Ansar Shaikh IAS
“इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं हैं, हम वो सब कुछ कर सकते हैं जो हम सोच सकते हैं, और हम वो सब कुछ सोचने का अधिकार रखते हैं जो आज तक हमने कभी नहीं सोचा।”
जी हाँ बिलकुल सही कहा है की कुछ करने की इच्छा रखने वालों के लिए इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं अगर इंसान के इरादे मजबूत हो तो गरीबी या मुश्किल हालात जेसी बाधायें भी किसी का रास्ता रोक नहीं सकते।
जी हां दोस्तों, कुछ लोग होते ही हैं इतने काबिल की वे किसी भी परिस्तिथि में अपने सपनों को साकार करने के लिये रास्ता खोज ही लेते हैं। क्या कोई सोच सकता हैं की एक ऑटो रिक्शा चालक का बेटा अपने पहले प्रयास में ही देश का एक सन्मानित पद IAS प्राप्त कर लेंगा। वो भी सिर्फ 21 साल की उम्र में…
यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा देश में सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। लाखों विद्यार्थी यह परीक्षा देते हैं लेकिन् कुछ ही इसमें सफलता पाते है। कड़ी मेहनत, मार्गदर्शन और दृढ़ता का केवल एक उचित संयोजन ही यूपीएससी उम्मीदवारों को इन परीक्षाओं में मदद दे सकता है।
कई उम्मीदवारों के पास सभी सुविधाएं और प्रशिक्षण होता है। जो कि पैसे से खरीद सकते हैं, लेकिन् इसके बावजूद वे IAS परीक्षा में सफल नहीं हो पाते।
सबसे कम उम्र वाला IAS अधिकारी अन्सार अहमद शेख – Ansar Shaikh IAS
लेकिन कुछ लोंग ऐसे भी होते हैं जो किसी भी परिस्तिथि को अपने सपनों के बिच में नहीं आने देते। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है अन्सार अहमद शेख की, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2015 में अपनी पहली कोशिश में ही सफ़लता पायी। वह भी सिर्फ 21 साल उम्र में और वे इतनी कम उम्र में IAS अधिकारी बन गए।
उन्हें IAS बनने की प्रेरणा अपने एक शिक्षक से मिली। परिणाम आने के बाद अंसार के माता पिता बहुत ही भावुक हो उठे जब उन्हें पता चला की उनके बेटे ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की हैं।
अन्सार शेख, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना के शेडगांव गांव के एक ऑटो रिक्शा चालक यूनुस शेख अहमद के बेटे हैं। उनके पिता की तीन पत्नियां हैं और अन्सार की मां दूसरी है।
अन्सार के घर में अन्सार के अलावा बहुत से बच्चे हैं गरीब होने के कारण, उनके पिता कभी भी अपने किसी भी बच्चे के लिए अच्छी शिक्षा प्रदान नहीं कर पाए। हालांकि, अन्सार अलग था। वह एक शानदार छात्र था और उसके पास परिस्थितियों पर मात करके कोशिश करने का सर्वोत्तम संभव परिणाम देने की क्षमता है।
अन्सार की मां ने खेतों में काम किया। उनके घर के हालात इतने ज्यादा ख़राब थे की उनकी पढाई को जरी रखने के लिए उनके भाई को अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी। उनके छोटे भाई अनीस ने सातवीं में स्कूल छोड़ दी थी।
अनीस परिवार की मदत करने के लिए गेंरेज में काम करता था और अपने भाई को आईएएस परीक्षा के लिए तैयार करने में मदद करता था।
अन्सार की सफलता विशेष रूप से इसलिए भी सराहनीय है क्योकि, शिक्षा उनके परिवार में प्राथमिकता नहीं थी। अपने स्वयं के शब्दों में अंसार ने अपनी घरेलू स्थिति का वर्णन किया है,
“मेरे परिवार में शिक्षा का उतना ज्यादा महत्व नहीं रहा। मेरे पिता, एक रिक्शा चालक हैं उनकी तीन पत्नियां हैं। मेरी मां दूसरी पत्नी है। मेरे छोटे भाई को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया और मेरी दो बहनों की शादी छोटी उम्र में हुई थी। जब मैंने उनसे कहा कि मैंने यूपीएससी परीक्षा पास की हैं तो सभी चौंक गए।”
हालांकि अन्सार शेख के पुरे परिवार को उनका सपना पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने अपने एसएससी बोर्ड परीक्षा में 91% हासिल किया थे। उनके पास फर्गुसन कॉलेज, पुणे से राजनीति विज्ञान में डिग्री है।
अन्सार ने यूपीएससी सिविल सर्विस की तैयारी के लिए एक निजी कोचिंग क्लास में भाग लिया था। उनके परिवार को इस के लिए बहुत खर्च करना पड़ता था, तैयारी के दौरान कभी कभी ऐसा समय भी आता था जब उन्हें 1-2 दिन तक खाने को भी नहीं मिलता था। लेकिन जब वे परिणाम प्राप्त करते थे तब सभी खुश हो जाते थे। उन्होंने शिक्षक राहुल पांडव को मार्गदर्शन और समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।
UPSC की परीक्षा में 361 वी रैंक हासिल कर के अंसार ने अपनी और अपने परिवार की किस्मत ही बदल डाली। बेशक आज अंसार भारत सरकार में अपनी सेवाएँ दे रहे है लेकिन उनके घर के हालत इतने ख़राब थे इस बात का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता हैं की जब एक रिपोर्टर उनका इंटरव्यू लेने उनके घर पंहुचा तो उनके घर पर रौशनी के लिए एक बल्ब तक नहीं था, अंसार के भाई उसी वक़्त पास की दुकान पर गए और बल्ब ले के आये।
आफिसर बन ने के बाद अंसार सबसे पहले सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा देना और गरीबों की मदद करने जैसे कामों को प्राथमिकता देंगे।
अंसार के अनुसार यदि 1 ऑटो चलाने वाले का बेटा IAS बन सकता हैं तो दुनिया का कोई भी बच्चा ये कर सकता हैं, चाहे वह अमीर हो या गरीब, चाहे किसी भीं मजहब का हो।
कड़ी मेहनत, परिवार और दोस्तों – की मदद से अन्सार ने अपने सपनों को साकार किया। परन्तु किसी चीज से भी ज्यादा, वह रवैया है जो उसे दूसरों से अलग करता है – वह रवैया यही हैं की कभी पीछे नहीं हटना और अपने सपनों को हासिल करने की कोशिश में दृढ़ रहना। उनके इस ज़ज्बे को GyaniPandit team सलाम करती हैं।
Watch IAS Ansar Shaikh success story video
Read More:
- Inspiring Entrepreneurs Story
- Inspiring Motivational Story
- रिक्शा चालक की बेटी स्वप्ना बर्मन ने गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया!
- भारत की पहली एमबीए महिला संरपच छवि राजावात
I hope you find this post about ”Ansar Shaikh IAS” inspiring. if you like this article please share it on Facebook & Whatsapp.
sab se phele to apka dhaniyabad jo aap etni acchi information deti ho.
really inspiring story mam.. if someone think money and background is matter for an ias then Ansar sir changed this thinking and prove this hard work is working and you’ll get your dream job
Nice but bina mahnat ke koi kaam nhi krega kuch to mehnat krni hi hogi
Reply