Arunachal Pradesh History in Hindi
प्राकृतिक दृष्टी से सुंदर तथा पहाड़ियों से घिरा पूर्वोत्तर भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश भारत का शायद एकलौता राज्य है जिसकी सीमाएं अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक अन्य देशो के साथ जुडी हुई है।
अरुणाचल प्रदेश को हम भारत का पूर्वोत्तर छोर भी कह सकते है, जिसका भौगोलिक स्थान इस प्रकार से है – इस राज्य के पश्चिमी सिमा से भूटान देश की सीमाएं जुडी है वही पूर्व में म्यानमार देश की सीमाएं जुडी है, इसके अलावा उत्तर और पूर्वोत्तर दिशा में चीन देश की सीमाएं जुडी है तो दक्षिण दिशा में भारतीय राज्य असम का मैदानी इलाका जुड़ा हुआ है।
आइये जानते है अरुणाचल प्रदेश से जुडी विभिन्न तथ्यात्मक और रोचक जानकारी के विषय में, जिससे आपको राज्य का समग्र परिचय भी मिल जायेगा।
अरुणाचल प्रदेश राज्य का इतिहास – Arunachal Pradesh History in Hindi
अरुणाचल प्रदेश राज्य के बारे में जानकारी – Information about Arunachal Pradesh in Hindi
राज्य का नाम (State Name) | अरुणाचल प्रदेश(Arunachal Pradesh)। |
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी (Capital of Arunachal Pradesh) | इटानगर (Itanagar)। |
राज्य निर्मिति का साल (Statehood) | २० फरवरी १९८७। |
राज्य अंतर्गत मौजूद कुल जिलों की संख्या (Districts of Arunachal Pradesh) | २५। |
राज्य अंतर्गत कुल तालुका (तहसील की संख्या)- Total Number of Taluka | १४९। |
राज्य अंतर्गत कुल ग्रामीण विभागों की सँख्या(Number of Villages in State) | ४०६५। |
राज्य की प्रमुख भाषाएँ(Languages of Arunachal Pradesh) | अंग्रेजी- आधिकारिक भाषा(Official Language), न्यिशी, नेपाली, हिंदी, संस्कृत, चकमा इत्यादि। |
राज्य का प्रमुख जानवर(State Animal of Arunachal Pradesh) | गायल/मिथुन (पूर्वोत्तर राज्यों में पाया जानेवाला बैल)। |
प्रमुख पक्षी (State Bird of Arunachal Pradesh) | हॉर्नबिल पक्षी। |
राज्य का प्रमुख पेड़ (वृक्ष) (State Tree of Arunachal Pradesh) | हॉलोंग वृक्ष। |
प्रमुख फूल (पुष्प) (State Flower of Arunachal Pradesh) | लोमड़ी की पूछ समान प्रजाति का ऑर्चिड पुष्प। |
प्रमुख फल (State Fruit of Arunachal Pradesh) | कठहल (जैकफ्रूट)। |
क्षेत्रफल के अनुसार राज्य का देश में स्थान | १४ वा (14th)। |
जनसँख्या अनुसार राज्य का देश में स्थान | २७ वा (27th)। |
अरुणाचल प्रदेश की कुल जनसँख्या(Total Population of Arunachal Pradesh) | १३,८२,६११(साल २०११ की जनगणना अनुसार)। |
राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Arunachal Pradesh) | डक दाल (Dak Dal)। |
अरुणाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला(Largest District in Arunachal Pradesh) | अप्पर दिबांग वैली (Upper Dibang Valley)। |
अरुणाचल प्रदेश राज्य का पुराना नाम(Old Name of Arunachal Pradesh) | NEFA (North -East Frontier Agency)। |
वित्तीय और राज्य निहाय अरुणाचल प्रदेश की कोड सँख्या | १२ (Twelve)। |
राज्य का कुल साक्षरता दर (Literacy Rate of Arunachal Pradesh) | ८२.९३ प्रतिशत (%) |
अरुणाचल प्रदेश के बारे में – About Arunachal Pradesh in Hindi
प्राचीन काल से राज्य में विभिन्न जनजातियों का अधिवास था जिसमे न्यिशी, गालो, आदि, अपातानी, तगाइन इत्यादि जनजातीय समूह शामिल थे, उस समयकाल में इन लोगो का जीवन व्यापन का प्रमुख स्त्रोत उन और माँस से जुड़े व्यवसायों से संबंधित था।
व्यवसाय के सिलसिले में इनका अधिकतर संबंध तिब्बतीयो से आता था, माना जाता है के इनमे से अधिकतर लोग तिब्बत से विस्थापित होकर अरुणाचल प्रदेश में बस गए थे जिनके साथ कुछ अन्य जनजातियाँ भी भारत में आयी थी। ईसवी सदी पूर्व ५०० से ६०० के अंतराल में मोनपा साम्राज्य का अधिराज्य तत्कालीन अरुणाचल प्रदेश के अधिकतर प्रदेशो में था, इसके साथ असम राज्य की प्रमुख सत्ता चूतिया साम्राज्य भी शक्तिशाली समूहों में से एक थी जिसका अरुणाचल प्रदेश के कुछ प्रदेशो में हस्तक्षेप था।
कुल मिलाके प्राचीन और मध्युगीन भारत में इन दोनों साम्राज्यों का ही वर्चस्व अरुणाचल प्रदेश में था इसके अंतर्गत चूतिया साम्राज्य ने राज्य में कई सारे विकास कार्य भी किये जिसमे ऐतिहासिक किले भी शामिल है।इनके साम्राज्य और शासनव्यवस्था से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेज आज भी मौजूद है, जिसमें इनके समूह के प्रमुख व्यक्तियों द्वारा समय समय पर विभिन्न घटनाओ को लिखा जाता था।
ब्रिटिश शासनकाल में तत्कालीन तिब्बत एक स्वतंत्र देश हुआ करता था, वही दूसरे ओर चीन में आंतरिक गृहकलेश की स्थिति बनी हुई थी।
जिसके चलते साल १९१३ -१९१४ में ब्रिटिश सरकार द्वारा मंजूरी नामा तय हुआ के जो स्वदेशी मूल के पूर्वोत्तर और उससे सटे पहाड़ी इलाको में रहने वाले लोग है वो सभी नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी के अंतर्गत रह सकते है।उस समय के अरुणाचल प्रदेश का नाम नेफा(NEFA) यानि के नॉर्थ -ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (North -East Frontier Agency) हुआ करता था।
शुरुवात में ब्रिटिश शासन के काल में भारत और तिब्बत के बिच की सीमारेखा “मैकमोहन सीमारेखा(McMohan Line)” के नामसे जानी जाती थी, पर साल १९४९ के बाद चीन के गणराज्य के रूप में स्थापित होने के साथ तिब्बत में चीन का हस्तक्षेप और अधिक बढ़ गया।
इसका परिणाम ये हुआ के तिब्बत पर चीन का वर्चस्व स्थापित हुआ और आज भारत और चीन के बिच की सीमारेखा मैकमोहन सीमारेखा के नामसे जानी जाती है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के अधिकतर जिले इस सीमारेखा से जुड़े हुए है।
अरुणाचल प्रदेश के जिलों की सूचि – Districts of Arunachal Pradesh State
अरुणाचल प्रदेश राज्य के अंतर्गत कुल २५ जिले शामिल है, जिसकी सूचि निम्नलिखित तौर पर दी गयी है जैसे के –
- कामले (Kamle)
- अन्जाव (Anjaw)
- चांगलांग (Changlang)
- लोअर सिआंग (Lower Siang)
- पूर्वी कामेंग (East Kameng)
- लोहित (Lohit)
- पूर्वी सिआंग (East Siang)
- लोअर दिबांग वैली (Lower Dibang Valley)
- करा दाड़ी (Kra Daadi)
- कुरूंग कुमे (Kurung Kumey)
- नामसाई (Namsai)
- लोंगडिंग़ (Longding)
- लेपा राडा (Lepa Rada)
- लोअर सुबनसिरी (Lower Subansiri)
- पापम पारे (Papum Pare)
- अप्पर सुबनसिरी (Upper Subansiri)
- पक्के केसांग (Pakke Kesang)
- सिआंग (Siang)
- शी योमी (Shi Yomi)
- पश्चिमी सिआंग (West Siang)
- तिरप (Tirap)
- अप्पर दिबांग वैली (Upper Dibang Valley – Largest District in State)
- तवांग (Tawang)
- अप्पर सिआंग (Upper Siang)
- पश्चिमी कामेंग (West Kameng)
अरुणाचल प्रदेश राज्य में बहनेवाली प्रमुख नदियाँ – Rivers in Arunachal Pradesh
- ब्रम्हपुत्रा
- कामेंग नदी
- नामका छू
- सुबनसिरी नदी
- लोहित
- सुमडोरोंग छू
- दिहिंग
- तिरप
- बोरगांग नदी
- दिकरोंग
- न्यामजंग छू
- सियोम
अरुणाचल प्रदेश राज्य के प्रमुख धर्म – Religion in Arunachal Pradesh
वैसे तो राज्य अंतर्गत सभी प्रमुख धर्मो के लोगो का अधिवास है, परंतु राज्य के कुल आबादी में सबसे अधिक सँख्या इसाई, हिन्दू और बौध्द धर्मीय लोगों की है।
इसके अलावा मुस्लिम, जैन, सिख इत्यादि धर्मो के लोगो का क्रम लगता है, प्रमुख धर्मो को माननेवाले के साथ लगभग कुल आबादी के २६ प्रतिशत तक की सँख्या अन्य जनजातियों और समुदाय के लोगो की है।
अरुणाचल प्रदेश की प्रमुख भाषाएँ – Languages of Arunachal Pradesh
राज्य ने अंग्रेजी भाषा का आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है, जिसके अंतर्गत अधिकतर प्रशासनिक कार्यो को इसके द्वारा पूरा किया जाता है।
परंतु राज्य में विभिन्न जनजातियों का निवास होने के कारण सबकी अपनी स्वतंत्र भाषाएँ भी यहाँ आम तौर देखने को मिलती है जिसमे नेपाली, न्यिशी, आपातानी, मिश्मी, चकमा, तांग्सा, नोक्टे, वांचो, तगीन, भोतिया आदि भाषाएँ स्वतंत्र रूप से शामिल है।
इसके साथ अन्य भारतीय भाषाओ में से हिंदी, भोजपुरी, बंगाली, असामी इत्यादि भाषाओ का भी यहाँ आम तौर पर बोलीचाली में इस्तेमाल किया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश की परंपरा और संस्कृति – Tradition and Culture of Arunachal Pradesh
राज्य में लगभग २६ जनजातियों का निवास होने के कारण यहाँ के जीवनशैली में अधिकतर जनजातीय मान्यताओं और परंपराओं का स्पष्ट रूप से प्रभाव देखने को मिलता है, मोनपा और शेरदुकपेन नामक समुदाय को राज्य के मूल निवासी के तौर पर माना जाता है जो के महायान बौध्द धर्म का पालन करते थे।
तिब्बती लामा बौध्द पद्धति का प्रभाव इस समुदाय पे अधिक है, जिस के अनुसार ये आज भी जीवन व्यापन करते दिखाई पड़ते है। शुरुवाती काल से इस समुदाय का एक प्रमुख मुखिया रखने का रिवाज है जो विशिष्ट नियमो को लागु करता है तथा समुदाय से जुडी विभिन्न घटनाओ को लिख कर उसे सहेज कर रखता है सदियों से आजतक ये परंपरा कायम है।
राज्य में आपको कुछ ऐसी भी जनजातीया मिल जाएगी जो सूरज और चाँद को ही सर्वोच्च शक्ति मानते है तथा इससे जुडी उपासना पद्धति अपनाये हुए है इनमे प्रमुखता से आदि, मिजिस, बंगनीस, निशिस, मिश्मी और थोंग्सास इत्यादि समुदाय शामिल है।
इसके अलावा वैष्णव मत को माननेवाले और इससे जुडी मान्यताये, संस्कार, व्रत, त्यौहार का पालन कर जीवन अनुचरण करने वाले जनजाति विशेष का समुदाय भी राज्य में आपको मिल जायेगा। भिन्न समुदाय की विशिष्ट भाषाएँ यहाँ आम बोलीचाली में उपयोग की जाती है, जिसमे शिक्षा हेतु अंग्रेजी भाषा को यहाँ अग्र स्थान प्राप्त है।
इसाई, हिन्दू, बौध्द धर्म के लोगो की संख्या राज्य में अधिक है इसके अलावा जैन, सिख, मुस्लिम आदि धर्मीय लोग भी रहते है इस वजह से इन सभी धर्मो से जुड़े सालभर में आनेवाले त्यौहार राज्य अंतर्गत मनाये जाते है। कुल मिलाके अरुणाचल प्रदेश में मिश्र जीवनशैली यहाँ के लोग जीते है, जिसमे पाश्चिमात्य शैली का आजकल प्रभाव देखने को मिलता है।
अरुणाचल प्रदेश की संगीत और नृत्यकला – Music and Dance Art in Arunachal Pradesh
यहाँ के संगीत में अधिकतर लोकगीत शामिल होते है, जिसमे सामाजिक जीवन से जुडी गतिविधिया, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, मान्यताये और पद्धतियों से जुड़ा वर्णन शामिल होता है।
शादी जैसे मौको पर प्रमुखता से यहाँ पर जा-जिन-जा और न्यीओगा इत्यादि पारंपरिक संगीत का आनंद लिया जाता है, इसके अलावा सांस्कृतिक या धार्मिक महोत्सव के समय बरई संगीत प्रमुखता अधिक प्रचलन हुआ है जो के ऐतिहासिक पृष्टभूमि और मान्यताओं से जुडा गीत संगीत होता है।
बात करे पारंपरिक नृत्य कला की तो राज्य के मशहूर संगीत प्रकारों में रोप्पी, शेर नृत्य,रेखम पाड़ा, हुरकनी, आजी लामू, रोपीर, चालो, पोनुंग, बुइया, मोर नाच और पासी कोंग्की आदि नृत्य प्रकार शामिल है।
राज्य में सेवन किया जानेवाला प्रमुख भोजन – Staple Food in Arunachal Pradesh
पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों के तरह अरुणाचल प्रदेश में भी भोजन में शामिल मुख्य प्रकार चावल ही होता है, इसके साथ बाम्बू और अन्य पत्तेदार सब्जियों से बने विभिन्न व्यंजन भी आम तौर खाये जाते है।
निचे हमने अरुणाचल प्रदेश के कुछ प्रमुख व्यंजनों की सूचि दी हुई है जिससे आपको यहाँ का भोजन प्रकार समझने में आसानी होगी, जैस के –
- पिका पिला
- अपांग
- बाम्बू शूट
- चुरा सब्जी
- पासा
- पेहक
- कोटपीठा
- लुक्टेर
- मरुआ
- मोमो
- माँस के व्यंजन
- थुपका
- उबले हुए चावल और बाम्बू से बने व्यंजन
- पो चा
- लीटे
अरुणाचल प्रदेश के लोगों की वेशभूषा – Dress in Arunachal Pradesh
राज्य में अधिकता से जनजातियों का निवास होने के कारण इनके पहनावे में अंतर देखने को मिलता है, यहाँ के जनसमुदाय में शॉल, सिर पे विभिन्न चीजों से बने मुकुट पहनना आम तौर पर देखा जा सकता है, ऐसे ही कुछ प्रमुख जनजातियों के परिधान की संक्षिप्त में निचे हमने जानकारी दी है, जिसमे शामिल है –
1. आदि समुदाय – गलए नामक वस्त्र परिधान इस जनजाति के महिला और पुरुष दोनों द्वारा पहना जाता है, जिसमे पुरुषो द्वारा सिर पर हिरन, भालू आदि के चमड़ी से बना मुकुट पहना जाता है। इस समुदाय के महिलाओ का परंपरागत परिधान प्रकार क्रिनोलिन होता है, जो के ब्लाउज जैसा है, इसके अलावा कुंवारी लड़किया आभूषण भी पहनती है जिसको बेयोप नामसे जाना जाता है।
2. नागा और तांग्सा समुदाय – इस समुदाय के लोगो की विशिष्ट पहचान इनका पेहराव होता है जिसमे पुरुष हरे रंग की लुंगी और बिना आस्तीन के शर्ट पहनते है, वही महिलाओं द्वारा ब्लाउज आम तौर पर पहना जाता है।
3. मोनपा – इस समुदाय की महिलाये आम तौर पर बिना आस्तीन के कमीज और जैकेट पहनती है वही पुरुषो में गर्दन से लेकर पाँव तक जैकेट प्रकार पहना जाता है जिसमे कमीज इसके अंदर पहनी हुई रहती है।
अरुणाचल प्रदेश राज्य की प्रमुख जनजातियाँ – Tribes of Arunachal Pradesh
- आदि
- आपातानी
- ह्रुसस
- मिश्मि
- मोनपा
- वान्चोस
- नोक्टे
- बागुन
- खमती
- न्यिशी
- योबिन
- खाम्बा
- मेम्बा
अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल – Tourist Places in Arunachal Pradesh
प्राकृतिक सुंदरता, विशिष्ट भौगोलिक स्थान तथा पहाड़ो से घिरे होने के कारण इस राज्य में पर्यटन में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है, ऐसेही राज्य में मौजूद कुछ सुंदर पर्यटन स्थलों का ब्यौरा हमने निचे दिया हुआ है, जिसमे शामिल है –
- मेहाओ लेक
- तवांग वॉर मेमोरियल
- सेला पास
- पंगा टेंग त्सो लेक
- बुमला पास (भारत -चीन सिमा)
- ज़ीरो शहर
- गोरिचन पिक
- रोइंग
- नामदफा नॅशनल पार्क
- यिंग किओंग
- खोंसा
- बोमडिला हिमालय पर्वत श्रेणियाँ
- मेचूका
- भालुकपोंग
- आलो
- तवांग शहर
- माधुरी लेक
- नूरानांग फॉल्स
- तेजू
- दापोरीजो
राज्य में मौजूद पवित्र धार्मिक स्थल – Holy Religious Places in Arunachal Pradesh
- तवांग मोनेस्ट्री
- भगवान परशुराम कुंड मंदिर
- लोअर गोंपा
- बोमडिला मोनेस्ट्री
- आकाशीगंगा मंदिर
- उर्गेलिंग मोनेस्ट्री
- कार्डो हिल्स शिवलिंग
- गोरसम चोरटेन
- मालिनीथान
- समतेन योंगचा मोनेस्ट्री
अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख त्यौहार – Main Festivals in Arunachal Pradesh
- लोसर
- सिआंग नदी त्यौहार
- बुरी बूट
- पंगसौ पास ठंड़काल का त्यौहार
- सोलुंग
- ज़ीरो संगीत महोत्सव
- द्री त्यौहार
- न्योकुम
अरुणाचल प्रदेश राज्य के शिक्षा संस्थान/यूनिवर्सिटी – Educational Institutions/University in Arunachal Pradesh
- अरुणाचल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्टडीज
- रंग फ्राह गवर्नमेंट कॉलेज
- इंदिरा गाँधी गवर्नमेंट कॉलेज
- हिमालयन यूनिवर्सिटी
- राजीव गाँधी यूनिवर्सिटी
- वांग्चा राजकुमार गवर्नमेंट कॉलेज
- वेंकटेश्वरा ओपन यूनिवर्सिटी
- नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर टेक्निकल यूनिवर्सिटी
- एपेक्स प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
- सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हिमालयन कल्चरल स्टडीज
इस तरह से अब तक आपने अरुणाचल प्रदेश राज्य के बारे में सभी प्रमुख पहलुओं पर जानकारी को जाना, अगर दी हुई जानकारी आपको पसंद आयी हो तो जरूर अन्य लोगो से शेयर करे तथा भारत के खूबसूरत राज्य अरुणाचल प्रदेश को एक बार अवश्य भेंट दे।
अरुणाचल प्रदेश राज्य के बारे में अधिकतर बार पूछे जाने वाले सवाल – Arunachal Pradesh Quiz
- अरुणाचल प्रदेश राज्य में कुल कितने हवाई अड्डे मौजूद है? (How many airports are there in Arunachal Pradesh State?) जवाब: फ़िलहाल राज्य में कोई भी एयरपोर्ट यात्री सुविधा हेतु मौजूद नहीं है, इस पर अभी कार्य शुरू है।
- अरुणाचल प्रदेश राज्य के इतिहास से जुडी जानकारी कौनसे किताबो से प्राप्त होती है? (Arunachal Pradesh State History books?) जवाब: हिस्ट्री ऑफ़ अरुणाचल प्रदेश, ट्राइब्स ऑफ़ अरुणाचल प्रदेश – हिस्ट्री एंड कल्चर, द ट्राइबल कल्चर एंड हिस्ट्री ऑफ़ अरुणाचल प्रदेश, रिलीजियस हिस्ट्री ऑफ़ अरुणाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश जनरल नॉलेज, प्री कोलोनियल हिस्ट्री एंड ट्रेडिशन ऑफ़ अरुणाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश – द हिडन लैंड, अरुणाचल प्रदेश – पास्ट एंड प्रेजेंट इत्यादि।
- पर्यटन हेतु अरुणाचल प्रदेश में घूमने के लिए जाना है तो कौनसा समय सबसे उत्तम होता है? (Best time to visit Arunachal Pradesh?) जवाब: सालभर में सभी माह यहाँ का वातावरण काफी खुशनुमा होता है, इसके वजह से आप किसी भी माह यहाँ पर्यटन हेतु जा सकते है।
- अरुणाचल प्रदेश राज्य में कुल कितनी नदियाँ बहती है? (How many rivers are there in Arunachal Pradesh?) जवाब: लगभग १५ नदियाँ।
- अरुणाचल प्रदेश राज्य में कौनसे जिले प्राकृतिक सुंदरता के दृष्टी से बेहद खूबसूरत है? (Beautiful district in Arunachal Pradesh?) जवाब: तवांग, बोमडिला।
- भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश देश और दुनिया में क्यों महशूर है? (Why Arunachal Pradesh State is so famous?) जवाब: अरुणाचल प्रदेश लगभर सभी दिशाओ से पहाड़ो से घिरा हुआ राज्य है इसके साथ यहाँ पर प्राकृतिक सुंदरता से पूर्ण अनेक पर्यटन स्थल मौजूद है जिससे इस राज्य में देश विदेशो से पर्यटन यात्री आते है। अरुणाचल प्रदेश को तीनो दिशाओ से अन्य देशो की सीमाएं जुडी है जिसमे भारत -चीन सिमा काफी जानी मानी है, इसके अलावा लगभग २६ जनजातियों का राज्य में अधिवास है जिनकी स्वतंत्र और विशिष्ट जीवनशैली और मान्यताये है। इत्यादि कारणों से इस राज्य की देश दुनिया में अलग पहचान बनी हुई है और ये काफी मशहूर राज्य बना है।
- अरुणाचल प्रदेश में कौनसे वन्यजीव अभयारण मौजूद है? (Wild life sanctuaries in Arunachal Pradesh State?) जवाब: मोउलिंग नॅशनल पार्क, ईगल्स नेस्ट अभयारण, केने अभयारण, कैमलांग अभयारण, पक्के बाघ अभयारण इत्यादि।