BHMS Course Details in Hindi
दुनियाभर में स्वास्थ्य एवं शारीरिक रोगों के संबंधी गहन संशोधन हुआ जिसमे विभिन्न प्रकार के रोग निवारण एवं स्वास्थ्य ईलाज चिकित्सा पध्दतीयो का विकास हुआ।
इसी कड़ी में आगे चलके जैसे जैसे नई चुनौतिया सामने आई उसका समाधान करने हेतु दुनियाभर में नए चिकित्सा से जुड़े तथ्य सामने आए। जैसा के विगत कुछ शतको के इतिहास में असाध्य से लग रहे रोगों पर भी काबू पाना संभव हुआ। इतना ही नहीं उनकी रोकथाम एवं उनका फैलाव होने से पूर्व उन्हें नियंत्रित करने के लिए ठोस टिके भी इजाद किये गए।
पर ये सभी चिजे कुल मिलाके मिला जुला परिणाम था उन महत्वपूर्ण संशोधन से जुड़े चिजो का जिसके बलबूते चिकित्सा शास्त्र को एक नया आयाम और उचाई प्राप्त हुई।जिसमे हमें बेशक यह बात जरुर समझनी होगी की सुधार एवं नवीनीकरण का इस्तेमाल हमेशा नए विकल्पों को जन्म देता है।
उसका ही नतीजा ये हुआ के आज हम एक विकसित चिकित्सा के युग में जी रहे है और हमारे पास स्वास्थ्य संबंधी समस्याओ का हल अनेक चिकित्सा पध्दतियों के माध्यम से मौजूद है।
बात करे विभिन्न चिकित्सा पध्दती की तो इसमें, पारंपारिक चिकित्सा पध्दती आयुर्वेदिक के अलावा एलोपैथी, होमियोपैथी जैसे बेहतर विकल्प भी दिखाई पड़ते है। जिसने कई नए तरह के रोगों पर विजय प्राप्त किया और आज भी सकारात्मक तरीके से ये आगे बढ़ रहे है।
अगर आप भी इस विषय के बारे में उत्सुक है और चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने की सोच रहे है तो ये लेख आपके लिए काफी बेहतर जानकारी का स्त्रोत साबित होगा।
मेडिकल की शाखा होमियोपैथी में स्नातक या बैचलर की डिग्री शिक्षा संबंधी सभी महत्वपूर्ण पहलुओ पर हम यहाँ नजर डालेंगे। साथ मे आपको उन सभी बुनियादी बातो से अवगत करायेंगे जिनका समावेश इस शिक्षाक्रम में होता है।
बी.एच.एम्.एस (B.H.M.S.) कोर्स की संपूर्ण जानकारी – BHMS Course Details in Hindi
बी.एच.एम्.एस का फुल फॉर्म या बी.एच.एम्.एस का क्या अर्थ होता है – BHMS Full Form or What is BHMS Course?
होमियोपैथी में ग्रेज्युएशन यानि बैचलर डिग्री बी.एच.एम्.एस के नामसे जाने जानेवाले इस शिक्षाक्रम का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ़ होमिओपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी इस प्रकार से होता है। जिसमे छात्रो को इस चिकित्सा पध्दती से जुडी सभी बुनियादी जानकारी एवं ज्ञान से अवगत कराया जाता है।
सबसे पहले यह चिकित्सा पध्दती का प्रचलन संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था, जिसमे सर सैमुएल हैनेमन को इस चिकित्सा पध्दती का जनक एवं खोजकर्ता के रूप में जाना जाता है।
बी.एच.एम्.एस शिक्षाक्रम का शुल्क – BHMS Course Fees
आपको इस शिक्षाक्रम के शिक्षा शुल्क को अगर जानना है तो कुछ महत्वपूर्ण चिजो पर ध्यान देना होगा। जैसे के इस कोर्स हेतु सार्वजानिक एवं निजी इस तरह दोनों भी तरह के महविद्यालय के विकल्प होते है, जिसमें इन दोनों विकल्पों के शिक्षा शुल्क में अच्छा खासा अंतर होता है।
अब यहाँ आपके महाविद्यालय के चयन पर निर्भर होता है के आपको शिक्षा का शुल्क क्या होगा, जिसमें निजी महाविद्यालय या शिक्षा संस्था के अंतर्गत आपको शिक्षा शुल्क ज्यादा ही रहेगा।
इस प्रकार से आपको औसतन सार्वजानिक संस्था या महविद्यालय से इस कोर्स को पूरा करने हेतु लगभग २.५ लाख तक का खर्च आयेगा। वही सार्वजानिक महाविद्यालय से लगभग ४.५ लाख तक का खर्च इस शिक्षा हेतु लगता है।
इसके अलावा अगर आप अपने घरसे दूर अन्य शहरमें इस शिक्षा को पूरा जाते है तो, इसमें अन्य खर्च अलग से जुड़ जाते है।
बी.एच.एम्.एस शिक्षाक्रम की अवधी – BHMS Course Duration
इस शिक्षाक्रम की तय अवधी साढ़े पाच साल की होती है, जिसमे साढ़े चार साल का शिक्षा सत्र रहता है, और बादमे १ साल की अनिवार्य इंटर्नशिप होती है।
कुल मिलाके देखे तो हर छात्र को कमसे कम साढ़े पाच साल इस कोर्स को पूरा करने हेतु देना होता है। जिसमे अधिकतर बार आपके असफल होने पर इस कोर्स की अवधी में बढ़ोतरी होती है।
बी.एच.एम्.एस में प्रवेश हेतु पात्रता – BHMS Course Eligibility
बात करे इस शिक्षाक्रम में प्रवेश हेतु पात्रता की तो, कुछ प्रमुख मापदंड होते है जिनके आधार पर इस शिक्षाक्रम में छात्रों को प्रवेश निश्चित किया जाता है। ऐसेही कुछ मापदंडो का विवरण हमने आपके जानकारी हेतु निचे दिया हुआ है।
- प्रवेश हेतु इच्छुक छात्र ने न्यूनतम १२ वी कक्षा विज्ञान शिक्षा धारा से उत्तीर्ण करना अनिवार्य होता है, जो की किसी भी मान्यताप्राप्त बोर्ड से उत्तीर्ण की गई होनी चाहिए।
- कक्षा १२ वी विज्ञान शिक्षा धारा से भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान एवं जीव विज्ञान विषयो के साथ उत्तीर्ण की गई होनी चाहिए।
- आपके कक्षा १२ वी के न्यूनतम कुल अंक औसतन ५० प्रतिशत तक होने चाहिए, उससे कम नहीं।
- प्रवेश हेतु आपको कुछ पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य होता है, जिसमे या तो आपको राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा नीट (NEET – National Entrance Cum Eligibility Test) को उत्तीर्ण करना होता है।या फिर कुछ राज्य उनके राज्यों के छात्रो के लिए स्वतंत्र पात्रता परीक्षा का आयोजन करते है उसे उत्तीर्ण करना आवश्यक होता है।
- प्रवेश लेने के लिए न्यूनतम आयु सीमा १७ साल की होती है।
उपरोक्त दिए गए मापदंडो को पूरा करने वाले छात्र अंतिमतः इस शिक्षाक्रम में प्रवेश हेतु पात्र समझे जाते है। जिन्हें विभिन्न महाविद्यालयों में से उनके हिसाब से उपयुक्त संस्था या महविद्यालय का चयन करना होता है।
बी.एच.एम्.एस में प्रवेश हेतु प्रक्रिया – BHMS Course Admission Process
जैसा के हमने आपको इस शिक्षाक्रम हेतु आवश्यक प्रवेश पात्रता की जानकारी दी है, उसके अनुसार जो भी छात्र आवश्यक मापदंडो को पूरा करते है उनके अंको के आधार पर उन्हें प्रवेश निश्चित किया जाता है।
इसमें पात्रता परीक्षा के अंको के आधार पर छात्रो को विभिन्न होमियोपैथी महाविद्यालय एवं शिक्षा संस्था में ऑनलाइन प्रवेश फॉर्म द्वारा आवेदन करना होता है।
इस व्यवस्था के अंतर्गत जिन छात्रो ने राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षा नीट को उत्तीर्ण किया है वो भारतभर के विभिन्न महाविद्यालयों में आवेदन कर सकते है।
इसके अलावा जिन्होंने राज्य स्तर की पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है उन्हें उसी विशिष्ट राज्य के विभिन्न महविद्यालयो में प्रवेश हेतु आवेदन करना होता है।
इस तरह हर महाविद्यालय में पात्रता परीक्षा के अंको के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी की जाती है, जिसमे उच्च अंक प्राप्त छात्रो को प्रधान क्रम दिया गया होता है। इसके अलावा जिन जिन छात्रो को कम अंक होते है या जिनका प्रवेश उनके मनचाहे महाविद्यालय में नहीं हो पाता, इस स्थिती में उन्हें अन्य विकल्प तलाशने होते है।
इस तरह पुरे देशभर में इस प्रक्रिया द्वारा बी.एच.एम्.एस की प्रवेश प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। जिसमे हर साल देशभर में लाखो की संख्या में छात्र प्रवेश लेते है, एवं इस शिक्षाक्रम को पूरा करने वालो की संख्या भी अच्छी खासी देखने को मिलती है।
बी.एच.एम्.एस में प्रवेश हेतु आवश्यक पात्रता परीक्षाए – BHMS Entrance Exams
निचे हमने इस शिक्षाक्रम में प्रवेश हेतु कुछ आवश्यक पात्रता परीक्षाओ की संक्षिप्त में जानकारी दी है, जिसे पढने के बाद आपको इन पात्रता परीक्षाओ संबंधी मुलभुत जानकारी हो पायेगी।
- नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट)
- एपी ई.ए.एम् सीईटी ( इंजिनियरिंग, एग्रीकल्चरल, मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट फॉर आंध्र प्रदेश एंड तेलंगाना स्टेटस)
- के.ई.ए.एम्
- पीयु सी.ई.टी
- आई.पी.यु सी.ई.टी
- बी.व्ही.पी सी.ई.टी
उपरोक्त दी गई सभी पात्रता परिक्षाए बहुविकल्पीय प्रश्न तौर पर होती है, जिसमे दिए गए चार विकल्पों में से एक सही विकल्प का चयन करना होता है। जिसमे राज्यों के अनुसार ली जाने वाली परीक्षाओ में प्रश्न संख्या तथा गुणांक संख्या में अंतर देखने को मिलता है।
बी.एच.एम्.एस शिक्षा का पाठ्यक्रम – B.H.M.S Course Syllabus
यहाँ हम आपको इस शिक्षाक्रम के संपूर्ण पाठ्यक्रम की जानकारी देनेवाले है जिसमे आपको एक महत्वपूर्ण समझना जरुरी है के, साढ़े चार साल के शिक्षा सत्र के इस शिक्षाक्रम का प्रथम वर्ष का अवधी डेढ़ साल का होता है।तथा इसके बाद के सभी सत्र प्रतिसाल १ साल के होते है।
- प्रथम साल (शिक्षा सत्र अवधी – डेढ़ साल)- BHMS 1st Year Syllabus
विषय – Subjects
- होमेओपैथिक फार्मसी
- फिसिओ लॉजी इन्क्लुडिंग बायोकेमिस्ट्री
- होमेओपैथिक मटेरिया मेडिका
- एनाटॉमी, हिस्टोलॉजी एंड एम्ब्रायोलॉजी
- ऑरगेनन ऑफ़ मेडिसिन, प्रिंसिपल्स ऑफ़ होमेओपैथिक, फिलोसोफी एंड सायकोलॉजी
- द्वितीय साल ( शिक्षा सत्र अवधी- १ साल)- BHMS 2nd Year Syllabus
विषय – Subjects
- होमेओपैथिक मटेरिया मेडिका
- फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी
- सर्जरी इन्क्लुडिंग ई.एन.टी, आई डेंटल एंड होमेओथेरापेटिक्स
- ऑरगेनन ऑफ़ मेडिसिन एंड प्रिंसिपल्स ऑफ़ होमेओपैथिक फिलोसोफी
- ऑबस्टेस्ट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी इन्फेंट केयर एंड होमेओथेरापेटिक्स
- पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी इन्क्लुडिंग वायरोलॉजी एंड पैरासीटोलॉजी बॅकटेरिओलॉजी
- प्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन एंड होमेओथेरापेटिक्स
- तृतीय साल ( शिक्षा सत्र अवधी- १ साल) – BHMS 3rd Year Syllabus
विषय – Subjects
- होमेओपैथिक मटेरिया मेडिका
- प्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन एंड होमेओथेरापेटिक्स
- ऑरगेनन ऑफ़ मेडिसिन
- ऑबस्टेस्ट्रिक्स एंड गायनोकोलॉजी इन्फेंट केयर एंड होमेओथेरापेटिक्स
- सर्जरी इन्क्लुडिंग ई.एन.टी, ओप्थालमोलॉजी डेंटल एंड होमेओथेरापेटिक्स
- चतुर्थ वर्ष (शिक्षा अवधी – १ साल) – BHMS 4th Year Syllabus
विषय – Subjects
- रेपरटोरी
- कम्युनिटी मेडिसिन
- ऑरगेनन ऑफ़ मेडिसिन
- होमेओपैथिक मटेरिया मेडिका
- प्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन एंड होमेओथेरापेटिक्स
बी. एच.एम्.एस के बाद पोस्ट ग्रेज्युएशन कोर्सेस – PG Courses After B.H.M.S
स्नातक डिग्री बी.एच.एम्.एस को पूरा करने के बाद आप निम्नलिखित तौर पर दिए गए मास्टर डिग्री यानि के पोस्ट ग्रेज्युएशन के कोर्सेस को प्रवेश ले सकते है।
- एम्.डी होमियोपैथी – मटेरिया मेडिका
- एम.डी होमेओपैथिक – प्रैक्टिस ऑफ़ मेडिसिन
- एम्. एस.सी मेडिकल एनाटोमी
- मास्टर ऑफ़ पब्लिक हेल्थ
- एम.डी होमेओपैथिक – पेडीएट्रिक्स
- एम.डी होमियोपैथी – फार्मसी
- एम्.एस.सी बायोकेमिस्ट्री
- एम.बी.ए हेल्थकेयर मैनेजमेंट
- एम्.एस.सी न्यूरो साइंस, इत्यादि……………
बी.एच.एम्.एस में प्रवेश के लिए महाविद्यालय/यूनिवर्सिटी – B.H.M.S Colleges
इस शिक्षाक्रम में प्रवेश हेतु देशभर के महाविद्यालय तथा यूनिवर्सिटी की जानकारी निम्नलिखित तौर पर दी है।जिसमे आपके सुविधा अनुसार आप प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते है।तथा पात्रता परीक्षा के अंको के आधार पर प्रवेश प्राप्त कर सकते है।
- तांतिया यूनिवर्सिटी – श्री गंगानगर
- एल.एन.सी.टी ग्रुप ऑफ़ कॉलेज – भोपाल
- माधव यूनिवर्सिटी – सिरोही
- अलवास होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज
- डॉ. बी.डी जट्टी होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज – धारवाड़
- श्री जनता होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज- अकोला
- दयालबाग एजुकेशन इंस्टिट्यूट – आग्रा
- ए.एम् शेक होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज – बेलगाम
- डॉ. जेजे मगदूम होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज- कोल्हापुर
- काकासाहेब म्हस्के होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज – अहमदनगर
- आर.के.डी.एफ यूनिवर्सिटी – भोपाल
- मोतीवाला होमेओपैथिक कॉलेज – नाशिक
- येनेपोया यूनिवर्सिटी – मंगलोर
- डी.के.एम्.एम् होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल – औरंगाबाद
- श्रीमती चन्दाबेन मोहनभाई पटेल होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज- मुंबई
- सोलन होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड यूनिवर्सिटी – सोलन
- साईं राम ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूट- चेन्नई
- डॉ.अभिनचन्द्र होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज- भुवनेश्वर
- नागपुर कॉलेज ऑफ़ होमियोपैथी एंड हॉस्पिटल – नागपुर
- बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस – फरीदकोट
- ई.बी गडकरी होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज – कोल्हापुर
- गोवा यूनिवर्सिटी – गोवा
- नेहरु होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज – डिफेन्स कॉलोनी , नई दिल्ली
- केरला यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस- थ्रीसूर
- गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल – चंडीगड़
- विनायक मिशन यूनिवर्सिटी- सालेम
- होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल – कोलकता
- ओरिसा मेडिकल कॉलेज ऑफ़ होमेओपैथिक एंड रिसर्च
- भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी- पुणे
- अनुश्री होमेओपैथिक मेडिकल कॉलेज – जबलपुर
- परुल यूनिवर्सिटी- वड़ोदरा
- महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस – नाशिक
- ज्योति विद्यापीठ वुमेन्स यूनिवर्सिटी – जयपुर
- डॉ. डी.वाय पाटिल विद्यापीठ- पुणे, इत्यादि…………….
बी.एच.एम्.एस कोर्स पूरा करने के बाद रोजगार अवसर एवं सैलरी – Job Opportunities And Salary After B.H .M.S
चिकित्सा के इस शिक्षाक्रम को पूरा करने के बाद आप इस क्षेत्र से जुड़े विभिन्न पदों पर काम कर सकते है, ऐसेही कुछ पदों का विवरण हमने निम्नलिखित तौर पर दिया है।
- टिचर (अध्यापक)
- थेरपिस्ट
- डॉक्टर
- पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट
- फार्मासिस्ट
- रिसर्चर
- कंसलटेंट
- प्राइवेट प्रैक्टिशनर
- साइंटिस्ट
- मेडिकल असिस्टेंट, इत्यादि……..
उपरोक्त दिए गये पद निजी एवं सरकारी दोनों क्षेत्र में उपलब्ध होते है,जिसमें पद एवं क्षेत्र अनुसार सैलरी दी जाती है। जिसमे न्यूनतम २ लाख से लेकर ५० लाख सालाना तक की सैलरी होती है, इसमें अगर कोई प्राइवेट क्लिनिक द्वारा व्यवसाय करे तो अच्छी खासी कमाई होती है।
इसके अलावा अगर कोई मास्टर डिग्री या पोस्ट ग्रेज्युएशन तक की शिक्षा इस क्षेत्र में पूरा करते हो तो आय के स्त्रोतों में अच्छी वृध्दि की संभावनाए अधिक बढ़ जाती है।
इस प्रकार हमने अबतक आपको बी.एच.एम्.एस शिक्षाक्रम की लगभग सभी प्रकार की बुनियादी जानकारी दी है, जिसमे हमने सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को आपके सामने रखा।
आशा करते है दी गई जानकारी से आपको काफी संतुष्टि प्राप्त हुई होगी और आपको ये काफी पसंद भी आयी होगी। इसी तरह अन्य विषयों से जुडे जानकारीपूर्ण लेख पढने के लिए हमसे जुड़े रहे और अधिक लेख पढ़े,धन्यवाद।…………
बी.एच.एम्.एस कोर्स पर अधिकतर बार पूछे गए सवाल – Question about BHMS Course
१. बी.एच.एम्.एस शिक्षाक्रम का अवधी क्या होता है?
जवाब: साढ़े पाच साल।
२. बी.एच.एम्.एस का फुल फॉर्म क्या होता है?
जवाब: बैचलर ऑफ़ होमेओपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी।
३. क्या मुझे बी.एच.एम्.एस शिक्षाक्रम के बाद इंटर्नशिप करना अनिवार्य है?
जवाब: हा।
४. मै जानना चाहता हु के, बी.एच.एम्.एस शिक्षाक्रम में एंट्रेंस परीक्षा देना अनिवार्य होता है क्या?
जवाब: हा।
५. बी.एच.एम्.एस कौनसे स्तर का शिक्षाक्रम होता है?
जवाब: स्नातक स्तर या ग्रेज्युएशन स्तर का।
६. होमियोपैथी के जनक किसे कहा जाता है?
जवाब: सैमुएल हैनेमन को।
७. क्या कोई बी.एच.एम्.एस की शिक्षा प्राप्त व्यक्ती सर्जरी कर सकता है?
जवाब: नहीं।
८. क्या मै बी.एच.एम्.एस कोर्स के बाद एम्.डी शिक्षाक्रम हेतु प्रवेश ले सकता हु?
जवाब: हा।
९. बी.एच.एम्.एस और बी.डी.एस में क्या अंतर होता है?
जवाब: बी.एच.एम्.एस होमियोपैथी में स्नातक स्तर की डिग्री होती है जिसमे होमेओपैथिक दवाओ द्वारा मरीज के ईलाज की चिकित्सा पध्दती संबंधी ज्ञान प्रदान किया जाता है।
वही बी.डी.एस दंत चिकित्सा संबंधी स्नातक स्तर की शिक्षा होती है जिसमे दांतों से जुड़े विभिन्न रोगों के ईलाज की पध्दती संबंधित ज्ञान दिया जाता है।
१०. क्या नीट पात्रता परीक्षा देना बी.एच.एम्.एस में प्रवेश हेतु अनिवार्य होती है?
जवाब: हा।