आसाराम बापू का जीवन परिचय | Asaram Bapu Biography

Asaram Bapu – आसाराम बापू के करीब 40 मिलियन से ज्यादा अनुयायी है। उनके सभी अनुयायी उन्हें आसाराम बापू या यु कहे तो केवल बापूजी नाम से जानते है बल्कि उनका पूरा नाम असुमल सिरुमलानी हैं।

Asaram Bapu  आसाराम बापू का जीवन परिचय – Asaram Bapu Biography

आसाराम बापू का जन्म 17 अप्रैल 1941 को ब्रिटिश भारत के नवाबशाह जिले के बेराणी गाँव में ( जो अब पाकिस्तान में है) हुआ। उनके मातापिता का नाम मेंगिबा और थाउमल सिरुमलानी है।

लेकिन भारत स्वतंत्र होने के बाद वो ख़ुद के परिवार के साथ में अहमदाबाद रहने के लिए आये। बाद में फिर उनका परिवार अहमदाबाद आने के बाद उनके पिता ने कोयला और लकड़ी का धंदा शुरू कर दिया था। आसाराम बापू बापू के पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने अपना स्कूल छोड़ दिया था तब वह कक्षा तीसरी में पढ़ रहे थे। बाद कुछ समय तक उनके पिता का कारोबार संभाला।

उनके आश्रम ने उनका एक चरित्र लिखा है उस चरित्र ‘संत आसाराम बापू बापूजी की जीवन झाकी’ के अनुसार आसाराम बापू ख़ुद के शादी के आठ दिन पहले भरूच के आश्रम में भाग गए थे। तब उनकी उम्र केवल 15 साल की थी। उस वक्त उनके परिवार ने उन्हें बहुत समझाने पर वो घर वापसे आ गए थे और तब जाकर उनकी शादी लक्ष्मी देवी से हो सकी।

लेकिन एक बार फिर भगवान की खोज करने के लिए उन्होंने उम्र के केवल 23 साल में ही घर छोड़ दिया और उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तीर्थ के जगह पर घूमना शुरू कर दिया था। वहापर उनकी मुलाकात नैनीताल में अध्यात्मिक गुरु लीलाशाह से हुई थी।

आसाराम बापू को उनका शिष्य बनने की बड़ी इच्छा थी लेकिन उन्होंने आसाराम बापू को फिर एक बार घर वापस जाने को कहा था। लीलाशाह ने ही उन्हें 7 अक्तूबर 1964 को आसाराम बापू नाम दिया था। आसाराम बापू और लक्ष्मी को दो बच्चे है। उनका लड़का नारायण साई भी एक धार्मिक गुरु है।

आसाराम बापू आध्यात्मिकता का प्रसार करने के लिए भारत के सभी शहरों में अध्यात्मिकता का प्रसार करते है। वह केवल एक भगवान की भक्ति करने पर विश्वास रखते है और भक्ति योग, ज्ञान योग और कर्म योग का महत्व बताते है।

एक बार 2012 में आसाराम बापू एक कॉलेज में भाषण देने के लिए जा रहे थे तभी उनका हेलीकाप्टर निचे उतरते समय क्रेश हो गया था लेकिन सभी बच निकले थे।

‘संत आसाराम बापू बापूजी की जीवन झाकी’ के अनुसार आसाराम बापू 8 जुलाई 1971 को अहमदाबाद को वापस आ गए थे। 29 जनवरी 1972 को उन्होंने साबरमती नदी के किनारे पर मोटेरा में मठ की स्थापना की थी।

लेकिन उनका जो अधिकृत चरित्र है उसमे वो कहा रहते थे उसके बारे कोई जानकारी नहीं दी गयी, लेकिन वो ख़ुद का मठ बनवाने से पहले आसाराम बापू मोटेरा के सदाशिव आश्रम में दो साल तक रह चुके थे।

उन्होंने 1973 में उनके मठ का रूपांतर आश्रम में करवाया था उस वक्त उनके 5-10 अनुयायी थे।

आसाराम बापू के बहुत सारे आश्रमों को क़ानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 2000 में गुजरात सरकार ने आसाराम बापू के आश्रम को नवसारी जिले के भैरवी गाव में करीब 10 एकर (4हेक्टर) की जमीन दी थी।

लेकिन उनके आश्रम ने गाव की 6 एकर (2 हेक्टर) और जमीन हड़प ली जिसके कारण गाव के लोगोंने आश्रम का जमकर विरोध किया। गाव के लोगों उसके खिलाफ कई सारी शिकायते दर्ज की, आश्रम को बहुत बार चेतावनी भी दी लेकिन उन चेतावनी का आश्रम पर कोई असर नहीं पड़ा।

इसीलिए जिले के अधिकृत संस्थानों ने पुलिस की मदत से आश्रम की जमीन पर बुलडोजर चलाके आश्रम को वहासे हटा दिया और जमीन सरकार को सौप दी।

2013 तक उनके देश में और विदेश मे कुल मिलाके लगभग 400 से अधिक आश्रम है।

2008 तक आसाराम बापू बापू के करीब 40 गुरुकुल (स्कूल) थे। 2008 में आसाराम बापू के गुरुकुल में 4 लडको की मौत हो गयी थी। ऐसे आरोप लगाये गए थे की आश्रम में काला जादू के नाम पर उन लडको को मार दिया गया था।

जुलाई 2008 में सात अनुयायी ने आसाराम बापू बापू और आश्रम के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया था। उच्च नायालय ने भी आसाराम बापू बापू के गुरुकुल में हुई दो लडको की मौत की छानबीन करने के आदेश गुजरात सीआईडी को दिए थे।

लेकिन उस मामले के छानबीन करनेवाले डीएसपी ने जो रिपोर्ट नायाधिश को सौपी थी लेकिन उस रिपोर्ट के मुताबिक आश्रम में कोई काला जादू इस्तेमाल करने का सबूत नहीं मिल सका।

रिपोर्ट यह भी कहती है की आश्रम का सारा इलाका छानबीन किया गया, आश्रम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गयी लेकिन काला जादू इस्तेमाल करने का कोई सबूत नहीं मिल सका।

अगस्त 2013 में एक 16 साल की लड़की ने आसाराम बापू पर यौन शोषण का इलजाम लगाया था। उस लड़की ने जो इलजाम लगाये थे वो साबित होने के बाद दिल्ली पुलिस ने लड़की के माता पिता के कहने पर मामला दर्ज कर लिया था।

जब 31 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाये जाने पर भी ना आने पर दिल्ली पुलिस ने आसाराम बापू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के दफा 342 (गलत तरीक़े से कारवास), 376 (बलात्कार), 506 (अपराधिक धमकी), और किशोर न्याय अधिनियम और यौन अपराध कानून से बच्चों का संरक्षण के कुछ दफा के तहत उसपर मामला दायर कर दिया था।

आखिरकार 1 सितम्बर 2013 को पुलिस ने आसाराम बापू को जोधपुर के आश्रम से और दिसंबर 2013 में आसाराम बापू के लड़के नारायण साई को गिरफ्तार कर लिया और तबसे वो जेल में ही है और कई बार उसकी जमानत भी ख़ारिज कर दी गयी।

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1 COMMENT

  1. Aaj pese ke duniya he .mha kalyug ke yhi pahchan h ke sachche Santo ke ninda Hona phole se
    Tay h ye pralay ke aane ka sanket he
    Dance bar chal skte h par satsang Nahi ****jai guru Dev****

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