बहुमत से विजय हासिल की। और फिर से दिल्ली के सीएम के रुप में राजधानी दिल्ली की बागडोर संभालने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ।
चर्चित विवाद –
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बहुत जल्दी राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बना ली है, लेकिन इन्हें अपने अब तक के राजनैतिक सफर में काफी विवादों का भी सामना करना पड़ा है, जिनमें से कुछ चर्चित विवाद इस प्रकार हैं-
टीवी विज्ञापन को लेकर रहे सुर्खियों में:
अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के प्रचार के लिए एक टीवी विज्ञापन निकल वाया था, जिसकी पंच लाइन थी कि ”वो परेशान करते रहे, हम काम करते रहे” इसको लेकर वे काफी सुर्खियों में रहे।
योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ बिगड़े संबंध:
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की स्थापना में प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन इसके बाद केजरीवाल के इन दोनों के साथ मतभेद हो गए और एक वीडियो में केजरीवाल, इन दोनों को अभद्र भाषा एवं गाली का इस्तेमाल करते नजर आए थे, जिसको लेकर भी केजरीवाल काफी सुर्खियों में रहे थे।
दिल्ली के पूर्व गवर्नर नजीब जंग के साथ विवाद:
साल 2015 में अरविंद केजरीवाल उस समय काफी सुर्खियों में रहे जब उन्होंने दिल्ली के पूर्व गर्वनर नजीब जंग पर यह आरोप लगाया था कि वो केन्द्र सरकार के कहने के मुताबिक काम कर रहे हैं।
केजरीवाल पर फर्जी डिग्रियों वालों को दी पार्टी में जगह देने का आरोप:
सीएम अरविंद केजरीवाल उस समय काफी विवादों में घिरे गए जब कई विपक्षी राजनेता समेत कई लोगों ने उन पर अपनी पार्टी में फर्जी डिग्री रखने वालों को टिकट देने का आरोप लगाए थे।
सीएम आवास का बिजली बिल ज्यादा आने पर रहे सुर्खियों में:
सीएम केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री निवास में लाइट का बिल करीब 1 लाख रुपए आया था, जिसके चलते विपक्ष ने इन पर अनावश्यक तरीके से लोगों के पैसों का इस्तेमाल कर सुख भोगने का आरोप लगाया था, वहीं इसी दौरान उनके निवास पर 35 एसी, कई कूलर होने की बात सामने आई थी।
दिल्ली पुलिस और केजरीवाल के बीच तनाव:
अरविंद केजरीवाल उस समय काफी विवादों में रहे थे, जब उन्होंने अपने एक इंटरव्यू के दौरान दिल्ली की पुलिस को ठुल्ला कहा था। दअरसल, दिल्ली पुलिस केन्द्र सरकार के अधीन काम करती है, जिसके चलते केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के बीच आपसी मतभेद बने रहते हैं।
कुछ महत्वपूर्ण एवं रोचक बातें –
अरविंद केजरीवाल को अपने कॉलेज के दिनों में राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी, बल्कि उन्हें शुरु से ही थिएटर में रुचि थी। अरविंद केजरीवाल बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर खान के काफी बड़े फैन हैं, वे आमिर के अभिनय वाली एक भी फिल्म नहीं छोड़ते साथ ही उन्हें हिन्दी फिल्में देखने का भी बेहद शौक है।
सिविल परीक्षा और आईआईटी की परीक्षा एक बार में ही निकालने वाले अरविंद केजरीवाल ने आईआरएफ अधिकारी का पद संभालते हुए चपरासी लेने से मना कर दिया था। वे खुद ही रोजाना अपनी डेस्क साफ करते थे। अरविंद केजरीवाल ने RTI दिल्ली अधिनियम (दिल्ली सूचना का अधिकार अधिनियम) लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्हें आरटीआई कानून के लिए साल 2006 में रमन मैगसेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। हालांकि केजरीवाल जी ने बाद में एक NGO को जरुरतमंदों और पीड़ितों की मद्द के लिए राशि देने के लिए “मेग्सेसे पुरस्कार” को दान कर दिया था।
सम्मान –
राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को साल 2005 में IIT खड़गपुर ने सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने के लिए सत्येन्द्र के. दुबे अवॉर्ड से नवाजा था। साल 2006 में अरविंद केजरीवाल को प्रतिष्ठित रमन मैग्सेसे सम्मान से पुरस्कृत किया गया था।
The best chief minister of India. Peopleof Delhi very happy for work of honorable arvind ji. A day will come when arvind ji will be honorable prime minister of India and lead better our country better than honorable sh. Modiji. Jai hind
Thank you for reading this article and its true that he is a great politician of the national capital region and We wish him all the success in his life.