एक्टर अनुपम खैर की जीवनी | Anupam Kher biography in Hindi

Anupam Kher – अनुपम खैर एक भारतीय एक्टर है जिन्हें हम 500 से भी ज्यादा फिल्मो में देख चुके है। मुख्यतः उन्होंने हिंदी फिल्मो में काम किया है, इसके साथ-साथ उन्होंने बहुत सी इंटरनेशनल फिल्मे भी की है जिनमे मुख्यतः बेककहम, लस्ट जैसी सुपरहिट फिल्मे शामिल है।

अनुपम खैर को पाँच बार कॉमिक रोल के लिये बेस्ट परफॉरमेंस के लिये पाँच फिल्मफेयर अवार्ड मिल चुके है। विजय फिल्म में अपने किरदार के लिये उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था।

Anupam Kher

एक्टर अनुपम खैर की जीवनी – Anupam Kher biography in Hindi

एक्टर होने के साथ-साथ वे सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन एंड नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, इंडिया के चेयरमैन भी है। हिंदी सिनेमा और कला के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिये भारत सरकार ने सन 2004 में उन्हें पद्म श्री और 2016 में उन्हें पद्म भुषण से सम्मानित किया था। उनकी पत्नी एक्ट्रेस किरण खैर, चंडीगढ़ से इंडिया पार्लिमेंट की नियुक्त सदस्य भी है।

अनुपम खैर प्रारंभिक जीवन – Anupam Kher early life

खैर का जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला में हुआ था। उनके पिता क्लर्क थे। उन्होंने शिमला की डी.ए.व्ही. स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। मुंबई ने एक्टर के रूप में अपन अपने संघर्ष के दिनों में, वे रात को प्लेटफार्म पर सोते थे।

इसके साथ ही वह नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के भूतपूर्व चेयरपर्सन भी है। उनके कुछ किरदारों का प्रदर्शन उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में कुछ नाट्य करते समय भी किया था।

Anupam Kher personal life

अनुपम खैर एक कश्मीरी पण्डित है। उन्होंने किरण खैर के साथ शादी की थी। उनका बेटा एक एक्टर सिकंदर खैर है।

अनुपम खैर फिल्म करियर – Anupam Kher film career

1982 में आयी फिल्म आगमन से उन्होंने हिंदी फिल्म जगत में प्रवेश किया था। इसके बाद 1984 में उन्होंने सारांश फिल्म की, जिसमे 28 साल के खैर ने एक सामान्य वर्ग के महाराष्ट्रियन का किरदार निभाया था जिसने अपने बेटे को खो दिया हो।

उन्होंने बहुत से टी.व्ही शो भी होस्ट किये है जैसे की से ना समथिंग तो अनुपम अंकल, सवाल दस करोड़ का, लीड इंडिया और वर्तमान में अनुपम खैर शो – कुछ भी हो सकता है, और अपने पहले एपिसोड से ही यह सुपरहिट साबित हुआ, क्योकि पहले ही एपिसोड में इसमें मेहमान भूमिका में शाहरुख़ खान को बुलाया गया था। उन्होंने बहुत से हास्य रोल भी किये है

लेकिन कुछ फिल्मो में उन्होंने विलन की भूमिका भी अदा की है, उन फिल्मो में डॉ. दंग इन कर्मा (1986) शामिल है। डैडी (1989) में उनके रोल के लिये उन्हें बेस्ट परफॉरमेंस का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड भी मिला था।

उन्होंने शाहरुख खान के साथ मिलकर बहुत सी फिल्मे की है, जिनमे वे शाहरुख़ के सह-कलाकार दिखे जैसे की डर (1993), दिलवाले दुल्हनियाँ ले जायेंगे (1995), चाहत (1996), कुछ कुछ होता है (1998), मोहब्बते (2000), वीर-ज़रा (2004) और हैप्पी न्यू इयर शामिल है।

इसके बाद उन्होंने 2002 में आयी फिल्म ओम जय जगदीश को डायरेक्ट किया और प्रोड्यूसर बने। उन्होंने इसके बाद उन्होंने मैंने गांधी को नही मारा (2005) प्रोड्यूस की और उसमे वे खुद ही एक्टर बने।

फिल्म में उनके लाजवाब प्रदर्शन को देखकर कराची इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उन्हें बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला था। फिल्म में पुलिस कमिश्नर राठोड के किरदार को लोगो ने काफी सराहा था और आलोचकों ने भी जमकर तारीफ की थी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खैर ने बेककहम (2002), ब्राइड एंड प्रेज्यूडिस (2004), स्पीडी सिंह (2011) जैसी सुपरहिट फिल्मे की है। इसके साथ-साथ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से टीव्ही शो भी किये है जिनके लिये उन्हें बहुत से अवार्ड भी मिले है।

खैर ने अपने खुद के जीवन पर आधारित नाटक कुछ भी हो सकता है लिखा था और खुद ही उसमे एक्टिंग भी की थी जिसे फिरोज अब्बास खान ने डायरेक्ट किया था।

अभी कुछ दिनों पहले तक ही उन्होंने इंडियन फिल्म सेंसर बोर्ड के पद पर रहते हुए सेवा की थी। इसके साथ-साथ वे नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के 1978 की बैच के भूतपूर्व छात्रा भी थे।

2007 में अनुपम खैर अपने साथियों एनएसडी, सतीश कौशिक जैसी फिल्मे की। दोनों ने मिलकर करोल बाग़ प्रोडक्शन की स्थापना की और उनकी पहले फिल्म तेरे संग थी, जिसे सतीश कौशिक ने ही डायरेक्ट किया था।

इसके बाद प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन ने 2010 में उन्हें अपना गुडविल एम्बेसडर घोषित किया जिनका मुख्य उद्देश्य भारत में सभी बच्चो को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है।

2011 में उन्होंने मोहनलाल और जयाप्रदा के साथ मिलकर मलयालम भाषा में रोमांटिक ड्रामा प्राणायाम शुरू किया। खैर के अनुसार प्राणायाम उनके जीवन की 7 सबसे पसंदीदा फिल्मो में से एक है।

उन्होंने बहुत से मराठी फिल्मे भी की है जिनमें मुख्य रूप से तुझा… थोडा माझा, कशाला उद्याची बात और मलयालम भाह्सा की रोमांटिक ड्रामा फिल्मे भी शामिल है।

2009 में खैर ने कार्ल फ्रेडरिक्क्सन को डिज्नी पिक्सर 3डी एनीमेशन फिल्म के लिये अपना आवाज़ भी दिया था। उन्होंने ब्रिटिश फिल्म शोंग्राम करना शुरू कर दी। जो एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है और 1971 के बांग्लादेश लिबरेशन युद्ध पर आधारित है।

2016 में अनुपम खैर ने ABP न्यूज़ की डॉक्युमेंट्री टीव्ही सीरीज भारतवर्ष की, जिसमे प्राचीन भारत से लेकर अब तक की यात्रा को दिखाया गया था।

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3 COMMENTS

    • Ji bilkul sahi kaha apane Anupam Kher ji ne apane acting se salo se logo ka dil jit liya hain. aur unki real life story bhi kafi rochak hain.

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