Assam History in Hindi
Assam – असम दुनियाभर में चाय की खेती के लिए जाना जाता है और इसे सात बहनों के रहस्य का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है। दिसपुर असम की राजधानी है और उपनगर गुवाहाटी क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है।
असम राज्य का इतिहास – Assam History in Hindi
राज्य का नाम (State Name) | असम (Assam) |
राज्य का पुराना नाम(Old Name of Assam) | कामरूपा (Kamrupa) |
असम की राजधानी (Capital of Assam) | दिसपुर (Dispur) |
राज्य निर्मिति का साल (Statehood) | 26 जनवरी 1950 |
राज्य अंतर्गत कुल जिलों की संख्या (District in Assam) | 33 (Thirty Three) |
असम में प्रमुखता बोली जाने वाली भाषाएँ (Languages of Assam) | असामी, बोडो, बंगाली, हिंदी, अँग्रेजी, उर्दू। |
कुल तालुका(तहसील) की संख्या | 155 |
कुल ग्रामीण विभाग की सँख्या | 26,395 |
राज्य का प्रमुख जानवर (State Animal of Assam) | एक सींग वाला गेंडा। |
प्रमुख पक्षी (State Bird of Assam) | सफ़ेद पंखो वाला बत्तख। |
राज्य का प्रमुख पेड़ (वृक्ष) (State Tree of Assam) | हलोंग वृक्ष। |
प्रमुख फूल (पुष्प) (State Flower of Assam) | सफ़ेद गुलाबी ऑर्चिड पुष्प। |
राज्य का प्रमुख फल (State Fruit of Assam) | आम। |
असम राज्य की कुल जनसँख्या (Population of Assam) | 3,11,69 ,272 (साल 2011 के जनगणना अनुसार) |
जनसँख्या अनुसार राज्य का देश में स्थान | पंधरहवाँ (15th) |
क्षेत्रफल अनुसार राज्य का देश में क्रमस्थान | सोलहवाँ (16th) |
राज्य में कुल शहरों की सँख्या | 214 |
असम राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Assam) | धोपखेल (Dhopkhel) |
असम राज्य की वित्तीय तथा राज्य निहाय कोड सँख्या | अठरा (18th) |
असम राज्य की जानकारी – Assam Information in Hindi
असम राज्य में एक समृद्ध और प्राचीन इतिहास है। इस राज्य में भारत-आर्यन, ऑस्ट्रो-एशियाटिक और तिब्बती-बर्मन मूल के लोगों का संगम रहा है। कहा जाता हैं की पहली सहस्त्राब्दी के समय असम को प्रागज्योतिष-कामरूप के नाम से जाना जाता था और दूसरी सहस्त्राब्दी के शुरू में ही इसे छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित कर दिया गया।
जबकि बादमे 13 वी शताब्दी के बाद अगले 600 वर्षो के लिए क्षेत्र को अहोम और कोचेस साम्राज्यों के नेतृत्व में असम साम्राज्य (संयुक्त संप्रभु राज्य) के रूप में स्थापित किया गया।
प्राचीन समय में तक़रीबन 700 वर्षो तक असम प्रागज्योतिष कामरूप के लगातार तीन राजवंशियो के नेतृत्व में रहा और मध्यकालीन युग में तक़रीबन 600 वर्षो तक असम अहोम के नेतृत्व में था, उस समय मुघलो को छोड़कर कोई भी विदेशी शक्तियाँ असम साम्राज्य पर आक्रमण करने में सफल नही रही। प्राचीन समय में उत्तर भारतीय साम्राज्यों द्वारा काफी असफल कोशिशे करने के बावजूद, मुघलो ने असम पर कुल 17 बार आक्रमण किया, जिनमे से केवल 1 बार उनके हाथ एक छोटी सी सफलता लगी, जिसमे असम के छोटे से भाग पर उन्हें केवल 2 साल तक शासन करने मिला।
17 वी शताब्दी में मुघलो को पराजित कर उन्हें पूरी तरह से ब्रह्मपुत्र घाटी से निकाल दिया गया। ब्रिटिशो के आने तक कोई भी असम साम्राज्य पर कब्ज़ा करने में असफल रहा। 1947 में भारत के विभाजन और स्वतंत्रता के साथ, सिलीहट जिले को पाकिस्तान भेजा गया (पूर्वी भाग जिसका बांग्लादेश बन गया)।
1950 में असम एक घटक राज्य बन गया। 1961 और 1962 में, चीनी सशस्त्र बलों ने भारत और तिब्बत के बीच सीमा के रूप में मैकमोहन लाइन पर विवाद किया, उत्तर-पूर्वी सीमावर्ती एजेंसी (अब अरुणाचल प्रदेश लेकिन फिर असम का हिस्सा) का कब्जा कर लिया। दिसंबर 1962 में, हालांकि, वे स्वेच्छा से तिब्बत वापस ले गए।
1960 के दशक के शुरूआती और 1970 के दशक के शुरूआती दौर में असम के नए राज्यों के लिए अपने बहुत से क्षेत्रफल खो गए, जो अपनी सीमाओं से उभरे। 1963 में नागा हिल्स डिस्ट्रिक्ट नागालैंड के नाम से भारत का 16 वां राज्य बन गया। उत्तर पूर्व फ्रंटियर एजेंसी के एक पूर्व क्षेत्रीय Tuensang का हिस्सा भी नागालैंड में जोड़ा गया था।
1970 में, मेघालय पठार के आदिवासी लोगों की मांगों के जवाब में, खासी पहाड़ियों, जयंतिया हिल्स और गारो हिल्स को गले लगाते जिलों असम के भीतर एक स्वायत्त राज्य में गठित किए गए थे और 1972 में यह एक अलग राज्य बन गया मेघालय का इसके अलावा 1972 में अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम असम से केंद्र शासित प्रदेशों में अलग हो गए थे; दोनों ही 1986 में राज्य बन गए। पुरातात्विक और एतिहासिक रूप से समृद्ध होने के बावजूद, आज भी असम दुनिया के लिए एक अनजान इलाका है।
असम राज्य का प्राचीन इतिहास – Ancient History of Assam
प्राचीन काल में मिले सबूतों और विद्वानों के मतानुसार भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुध्द ने ‘कामरूप’ यानि के आजके असम के उषा नामक युवती का प्रेम विवाह हेतु अपहरण किया था।प्राचीनकाल में इस राज्य पर वर्मन, शालस्ताम्भस और कामरूपपाल ऐसे तीन राजाओ का प्रमुखता से शासन रहा था।
असम शब्द संस्कृत के ‘असोमा’ शब्द से बना है जिसका मतलब अद्वितीय होता है, परंतु संशोधन के बाद कुछ विद्वानों के अनुसार ‘अहोम’ शब्द से असम शब्द की निर्मिति हुई है।
इस राज्य को प्राचीन काल में ज्योतिष का स्थान भी कहाँ जाता था, जहाँ पर गुप्त साम्राज्य का अधिपत्य होने के सबूत समुद्रगुप्त के अलाहाबाद के शिलालेख से प्राप्त होता है, तब इस राज्य का नाम कामरूप होने के ऐतिहासिक सबूत भी उपलब्ध हुए है।इसके अलावा इतिहासकार अलबरूनी के ऐतिहासिक किताबों में भी कामरूप का स्पष्ट वर्णन मिला है।
चीनी यात्री ह्वेनसांग ने कामरूप में यात्रा करने का जिक्र भी ऐतिहासिक दस्तावेजों में मौजूद है। इस राज्य के राजा भूतिवर्मा ने अश्वमेध यज्ञ किया था जिसके कुछ पुख्ता सबूत पुरातत्व विद्वानों को मिले है।
असम के चाय का इतिहास – History of Assam Tea
भारतीय राज्य असम की चाय मूलतः काले रंग की होती है जिसका उत्पादन भारत में सबसे अधिक मात्रा एकलौते असम राज्य में सबसे अधिक मात्रा में होता है, इस चाय का रंग अधिक गाढ़ा होता है साथमे इसकी खुशबु और स्वाद दोनों लाजवाब होते है।
संपूर्ण आशियाई देशो में दक्षिणी चीन के बाद भारत के असम का चाय के उत्पादन में क्रम लगता है जिसके पौधे का वैज्ञानिक नाम ‘कैमेलिया सिनेन्सिस’ होता है। शुरुवात में भारत में चीन के चाय के पौधों को लगाने के भी प्रयास हुए थे पर सब कोशिशे विफल हुई, क्योंकि भारत के भूमि में इस पौधों की जीवित रहने की क्षमता हर बार असफल साबित हुई।
साल १८२३ में रॉबर्ट ब्रूस नामक विदेशी यात्री द्वारा भारत के असम में जंगली पौधों पर हुए संशोधन द्वारा ये साबित हुआ के उन पौधों के पत्तो से चाय भी बन सकती है। आज हम जो चाय पिते है ये वही पौधों थे जिनका रॉबर्ट ब्रूस ने संशोधन किया तबसे इसी पौधों द्वारा भारत में जोर शोर पर चाय का उत्पादन शुरू हुआ, जिसका प्रमुख उत्पादन केंद्र स्थान असम है।
भारत के बाद यूरोप में भी इन पत्तो द्वारा चाय बनाने के प्रयोग रॉबर्ट ब्रूस द्वारा किये गए, जिसको वहाँ काफी पसंद भी किया गया था।
असम रेजिमेंट का इतिहास – Assam Regiment History
दूसरे विश्वयुध्द को शुरुवात होते ही विश्व की प्रमुख सत्ताएँ दो भागो में बटकर एक दूसरे के खिलाफ भीषण हानि का कहर बरपा रही थी, भारत भलेही इस युध्द में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं हुआ था पर भारत पर ब्रिटिश अधिराज्य ने कही ना कही भारतीयों को बेवजह इस युध्द में धकेल दिया था।
द्वितीय विश्वयुध्द के शुरुवात में ही जापान दुनिया के ताकतवर देश के रूप में उभरा था जिसने रशिया जैसे प्रबल देश को परास्त कर अन्य देशो की तरफ अपना मोर्चा झुकाया था इसमें भारत में भी जापान की तबाही की चिंगारी फैलने लगी थी।
जिसमे खासकर पूर्वोत्तर राज्य जैसे के अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम,नागालैंड, असम के कुछ प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम इत्यादि में जापानी सैन्य द्वारा तबाही शुरू हो गई थी, उस समय ये सभी राज्य संयुक्त असम के नामसे जाने जाते थे।
साल १९४१ को संयुक्त असम को सुरक्षित रखने हेतु तत्कालीन ब्रिटिश अधिकारी लेफ्टनंट रॉस होमान ने सभी प्रदेशो के विभिन्न जनजाति के लोगों को एक साथ मिलाकर रेजिमेंट की स्थापना की जिनमे नागा, गोरखा, खासी, मिज़ोस, कुकीस, कर्बी,मैतिस, अदीस, निशिस,मोंपास शामिल थे।इनमे से नागा, गोरखा लोगो ने पहले ही अंग्रेजो का साथ देकर मुग़लो के विरुध्द अपना शौर्य और बल साबित किया था, जल्द ही सभी जनजाति के लोगो को टुकड़ियों में बाँटा गया और पूर्वोत्तर भारतीय प्रदेशो के सुरक्षा का जिम्मा इनको दिया गया।
इन टुकड़ियों ने बड़े दिलेरी और चुस्ती के साथ जापानी हमलो का प्रतिकार किया और आगे लगभग पाँच बड़े हमलो का नेतृत्व इस रेजिमेंट ने किया जिसने स्वतंत्र भारत में साल १९८८ में भारत के तरफ से नेतृत्व करते हुए श्रीलंका में शांति कायम करने हेतु कार्य किया था।
साल १९९३ में कंबोडिया में भी इस रेजिमेंट ने सेवा दी थी आज इस रेजिमेंट का विस्तार बड़े स्तर पर हुआ है जिसके अंतर्गत कुल २५ बटालियन मौजूद है जिसमे से १५ कार्यशील बटालियन है, ३ राष्ट्रिय राइफल बटालियन, ५ टेरिटोरियल आर्मी बटालियन, और दो अरुणाचल प्रदेश बटालियन स्काउट मौजूद है।
इस राज्य की रेजिमेंट को भारत के सबसे मजबूत बटालियन में से एक माना जाता है जिसने कई कठीण युध्दो में दुश्मन के पसिने छुड़ाए है।
असम राज्य की संस्कृति और परंपरा – Assam Culture And Tradition
इस राज्य की संस्कृति सम्रुद्ध है, दक्षिण एशियाई और दक्षिण पूर्वी एशियाई संस्कृति के मिलने का यह स्थान है, जहाँ की प्रधान भाषा असामी है।
राज्य के जनसँख्या अधिवास में विभिन्न जनजातियो के लोग भी शामिल है जिनके अपने स्वतंत्र समुदाय और मान्यताए होती है, यहाँ पर आपको मिश्र संस्कृति और जीवनशैली के दर्शन होते है, जिनमे प्राचीन काल से चली आई असमी परंपरा के साथ मौजूदा जनजातियों की मान्यता और परंपराओ का पालन यहाँ के लोग करते है।
मिश्र संस्कृति में यहाँ पर मंगोलियन, भारत, ब्रम्हदेश, ईरानी तथा आर्य जीवन पद्धति का मिला जुला प्रभाव यहाँ के लोगों के जीवन पर अधिक दिखाई पड़ता है, तथा उसके अनुसार इन लोगो की बोली भाषाएँ, वेशभूषा, त्यौहार, संगीत, नृत्य, भोजन इत्यादि होते है।
कुल मिलाकर कहे तो भारत का राज्य असम अपनी खुदकी एक स्वतंत्र पहचान और जीवनपध्दति को कायम किये हुआ है।असम की नृत्यकला, संगीत, संगीत वाद्ययंत्र और वस्त्रो की डिजाईन भी दुसरे राज्यों की तुलना में थोड़ी अलग है।
असम राज्य का संगीत और नृत्यकला – Music and Folk Dance in Assam
राज्य में अधिकतर जनजातियों लोगो का अधिवास होने के कारण मिश्र जीवनशैली को यहाँ पाया जाता है, जिसमे शास्त्रीय संगीत के साथ जनजातियों के मान्यता और परंपराओं के गीत संगीत भी मौजूद होते है। असम में लोक गीत का काफी ज्यादा प्रचलन है जिसमे ग्रामीण विभागों के आम जीवनशैली से जुडी बातें तथा उनका वर्णन शामिल होता है।
जंगल, पेड़, पौधे, प्राणी, वनस्पति, चाँद, सूरज, तारे इन सभी के विषय में आदिवासी जनजातियों की अपनी मान्यताये होती है जिसका वर्णन उनके लोकगीतों के माध्यम से होता है, तथा उनके त्यौहार, रीतिरिवाज, संस्कार के गीत भी लोकगीत में शामिल होते है।
असम और आसपास के राज्यों में लगभग सैकड़ो से अधिक जनजातियाँ रहती है, जिनका आपस में ही संगीत और गीतों पर प्रभाव पड़ा हुआ दिखाई देता है। साहित्य की कलाकृतियों को भी गीतों द्वारा यहाँ प्रत्यक्ष में उतारा जाता है, जिसमे पूर्व काल से निर्मित असमी साहित्य गीत आजतक यहाँ के लोग मजे के साथ सुनना और गाना पसंद करते है।
इनके गीतों में शामिल प्रमुख गीत होते है जैसे के बिहू गीत, श्रम गीत, निचु कोनी गीत, धाई नाम लोरी, देह विचार गीत, देव – देवी गीत, सूत कटाई गीत, मछली पकड़ने के गीत, मालिता, बारह माह के गीत, मेंढकी की शादी के गीत, ओजा पाली गीत, शादी के गीत,अपेसरी,धर्ममूलक, धान कूटने के गीत आदि प्रसिध्द गीत प्रकार होते है।
बात करे नृत्य की तो यहाँ पर बिहू नृत्य, बगरुम्बा नृत्य, झुमरे नाच, देवधनी, भोरताल, अली ऐ लिगंग नृत्य, अनकिया नट, खंबा लिम आदि प्रसिध्द नृत्य प्रकार होते है।
असम राज्य के लोगो की वेशभूषा – Dress / Costume of Assam State Peoples
भारत के अन्य राज्यों के तरह असम राज्य की भी खुदकी स्वतंत्र पहचान है, जिसमे विभिन्न तौर पर असम में ये अनोखापन साफ तौर पर झलकता है। बात करे वेशभूषा की तो राज्य में रहने वाले पुरुषो का प्रमुख परिधान ग़मसा और धोती होता है जो के असम का परंपरागत पोशाख होता है।
आधुनिकता के इस युग में पुरुषो के परिधान में शर्त, टी शर्ट, पैंट, जींस पैंट इत्यादि आम तौर पर उपयोग में लाया जाता है। असम के महिलाओ के प्रमुख परिधान में साड़ी, माखेला चादर इत्यादि शामिल होते है, जनजातीय महिलाओ के पहनावे में भी आजकल साड़ी का इस्तेमाल आम सी बात हुई है।
माखेला और चादर असम में महिलाओ का परंपरागत पोशाख होता है, जिसे खास मौको पर आप आसानी से इन महिलाओ द्वारा पहना हुआ देख सकते है।
असम के लोगों का प्रमुख भोजन – Staple Food of Assam
इस राज्य के अंतर्गत लगभग सभी प्रदेशो के लोगो के प्रमुख भोजन प्रकार में चावल का प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल होता है, यहाँ आपको चावल के विभिन्न प्रकार भी देखने को मिल जायेंगे। चावल के साथ मछली को खाने के शौक़ीन राज्य में अधिकतर मात्रा में पाए जाते है, राज्य के लोग कम तीखे पकवान खाना अधिक पसंद करते है।
यहाँ के पकवानो में अधिक मात्रा में विदेशी जड़ी बूटी के साथ फलो को मिलाया जाता है, चीरा और दही यहाँ आम तौर पर नाश्ते में उपयोग में लाया जाता है। इस राज्य के अधिकतर भोजन प्रकारों को चावल की मदद से बनाया हुआ आप पाएंगे जिसमे पीठा, लाओ पानी इत्यादि प्रकार शामिल है, मस्सोर टेंगा, लस्का स्टॉक, पेडस पॉम्फ्रेट, बाम्बू फिश आदि स्वादिष्ट मछली से बने व्यंजन भी यहाँ बड़े चाव से खाये जाते है।
खार, आलू पिटिका, एरी पोलू आदि व्यंजन भी यहाँ के भोजन अंतर्गत शामिल, इसमें ‘खार’ जो की केले के फल से बना हुआ स्वादिष्ट प्रकार इस राज्य की खास पहचान है।
असम राज्य के धर्म और त्यौहार – Religions and Festivals of Assam.
राज्य अंतर्गत हिंदू, मुस्लिम, सिख, जैन, बौध्द, ख्रिश्चन आदि धर्मीय लोग प्रमुखता से मौजूद है, जिसमे हिंदू और मुस्लिम धर्मीय लोगो की संख्या अधिक है। असम में सभी धर्मो के लोगों का अधिवास होने के कारण राज्य में सालभर में आनेवाले प्रमुख त्यौहारों में दिवाली, होली, दशहरा, ईद, ख्रिसमस, बुध्द पूर्णिमा, महावीर जयंती, गुरु नानक जयंती, नवरात्री इत्यादि को हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इसके अलावा राज्य में मौजूद जनजातीय समुदाय के विशिष्ट त्यौहार भी स्थानिक तौर पर मनाये जाते है, यहाँ आप निम्नलिखित तौर पर असम राज्य के सभी स्थानिक त्यौहारो के बारे में जान पायेंगे, जैसे के ;
- बिहू (राज्य का प्रमुख त्यौहार)
- बैशागु
- “में दम में फी”
- अंबुबाची मेला
असम राज्य की भाषा – Language of Assam
असम के लोगो की मुख्य भाषा असमीज और कुछ क्षेत्र में सामान्य भाषा ही प्रयोग किया जाता है। असम की दो भाषा, बोडो और असमीज को अधिकारिक भाषा कहा गया है और बैरक घाटी में बंगाली भाषा का उपयोग किया जाता है।
राज्य की स्थानिक भाषाओ में मुख्यतः मिशिंग, कर्बी, दिमोसा, गारो, हमार, ब्रू, तैफाके, तैखामती इत्यादि शामिल है और इन भाषाओ का उपयोग विशेष सांस्कृतिक समूह के लोग करते है। जबकि शिक्षित लोग ज्यादातर अंग्रेजी और हिंदी भाषा का उपयोग करते है।
असम के बहुत से भागो में बंगाली भाषा बोली जाती है, विशेषतः गुवाहाटी और स्लिचार में बंगाली समुदाय के लोग बंगाली भाषा का ही उपयोग करते है। साथ ही यहाँ दूसरी भारतीय भाषाओ का भी उपयोग किया जाता है जैसे पंजाबी, मारवाड़ी, भोजपुरी और गुजराती इत्यादि। असामी भाषा के बाद यहाँ सर्वाधिक अंग्रेजी भाषा का उपयोग किया जाता है।
असम राज्य के जिले – Districts of Assam
यह राज्य दुनिया के सर्वाधिक समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्रो में से एक है और इस क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय वर्षावन, पतझड़ी वन, नदी घास के मैदान, बांस के बगीचे और विविध आर्टलैंड पारिस्थितिक तंत्र भी शामिल है, यहाँ के बहुत से जंगलो को नेशनल पार्क और आरक्षित वन बनाकर सुरक्षित रखा गया है। असम और इसके आस-पास के क्षेत्र प्रकृति प्रेमी और खोजकर्ताओ के लिए किसी स्वर्ग से कम नही। क्षेत्र की अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता पुरे एशिया में कही नही है।
यहाँ संक्षिप्त तौर पर हम आपको आसाम राज्य में आनेवाले सभी ३३ जिलों का विवरण दे रहे है, जो के निम्नलिखित तौर पर है, जैसे के;
- बक्सा
- काचर
- बारपेटा
- बिस्वनाथ
- बोगाईगाँव
- चराइडों
- दिमा हसाव
- गोलाघाट
- चिरांग
- जोरहाट
- दरांग
- धेमाजी
- करीमगंज
- ढुबरी
- डिब्रूगढ़
- गोलपाड़ा
- हैलाकंडी
- होजाई
- कामरूप मेट्रोपॉलिटन
- कामरूप
- कारबी ऐंगलोंग
- नागाव
- कोकराझार
- लखीमपुर
- माजुली
- मोरीगांव
- नलबारी
- शिवसागर
- सोंतीपुर
- दक्षिणी सलमारा -मानकाचर
- तिंसुकिया
- उदलगुड़ी
- पश्चिमी करबी ऐंगलोंग
असम राज्य की प्रमुख नदियाँ – Rivers in Assam State
यहाँ आप असम राज्य के अंतर्गत से बहने वाली प्रमुख नदियों के बारे में परिचित होने वाले है, जिसमे निम्नलिखित तौर पर नदियाँ शामिल है जैस के ;
- बराक
- ब्रम्हपुत्रा
- धनसिरी
- गदाधर
- कोपीली
- सुबनसिरी
- कामेंग
- दिहांग
- सुरमा
- बोरगांग
- मानस
- सुनाई
- कुशियारा
- रंगानदी
असम राज्य के प्रमुख शिक्षा संस्थान/ यूनिवर्सिटी – Educational Institutions/Universities in Assam State
- कृष्णकांत हंदीकी मुक्त शिक्षा यूनिवर्सिटी
- असम एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, जोरहाट
- तेज़पुर यूनिवर्सिटी
- गुवाहाटी यूनिवर्सिटी
- असम यूनिवर्सिटी, सिलचर
- भारतीय प्रौद्योगिकी शिक्षा संस्थान, गुवाहाटी
- बोडोलैंड यूनिवर्सिटी
- असम साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी
- डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी
- काझिरंगा यूनिवर्सिटी
- रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी
- भट्टदेव यूनिवर्सिटी
असम राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थल – Temple in Assam
असम में सालभर बहुत से धार्मिक त्यौहार मनाये जाते है और बड़ी धूम-धाम से बढ़-चढकर लोग इस महोत्सव में हिसा लेते है।असम राज्य के ऐसेही कुछ पवित्र धार्मिक स्थलों का विवरण आपके जानकारी हेतु निचे दिया है, जैसे के;
- कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी
- श्री गुरु तेगबहादुर साहिब गुरुद्वारा, ढुबरी
- डोल गोविंदा मंदिर
- शिवा डोल मंदिर
- उग्रतारा मंदिर
- अश्वक्रान्ता मंदिर
- देवी डोल मंदिर
- नवग्रह मंदिर
- उमानंद मंदिर
- श्री गुरु वशिष्ठ आश्रम
असम राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल – Tourist Places of Assam
प्रकृति माँ ने असम की धरती को अपना भरपूर आशीर्वाद दिया है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि असम का पयर्टन साल दर साल बढ़ा है और अब भी हर दिन बढ़ रहा है। पूरे साल बने रहने वाला सुहाना मौसम और घने जंगलों में रोमांचक वन्य जीवन, असम के पयर्टन को विशेष लाभ देते हैं।
यह प्रसिद्ध एक सींग वाले गैंडे और कुछ अन्य दुर्लभ प्रजातियों का घर है। इसलिए पयर्टकों के साथ-साथ यह वन्य जीव प्रेमियों की भी पसंदीदा जगह है। अगर आप असम राज्य में पर्यटन हेतु घूमने जाने की सोच रहे है तो कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी आप यहाँ पाएंगे, जिसे जानने के बाद आपको पर्यटन में जरूर मदद मिल जाएगी। निम्नलिखित तौर पर ऐसेही प्रसिध्द स्थलो का विवरण दिया हुआ है, जैसे के;
- काझिरंगा नॅशनल पार्क
- पानीमूर फॉल्स
- साइंस म्यूजियम
- हॉफलोंग लेक
- बोगिबिल ब्रिज
- दिपोर बील
- शिवसागर पुरातत्व अवशेष स्थल
- असम स्टेट म्युजियम
- डु पार्क
- पिकॉक आइसलैंड
- अग्निगढ़
- गुवाहाटी प्लैनेटरियम
- चंदूबी लेक
- धेमाजी चिल्ड्र्न पार्क
- जोकई बॉटनिकल गार्डन
यह क्षेत्र जानवरों की बहुत सी लुप्तप्राय प्रजातियों का घर भी बना हुआ है, जिनमे मुख्यतः सुनहरा लंगूर, सफ़ेद पंखो वाला लकड़ी का बतख, बंगाल फ्लोरिकन, काली छाती का पेड़बोट, बौना सूअर, महान एजितांट, हेपिड खरगोश, दक्षिण अफ़्रीकी बंदर और दलदल फ्रैंकोलिन इत्यादि शामिल है।
असम के कुछ प्रसिद्ध जानवरों में शेर, हाथी, हूलॉक गिब्बन, जेरडन बब्ब्लर और इत्यादि जानवर शामिल है। चाय की खेती की वजह से असम के ग्रामीण इलाके हरे-भरे, कभी न ख़त्म होने वाले धान के खेत और विशाल जंगलो से भरे होते है। असम के परिदृश्य पर बहुत सी नदियों के द्वीप बने हुए है और ब्रह्मपुत्र के तट पर रेत का विशाल मैदान भी है। राज्य चारो तरफ से पहाड़ी और पर्वतो से घिरा हुआ है।
वन्य निवास स्थान से रहस्यवाद के प्राचीन मंदिर तक, यहाँ बहुत से मंदिर और अद्वितीय मठ, स्वदेशी संस्कृति वाले गाँव, रंगीन महोत्सव और मेहमान नवाजी करने वाले आबादी है। बहुत से आकर्षणों और रहस्यों के साथ असम निश्चित रूप से एकदम सही गैर पर्यटन स्थल है।
महान स्वामी विवेकानंद ने एक बार सच कहा था की, “कश्मीर तक अगला सुन्दर राज्य केवल असम ही है।”
असम राज्य की जानीमानी हस्तियाँ – Famous Personalities of Assam
- गायक भूपेन हजारिका
- गायक कलाकार नाहिद आफरीन
- एथलीट हिमा दास
- टेनिस खिलाडी सोमदेव देववर्मन
- अभिनेत्री सीमा बिस्वास
- फिल्म निर्देशक तपन दास
- बॉक्सर शिव थापा
- पत्रकार अर्णव गोस्वामी
- गायक जुबिन गर्ग
- श्रीमंत शंकरदेव
- चीलाराय
- मनीराम देवन
- कुमार भास्कर वर्मन
- जितेन्द्रनाथ गोस्वामी
- गणितज्ञ अनुपम साइकिया
असम राज्य के बारेमें अधिकतर बार पूछे जाने वाले सवाल – Quiz on Assam
- असम राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे? (Who is the First Chief Minister of Assam?) जवाब: गोपीनाथ बार्डोलोई।
- भारत में असम राज्य कहाँ पर स्थित है? (Where is Assam?) जवाब: असम राज्य के दक्षिण दिशा से भारतीय राज्य मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा की सीमाए जुडी हुई है, उत्तर दिशा में भूतान देश और भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश की सीमाए जुडी है, पूर्व दिशा में मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश की सीमाएँ जुडी है तो पश्चिमी छोर पर भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश नामके देश की सीमाएँ जुडी हुई है।
- असम राज्य में कुल कितने हवाई अड्डे मौजूद है? (How Many Airports in Assam?) जवाब: ९ (Nine )
- भारतीय राज्य असम देश दुनिया में क्यों प्रसिध्द है? (What is Assam Famous For?) जवाब: असम भारत का एकलौता राज्य है जहाँ सबसे पहले चाय के पौधों की खोज हुई थी, जिसके अंतर्गत संपूर्ण भारत में सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन इस राज्य में होता है। इसके अलावा असम के चाय के पौधों को ही भारत के अन्य राज्य में लगाया गया और इसका उत्पादन शुरू हुआ, स्वतंत्रता पूर्व काल से यूरोप और अन्य देशो में चाय के वजह से असम की पहचान बनी हुई है। इसके अलावा असम को प्राचीन काल में ज्योतिष का केंद्र स्थान माना जाता था तब इस राज्य का नाम कामरूप हुआ करता था जिसका उल्लेख समुद्रगुप्त के शिलालेख में मौजूद है। असम पर गुप्त साम्राज्य के अलावा अन्य तीन प्रमुख शासको ने भी राज्य किया है जो के तत्कालीन समय के प्रबल राजा थे इसलिए इस राज्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी है। अहोम राजाओ के वजह से असम की खास पहचान होती है जो के असम के मुख्य शासक के रूप में जाने जाते है।असम मे मौजूद कामाख्या देवी मंदिर शाक्त संप्रदाय का प्रमुख आस्था केंद्र है जो के प्रमुख शक्तिपीठ भी है। इन सभी कारणों की वजह से देश और दुनिया में असम राज्य प्रसिद्ध है।
- असम राज्य में ठहरने हेतु अच्छी जगह कौनसी है? (Best Place to Stay in Assam?) जवाब: असम में डिब्रूगढ़, तेजपुर, गुवाहाटी, दिसपुर इत्यादि शहर ठहरने हेतु अच्छी जगह है।
- पर्यटन हेतु घूमने के लिए असम राज्य में जाना हो तो कौनसा समय सबसे उचित होता है? (What is the Best Time to Visit Assam?) जवाब: अक्टूबर माह से लेकर अप्रैल माह तक का समय।
- असम राज्य में घरों का निर्माण स्टिल्ट या पिलर के ऊपर ऊंचाई तक क्यों करते है? (Why Houses in Assam are Built on Stilts?) जवाब: इस राज्य में बहुत अधिक मात्रा में हर साल बारिश होती है जिसमे बाढ़ की समस्या राज्य अंतर्गत अधिक पैमाने पे होती है, इस स्थिति में अगर जमीनी स्तर पर घर हो तो बाढ़ के वजह से अधिक मात्रा में घरो का क्षतिग्रस्त होना तय है। इसके अलावा हिंसक जानवर और पक्षियों से भी खतरे की स्थिति सालभर बनी रहती है, इन सभी समस्याओ से असरदार तौर पर निपटने हेतु घरो का निर्माण स्टिल्ट या पिलर के सहारे उचाई पर किया हुआ रहता है।
- असम राज्य में कुल कितने नॅशनल पार्क मौजूद है? (How many National Park in Assam) जवाब: छह (six)
- भारत के राज्य असम के इतिहास से जुडी जानकारी हमें कौनसे किताबो से प्राप्त होती है? (Assam History Book) जवाब: द हिस्ट्री ऑफ़ असम – फ्रॉम यांडबो तो पार्टीशन, ए हिस्ट्री ऑफ़ असम, असम हिस्ट्री, ए कॉम्प्रिहेंसिव हिस्ट्री ऑफ़ असम, हिस्ट्री ऑफ़ अप्पर असम नार्थ बर्माह एंड नार्थ ईस्टर्न फ्रंटियर, लास्ट डेज ऑफ़ अहोम मोनार्ची – हिस्ट्री ऑफ़ असम, सोशल हिस्ट्री ऑफ़ असम, असम – इट्स हेरिटेज एंड कल्चर, हिस्ट्री एंड हिस्टोरिओग्राफ़ी ऑफ़ असम इत्यादि।
Aasam rajya ka Full from
बढ़िया लेख, मैंने अभी तक असम के इतिहास बारे में नहीं जानता था .. आपके इस लेख से मुझे काफी जानकारी मिल पाई , इसके लिए आपका बहोत बहोत धन्यवाद